08-12-2010, 07:00 PM | #261 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
इन हवाओ में हरपल उनकी महक सी रहती है, दिल को इंतजार है हमेशा बस उनके आने का, हमे उनसे मिलने की अब एक कसक सी रहती है| ऐसा होता नहीं की आपकी हमे याद न आये, बात सिर्फ इतनी है की हम कभी जता न पाए, प्यार तुम्हारा हमारे लिए अनमोल है सनम, मौका दिया नहीं तुमने और हम दिखा न पाए|
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08-12-2010, 07:01 PM | #262 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
वो जिसकी हंसी पर हम सब कुछ लुटाते चले गए,
वो मुस्कुराते रहे हम खुद को मिटाते चले गए , जिसको मालूम न था मारा प्यार के, उससे हम दिल लगाते चले गए, करी ये गलती हमने ज़िन्दगी में, जिसके सिने में दिल ही न था, उसे प्यार सिखाते चले गए| मेरी ज़िन्दगी मुझे यह बता, मुझे भूल कर तुझे क्या मिला, मेरी हसरतों का हिसाब दे, दिल तोड़ कर तुझे क्या मिला, तेरे चार दिन के प्यार से, मुझे उम्र भर का ग़म मिला, मैं टूट कर बिखर गया, मेरी ज़िन्दगी मुझे यह बता, मुझे भूल कर तुझे क्या मिला|
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08-12-2010, 07:01 PM | #263 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
ज़िन्दगी के हर वोह हसीन
पल बीत जातें है….. मगर रह जाती है, तो सिर्फ यादें ज़िन्दगी बीत जाती है उन यादों को याद करके लेकिन दुःख भी घिर जाते है … ये सोचकर की वो ज़िन्दगी के पल फिर दुबारा वापस नहीं आएंगे ….. आँखों में है गम के आंसू और होठो पे फरयाद है, अब क्या है पास हमारे बस एक उसकी याद है, उसके लाखो है गम , मेरा एक है गम मैं क्या करू, उसके बिन दिल न लगे अब तो मैं क्या करू| वो बेवफा मेरा इम्तिहान क्या लेगी मिलेगी नज़र तो नज़र झुका लेगी मेरी कबर पर उसे दिया मत जलने देना यारों वो नादान है अपना हाथ जला लेगी|
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08-12-2010, 07:02 PM | #264 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
आँखों की आवाज़ कुछ और होती है,
आंसू की आग कुछ और होती है … कौन चाहता है बिछड़ना अपनों से , पर किस्मत की बात कुछ और होती है | कहते है हम …क्या कहते है हम …क्या कहते है हम …बस कहते है हम .. कह दो तुम , ये कहते है हम … कहना है क्या , ये कहते है हम … कह दिया आज जो कहना था अब … कह न ही था सो कहते है हम … तुम बिना हम , युही सहते है सब … कैसे बताऊँ तुझे कैसे रहते है हम गिले शिकवे न दिल से लगा लेना, कभी मान जाना तो कभी मना लेना, कल का क्या पता हम हो न हो, जब मौका मिले थोडा हस लेना और हसा देना|
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08-12-2010, 07:02 PM | #265 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
मुश्किलों से घबरा के अब जीना नहीं चाहते ,
दूर तुम से होके अब रहना नहीं चाहते , यूँ तो दोस्त बहुत बने इस ज़िन्दगी में पर आप जैसे दोस्त को खोना नहीं चाहते| यही तो खूबसूरत दोस्ती का नाता है , जो बिना किसी शर्त के जिया जाता है , रहे दूरियां दरमियाँ तो परवाह नहीं , दोस्त तो हरपल दिल में बसाया जाता है
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08-12-2010, 07:02 PM | #266 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
दोस्त एक साहिल है तुफानो के लिए ,
दोस्त एक आइना है अरमानो के लिए , दोस्त एक महफ़िल है अंजानो के लिए , दोस्ती एक ख्वाहिश है आप जैसे दोस्त को पाने के लिए !! जान है मुझको ज़िन्दगी से प्यारी , जान के लिए कर दूं कुर्बान यारी , जान के लिए तोड़ दूं दोस्ती तुम्हारी , अब तुमसे क्या छुपाना , तुम ही तोह हो जान हमारी ! दोस्ती के नाम को न बदनाम करो मेरे भरोसे को न बदनाम करो , मेरी दोस्ती को अपना लेना हमसे एक बार हाथ मिला लेना …
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08-12-2010, 07:03 PM | #267 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
ये खुदा आज ये फैसला करदे,
उसे मेरा या मुझे उसका करदे, बहुत दुःख सहे हैं मैंने , कोई खुशी अब तो मुक़दर करदे, बहुत मुश्किल लगता है उस से दूर रहना, जुदाई के सफ़र को कम करदे, जितना दूर चले गए वोह मुझसे, उसे उतना करीब करदे, नहीं लिखा अगर नसीब में उसका नाम, तो खत्म कर ये ज़िन्दगी और मुझे फना करदे| दूर हमसे जा पाओगे कैसे, हमको भूल पाओगे कैसे, हम ओ खुशबु हैं जो साँसों में उतर जाये, खुद अपनी साँसों को रोक पाओगे कैसे| ऑंखें तो प्यार में दिल की जुबान होती है, सच्ची चाहत तो सदा बेजुबान होती है| प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना, सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है|
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08-12-2010, 07:03 PM | #268 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
इश्क एक तरफ हो तो सजा देता है,
इश्क दोनों तरफ हो तो मज़ा देता है, फर्क सिर्फ इतना है……. कोई खामोश रहता है तो कोई बता देता है| दिल को किसी आहत की आस रहती है …. निगाह को किसी चेहरे की प्यास रहती है …. तेरे बिन किसी चीज़ की कमी तो नहीं …. पर तेरे बिन ज़िन्दगी उदास रहती है| वो नाराज़ हैं हमसे की हम कुछ लिखते नहीं , कहाँ से लायें लफ्ज़ जब हमको ही मिलते नहीं , दर्द की जुबान होती तोह बता देते शायद , वो ज़ख्म कैसे कहें जो दीखते नहीं |
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08-12-2010, 07:03 PM | #269 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
अजनबी दोस्ती……
दर्द में कुछ कमी-सी लगती है, जिन्दगी अजनबी-सी लगती है, एतबारे वफ़ा अरे तौबा दुश्मनी दोस्ती-सी लगती है, मेरी दीवानगी कोई देखे धुप भी चांदनी-सी लगती है , सोंचता हूँ की मैं किधर जाऊँ हर तरफ रौशनी-सी लगती है, आज की जिन्दगी अरे तौबा मीर की सायरी सी लगती है , शाम-ऐ-हस्ती की लौ बहुत कम है, ये सहर आखरी-सी लगती है , जाने क्या बात हो गयी यारों हर नजर अजनबी-सी लगती है, दोस्ती अजनबी-सी लगती है…….…
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08-12-2010, 07:04 PM | #270 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
दोस्त एक साहिल है तुफानो के लिए ,
दोस्त एक आइना है अरमानो के लिए , दोस्त एक महफ़िल है अंजानो के लिए , दोस्ती एक ख्वाहिश है आप जैसे दोस्त को पाने के लिए !! जान है मुझको ज़िन्दगी से प्यारी , जान के लिए कर दूं कुर्बान यारी , जान के लिए तोड़ दूं दोस्ती तुम्हारी , अब तुमसे क्या छुपाना , तुम ही तोह हो जान हमारी ! दोस्ती के नाम को न बदनाम करो मेरे भरोसे को न बदनाम करो , मेरी दोस्ती को अपना लेना हमसे एक बार हाथ मिला लेना … मुश्किलों से घबरा के अब जीना नहीं चाहते , दूर तुम से होके अब रहना नहीं चाहते , यूँ तो दोस्त बहुत बने इस ज़िन्दगी में पर आप जैसे दोस्त को खोना नहीं चाहते| यही तो खूबसूरत दोस्ती का नाता है , जो बिना किसी शर्त के जिया जाता है , रहे दूरियां दरमियाँ तो परवाह नहीं , दोस्त तो हरपल दिल में बसाया जाता है
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