01-05-2013, 02:30 AM | #29001 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
प्रधानमंत्री इस्तीफा दें : रूडी नई दिल्ली। कोयला ब्लाक आवंटन मामले में सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने आज कहा कि संसद और लोगों के बाद अब सरकार अदालत का विश्वास भी खो चुकी है और अब प्रधानमंत्री को अविलंब इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूडी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है और अदालत को अंधेरे में रखने की बात कही है। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी सामान्य बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जब देश की शीर्ष अदालत सरकार के खिलाफ इस तरह की बात करती है तब प्रधानमंत्री के पास अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाता है। रूडी ने कहा कि भाजपा मांग करती है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पद अविलंब से इस्तीफा दें। यह लोकतंत्र, देश और जनता के हित में होगा। भाजपा के बलवीर पुंज ने कहा कि संसद और लोगों के बाद अब सरकार अदालत का भी विश्वास खो चुकी है। अब प्रधानमंत्री के पास अपने पद से इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई रिपोर्ट साझा करने का काम विधि मंत्री अपने आप नहीं कर सकते। जब तक उन्हें प्रधानमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो तब तक वह ऐसा नहीं कर सकते। पुंज ने कहा कि ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री और विधि मंत्री दोनों को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। गौरतलब है कि कोयला ब्लाक आवंटन मामले में सीबीआई रिपोर्ट साझा करने पर तीखी टिप्पणी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सरकार के साथ सूचना साझा किए जाने की पूरी प्रक्रिया को गड़बड़ा दिया है। शीर्ष अदालत ने पूछा कि सरकार के साथ जांच रिपोर्ट को साझा करने के मुद्दे पर अदालत को अंधेरे में क्यों रखा गया?
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:32 AM | #29002 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
रास में गतिरोध जारी, विपक्ष प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ा
नई दिल्ली। कोयला ब्लॉक आवंटन मामले की रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर विपक्ष का हंगामा आज भी जारी रहने के कारण राज्यसभा की कार्यवाही बार बार बाधित हुई और बैठक को दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। उच्च सदन में बजट सत्र का गत सोमवार को दूसरा चरण शुरू होने के बाद सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही और इस दौरान एक भी दिन प्रश्नकाल नहीं हो पाया। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का ऐलान किया, राजग सदस्यों ने कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट में सरकार के कथित हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया। सभापति ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने के लिए कहा लेकिन भाजपा सदस्य प्रधानमंत्री की इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाने लगे और आसन के समक्ष आ गए। अन्नाद्रमुक और तेदेपा के सदस्य अपनी अपनी जगहों पर खड़े हो कर कोई मुद्दा उठाते देखे गए। सपा के सदस्यों ने जम्मू कश्मीर में चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मुद्दा उठाया और वे भी आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। अंसारी ने सदस्यों ने अपने स्थानों पर लौट जाने और प्रश्नकाल चलने देने को कहा। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब चार मिनट पर ही बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी वही नजारा दिखा और भाजपा तथा सपा के अलावा अन्नाद्रमुक सदस्य भी अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी करने लगे। उपसभापति पी जे कुरियन ने हंगामे के बीच ही जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने विशेष उल्लेख के जरिए लोक महत्व के तहत उठाए जाने वाले मुद्दे भी सदन पटल पर रखवाए। अगप के कुमार दीपक दास ने विशेष उल्लेख के जरिए असम में आर्सेनिक मुक्त पेयजल की आपूर्ति के लिए कदम उठाए जाने की मांग की। झामुमो के संजीव कुमार, बसपा के अंबेथ राजन और तृणमूल कांग्रेस के विवेक गुप्ता ने भी विशेष उल्लेख के जरिए लोक महत्व के अलग अलग मुद्दे उठाए। कुरियन ने इसके बाद शून्य काल शुरू करने को कहा। लेकिन हंगामे के कारण शून्यकाल शुरू नहीं हो सका और उपसभापति कुरियन ने बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर सदन में हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच ही उपसभापति कुरियन ने महिलाॐ के उत्पीड़न के बारे में अधूरी रह गयी चर्चा को आगे बढाने को कहा। इस दौरान भाजपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। उधर, सत्ता पक्ष की ओर से प्रभा ठाकुर सहित कुछ सदस्य सदन की कार्यवाही न चलने देने के कारण अपना विरोध जताते हुए देखे गए। हंगामा थमते न देख कुरियन ने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। गौरतलब है कि बजट सत्र के 22 अपै्रल से शुरू दूसरे चरण में उच्च सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। गत सोमवार को भोजनावकाश के बाद महिलाओं के उत्पीड़न के मुद्दे पर चर्चा शुरू अवश्य हुई थी लेकिन यह पूरी नहीं हो पायी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:36 AM | #29003 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
विपक्ष का लोकसभा से वाकआउट
रेल और आम बजट बिना चर्चा के पारित नई दिल्ली। लोकसभा में आज भाजपा और वामदलों सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर एक के बाद एक घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए सदन में महत्वपूर्ण वित्तीय कामकाज निपटाए जाने से पहले वाकआउट किया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने मध्याहन सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर कहा कि मौजूदा हालात में वित्त विधेयक और रेलवे की अनुदान मांगों को बिना चर्चा के पारित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस पर कल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भाग लेने वाले सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनी थी और इसे बिना चर्चा के निपटाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सदन के पास महत्वपूर्ण वित्तीय कामकाज को निपटाने के लिए काफी कम समय बचा है और वित्त विधेयक को लोकसभा में पारित कर राज्यसभा को भी भेजा जाना है। लेकिन विपक्षी सदस्यों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिए जाने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि नियम बिना चर्चा के वित्त विधेयक को पारित कराने की अनुमति नहीं देते। अगर ऐसा करना है तो सरकार नियमों से परे हटने के लिए प्रस्ताव लाए। अध्यक्ष ने इससे पहले विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को अपनी बात रखने की अनुमति दी। सुषमा ने एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों की पृष्ठभूमि में संसद नहीं चलने देने के लिए पूरी तरह सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भाजपा वित्तीय कामकाज में न तो बाधक बनना चाहती है और न ही भागीदार इसलिए हम वाकआउट कर रहे हैं। सुषमा का भाषण समाप्त होते ही भाजपा और शिवसेना सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। इसके बाद जनता दल यू, वाम दल, अन्नाद्रमुक, द्रमुक, बीजद, तेदेपा तथा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी अपनी बात रखी और इन सभी दलों के सदस्य अलग अलग मुद्दों को लेकर सदन से वाकआउट कर गए। सुषमा ने कहा कि यह आजादी के बाद की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार है। उन्होंने कहा कि संसद के हर सत्र की शुरूआत से पहले सरकार का एक न एक नया घोटाला सामने आता है और हर नया घोटाला पिछले घोटाले का रिकार्ड तोड़ देता है। उन्होंने राष्ट्रमंडल, 2जी स्पैक्ट्रम, कोयल आवंटन घोटालों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि विपक्ष इन विषयों को न उठाए। सुषमा ने कहा, ‘सरकार केवल घोटाले ही नहीं कर रही है बल्कि घोटालों में लिप्त मंत्रियों को बचाने के लिए तरह तरह के हरकतें कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘विपक्ष इन घोटालों को उठाता है तो सरकार उसका मुंह बंद करने की कोशिश करती है।’ सुषमा ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि विपक्ष जनता के हितों के प्रहरी की भूमिका निभाता है तो प्रधानमंत्री कहते हैं कि विपक्ष के रवैये ने अंतरराष्ट्रीय जगत में उपहास का पात्र बना दिया है। कोयल ब्लाक आवंटन मुद्दे पर आज उच्चतम न्यायालय द्वारा की गयी टिप्पणी का जिक्र करते हुए सुषमा ने कहा कि सरकार को अब एक भी दिन सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कल कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में बनी सहमति के चलते भाजपा वित्त विधेयक पारित होने देगी। विपक्ष की नेता ने कहा, ‘हम वित्तीय संकट पैदा नहीं कर ना चाहते। हम इसमें बाधक नहीं बनना चाहते लेकिन साथ में हम इसके भागीदार भी नहीं बनना चाहते। इसलिए हम सदन से वाकआउट करते हैं।’ इसके बाद भाजपा सदस्य सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। उधर संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और वह सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा को तैयार है। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में लोक लेखा समिति की रिपोर्ट को बाधित करने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सुषमा ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मुद्दे पर जेपीसी की ऐसी मसौदा रिपोर्ट तैयार की जो ‘पूरी तरह तथ्यों के खिलाफ’ रही और अब विधि मंत्री कोयल ब्लाक घोटाले में ‘अपने कार्यालय में सीबीआई की रिपोर्ट में बदलाव करते हैं।’ विपक्ष की नेता ने कहा, ‘अब वे दावा करते हैं कि विधि मंत्री केवल व्याकरण की गलतियां सुधार रहे थे।’ उन्होंने कहा कि अब तो उच्चतम न्यायालय तक ने कह दिया है कि सरकार ने भरोसा तोड़ा है और बुनियाद हिला दी है। सुषमा ने चेतावनी भरे अंदाज में स्पष्ट किया कि बीएसी की बैठक में कल बनी सहमति के अनुसार केवल चार वित्तीय कामकाज वित्त विधेयक, विनियोग विधेयक, अनुदानों की मांगें तथा रेल बजट ही पारित होने थे, कोई अन्य कामकाज नहीं होना था। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए कहा कि वित्त विधेयक को बिना चर्चा के पारित नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा हुआ तो इससे एक गलत परंपरा की शुरूआत होगी। उनके व्यवस्था के सवाल पर लोकसभा अध्यक्ष ने पूर्व की परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि पहले भी वित्त विधेयक बिना चर्चा के पारित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह तकलीफदेह है कि ऐसे हालात में हम चर्चा नहीं कर पा रहे हैं। डेढ बजे गिलोटिन का समय निर्धारित किया गया है। लेकिन मैं कुछ सदस्यों को बेहद संक्षिप्त में अपनी बात रखने का मौका दे सकती हूं।’ इसी क्रम में जनता दल यू के शरद यादव ने कहा कि आज देश बड़े खराब हालात में है। उन्होंने आए दिन सामने आ रहे घोटालों पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए सरकार को आड़े हाथ लिया। इसके बाद यादव की अगुवाई में उनकी पार्टी के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। कम्युनिस्ट नेता गुरूदास दासगुप्ता ने सरकार पर असंवेदनशील आचरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार संसदीय लोकतंत्र की अवहेलना कर रही है। माकपा के बासुदेव आचार्य ने बिना चर्चा के वित्त विधेयक को पारित कराए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और संसद में बने गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पी सी चाको को जेपीसी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की भी मांग की। इसके बाद वाम सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। अन्नाद्रमुक के एम थम्बीदुरई ने तमिलनाडु के लिए विशेष पैकेज की मांग की और वित्त विधेयक में तमिलनाडु की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। बीजद के भृतुहरि मेहताब ने ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने तथा तेदेपा के नामा नागेश्वर राव ने किसानों की दुर्दशा और कोल घोटाले जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। इन नेताओं के बात समाप्त करने पर इनके दलों के सदस्य भी सदन से चले गए। द्रमुक के टी आर बालू ने जेपीसी से चाको को हटाने की मांग की और अपने सदस्यों के साथ सदन से वाकआउट कर गए। रेल बजट को पारित कराए जाने के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने रेल बजट में पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाते हुए अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ वाकआउट कर दिया।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:44 AM | #29004 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
कृषि भूमि पर संपत्ति कर नहीं-चिदंबरम
नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज स्पष्ट किया कि कृषि भूमि संपत्ति कर के दायरे में नहीं रखी गयी है पर उन्होंने स्पोर्ट्स यूटिलिटी कारों (एसयूवी) पर उत्पाद शुल्क की दर में वृद्धि वापस लेने से साफ इनकार कर दिया। चिदंबरम ने विदेशी निवेशकों को खुश करने वाले कदम के तहत उनके कर निवास प्रमाणन (टीआरसी) के नियमों में ढील दी है। इससे खास कर मारीशस के रास्ते भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने वाले विदेशी संस्थागत निवेशकों को राहत मिलेगी। वित्त विधेयक-2013 के संबंध में लोक सभा में वित्त मंत्री की घोषणाओं के साथ सदन ने विपक्ष की अनुपस्थिति में आम बजट और विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को बिना चर्चा के ही पारित कर दिया। सदन ने रेल बजट 2013-14 को भी बिना चर्चा के इसी तरह परित कर दिया। वित्त विधेयक को पारित करने के लिये प्रस्तुत करते हुए चिदंबरम ने अपने संक्षिप्त संबोधन में ढांचागत क्षेत्र के दीर्घकालिक बॉंड में निवेश आकर्षित करने के लिए इन पर ब्याज से होने वाली आय पर कर रियायत की घोषणा की। इसके अनुसार सरकारी और कार्पोरेट बॉंडों से होने वाली ब्याज आय पर 20 प्रतिशत के बजाय केवल 5 प्रतिशत की दर से ही कर लगेगा। वित्त मंत्री ने गैर कृषि उपभोक्ता वस्तुओं पर उपभोक्ता जिंस कारोबार कर (सीटीटी) लगाने के प्रस्ताव को वापस लेने से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि इन उपभोक्ता जिंसों में होने वाले डेरिवेटिव कारोबार को अब सट्टेबाजी वाले सौदों की तरह नहीं माना जाना चाहिये। सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बनने के बाद आज लोकसभा में रेल बजट, केन्द्रीय मंत्रालयों की अनुदान मांगों और वित्त विधेयक को ‘गिलोटिन’ प्रक्रिया अपनाते हुये बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया। चिदंबरम ने वित्त विधेयक को पारित करने के लिये सदन में पेश करते हुये सबसे पहले कृषि भूमि पर संपत्ति कर लगाये जाने संबंधी आशंकाओं को खारिज किया। उन्होंने कहा कि कृषि भूमि पर संपत्ति कर लगाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। चिदंबरम ने केन्द्र सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिये हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा और कुछ अन्य कांग्रेसी सांसदों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की नीति कृषि भूमि पर संपत्ति कर लगाने की नहीं है।’ कृषि भूमि पर संपत्ति कर लगाये जाने का मुद्दा पंजाब एव हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के बाद सामने आया। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस बारे में संशोधन तैयार करने और राष्ट्रपति की मंजूरी लेने के लिये काफी मेहनत की। ‘अब यह मुद्दा समाप्त हो जाना चाहिये।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि शहरी भूमि में कृषि भूमि नहीं आती है और सरकारी रिकार्ड में यही घोषित किया गया है। हालांकि, अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने वित्त मंत्री को चुनौती देते हुये कहा कि आयकर विभाग ने पंजाब के किसानों को नोटिस भेजे हैं। नोटिस में उनसे नगर निगम सीमा के आठ किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाली कृषि भूमि पर संपत्ति कर देने को कहा गया है। स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) पर उत्पाद शुल्क वृद्धि वापस लेने की मांग पर चिदंबरम ने कहा कि यह वृद्धि मामूली है। एसयूवी पर उत्पाद शुल्क 27 से बढाकर 30 प्रतिशत किया गया है, हालांकि टैक्सी के तौर पर पंजीकृत एसयूवी को इस वृद्धि से अलग रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘98 प्रतिशत एसयूवी डीजल से चलती है। डीजल सब्सिडी पर बेचा जाता है। इसलिये इसलिये उत्पाद शुल्क वृद्धि के जरिये हम इसकी आंशिक वसूली ही कर रहे हैं ... एसयूवी इस्तेमाल करने वाले धनी लोगों से।’ विदेशी निवेशकों के कर निवास प्रमाणपत्र (टीआरसी) के लिये बजट में कड़ी शर्तें रखे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि दूसरे देशों की सरकारों द्वारा जारी किये गये टीआरसी को कर संबंधी कार्यों के लिये कर निवास सबूत के तौर पर स्वीकार किया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘सरकार अतिरिक्त सूचना के बारे में पूछ सकती है लेकिन दूसरे देशों की सरकारों द्वारा जारी टीआरसी को कर निवास प्रमाणपत्र के रूप में स्वीकार किया जायेगा।’ वित्त विधेयक में इस संबंध में किये गये प्रस्ताव से मारीशस के रास्ते भारत में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों में अनिश्चिता बढ गई थी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि दीघकालिक ढांचागत बांड में निवेश करने वाले गैर प्रवासियों को दिये जाने वाले ब्याज पर स्थायी खाता संख्या (पैन) की आवश्यकता लागू नहीं होगी। उन पर विदहोल्डिंग कर की 20 प्रतिशत की दर भी लागू नहीं होगी। चिदंबरम ने सरकारी संशोधन पेश करते हुये सरकारी प्रतिभूतियों और कंपनियों के रपये में जारी कारपोरेट बांड पर मिलने वाले ब्याज पर 5 प्रतिशत की दर से कर लगाने का प्रस्ताव किया। रियायती दर पर यह कर इस साल जून से लागू होकर तीन साल के लिये होगा। 50 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति के सौदे पर एक प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती :टीडीएस: के मामले में चिदंबरम ने कहा टीडीएस की कटौती करने वाले व्यक्ति को टैन यानी कर कटौती और वसूली खाता संख्या लेने की आवश्यकता नहीं है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने सोना, चांदी और आभूषण की नकद खरीद फरोख्त पर एक प्रतिशत कर लगाने संबंधी प्रावधान को भी सुधार दिया है। ऐसा आयकर अधिनियम के प्रावधान के दुरपयोग को रोकने के उद्देश्य से किया गया। चिदंबरम ने एक जुलाई 2012 से लेकर एक अक्तूबर 2012 की अवधि के दौरान रेलवे को सेवाकर से मुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि इस सरकारी उपक्रम पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े इस ध्येय से यह कदम उठाया गया है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:46 AM | #29005 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
शीर्ष अदालत की टिप्पणी सुखद नहीं, अंतिम आदेश का करेंगे इंतजार : कांग्रेस
नई दिल्ली। कोयला ब्लाक आवंटन जांच मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर बचाव की मुद्रा में आई कांग्रेस ने आज कहा कि इस बारे में टिप्पणी सरकार के लिए सुखद नहीं है लेकिन वह सरकार के अंतिम आदेश का इंतजार करेगी। कांग्रेस महासचिव जनार्द्धन द्विवेदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘वास्तव में इस बारे में यह टिप्पणी किसी भी सरकार के लिए सुखद नहीं कही जा सकती है।’ उनसे पूछा गया था कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पार्टी और सरकार के लिए परेशानी खड़ी करने वाली है। गौरतलब है कि कोयला ब्लाक आवंटन मामले में सीबीआई रिपोर्ट साझा करने पर तीखी टिप्पणी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सरकार के साथ सूचना साझा किए जाने ने पूरी प्रक्रिया को गड़बड़ा दिया है। शीर्ष अदालत ने पूछा कि सरकार के साथ जांच रिपोर्ट को साझा करने में अदालत को अंधेरे में क्यों रखा गया? उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हमारा पहला काम सीबीआई को राजनीतिक दखल से मुक्त कराना होगा और सीबीआई की स्वतंत्र स्थिति बहाल होनी चाहिए। द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने अदालत विशेष तौर पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर कभी भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की। हम इस मामले में भी उसी रूख पर कायम हैं। उन्होंने कहा, जहां तक उच्चतम न्यायालय का संबंध है, मैं मानता हूं कि अंतिम आदेश अभी आना बाकी है और एक बार जब वह सामने आ जायेगा, तब उपयुक्त निर्णय किया जा सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं है कि जब अदालत का फैसला पक्ष में आता है, तब प्रशंसा करे और जब विरोध में आए तब उसकी आलोचन करे। ‘हम अदालतों का सम्मान करते हैं।’
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:48 AM | #29006 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
कोयला घोटाला कांड में अतिरिक्त सालिसीटर जनरल हरेन रावल बने पहले शिकार
नई दिल्ली। बहुचर्चित कोयला ब्लाक आबंटन घोटाले ने आज अतिरिक्त सालिसीटर जनरल हरेन रावल को अपना शिकार बनाया। रावल ने इस मामले में सीबीआई जांच किसी के साथ साझा नहीं करने संबंधी बयान को लेकर उठे विवाद के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कोयला ब्लाक आबंटन घोटाला मामले में सीबीआई ने आज हरेन रावल के स्थान पर वरिष्ठ अधिवक्ता उदय यू ललित को जांच एजेन्सी का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। हरेन रावल ने अतिरिक्त सालिसीटर जनरल के पद से अपना इस्तीफा देते हुये अपना त्याग पत्र कानून मंत्री अश्विनी कुमार को सौंप दिया। रावल ने प्रेट्र से कहा, ‘मैने अपना त्यागपत्र कानून मंत्री को दे दिया है।’ हरेन रावल ने कल ही अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती को बेहद सख्त शब्दों में एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने वाहनवती पर जांच एजेन्सी की जांच रिपोर्ट तैयार करने में हस्तक्षेप करने और उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया था। रावल के इस पत्र ने एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। रावल को चार जुलाई, 2009 को अतिरिक्त सालिसीटर जनरल नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें वह विवादास्पद पत्र लिखने का कोई अफसोस नहीं है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि छह मार्च की बैठक में अटार्नी जनरल मौजूद थे। इसी बैठक में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट का मसौदा कानून मंत्री और संयुक्त सचिव स्तर के प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कोयला मंत्रालय के दो अधिकारियों के साथ साझा किया गया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हां मैं अटार्नी जनरल को लिखे अपने पत्र में कही गयी बातों पर कायम हूं।’ इस पत्र में रावल ने दावा किया था कि स्थिति रिपोर्ट के विवरण की जानकारी होने के बावजूद 12 मार्च को अटार्नी जनरल ने शीर्ष अदालत में कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:48 AM | #29007 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
कोलगेट रिपोर्ट पर भाजपा ने कानून मंत्री का मांगा इस्तीफा
बेंगलूर। भाजपा ने सीबीआई के कोयला ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट ‘साझा’ करने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा कड़ी आपत्ति जताये जाने के बाद आज कानून मंत्री अश्विनी कुमार का इस्तीफा मांगा। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम कुमार का इस्तीफा मांगते रहे हैं क्योंकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हरीन रावल द्वारा अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती को लिखे पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि गत महीने कानून मंत्री के कार्यालय में एक बैठक हुई थी, जहां कुमार ने सीबीआई की उस रिपोर्ट में परिवर्तन के लिए कहा था, जिसे उच्चतम न्यायालय में पेश किया जाना था।’ न्यायालय ने आज कहा कि घोटाले की जांच में सूचना सरकार से साझा किये जाने ने ‘पूरी प्रक्रिया को हिलाकर रख दिया है’ और सीबीआई को अपनी जांच पर अपने ‘राजनीतिक आकाओं’ से निर्देश लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह भारतीय लोकतंत्र के लिए भी दुखभरा दिन है कि दुर्भाग्य से शीर्ष कानूनी मस्तिष्क कुछ दबाव में जनता के हितों को बरकरार रखने की बजाय सरकार से सहयोग के लिए इतना आगे चले गए।’
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:48 AM | #29008 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
केंद्र को पूरी स्थिति को देश के सामने रखना चाहिए- नीतीश
पटना। कोलगेट मामले में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि केंद्र सरकार को पूरी स्थिति को न्यायालय सहित देश के सामने रखना चाहिए। पटना में आज आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कोलगेट मामले में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के किसी टिप्पणी के बाद बहस की कोई गुंजाईश नहीं रह जाती है। उन्होंने कहा कि देश का जो संविधान है उसमें उच्चतम न्यायालय की अपनी भूमिका है और उसके मद्देनजर जो बात सामने उभरकर सामने आयी है वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। नीतीश ने कहा कि अगर उच्चतम न्यायालय ने किसी मामले में कोई निर्देश दिया है तो फिर बीच में किसी भी तरह से एक एजेंसी और उच्चतम न्यायालय के बीच के जो दस्तावेज हैं उसको कहीं और दिखाया जाए या कोई और देखे यह तो बडी विचित्र स्थिति है। उन्होंने कहा कि सचमुच यह परिस्थिति दुखद है और ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार को इसे पूरी तरह देश के सामने बताना पडेगा कि आखिर किस परिस्थिति में उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अनदेखी की गयी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:49 AM | #29009 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
संसद का सामना करें मनमोहन : वाम दल
नई दिल्ली। वाम पार्टियों ने कोयला घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग को निरर्थक करार दिया, लेकिन प्रधानमंत्री से कहा कि वह संसद का सामना करें, क्योंकि उन्हें देश को जवाब देना है। माकपा ने संसद की कार्यवाही में बार बार बाधा पहुंचने को भाजपा और कांग्रेस के बीच मैच फिक्सिंग करार दिया। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने यहां संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार से इस्तीफा मांगना निरर्थक है और ऐसा होता नहीं है।’ उन्होंने कहा कि संसद नहीं चल रही है। कोई चर्चा नहीं हो रही है। कोई जवाबदेही नहीं है। मैच फिक्सिंग चल रही है, जिससे सरकार को चर्चा कराने से बचने में मदद मिल रही है। हम चाहते हैं कि सरकार संसद के प्रति जवाबदेह हो। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई के कामकाज को लेकर सरकार के खिलाफ काफी कडी टिप्पणी की है। फारवर्ड ब्लाक के सचिव जी देवराजन ने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री की शीर्ष अदालत से इस तरह की आलोचना नहीं हुई। राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और संसद का सामना करना चाहिए। देवराजन ने कहा कि प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि कोयला घोटाले के समय कोयला मंत्रालय उन्हीं के पास था।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
01-05-2013, 02:49 AM | #29010 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: Latest N e w s (एकदम ताज़ा ख़बरें)
कोयला घोटाले पर बोले जेटली : उच्चतम न्यायालय से खिंचाई लायक ही है सरकार
नई दिल्ली। कोयला मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार की खिंचाई को ‘इसी लायक’ बताते हुए भाजपा नेता अरूण जेटली ने आज सरकार पर आरोप लगाए कि वह विधि अधिकारियों की संस्था का क्षरण कर रही है । उन्होंने लोकपाल कानून में बदलाव लाने की भी मांग की । उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्होंने एवं उनके साथियों ने लोकपाल कानून को लेकर बनी प्रवर समिति को जो सुझाव दिए थे, उन्हें स्वीकार किया जाए जिससे ऐसे संस्थानों की विश्वसनीयता बहाल होगी । कोयला घोटाले पर उच्चतम न्यायालय में पेश की जाने वाली स्थिति रिपोर्ट को तैयार करने में कानून मंत्री अश्वनी कुमार और पीएमओ तथा कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के कथित हस्तक्षेप के विवाद के परिप्रेक्ष्य में राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा कि इससे सीबीआई के कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप के बार-बार उठने वाले आरोपों की पुष्टि हुई है । इस मुद्दे पर एक लेख में जेटली ने कहा, ‘संप्रग सरकार ने विधि अधिकारियों की संस्था का क्षरण किया है । इस गिरते संस्थान ने संप्रग सरकार के लिए हास्यास्पद स्थिति पैदा की है । इस मुद्दे पर अदालत ने सरकार की जो खिंचाई की है, वह उसी लायक है । दोषियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए ।’
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
Bookmarks |
Tags |
current affairs, current news, hindi news, indian news, latest news, local news, online news, taza khabar |
|
|