14-05-2013, 11:59 PM | #29681 |
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
15-05-2013, 12:02 AM | #29682 |
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‘आपत्तिजनक’ फेसबुक पोस्ट पर पीयूसीएल नेता जेल भेजी गईं
हैदराबाद। पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टिज (पीयूसीएल) की राज्य महासचिव को तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया और एक कांग्रेस विधायक के खिलाफ फेसबुक पर ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जबकि आंध्र प्रदेश की एक अदालत ने उन्हें 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने आज बताया कि पीयूसीएल की आंध्रप्रदेश महासचिव जया विंध्याला को कल शाम प्रकाशम जिले के मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके आवास पर पेश किया गया। इसके बाद जया को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। प्रकाशम जिला पुलिस ने पीयूसीएल प्रदेश महासचिव को कल यहां के पद्मराव नगर से गिरफ्तार किया । उन पर तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया एवं चिराला से विधायक ए. कृष्ण मोहन के खिलाफ फेसबुक पर ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए के तहत मामला दर्ज किया गया । रोसैया आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। प्रकाशम के पुलिस अधीक्षक के. रघुराम रेड्डी ने कहा, ‘जया विंध्याला को जिला कारागार में भेजा गया है।’ रेड्डी ने बताया कि जया के वकील ने जमानत की याचिका दायर की है। प्रकाशम के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने फेसबुक की सुरक्षा शाखा से आग्रह किया है कि ‘आपत्तिजनक एवं मानहानिकारक’ पोस्ट को हटाया जाए । पुलिस ने बताया कि चिराला के विधायक की शिकायत पर इस सिलसिले में 18 अप्रैल को मामला दर्ज किया गया था और जांच के दौरान पाया गया कि जया ने ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणियां पोस्ट की थी । पुलिस ने कहा कि आॅनलाइन टिप्पणी से पहले जया विंध्याला ने प्रकाशम जिले के चिराला शहर में रोसैया एवं कृष्ण मोहन के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक आरोप वाले पर्चे बांटे थे ।
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15-05-2013, 12:03 AM | #29683 |
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भारतीय सेना में सफारी एवं स्कार्पियो का परीक्षण शुरु
बीकानेर। भारतीय सेना में करीबन सत्ताइस साल लम्बी पारी के बाद मारुति जिप्सी के स्थान पर स्कार्पियों एवं सफारी गाडियों का उपयोग करने के लिये परीक्षण आज से पश्चिमी क्षेत्र में किसी एक स्थान पर शुरु हो गया है। सेना सूत्रों ने आज बताया, ‘स्कार्पियों और सफारी की गाडियों का परीक्षण हो गया है। सेना की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखा से सम्बद्ध इंजीनियर भी दोनों वाहनों के परीक्षण करने वाले दल में शामिल है। भीषण गर्मी मे रेत के टीलों, दलदल मार्ग, सेना के होने वाले युद्धाभ्यास और सामान्य दिनों के कामकाज के दौरान होगा।’ सूत्र बताते हैं कि दोनों वाहनों का ग्रीष्मकालीन परीक्षण एक सप्ताह तक चलेगा तथा शीतकालीन परीक्षण वर्ष 2017 के अंत में किया जायेगा। पेट्रोल की दरों में लगातार हो रही वृद्धि को मध्य नजर रखते हुये जिप्सी के स्थान पर स्कार्पियो और सफारी वाहन को सेना के बेडे में शामिल करने का निर्णय लिया है। गहरे भूरे और हरे रंग की मारुति जिप्सी सेना वाहन के रुप में खासी लोकप्रिय हुई और यह इसकी पहचान भी बनी। इसे देखकर लोग आसानी से समझ लेते हैं कि यह सेना का वाहन है। राजस्थान के यातायात विभाग ने सेना की जिप्सी से मिलते जुलते रंग को सामान्य लोगों द्वारा इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिये समय समय पर आदेश भी जारी किये थे। सेना सूत्रों के अनुसार दमदार इंजन क्षमता और फोर ह्वील ड्राइव के कारण जिप्सी लम्बे अर्से से देश की सेना की सवारी रही है। सेना में इस वक्त करीब पच्चीस हजार से अधिक जिप्सी है। यह वर्ष 2017 के अंत तक सेना के बेडे से बाहर आ जायेगी। सेना के सूत्रों ने बताया कि भारत में आतंकवादी निरोधी गतिविधियां रोकने व रेगिस्तान के रेतीले घोरों में नियमित अभ्यास एवं युद्ध के दौरान लंबे समय से मारुति जिप्सी को काम में लिया जा रहा। अब तक मारुति जिप्सी खरीदने वाली भारतीय सेना सबसे बडी ग्राहक थी।
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15-05-2013, 12:04 AM | #29684 |
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प्रधानमंत्री का नवाज शरीफ को न्यौता ‘स्वागतयोग्य और साहसिक’ कदम : फारूक अब्दुल्ला
श्रीनगर। भारत द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार नवाज शरीफ को दिए गए भारत आने के निमंत्रण की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह के कदम से दोनों देशों के करीब आने और कश्मीर सहित दूसरे सभी मसले सुलझाने में मदद मिलेगी। नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के इस कें्रदीय मंत्री ने यहां एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा नवाज शरीफ को दिया गया निमंत्रण स्वागत योग्य साहसिक कदम है।’ उन्होंने हथियार संस्कृति को खारिज कर अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने वाले पाकिस्तान के लोगों को बधाई दी है। जम्मू कश्मीर की सत्ताधारी नेश्नल कांफ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी भारत और पाकिस्तान के बीच पुल की तरह काम करती रहेगी।
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15-05-2013, 12:04 AM | #29685 |
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मनमोहन सिंह को शपथ ग्रहण समारोह में करेंगे आमंत्रित : नवाज
लाहौर। पाकिस्तान में जबर्दस्त जीत के बाद नयी सरकार बनाने की तैयारी करने वाले पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने आज कहा कि देश में प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आमंत्रित करके ‘बहुत प्रसन्नता’ होगी। शरीफ ने दोपहर में लाहौर स्थित अपने आवास पर विदेशी पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में कहा, ‘मुझे यह निमंत्रण देकर बहुत प्रसन्नता होगी। यदि वह आते हैं तो यह मेरे और पाकिस्तान के लिए बहुत खुशी की बात होगी।’ शरीफ इस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि क्या वह अपने शपथ ग्रहण समारोह में सिंह को आमंत्रित करेंगे। फिर पूछने पर कि क्या वह सिंह को निमंत्रित करना चाहते हैं, उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कल उनका (सिंह) फोन आया था। हमारे बीच फोन पर लंबी बातचीत हुई और उसके बाद उन्होंने मुझे निमंत्रण दिया और मैंने भी उन्हें एक निमंत्रण दिया। वह मूल रूप से पाकिस्तान के एक जिले के रहने वाले हैं।’ पंजाब प्रांत का गाह सिंह का पैतृक गृह नगर है। उन्होंने कहा, ‘हमें उन्हें निमंत्रित करके खुशी होगी, वह आएं या नहीं यह अलग मुद्दा है, लेकिन मैं आशा करता हूं कि वह जल्द ही पाकिस्तान की यात्रा पर आएंगे।’ शरीफ ने कहा कि यदि सिंह उनके शपथ ग्रहण के दौरान उपस्थित होंगे तो यह बहुत सम्मान की बात होगी। उन्होंने कहा कि आशा है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री से जितना जल्दी संभव हो मुलाकात करेंगे क्योंकि वह दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध बनने के इच्छुक हैं। 63 वर्षीय शरीफ ने इससे पहले कहा था कि वह चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया पुन:बहाल हो। यह प्रक्रिया तब बाधित हो गई थी जब तत्कालीन सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने वर्ष 1999 में एक अहिंसक तख्तापलट में उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था। शरीफ ने शांति प्रक्रिया तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ शुरू की थी। उन्होंने कहा, ‘हम टूटे तारों को फिर से जोड़ेंगे। हम भारत के साथ बेहतर संबंधों की ओर आगे बढना चाहते हैं ताकि कश्मीर सहित लंबित मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके।’ मनमोहन सिंह ने भी शरीफ को चुनाव में जीत दर्ज करने की बधाई देने में कोई देरी नहीं की। उन्होंने कल शरीफ को बधाई देने के साथ ही उन्हें पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय में भारत आने के लिए आमंत्रित किया। पाकिस्तान में जिस समय मतों की गिनती चल ही रही थी उसी दौरान सिंह ने असाधारण रूप से एक त्वरित प्रतिक्रिया में भारत-पाकिस्तान के नये संबधों की रूपरेखा तैयार करने के लिए नवाज शरीफ के साथ काम करने की भारत की इच्छा से उन्हें अवगत कराया था। एक पत्र में उन्होंने शरीफ को ‘प्रिय मियां साहेब’ के रूप में संबोधित करते हुए लिखा था, ‘मैं आपके और आपकी सरकार के साथ एक नयी रूपरेखा तैयार करने और दोनों देशों के संबधों को एक नये मुकाम तक ले जाने के लिए काम करने का इंतजार कर रहा हूं। इसके साथ ही मैं आपको पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय में भारत आने के लिए निमंत्रित करता हूं।’
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15-05-2013, 12:05 AM | #29686 |
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भांजी के प्रेमी की हत्या के जुर्म में विधायक दोषी
रांची। स्थानीय अदालत ने अविनाश तिवारी हत्याकांड में प्रदेश के विधायक सावना लकड़ा सहित चार अभियुक्तों को आज दोषी करार दिया। अदालत इन सभी को 15 मई को सजा सुनायेगी। अभियोजन के अनुसार यह मामला 24 अप्रैल 2011 का है, जब खिजरी से कांग्रेस विधायक सावना लकड़ा ने अपने अंगरक्षक, चालक और एक अन्य व्यक्ति के सहयोग से गढवा से रांची के लिए निकले अविनाश तिवारी का अपहरण कर लिया था। रास्ते में अविनाश की गोली मार कर हत्या करने के बाद उसका शव खूंटी जिले में कर्रा के जंगल में पुल के नीचे फेंक दिया था। अविनाश का शव पुलिस ने 27 अप्रैल को वहां से बरामद किया। अविनाश के पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जब जांच की तो यह घटना सही साबित हुई। अविनाश से सावना लकड़ा और उनकी बहन के घर वाले इस बात से बेहद नाराज थे कि वह सावना की भांजी से प्रेम करता था और दोनों एक दूसरे से विवाह करना चाहते थे। पुलिस को जांच में पता चला कि कांग्रेस विधायक लकड़ा ने अपने अंगरक्षक जनक महतो, गोपी कश्यप और दिनेश लकड़ा के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था। अविनाश तिवारी अपने गृह जनपद गढवा से इंटर सिटी ट्रेन से रांची के लिए निकला था लेकिन बाद में वह अचानक गायब हो गया। इस बात की सूचना उसके दोस्त ने अविनाश के पिता को दी थी। अविनाश के पिता ने खिजरी विधायक सावना लकड़ा और उसके अंगरक्षक जनक महतो पर अपने पुत्र का अपहरण करने का आरोप लगाया था। बाद में उसका शव 27 अप्रैल को बरामद होने के बाद उन्होंने सावना और उसके अंगरक्षक तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ अपहरण कर हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। सावना लकड़ा इस मामले में फरार हो गये थे लेकिन बाद में गैर जमानती वारंट जारी होने पर उन्होंने 24 मई, 2011 को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। इस समय वह जेल में ही बंद हैं। इस मामले में लकड़ा एवं उसके सहयोगियों को 15 मई को सजा सुनायी जायेगी। अदालत का फैसला सुनने के बाद लकड़ा ने कहा कि वह निर्दोष हैं और इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। वह राज्यसभा चुनावों में नोट के बदले वोट मामले की जांच के जद में भी हैं जिसकी जांच झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई कर रही है।
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15-05-2013, 12:12 AM | #29687 |
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चीन के नए प्रधानमंत्री ली की भारत यात्रा रविवार से
बीजिंग। हाल में लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच उत्पन्न गतिरोध के ‘समुचित हल’ को दोनों देशों के संबंधों को ‘परिपक्व रूप से संभालने’ का सूचक बताते हुए चीन ने अपने नये प्रधानमंत्री ली क्विंग की भारत यात्रा की आज औपचारिक रूप से घोषणा कर दी। ली प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर रवाना होने वाले हैं और वह 19 मई को तीन दिन के भारत दौरे जायेंगे। इसके बाद ली कई अन्य देशों की यात्रा भी करेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ली की तीन दिवसीय भारत यात्रा 19 मई से शुरू होगी। वह इस दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य भारतीय नेताओं से मुलाकात करेंगे। 57 वर्षीय ली पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले भारत की वित्तीय राजधानी मुम्बई भी जाएंगे। चीनी अधिकारियों के मुताबिक ली ने मार्च में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को अपने पहले पड़ाव के रूप में चुना। ली भारत और पाकिस्तान के अलावा जर्मनी और स्विट्जरलैंड की यात्रा पर भी जाएंगे। होंग ने कहा कि ली भारतीय नेताओं से अपनी बातचीत के दौरान उनके साथ चीन-भारत संबंधों पर, विशेष रूप से इस बारे में चर्चा करेंगे कि दोनों देशो के बीच सामरिक साझेदारी को कैसे आगे बढाया जाए। उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि ली की इस भारत यात्रा से समान विकास और समृद्धि के लिए रणनीतिक सहयोग को आगे बढाने में मदद मिलेगी।’ चीन ने अपने नये नेताओं की विदेश यात्राओं के लिए रूस और भारत को पहले गंतव्य के रूप में चुना है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मार्च में ब्रिक्स सम्मेलन के लिए जाने के दौरान रूस की यात्रा करने का फैसला किया। वहीं ली ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए सबसे पहले भारत जाने का कार्यक्रम बनाया ताकि भारत को यह संदेश दिया जा सके कि चीन का नया नेतृत्व उसके साथ मैत्री संबंध को आगे ले जाने को प्रतिबद्ध है। हालांकि मित्रता का उनका यह संकेत चीनी सैनिकों द्वारा लद्दाख में अचानक की गई घुसपैठ ने फीका कर दिया। चीनी सैनिकों ने लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में घुसपैठ करके भारतीय क्षेत्र मे अपने तंबू गाड़ दिये और वहीं डेरा जमाकर बैठ गए थे। दोनों देशों के बीच यह गतिरोध 20 दिन तक जारी रहा। यह विवाद तब सुलझा जब भारत ने कथित रूप से चीन को यह चेतावनी दी कि इसका द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। दोनों पक्षों के क्षेत्र से एकसाथ हटने पर सहमत होने के बाद गतिरोध समाप्त हुआ था। हालांकि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की गत सप्ताह चीन यात्रा के दौरान दोनों देश अपने संबंधों को सुधारने में सफल रहे। खुर्शीद ने इस दौरान ली, चीनी विदेश मंत्री वांगयि और स्टेट काउंसिलर एवं भारत चीन सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि यांग च्याची के साथ व्यापक बातचीत की। पहली बार खुर्शीद की बातचीत पर चीन का दृष्टिकोण मुहैया कराते हुए होंग ने स्वीकार किया कि ‘दोनों पक्षों के बीच प्रासंगिक घटना पर चर्चा हुई।’ उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों का मानना है कि घटना का एक बार फिर समुचित हल यह दर्शाता है कि दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक हित का ख्याल है और वे घटना को उचित ढंग से सुलझाना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘दोनों देश मानते हैं कि सीमा मुद्दे का हल लंबित रहने तक उन्हें सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाये रखनी चाहिए।’ वांगयि ने खुर्शीद के साथ अपनी चर्चा के दौरान इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत प्राकृतिक सामरिक साझेदार हैं। उन्होंने खुर्शीद से कहा कि पुराने इतिहास वाले एशियाई देश होने के साथ ही दोनों विकासशील देश हैं। उन्होंने कहा, ‘दोनों देश शांति के बारे में तटस्थ विदेश नीति की वकालत करते हैं।’ होंग ने कहा कि चीनी मंत्री ने खुर्शीद से कहा, ‘भारत और चीन के बीच सामरिक साझेधारी की काफी संभावनाएं हैं और उसे वैश्विक महत्व भी मिल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों का मानना है कि उन्हें अपने संबंधों के ठोस विकास की गति हासिल करनी चाहिए और नेतृत्व के बीच आम सहमति को क्रियान्वित करके सामरिक साझेदारी को आगे बढाना चाहिए।’ होंग ने कहा कि वार्ता के दौरान दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें द्विपक्षीय संबंधों में सद्भावपूर्ण प्रगति की गति बनाये रखनी चाहिए। इसके अलावा सभी क्षेत्रों में सहयोग बढाना चाहिए तथा परस्पर राजनीतिक विश्वास, आर्थिक सहयोग और व्यापार भी बढाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बातचीत दोनों देशों के लोगों के बीच आदान प्रदान के साथ सहयोग, समन्वय, अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मामलों जैसे संयुक्त राष्ट्र एवं विकासशील देशों के हितों की संयुक्त रूप से रक्षा करने और उनके हितों को उच्च स्तर पर लाने पर केंद्रित रही। इसके अलावा सरकारी ‘चाइना डेली’ में प्रकाशित एक विस्तृत संपादकीय में कहा गया है कि गतिरोध का हल दोनों देशों के बीच ‘नये तरह के संबधों’ की ओर संकेत करता है तथा उम्मीद थी कि खुर्शीद की यात्रा से ‘दोनों पक्षों के बीच और उच्चस्तरीय आदान प्रदान पर से बाधा हटेगी।’ उसने कहा, ‘यह देखकर अच्छा लगा कि चीन और भारत ने खुर्शीद की यात्रा का इस्तेमाल बाहरी विश्व को यह सकारात्मक संकेत देने के लिए किया कि दोनों पड़ोसी देश एक नये तरह के संबंध बनाने को प्रतिबद्ध हैं और वे अपने मतभेदों को समुचित रूप से निपटने का इरादा रखते हैं।’
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चीन ने भारत से कहा : सीमा वार्ता को आगे बढाने की त्वरित आवश्यकता
नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के समाधान के लिए एक समझौते का मसौदा तैयार करने की खातिर वार्ता को आगे बढाने के पुरजोर प्रयास करने की जरूरत है । लद्दाख क्षेत्र में हाल में घुसपैठ के परिप्रेक्ष्य में यह बात एक शीर्ष चीनी अधिकारी ने कही । घुसपैठ को ‘पृथक्’ घटना बताते हुए चीनी अधिकारी ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे पर संवाद प्रणाली के ‘अच्छी तरह जांचा-परखा एवं प्रभावशील’ होने को दर्शाता है । चीन के विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता एवं सूचना विभाग के महानिदेशक क्वीन गांग ने कहा, ‘मसौदा समझौते को आगे बढाने के लिए हमें अपना प्रयास दोहरा करने की जरूरत है ताकि हम किसी निष्पक्ष, उपयुक्त एवं परस्पर सहमति वाले समाधान पर पहुंच सकें ।’ बहरहाल विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में क्वीन ने चेताया कि ‘सीमा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर गौर करते वक्त हमें अपने बढते संबंधों की पूरी तस्वीर को जेहन में रखना होगा और चीन-भारत के बीच अच्छे एवं सहयोगी संबंधों को भी ध्यान में रखना होगा ।’ पिछले महीने की 15 तारीख को चीन के सैनिक लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में करीब 19 किलोमीटर अंदर घुस आए थे जिसके बाद भारतीय फौजियों ने भी उनके सामने अपने तंबू गाड़ दिए थे । करीब तीन हफ्ते के बाद इस ‘गतिरोध’ का समाधान हो सका था । चीन के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग का पहली विदेश यात्रा पर भारत जाना इस देश के साथ चीन के लगाव को दर्शाता है । सूत्रों ने कहा कि दौरे में ली भारतीय नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे ताकि उनको ठीक तरीके से जान सकें और द्विपक्षीय संबंधों को बढा सकें । उन्होंने कहा कि दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यावसायिक संबंधों को बढाना एवं दोनों देशों के बीच परस्पर व्यवसाय और निवेश सहयोग का प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है । उन्होंने कहा कि आर्थिक संबंधों को बढावा देने के लिए दोनों पक्षों के बीच सीईओ फोरम का गठन किए जाने की उम्मीद है । अधिकारियों ने कहा कि ली के दौरे से चीन को चार बड़ी उम्मीदें हैं- परस्पर तालमेल को बढाना, दोस्ती को बढावा देना, परस्पर विश्वास को गहरा करना और सहयोग को बढावा देना । यह पूछने पर कि क्या ली के दौरे में सीमा मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी तो चीनी अधिकारियों ने कहा कि काफी पहले से चले आ रहे सीमा मुद्दे के समाधान में वक्त लगेगा और किस तरीके से एवं कितना जल्द इसका समाधान होगा, यह दोनों देशों की राजनीतिक इच्छा पर निर्भर करता है । उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दे के समाधान के लिए ‘व्यावहारिकता एवं विवेक’ की जरूरत होगी । इस पर अभी तक भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 15 दौर की वार्ता हो चुकी है । उन्होंने कहा कि भारत और चीन ‘अनसुलझे’ मुद्दों वाले पड़ोसी हैं । साथ ही कहा कि चीन भारत के साथ अच्छे पड़ोसी वाला रिश्ता चाहता है । अधिकारियों ने कहा कि भारत और चीन दो बढती आर्थिक शक्तियां हैं और क्षेत्र एवं विश्व के हित में दोनों के बीच अच्छे सहयोग एवं संवाद की जरूरत है । अधिकारियों ने कहा कि मीडिया की खबरों को चीन सरकार की नीतियों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और मीडिया से कहा कि द्विपक्षीय संबंधों की रिपोर्टिंग करते वक्त वह संवेदनशीलता से काम करे ।
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भगवान परशुराम की जीवनी पाठ्य पुस्तकों में लाएं-लालजी टंडन
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने भगवान परशुराम के नाम पर ब्राह्मणों को वोट बैंक के रूप में साधने के लिये सपा बसपा में मची होड़ पर उनके जीवन चरित्र को पाठ्य पुतस्कों में शामिल करने की चुनौती दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं लखनउ के सांसद लालजी टंडन ने कहा, ‘भगवान परशुराम ने शस्त्र एवं शास्त्र की शिक्षा दी और आतंक-अत्याचार के विस्द्ध शस्त्र उठाया। उनके जीवन चरित को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए। मगर तब यह सांप्रदायिक हो जाएगा।’ टंडन ने चुनौती देने के अंदाज में कहा, ‘कौटिल्य (चाणक्य), मनु और परशुराम को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाना चाहिए और राजनीतिक लाभ उठाने की बजाय उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया जाना चाहिए।’ टंडन ने इसी क्रम में व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘... मगर तब सांप्रदायिकता आड़े आ जाएगी।’ यह कहते हुए कि केन्द्र में सत्तारूढ कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के भ्रष्टाचार के विरूद्ध भाजपा का संघर्ष रूकने वाला नहीं है, टंडन ने कहा कि दो मंत्रियों (अश्वनी कुमार और पवन बंसल) का इस्तीफा काफी नहीं। नैतिकता के आधार पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का इस्तीफा जरूरी है और भाजपा अपनी मांग पर कायम है। टंडन ने प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी और इससे पहले सत्ता में रही बसपा पर एक साथ निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल तक पत्थरों का शहर बनाया जाता रहा। कोई निवेश नहीं आया और अब भी हालात वैसे ही हैं। चारों तरफ अराजकता फैली है। विकास ठप्प हैं और बिजली पानी के लिये त्राहि-त्राहि मची है। उन्होंने यह भी कहा कि सपा-बसपा की सरकारें केन्द्र सरकार से अपने हिस्से का भी पूरा धन नहीं ले पायी, क्योंकि इनके नेता (मुलायम सिंह यादव और मायावती) अपने आपको सीबीआई से बचाने में लगी रहे। टंडन ने सपा सरकार द्वारा छात्र छात्राओं को बांटे जा रहे लैपटाप को ‘लॉलीपाप’ बताते हुए कहा कि इससे कुछ होने वाला ही नहीं, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, बिजली है नहीं, किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल नहीं रहा है और सपा सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है।
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लोहिया के सिद्धांतों के खिलाफ है जातीय सम्मेलन: कांग्रेस
लखनऊ। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी द्वारा कल ‘ब्राह्मण सम्मेलन’ के आयोजन को सपा के प्रणेता माने जाने वाले समाजवादी चिंतक राममनोहर लोहिया के सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए आज कहा कि इससे लोहिया की आत्मा रो रही होगी। कांग्रेस के प्रान्तीय प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने यहां एक बयान में कहा, ‘लोहिया ने सारी जिंदगी जातिविहीन समाज बनाने पर जोर दिया था। लेकिन उनके आदर्शों, सिद्धांतों तथा विचारों पर चलने का दावा करने वाली सपा द्वारा ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किये जाने से लोहिया की आत्मा रो रही होगी।’ उन्होंने कहा कि लोहिया ‘जाति तोड़ो आंदोलन’ आयोजित करने पर जोर देते थे लेकिन सपा की कथनी और करनी का फर्क इसी तथ्य से उभरकर सामने आ जाता है कि यह पार्टी सत्ता के मद में अंधी होकर लोहिया के सिद्धांतों को खुलेआम दरकिनार करके जातिवादी सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। मदान ने आरोप लगाया कि यह उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है कि सपा और बहुजन समाज पार्टी :बसपा: आपसी राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा के चलते समाज को बांट रही हैं। प्रदेश का सत्तारूढ दल जो नीतियां अपना रहा है उनसे समाज में विभाजनकारी शक्तियां हावी हो जाएंगी और सूबे का विकास रसातल में चला जाएगा। गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पालने में लाने के मकसद से बसपा द्वारा ब्राह्मण सम्मेलनों की श्रृंखला शुरू किये जाने के बाद सपा ने भी इस समुदाय को लुभाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसके तहत उसने कल परशुराम जयन्ती पर लखनउ में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किया था।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
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