04-08-2011, 05:08 PM | #22 |
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Re: देशभक्ति गीत
दिल से निकलेगी ना मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुश्बू-ए-वतन आयेगी देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२ देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२ सुनाई थी जो बचपन में वो ही लोरी सुना दे माँ तू अपनी गोद में अब चैन से मुझ को सुला दे माँ तेरे चरणों में सब कुछ हम लुटाने से नहीं डरते देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२ देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२ मिटाने से नहीं मिटते डराने से नहीं डरते वतन के नाम पे हम सर कटाने से नहीं डरते हज़ारों ख़्वाब रोशन हैं सुलगती सी निगाहों में क़फ़न हम बाँध के निकले हैं आज़ादी की राहों में निशाने पे जो रहते हैं निशाने से नहीं डरते हमारी एक मन्ज़िल है हमारा एक नारा है धरम से जात से ज्यादा हमें ये मुल्क़ प्यारा है हम इस पे ज़िन्दगी अपनी लुटाने से नहीं डरते क़सम तुम को वतन वालों कभी मायूस मत होना मनाना जश्न-ए-आज़ादी न मेरे वास्ते रोना निगाहें मौत से भी हम मिलाने से नहीं डरते[/quote] |
31-03-2012, 06:00 PM | #23 |
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Re: देशभक्ति गीत
हम करें राष्ट्र आराधन तन से मन से धन से तन मन धन जीवनसे हम करें राष्ट्र आराधन।। अन्तर से मुख से कृती से
निश्र्चल हो निर्मल मति से श्रद्धा से मस्तक नत से हम करें राष्ट्र अभिवादन। १ अपने हंसते शैशव से अपने खिलते यौवन से प्रौढता पूर्ण जीवन से हम करें राष्ट्र का अर्चन।२ अपने अतीत को पढकर अपना इतिहास उलटकर अपना भवितव्य समझकर हम करें राष्ट्र का चिंतन…।।३ है याद हमें युग युग की जलती अनेक घटनायें जो मां के सेवा पथ पर आई बनकर विपदायें हमने अभिषेक किया था जननी का अरिशोणित से हमने शृंगार किया था माता का अरिमुंडो से हमने ही ऊसे दिया था सांस्कृतिक उच्च सिंहासन मां जिस पर बैठी सुख से करती थी जग का शासन अब काल चक्र की गति से वह टूट गया सिंहासन अपना तन मन धन देकर हम करें पुन: संस्थापन………………।४
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31-03-2012, 09:05 PM | #24 |
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Re: देशभक्ति गीत
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14-06-2012, 11:43 AM | #25 |
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Re: देशभक्ति गीत
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Singer: Lata Mangeshkar Music Director: C. Ramchandra Lyrics: Pradeep ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो -२ जो लौट के घर न आये -२ ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो क़ुरबानी जब घायल हुआ हिमालय खतरे में पड़ी आज़ादी जब तक थी साँस लड़े वो फिर अपनी लाश बिछा दी संगीन पे धर कर माथा सो गये अमर बलिदानी जो शहीद... जब देश में थी दीवाली वो खेल रहे थे होली जब हम बैठे थे घरों में वो झेल रहे थे गोली थे धन्य जवान वो आपने थी धन्य वो उनकी जवानी जो शहीद... कोई सिख कोई जाट मराठा कोई गुरखा कोई मदरासी सरहद पर मरनेवाला हर वीर था भारतवासी जो खून गिरा पर्वअत पर वो खून था हिंदुस्तानी जो शहीद... थी खून से लथ-पथ काया फिर भी बन्दूक उठाके दस-दस को एक ने मारा फिर गिर गये होश गँवा के जब अन्त-समय आया तो कह गये के अब मरते हैं खुश रहना देश के प्यारों अब हम तो सफ़र करते हैं क्या लोग थे वो दीवाने क्या लोग थे वो अभिमानी जो शहीद... तुम भूल न जाओ उनको इस लिये कही ये कहानी जो शहीद... जय हिन्द... जय हिन्द की सेना -२ जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द |
22-10-2012, 05:06 PM | #26 |
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Re: देशभक्ति गीत
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