![]() |
#21 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में हर 40 सैकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है. स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि संसार में जितने व्यक्ति खुदकुशी करने से मरते हैं उतने तो युद्धों, लड़ाई-झगड़ों, प्राकृतिक आपदाओं और सड़क दुर्घटनाओं को मिला कर भी नहीं मरते. संसार में हर वर्ष लगभग 15 लाख हिंसात्मक मौतें होती हैं जिनमें से 8 लाख तो अकेले खुदकुशी के कारण ही होती हैं. आत्महत्या के कारण मरने वालों की बात करें तो केन्द्रीय और पूर्वी यूरोप तथा एशिया में इनकी दर सबसे अधिक है. कुल आत्महत्याओं के लगभग 25% केस विकसित और धनवान देशों में देखने में आते हैं.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#22 |
Special Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
नए सूत्र में बहुत अच्छी जानकारी मिल रही है ,सूत्र के लिए मेरा धन्यवाद स्वीकार करे !
![]() ![]() ![]()
__________________
Disclaimer......! "The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..." |
![]() |
![]() |
![]() |
#23 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया
Centralia Before and after fire
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#24 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया
Jhariya a dormant town sitting on an underground fire
for decades
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#25 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया
जिन दो नगरों की हम बात कर रहे हैं, उनमे से एक अमरीका में और दूसरा भारत में स्थित है। सेन्ट्रालिया को इस आलेख में इसलिए जगह दी गयी है ताकि आप समझ सकें की इस प्रकार की गंभीर प्राकृतिक परिस्थितियाँ कहीं भी पैदा हो सकती हैं। यह भी मानव के विकास की कहानी के परिणाम हैं। सेन्ट्रालिया कोलंबिया काउंटी, अमरीका के पेंसिलवानिया राज्य में बसा हुआ एक नगर है. यहाँ पर लगभग पिछले 50 वर्ष से भूमिगत आग लगी हुई है। 2010 में यहाँ की जनसंख्या 16336 थी. अब एक प्रेत नगर दिखाई देता है। सेंट्रालिया नामक इस शहर की त्रासदी एक तकनीकी खामी के चलते आयी है, जैसा चेर्नोबिल या भोपाल में हुआ। पर सुनामी, चेर्नोबिल या भोपाल में आपदा सब पर एक साथ आयी, जिसने सारे निवासियो को एकजुट होने का मौका दिया उससे लड़ने का, पुनर्स्थापना का जज्बा दिखाने का। ऐसी आपदाओं पर मीडिया की चौबीसो घँटे नज़र रहने की वजह से राहत और सहानुभूति की वर्षा भी होती है। सेंट्रालिया मे आपदा धधकती आग के रूप में जमीन के नीचे है और धीरे धीरे फैल रही है।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#26 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया
सेंट्रालिया की आग से बहुत पहले भारत का एक नगर भी इसी प्रकार की स्थितियों से दो चार हा था और आज तक है. सन 1916 से यानी लगभग 98 वर्ष से कार्बन मोनोआक्साईड की दम धोंटू गंध गोफ और भू-धसान की पीड़ा तथा घरों की फटी दीवारों के बीच भय के साये में ज़िंदगी गुज़ारते रहे हैं झरिया के लोग. वृद्ध चल बसे, बच्चे अब बू़ढे हो गए हैं और नई पीढ़ी आग की लपेटों में झुलसने को विवश है. लोग कहते हैं कि अब पलायन की बेला है. पांच लाख लोग विस्थापन के कगार पर हैं. कई पुश्तों से झरिया की माटी से लगाव अब याद भर रह जाएगा. झरिया के विस्थापन की तलवार जिन लोगों पर लटकी है वे कई तरह के सवाल पूछते हैं. वैसे दबी ज़ुबान में लोग इस तथ्य को स्वीकारते हैं कि देश दुनिया के कई हिस्से में इस तरह की आग लगती है और इस पर क़ाबू भी पा लिया जाता है. यदि शुरू में ही ईमानदारी से प्रयास किया जाता तो शायद इतनी खतरनाक हालत नहीं होती. कुछ ऐसा ही झरिया बिहार में हो रहा है। झरिया पूर्वी भारत के झारखंड राज्य में स्थित जिला धनबाद के आठ विकास ब्लॉक में से एक है। यहाँ सवाल अस्सी हजार परिवारों का है, 7500 करोड़ रूपये भी स्वीकृत हो गये हैं। पर मीडिया की निगाह से अछूते इस भारतीय सेंट्रालिया के निवासी भी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की रस्साकशी देखने को मजबूर हैं।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#27 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
आग पर बैठे दो नगर: सेन्ट्रालिया और झरिया
मामला चाहे भारत जैसे विकासशील देश का हो या अमरीका जैसे विकसित देश का, सरकार अगर अकर्मण्य हो तो योजनायें फाईलों में ही दफ्न रह जाती हैं। ऐसी आग को पूर्णतः बुझाना नामुमकिन है क्योंकि जैसे जैसे ज़मीन पर दरारें उभरती हैं आक्सीज़न ज़मीन तक पहुँचने में कामयाब होने लगती है। पानी जैसे माध्यम भी नाकाफी सिद्ध हुये हैं। ऐसे में इलाके में रह रहे परिवारों का न्यायपूर्ण पुर्नवास ही एकमात्र समझदारी का हल है, जो सेंट्रालिया में किया भी गया, पर झरिया जैसे क्षेत्रों में अपाहिज सरकार के होते यह कदम लागू करना भी भूमीगत आग को बुझाने जितना ही कठिन है। अनेकों समितियां, योजनायें, सिफारिशें, पुनर्वास हेतु सहायता राशि का आबंटन आदि सभी कदम अब तक बहुत अधिक कामयाब नहीं हो पाये हैं. भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है, कौन बता सकता है? Images of Jharia fire
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#28 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
काठमांडू में बर्फ़ पिघली
बधाई हो .... बर्फ़ पिघल गयी. यह हमारे sub-continent के लिए बहुत संतोष की बात है. भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने आखिरकार हाथ मिला ही लिए.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#29 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
काठमांडू में बर्फ़ पिघली
18th SAARC Summit जब से काठमांडू में सार्क सम्मलेन शुरू हुआ है, तब से न्यूज़ चैनलों पर रह रह कर एक ही तस्वीर दिखाई जा रही थी. प्रधानमंत्री मोदी बैठे हुए अपने नाक की सीध में देख रहे हैं और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री उनकी पीठ के पीछे से अपनी नाक की सीध में चले जा रहे थे. न नेत्र-मिलन, न दुआ-सलाम, न खैरियत, न गर्मजोशी. हाथ मिलाना दो बड़े दूर की बात है. इस तस्वीर को सार्क के सभी देशों में देखा गया और सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों ने अपनी आँखों से देखा. सभी ग़मगीन थे और सभी गहन चिंता में डूबे हुए थे. कई प्रस्ताव अधर में लटके थे. सम्मलेन की सफलता खटाई में पड़ी थी. इस बात को ले कर बड़े बड़े कयास लगाए गए. टीवी चेनलों में बार बार वही तस्वीर दिखाई जाती रही, बहस मुबाहसे हुए, पार्टियों के प्रवक्ता बचाव और प्रहार करके अपने कर्तव्य का पालन कर रहे थे.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
#30 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
काठमांडू में बर्फ़ पिघली
18th SAARC Summit और लीजिये साहब, हम शाम की चाय का लुत्फ़ लेने के लिए बैठे थे कि सोचा कि क्यों न दिन भर की सरगर्मियों पर नज़र डाल ली जाये. सो, टीवी ऑन कर दिया गया. वाह, क्या बात है! यह मैं क्या देख रहा हूँ! दोनों प्रधानमंत्री एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं. मोदी जी और नवाज़ शरीफ शेक हैंड कर रहे हैं. और वह भी कोई छोटा-मोटा हैंडशेक नहीं था. आधे मिनट से ज्यादा चलने वाला हैंडशेक था. एक चैनल ने सूचित किया कि हैंडशेक 31 सैकेंड तक चला. यह महत्वपूर्ण बात उन्होंने अगले कुछ मिनटों में कम से कम तीस बार दोहराई. पृष्ठभूमि में दोनों प्रधानमंत्रियों के हैंड शेक का दृश्य निरंतर चल रहा था. इसके बाद जैसा कि अक्सर होता है हमने चैनल बदल दिया. लीजिये दूसरे चैनल पर भी इसी स्वर्गिक दृश्य की झलक दिखाई जा रही थी. इसमें भी दृश्य की पृष्ठभूमि में बार बार हमारी जानकारी में बढ़ोत्तरी की जा रही थी कि हैंड शेक पूरे तैंतीस सैकेंड तक जारी रहा. इन्होने एक नयी बात की. इस चैनल ने स्क्रीन पर एक घड़ी भी चलती हुयी दिखा दी. वे शायद इस बारे में कोई ग़लतफ़हमी पैदा नहीं करना चाहते थे. दर्शक स्वयं जांच कर लें कि हैंडशेक कितनी अवधि का था.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
![]() |
![]() |
![]() |
Bookmarks |
Tags |
स्पॉट लाइट, discussion, news, spotlight |
|
|