08-04-2011, 01:51 AM | #21 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 01:52 AM | #22 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
अपने पुत्र के अनिष्ट की आशंका की बात सुनकर कैकेयी का हृदय विचलित हो उठा। उसने मंथरा से पूछा, "ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिये?"
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 01:52 AM | #23 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
मंथरा ने उत्तर दिया, "आपको स्मरण होगा कि एक बार देवासुर संग्राम के समय महाराज दशरथ आपको साथ लेकर युद्ध में इन्द्र की सहायता करने के लिये गये थे। उस युद्ध में असुरों के अस्त्र-शस्त्रों से महाराज दशरथ का शरीर जर्जर हो गया था और वे मूर्छित हो गये थे। उस समय सारथी बन कर आपने उनकी रक्षा की थी। आपकी उस सेवा के बदले में उन्होंने आपको दो वरदान दो वरदान प्रदान किया था जिसे कि आपने आज तक नहीं माँगा है। अब आप एक वर से भरत का राज्याभिषेक और दूसरे वर से राम के लिये चौदह वर्ष तक का वनवास माँग कर अपना मनोरथ सिद्*ध कर लीजिये। शीघ्रातिशीघ्र आप मलिन वस्त्र धारण कर कोपभवन में चले जाइये। महाराज आपको बहुत अधिक चाहते हैं इसलिए वे अवश्य ही आपको मनाने का प्रयत्न करेंगे और आपके द्वारा माँगने पर उन दोनों वरों को देने के लिये तैयार हो जायेंगे। किन्तु स्मरण रखें कि वर माँगने के पूर्व उनसे वचन अवश्य ले लें जिससे कि वे उन वरदानों को देने के लिये बाध्य हो जायें।"
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 01:52 AM | #24 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
मंथरा के कथन के अनुसार कैकेयी कोपभवन में जाकर लेट गई।
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 04:42 PM | #25 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
उल्लासित महाराज दशरथ ने शीघ्रातिशीघ्र राजकार्यों को सम्पन्न किया और राम के राजतिलक का शुभ समाचार सुनाने के लिये अपनी सबसे प्रिय रानी कैकेयी के के प्रासाद में पहुँचे। कैकेयी को अपने महल में न पाकर राजा दशरथ ने उसके विषय में एक दासी से पूछा। दासी से ज्ञात हुआ कि रुष्ट होकर महारानी कैकेयी कोपभवन में गई हैं। महाराज चिन्तित हो गए। उन्होंने कोपभवन में जाकर देखा कि उनकी प्राणप्रिया मलिन वस्त्र धारण किये, केश बिखराये, भूमि पर अस्त-व्यस्त पड़ी है। उनकी इस अवस्था को देखकर आश्*चर्यचकित राजा दशरथ ने कहा, "प्राणेश्वरी! मुझसे ऐसा क्या अनिष्ट हुआ है कि क्रुद्ध होकर तुम कोपभवन में आई हो? यदि तुम किसी बात से दुःखी हो तो मुझे बताओ। मैं तुम्हारे कष्ट का निवारण अवश्य करूँगा।"
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 04:43 PM | #26 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
महाराज के इस प्रकार मनुहार करने पर कैकेयी बोलीं, "प्रणनाथ! मेरी एक अभिलाषा है। किन्तु यदि आप उसे पूरी करने की शपथपूर्वक प्रतिज्ञा करेंगे तभी मैं आपको अपनी अभिलाषा के विषय में बताउँगी।"
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 04:43 PM | #27 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
महाराज दशरथ ने मुस्कुराते हुये कहा, "केवल इतनी सी बात के लिये तुम कोपभवन में चली आईं हो? मुझे बताओ, तुम्हारी क्या इच्छा है। मैं तत्काल उसे पूरा करता हूँ।"
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 04:44 PM | #28 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
इस पर कैकेयी बोली, "महाराज! पहले आप सौगन्ध लीजिये कि आप मेरी अभिलाषा अवश्य पूरी करेंगे।"
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 04:45 PM | #29 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
इस पर महाराजा दशरथ ने कहा, "हे प्राणप्रिये! इस संसार में मुझे राम से अधिक प्रिय और कोई नहीं है। मैं राम की ही सौगन्ध लेकर वचन देता हूँ कि तुम्हारी जो भी मनोकामना होगी, उसे मैं तत्काल पूरी करूँगा।
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
08-04-2011, 04:46 PM | #30 |
VIP Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 9,746
Rep Power: 49 |
Re: (2) संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण (अयोध्याकाण्
महाराज सौगन्ध लेने से आश्*वस्त हो जाने पर कैकेयी बोली, "आपको स्मरण होगा कि देवासुर संग्राम के समय आपके मूर्छित हो जाने पर मैंने आपकी रक्षा की थी और प्रसन्न होकर आपने मुझे दो वर देने की प्रतिज्ञा की थी। उन दोनों वरों को मैं आज माँगना चाहती हूँ। पहला वर तो मुझे यह दें कि आप राम के स्थान पर मेरे पुत्र भरत का राजतिलक करें और दूसरा वर मैं यह माँगती हूँ कि राम को चौदह वर्ष के लिये वन जाने की आज्ञा दें। मेरी इच्छा है कि आज ही राम वल्कल पहनकर वनवासियों की भाँति वन के लिये प्रस्थान करे। अब आप अपनी प्रतिज्ञा पूरी करें क्योंकि आप सूर्यवंशी हैं और सूर्यवंश में अपनी प्रतिज्ञा का पालन प्राणों की बलि देकर भी किया जाता है।"
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! |
Bookmarks |
|
|