My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Mehfil
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 23-02-2012, 11:49 PM   #21
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

हरा साग

एक ताई कै तीन-चार बाळक थे । ताई रोज उन ताहीं हरा साग बणा कै दे देती - कदे सिरसम का, कदे चणे का, कदे बथुए का ।
बाळक बोले - मां, रोज-रोज हरा साग मत बणाया कर, कदे दूसरा भी बणा लिया कर ।
ताई बोल्ली - खाओ चाहे मत खाओ, मैं तै रोज हरा साग ए बणाऊंगी ।
बाळक फेर बोले - इसतैं आच्छ्या तै हामनै गळामा घाल-कै खेत में चरा ल्याया कर !


तरक्की

सतपाल (सत्तू) सोलह साल का हो गया, गांव के स्कूल से दसवीं पास कर ली, पर कभी किसी बड़े शहर में नहीं गया था । पेपर होने के बाद इस बार उसका बड़ा भाई उसे अपने साथ बंबई ले गया ।
बंबई जाकर सत्तू सोचने लगा कि यहां इतनी तरक्की का राज क्या है । उसने देखा कि वहां छोटे-छोटे कामों के लिए ज्यादा वक्त बरबाद नहीं करना पड़ता और उस बचे हुए समय में काम करने से तरक्की होती है । गांव में तो दीर्घशंका (जंगल-जोहड़/Latrine) के लिए एक कोस दूर जाना पड़ता था और बंबई में या तो घरों में ही गुसलखाने हैं या फिर लोग घरों के आस-पास या रेलवे लाइन के किनारे बैठकर अपना काम निपटा देते हैं - इससे टाइम की बचत होती है और यही तरक्की का राज है ।
गांव वापस आकर सत्तू गांव के बिल्कुल साथ किसी के घर के पीछे 'रोग काटने' बैठ जाता । जब कई दिन हो गये तो गांव के कुछ बुजुर्ग लोगों ने उसे टोक दिया । सत्तू गुस्से में आकर बोला :
"तुम सारे बूढे नाश की जड़ सो - ना तुम खुद तरक्की कर सकते और ना दूसरां नै करण देते" !!!!
दूबळधन और इस्सरहेड़ी

समय का हेर-फेर देखो । आज गेहूं की भरपूर उपज है । 1970 के आसपास देश में गेहूं की कमी थी और गेहूं का 'ब्लैक' होता था । उस समय गेहूं की सरकारी खरीद का मूल्य हरयाणा में कुल 74 रुपये क्विंटल होता था जबकि दिल्ली में गेहूं 100 रुपये क्विंटल के आस-पास बिक जाता था । हरयाणा बार्डर से लोग गेहूं दिल्ली लाते थे और पुलिस उन्हें पकड़ लेती थी । लोग कच्चे रास्ते से भी 1-2 बोरी गेहूं ऊंट पर लाद कर पार कर देते थे ।

झज्जर जिले के बेरी कस्बे से आगे दूबळधन एक काफी बड़ा गांव है । उस गांव का एक जवान चौधरी एक ऊंट पर गेहूं की दो बोरी रखकर रात को कच्चे रास्ते से दिल्ली बार्डर की तरफ चला - नजफगढ की मंडी में बेचने के लिए । सुबह 4 बजे के करीब दिल्ली बार्डर के गांव इस्सरहेड़ी के पास कच्चे रास्ते से पहुंच गया । वहां पुलिस पहले ही छिपी बैठी थी । जब पुलिस वाले पास आये तो चौधरी ने ऊंट को छोड़कर गांव की तरफ दुड़की* लगाई - सोचा कि ये इस्सरहेड़ी भी दूबळधन की तरह बड़ा गांव होगा, इसकी गलियों में गुम हो जाऊंगा और पुलिस के हाथ नहीं आऊंगा ।

इस्सरहेड़ी दरअसल एक छोटा सा गांव है । चौधरी एक गली में घुसा और थोड़ी ही देर में गांव का दूसरा सिरा आ गया । फिर दूसरी गली की तरफ भागा और एक मिनट बाद फिर गांव का दूसरा छोर आ गया । वहां आकर वो रुक गया । जब पुलिस वाले पास आये तो बोला : "ओ भाई, मन्नै बेशक पकड़ ल्यो, पर पहल्यां न्यूं बताओ अक यो गाम बसाया किस अनाड़ी नै - इसतैं तै मेरी एक डाक बी ना उटती" !!


  • (दुड़की) - दौड़
  • (इसतैं तै मेरी एक डाक बी ना उटती) – इससे तो मेरी एक छलांग भी बर्दाश्त नहीं होती.


"न्यूं भी तै हो सकै सै"

भरपाई का आपणे खसम रळडू गैल कसूता रौळा हो-ग्या, अर रळडू घर छोड कै चल्या गया ।
जब रळडू कई दिन तक ना आया, तै भरपाई का छोरा सुन्डू आपणी मां तैं बोल्या - ए मां, मन्नैं तै इसा लागै सै कदे बाबू नै दूसरा ब्याह कर लिया हो अर कितै बाहर रहण लाग-ग्या हो"।
न्यूं सुण-कै भरपाई नै सुन्डू कै एक रहपटा मारा अर न्यूं बोल्ली - "कमीण, इतणा भूंडा बोल्या करैं, न्यूं भी तै हो सकै सै अक तेरा बाबू किसै ट्रक कै नीचै आ-ग्या हो !!"


"जी तोड़ रहया सै"

एक बै भाई, गाम में एक आदमी मर-ग्या । उसके घर वाले उसनै अंतिम संस्कार तैं पहल्यां न्हुआवण (नहलाने) लाग-गे - उस (मुर्दे) नै कुर्सी पै बैठा कै ।
घणी हाण (देर) हो-गी न्हुवाते-न्हुवाते - सारे कत्ती दुखी हो-गे । वो (मुर्दा) कदे इस साइड में पड़-ज्या, अर कदे दूसरी साइड में पड़-ज्या !
एक भाई कत्ती दुखी हो-ग्या अर छो में आ कै बोल्या - ऐ मेरे यार, मरैं तै सब सैं, पर तू तै कत्ती-ए जी तोड़ रहया सै !!
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 23-02-2012, 11:49 PM   #22
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

जुगाड़ी जाट

भाई, जाट जुगाड़ी आदमी हो सै । कितै न कितै तैं सारी बातां का जुगाड़ कर लिया करै ।
एक बै एक जाट और एक बामण का छोरा एक एक ऊंट ले के जंगल में घुमण जा रे थे । जाट के छोरे वाले उँट की नकेल टूट गी । ऊंट उसने तंग करण लाग गया । वो बामण के छोरे तै बोल्या - "भाई, यो शरीर के तागा (जनेऊ ) बांध रहा यो मन्नै दे दे । यो ऊंट मन्नै दुखी कर रहया सै ।
बामण का छोआ बोलया- "ना भाई, यो जनेऊ तै म्हारा धरम सै, मैं ना दूँ ।
वे दोनूं दुखी-सुखी हो कै घरां आ-गे ।
आते ही जाट का छोरा आपणे बाबू तैं बोल्या — "बाबू, आज जंगल में इस बामण के ने मेरी गैल्यां इसा काम करा । एक तागा माँगा था, वो भी ना दिया । आगै इन तैं व्यवहार कोन्या राखणा ।
उसका बाबू बोल्या — "अरे इसका बाबू भी इसा ऐ था । तेरी बेब्बे के ब्याह आळे दिन तेरी बेब्बे बीमार हो-गी, तै मन्नैं बामण ताहीं न्यू कही के भाई, एक बै तू फेरां कै उपर आपणी छोरी नै बिठा दे एक घंटे खातर । घाल तै मैं आपणी नै दूंगा । पर भाई यो बामण मान्या नहीं ।"
छोरा बोल्या — फेर के हुआ बाबू ?
बाबू बोल्या - अरै होणा के था ? फेर एक घंटे खातर तेरी माँ फेरां पै बठानी पड़ी !!
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 23-02-2012, 11:50 PM   #23
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

"इसी बात के घरां बतावण की होया करैं?"

एक बै एक ताऊ नै घेर में नळका (हैंड-पम्प) लगा राख्या था, अर एक पिलूरा पाळ राख्या था । उड़ै बहू/ छोरी पाणी भरण आया करती ।
एक बहू नई-नई आई थी - अर नई बहुवां नै गेड़े गैल नए सूट बदलण का शौक होवै ए सै ! ताऊ था असली नकल ठोकण आळा । जब भी वा बहू पाणी लेण आती, ताऊ पिलूरे कै ओड्डै (बहाने) बहू पै नकल मारता - "रै पिलूरे, आज तै जमा लाल (सूट) गाड रहया सै ... रै पिलूरे, आज तै सारा ए लीला हो रहया सै ... रै पिलूरे, आज तै तू काळा (सूट) पहर रहया सै ..."
कई दिनां में बहू की समझ में आया अक यो बूढ़ा तै तन्नैं कहै सै - अर उसनै आपणे खसम तैं कह दई एक वो बूढा तै न्यूं-न्यूं नकल मारै सै । वो छोरा सुण-कै बूढ़े धोरै आया, बोल्या - "ताऊ, तन्नैं बहूआं कानीं बात मारतीं हाण सरम ना आंदी ? तेरी उमर रह रही सै इन बातां की ?"
बूढ़ा बोल्या - "भाई, मैं तै इस पिलूरे नै कहया करता, अर जै बहू फरक मान-गी हो, तै टाळ कर दांगे ।"
आगलै दिन वा बहू फेर पाणी लेण आई, बूढ़ा बोल्या - रै पिलूरे, इसी-इसी बात के घरां बतावण की होया करैं ?"
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 23-02-2012, 11:50 PM   #24
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

चार "पत"

एक बै रामफळ धरमबीर तैं बोल्या - चार इसे शहरां के नाम बता जो "पत" पै खतम होते हों ।
धरमबीर लाग्या आंगळियां पै गिणन अर बोल्या - सोनीपत, पानीपत, बाघपत अर खरखौदा ।
रामफळ चक्कर में पड़-ग्या, बोल्या - भाई, बात समझ में कोन्यां आई, खोल कै बता - यो खरखौदा क्यूकर भला ?
धरमबीर बोल्या - "रै, उड़ै रामपत ब्याह राख्या सै" !!


ताऊ राम-राम

चालीस साल का बदले गाळ में जावै था, एक ऊत सा बाळक बोल्या - ताऊ, राम-राम
बदले नै "ताऊ" कहलवाना कुछ आच्छया-सा ना लाग्या, उसनै कोई जवाब ना दिया अर आगे-नै लिकड़ लिया ।
आगलै दिन वो छोरा फिर बोल्या - ताऊ राम-राम । बदले तैं ना रहया गया अर उस छोरे तैं बोल्या - छोरे, तू मन्नै "काका" नहीं कह दे ?
छोरा बोल्या - "काका" कह दूंगा तै के हो ज्यागा ?
बदले बोल्या - जै तू मन्नै "काका" कह देगा तै मैं तेरी मां की बगल में चूल्हे धोरै बैठ कै गर्मा-गर्म रोटी खा लूंगा ।
छोरा बोल्या "ले तै, फिर तन्नै मैं "मामा" कह दूं सूं - चूल्हे धोरै बैठ कै, तवे पर-तैं आप्पै तार-कै कत्ती तात्ती-तात्ती रोटी खा लिये"!!
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 23-02-2012, 11:50 PM   #25
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

"मेरी ए मां सै"

बदलू की भैंस उसकी मां कै हाथळ* थी । एक बै मां नै एक जरूरी काम खातिर आपणै घरां जाणा पड़-ग्या । वा बदलू तैं बोल्ली अक जब धार काढ़ण का टाइम हो तै आपणी बहू नै मेरा सूट पहरा कै ले जाइये ।
सांझ के टाइम बदलू की बहू उसकी मां का सूट पहर कै भैंस कै नीचै बैठ गई अर बदलू खोर में चून (आटा) मिलावण लाग-ग्या ।
जब बदलू की बहू नै भैंस के थणां कै हाथ लाया, तै भैंस पाच्छे नै मुड़ कै देखण लाग्गी । बदलू बोल्या - "के देखै सै बावळी - (धार) काढ़ लेण दे, या मेरी ए मां सै" !!

हाथळ* - गाय या भैंस को एक ही आदमी या औरत से धार कढवाने (दूध दुहने) की आदत हो जाती है । ऐसी गाय/भैंस किसी दूसरे को दूध निकालने नहीं देती और उसे लात मारती है । इस को हरयाणवी में कहते हैं - "हाथळ होना" ।


राम ! तेरे ये काम ?

धीरे की बहू बखत तैं पहल्यां राम नै प्यारी हो-गी । उसका नादान बेटा सूंडू बूझण लाग्या - "बाबू, मेरी मां कित गई ?
धीरे - बेटा, तेरी मां राम नै प्यारी हो-गी, उसनै राम ले-ग्या ।
सून्डू - बाबू, मेरी मां नै राम क्यूं ले-ग्या ?
धीरे - बेटा, तेरी मां राम के तै किसै काम की ना । उसनै मेरी गृहस्थी उजाड़नी थी, वा उजाड़ दी - बाकी उसनै कोए मतलब ना !
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 23-02-2012, 11:51 PM   #26
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

इस्सै बात पै तै लड़ाई हो रही सै

एक बै भुंडू हर कै घरां लड़ाई हो-गी । भुंडू बाहर जा-कै खड़ा हो-ग्या ।
घर में रौळा सा सुण कै एक बूढा रुक-ग्या अर भूंडू तैं बूझण लाग्या - बेटा, इस घर में के रौळा सा हो रहया सै ?
भूंडू बोल्या - खसम-बीर लड़ण लाग-रे सैं ।
बूढ़ा फेर बूझण लाग्या - तू किसका छोरा सै ?
भूंडू - इस्सै बात पै तै लड़ाई हो रही सै !!


कुत्ती की सेवा

भूंडू बेचारे की मां गर-गी । उसका बाबू कई साल पहल्यां-ए मर-ग्या था । ईब भूंडू के घर में कुल दो प्राणी रह-गे - वो खुद, अर उसकी बहू ।
भूंडू सारा दिन माड़ा-सा मन बणा कै बैठा रहता । उनके घरां एक कुत्ती आया करती । एक दिन भूंडू आपणी बहू तैं बोल्या - "देख भागवान, न्यूं कहया करैं अक मरे पाच्छे आदमी की जूणी (योनि) बदल ज्या सै । के बेरा, मेरी मां या कुत्ती बण-गी हो । देख, इसकी खूब सेवा करया कर ।"
फिर भूंडू की बहू उस कुत्ती की आच्छी सेवा करण लाग-गी । उसनै रोटी खुवाती, कदे लस्सी पिलाती । एक दिन के होया, उस कुत्ती गैल्यां लाग-कै एक कुत्ता भी घरां आ-ग्या ।
भूंडू की बहू घूंघट काढ़ कै घर का काम करण लाग रही थी । भूंडू नै देख्या अक कोए बड्डा आदमी भी कोन्या दीखता हाड़ै, तै फिर या घूंघट किस तैं काढ़ रही सै ? भूंडू उस तैं बोल्या - "भागवान, यो घूंघट किस-तैं काढ़ रही सै ?"

उसकी बहू बोल्ली - "देख बाहर, तेरी मां गैल्यां तेरा बाबू भी आ रहया सै" !!
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 23-02-2012, 11:51 PM   #27
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

गाम में बेजती

एक बै सुंडू नै कोई गलत काम कर दिया । पंचायत उसका मुह काला कर कै गधे पै बिठा कै गाम मैं घुमावण लाग-गी ।
राह मैं सुंडू का घर आया । उसकी बहू उसनै भीत के ऊपर तैं देखण लाग रही थी ।

सुंडू बोल्या - "भागवान न्यूं के देखै सै ? जा-कै चाय चढ़ा ले चूल्हे पै - दो-तीन गळी रह रही सैं, मैं चक्कर मार-कै ईब आया !!"


सास-बहू की तकरार

दोपहर का टाइम । सास अपने साल-भर के पोते को गोद में खिला रही थी । छोरा रोवण लाग्या, बंद ना हुया । बहू (छोरे की मां) ऊपर बैठी चौबारे में - अपने मीयां के साथ ।
सास ने आवाज लगाई, बहू नीचे उतर कर आई । सास बोल्ली - "कितनी हाण होगी, तन्नै सुणता कोनी छोरा रो-रो कै बावळा हो रहया ? तेरै धोरै एक-ए तै छोरा सै, यो भी ना पाळा जाता ?"

बहू बोल्ली - "मेरे तैं तै एक-ए पळैगा - चाहे आपणे नै पळवा ले, चाहे मेरे नै !!"
एक बहु आपणे पीहर चली गयी अर अपणे पांच साल के छोरे नै वो सास्सू धोरै छोड़ गी!
बहु नै गई नै 15 दिन हुए थे के उसकी सास्सू की चिट्ठी आ-गी | सास्सू नै लिख राख्या था, "बहु तावळी आ-ज्या, छोरे का जी कोन्या लाग रह्या" ।
बहु नै उल्टी चिट्ठी लिक्खी, "माँ, तन्नै नू कोन्या लिख्या अक मेरे छोरे का जी कोन्या लाग रह्या अक तेरे का ?"


बूढ़े अर गाभरू की तकरार

आजकल जमाना खोटा आ रहया सै, बाळक भी बूढ़े ठेरां की बात ना मानते ।
एक बै के होया....अक एक बूढ़े नै एक गाभरू छोरे तैं कहया - जा रै छोरे, चिलम में आग धर ल्या ।
न्यूँ सुण कै छोरे के गात में आग लाग गी अक बूढ़े नै तेरे तैं या बात क्यूं कही । वो बूढ़े के डोग्गे तैं भी डरै था.... तै डरता डरता बोल्या - "दादा, मैं तै होक्का पीया ए ना करता, मैं आग कोनी धरूँ" ।
ईब बूढ़ा भी पुराणा खिलाड़ी था, फट दे नै बोल्या - रै ऊत के साळे, डांगरां खातिर सान्नी काट्या करै, वा के तू खाया करै सै ?
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 23-02-2012, 11:52 PM   #28
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

जंगल-पाणी

भाई, एक बै रल्डू जंगल होण गया अर साथ में पाणी की बोतल ले ग्या । वा पाणी की बोतल थोड़ी दूर धर कै झाड़ियाँ पाच्छै रोग काटण चल्या गया । थोड़ी हाण पाच्छै जब उल्टा आया तै देख्या अक बोतल में पाणी कोनी ! के करता ईब, बिना हाथ धोये चल्या गया ।
आगलै दिन फिर यो-ए हुया, फिर बिना हाथ धोये घरां चल्या गया । ईब पांच-छः दिन ताहीं न्यूं-ऐं चाल्लीं गया । घर में ईब सड़ांध फैलण लागी । सब रल्डू नै कहण लागे - भाई, के बात सै, तेरे में सड़ांध आवै सै !
रल्डू नै बी ठाण ली अक ईब-कै वो बेरा कर-कै छोडैगा कि उसका पाणी कित जावै सै ।
आगलै दिन उसनै बोतल उड़ै धर दी अर झाड़ी में लुक कै चुपचाप देखण लाग्या । उसनै देख्या एक बकरी सारा पाणी पी जावै सै !
वो झाड़ी तैं बाहर लिकड़ कै उस बकरी तैं बोल्या - मेरे साळे की, पी ले, पी ले - आज जितना पाणी सै, पी ले । काल तैं (कल से) मैं पहल्यां हाथ धोऊंगा, फिर जंगल होऊंगा !!
भूंडी खबर

रामफळ दूसरे गाम में जा रहया था । जब आया तै रल्डू राह में फेट-ग्या ।
रल्डू - रै रामफळ, तू कित जा रहया था ? तेरी खातिर दो खबर सैं - एक आच्छी अर दूसरी भूंडी । कुण-सी पहलम सुणाऊं ?
रामफळ - भाई, भूंडी खबर पहलम सुणा दे । कम-तै-कम आच्छी सुण कै मूड तै ठीक हो ज्यागा !
रल्डू - तन्नैं पाछले म्हीने जो पचास हजार की म्हैंस ली थी ना, वा मर-ग्यी ब्यांदी हाणां ।
रामफळ - चाळा पाट-ग्या भाई ! मैं तै बरबाद हो-ग्या । ईब कम-तैं कम आच्छी खबर तै सुणा दे ।
रल्डू - उसनै काटड़ा दिया था, वो बच-ग्या !!!
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 02-03-2012, 08:06 PM   #29
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

रामफळ ऑटो चलाया करता । एक बै तीन शराबी आ-कै ऑटो में बैठ-ग्ये अर बोल्ले - चलो !
रामफळ नै ऑटो स्टार्ट कर दिया अर थोड़ी हाण पाच्छै बंद कर दिया । एक शराबी उतर-ग्या अर बोल्या - थैंक यू !
दूसरा भी उतर-ग्या अर रामफळ तैं पईसे दे दिये ।
तीसरे नै एक मारा थप्पड़ रामफळ कै । ईब रामफळ नै सोच्या अक यो तै समझ-ग्या सै, मारे गए आज तै - ये तीन अर मैं एकला ! मन्नैं तै यो पंगा गलत ले लिया ।
अर फिर वो (तीसरा शराबी) बोल्या - आराम तैं चाल्या कर, आज तै मरवा ए देता तू !!!
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Old 02-03-2012, 08:07 PM   #30
sombirnaamdev
Diligent Member
 
sombirnaamdev's Avatar
 
Join Date: Jan 2012
Location: BOMBAY & HISSAR
Posts: 1,157
Rep Power: 36
sombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond reputesombirnaamdev has a reputation beyond repute
Send a message via Skype™ to sombirnaamdev
Default Re: Jokes in Haryanavi

तळे नै मर ले

एक बार दो नशेडी दिल्ली चले गए इंडिया गेट धोरे बैठ के उन ने सुल्फे के बीडी भर ली कसूते लाल होए पाछे चालन लगे ऊपर ने देख्या एक बोला दुसरे ने माडा सा तळे नै हो ले ना तो इंडिया गेट में सिर भिड़ ज्यागा ! दोनुवा ने नाड़ बानगी कर ली ऊपर ने देख्या इंडिया गेट और नीचे दिखया थोड़े और टेढे हो गए ! ऊपर देख्या फेर न्यू ए! न्यू करते करते कत्ति फौजिया की ढाळ कोहनिया पै आ लिए ! एक पुलिसिये ने देख्या "रे यू के सांग सै" ? दिया एक के सिर में लठ | जिसके लाग्या वो बोल्या "मर-ग्या रे !" दूसरा बोल्या - पहलम ए ना कहूं था "माडा सा तळे नै मर ले"
sombirnaamdev is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
haryana, haryanvi jokes, haryanvi language, jokes


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 08:10 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.