19-11-2010, 02:56 PM | #21 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
अकबर बाद्शाह को ठ्ट्ठेबाजी का बहुत शौक था और देबयोग से बीरबल (Birbal) भी बडा ठ्ट्ठेबाज़ था। एक बार बाद्शाह ने हँसी मे बीरबल के जुते उठ्वा लिए। चलते-चलते बीरबल जूते ढूंढ्ने लगे। जब जूते न मिला तो अकबर ने सेवक से कहा कि अच्छा हमारी ओर से इन को जूते दे दो। यह सुन सेवक ने जूते पहना दिया। बीरबल ने जूते पहन कर आर्शीवाद दिया कि परमेश्वर आप को इस लोक और परलोक ने ऐसे हज़ारो जुते दे। सुनते ही अकबर खिलखिला कर हँस पडे। |
19-11-2010, 02:58 PM | #22 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
गधे तम्बाकू नही खाते
बीरबल को तम्बाकू खाने की आदत थी लेकिन अकबर न खाते थे एक दिन अकबर ने तम्बाकू के खेत मे गधे को घास खाते देखकर कहा बीरबल ये देखा तम्बाकू कैसी बुरी चीज है, गधे तक इस को नही खाते । इस पर बीरबल ने कहा- हाँ हुजुर सच है । गधे तम्बाकू नही खाते । यह सुन बाद्शाह शर्मिन्दा हुऐ। |
19-11-2010, 03:00 PM | #23 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
अकल की दाद
एक दिन बाद्शाह अकबर ने कागज़ पर पैन्सिल् से एक लम्बी लकीर खीची और बीरबल को बुला कर कहा- बीरबल न तो यह लकीर घटाई जाए और न ही मिटाई जाए लेकिन छोटी हो जाए? बीरबल ने फौरन उस लकीर के नीचे एक दुसरी लकीर पैंसिल से बडी खीच दी । यह देखिए जहांपना ! बीरबल बोले- अब आप की लाकीर इस से छोटी हो गयी। बादशाह यह देखकर खुश हुए और मन ही मन उन की अकल की दाद देने लगे। |
19-11-2010, 03:01 PM | #24 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
हर वक्*त कौन चलता है
एक दिन बाद्शाह ने दरबारियों से पूछा कि हर समय कौन चलता है उत्तर मे किसी ने पृथ्वी, किसी ने चन्द्रमा को बताया तथा किसी ने हवा आदि को बताया । बादशाह ने यह प्रश्*न बीरबल से पूछा तो उन्होने उत्तर दिया की अली जहां ! महाजन का ब्याज हर समय चलता रह्ता है इसे कभी थकावट नही होती। दिन दुगनी और रात चौगुनी वेग से चलता है । बाद्शाह को यह उत्तर पसंद आया। |
19-11-2010, 03:02 PM | #25 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
छेड छाड
अकबर बादशाह और बीरबल मे अकसर मज़ाक होता रहता था । उस दिन वे दोनो एक दुसरे से छेड-छाड कर रहे थे । बाद्शाह ने कहा- बीरबल तुम्हारी स्त्री अत्यन्त सुन्दर है । बीरबल ने कहा - हां सरकार! पहले मै भी ऐसा ही समझता था। पर जब से बेगम साहिबा को देखा है, मै अपनी स्त्री को ही भूल बैठा हूँ । बाद्शाह एकाएक झेंप गए और उस दिन के बाद से फिर उन्होने ऐसा मज़ाक नही किया । |
19-11-2010, 03:04 PM | #26 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
आपकी बारी कैसे आती?
बाद्शाह ने बीरबल से कहा, जो बादशाह होता वह सदैव ही शासन करता रहता तो कैसा अच्छा होता? बीरबल ने तत्काल स्वाभाविक नम्रता पूर्ण उत्तर दिया, जहांपनाह! आपका कहना बिलकुल उचित है किन्तु यदि ऐसा होता तो भला सोचिए कि आप बादशाह कैसे होते? बाद्शाह बीरबल के व्यंग को समझ चुप हो गए। |
19-11-2010, 03:06 PM | #27 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
हाँ मिहरबान
एक दिन बादशाह बीरबल से बोले, ’ जिन लोगो के नाम के अन्त मे या उनकी पदवी के आखिर मे वान शब्द होता है, वो बडे ही झगडालू होते हैं। जैसे एक्केवान, गाडीवान, पीलवान और दरबान इत्यादि। बीरबल ने स्वीकृति मे कहा, हाँ मिहरबान! बाद्शाह झेंप गए, क्योकि बीरबल ने उनकी भी उन सबों की कोटी मे ही गणना की |
19-11-2010, 07:47 PM | #28 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
मज़ा आ गया, ये कहानिया पढ़ कर, पुराणी यादें ताज़ा हो गयीं ! शुक्रिया दोस्त इस सूत्र के लिए
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19-11-2010, 10:24 PM | #29 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल Last edited by ndhebar; 19-11-2010 at 10:26 PM. |
30-11-2010, 10:15 PM | #30 |
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Re: अकबर और बीरबल की कहानी
jokes nahi h kya kya yaha
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