25-11-2010, 06:52 AM | #21 |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
बिहार की जनता के सामने ज्यादा विकल्प नहीँ हैँ एक तरफ कुँवा हैँ दुसरी तरफ खाई हैँ किसी का तो चुनाव करना
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
25-11-2010, 03:33 PM | #22 | |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
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खालिद भाई मैं आपकी बात से सहमत नहीं हूँ, मैं भी बिहार से हूँ/ मैं बिहार के नालंदा जिले से आता हूँ/ जहाँ तक कुँए और खाई की बात है वो लालू जी और रामविलास जी के पतन के साथ ही समाप्त हो गयी/ जिस विकास की बात आप कर रहे हैं वो भी होगा पर उसके लिए समय तो चाइये ही होगा/ ये एक लोकतान्त्रिक सरकार है ना की पी सी सरकार, जो जादू की छड़ी घुमाकर सब कुछ क्षण में ठीक कर देगी/ लोकतंत्र में जनता का मत ही सर्वोपरि होता है और जनता ने ठोककर अपना मत इस सरकार को दिया है, अब जब दिया है तो कुछ सोच समझकर ही दिया होगा/
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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25-11-2010, 03:55 PM | #23 |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
आज की जनता तो बिलकुल ही भ्रष्ट हो गई है भ्रष्ट सरकार के हात में परकर भाई बात वही है लालू की सासन का अब नितिस जी लोगो से कान को सीधा न छुआ के उल्टा छुआ रहे है मगर बात तो वही होगा देख लेना बिहार में अब भ्रस्टाचार दूर नहीं है मेरा बात अभी मजाक लगेगा लेकिन जब हकीकत से पाला पड़ेगा तो पता चलेगा की नितिस और लालू में क्या फर्क है मेरा मानना है की दोनों बिहार के बिनास का कारण है , सरकार बिहार में रस्टपति का ही होना बेहतर है जो और देसो में लागु है !
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25-11-2010, 03:57 PM | #24 |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
शायद आपने मेरा लिखा हुआ पढा नहीँ
लालु का शासन बहुत खराब था आपकी बात मान लिया नितीश का शासन अच्छा हैँ मान लिया लेकिन मेरे भाई हमलोग नितीश जी खाना तो नहीँ माँग रहेँ हैँ पन्द्रह साल से एक ब्रिज के लिए तरस रहेँ हमलोग आज भी चचरी पुल का सहारा हैँ गरीबोँ का नाम ए पी एल सुची मेँ हैँ क्योँ सुधार तो कर सकते हैँ आज स्कुल मे पढने वाले बच्चे तोँ हैँ टीचर गायब हैँ क्योँ टीचर की बहाली हुआ हैँ मदरसा लाईन से आपको पता हैँ उनलोगोँ को अपना नाम तक लिखने की तमीज नहीँ हैँ सिर्फ तीन हजार मध्यान भोजन जो बच्चे के लिए होता हैँ बचाने के लिए टीचर सब झुट पर झुट बोलते हैँ क्योँ बच्चो के खाने मेँ स्कुल वाले कीडे मकोडे सडा गला खाने को देते हैँ क्योँ लडकिया होती हैँ स्कुल मेँ एक हजार छः सौ को हीँ साइकिल क्योँ साईकिल के लिए दो हजार मेँ दो सौ रुपया टीचर रखते हैँ क्योँ तीन लीटर मिट्टी तेल बाँटने के लिए देता हैँ जनता को ढाई लीटर क्योँ पैतीस किलो अनाज के बदले तीस कहीँ बत्तीस किलो क्यो क्या नितीस कुमार को पता नहीँ हैँ अगर अच्छे हैँ बडे को छोर कर छोटे छोटे कामोँ को ठीक करे
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25-11-2010, 04:11 PM | #25 | |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
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25-11-2010, 04:22 PM | #26 | ||
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
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अगर इसी बात को आप सबंधित विभाग या अधिकारी से करे तो आपकी 75% समस्याओ का हल हो जाएगा या फिर वस्तु-स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कब तक होगा या क्यों नहीं हो रहा है। |
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25-11-2010, 04:37 PM | #27 | |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
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25-11-2010, 06:21 PM | #28 |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
दोस्तों मेरी नजर में पहले लालू राज में 20% जनता को मिलता था, 80% सरकार और सरकारी तंत्र खुद खा जाता था, अब ये अनुपात बदल कर 60 से 70% जनता को मिल रहा है और ३० से ४० प्रतिशत सरकारी तंत्र द्वारा खाया जा रहा है , इस हिसाब से जनता को तो पहले से ज्यादा ही मिल रहा है .उम्मीद पर दुनिया कायम है , हमको उम्मीद तंत्र के सुधारने की करनी चाहिए ना की बिगडने की .आशा करें की अगर नितीश जी की नियत सही रही तो जनता को पहले से ज्यादा मिलेगा .
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25-11-2010, 07:49 PM | #29 | ||||
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
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आपसे ये किसने कह दिया की बी पी एल में गरीबों का नाम नहीं अमीरों का नाम है, मेरे यहाँ तो ऐसी कोई बात नहीं/ सिस्टम कभी भी परफेक्ट नहीं होता ना ही उसे चलाने वाले व्यक्ति, कुछ गलतियाँ स्वाभाविक है और वो क्षम्य भी होनी चाहिए वनिस्पत उसके जो जान बुझ कर गलतियों पर गलतियाँ करता जाये और फिर भी सीना तान कर दिखाए/ मुझे तो आपकी बातें बचकानी सी लगती है/ भ्रष्टाचार आज हमारे समाज का हिस्सा बन चूका है और सामान्यतः सभी को तब तक स्वीकार भी है जब तक अपना फायदा होता जाय/ लोग बाग़ तभी आवाज उठाते है जब उनका नुकसान होता है या ऐसे किसी का फायदा होता है जिसे वो नहीं चाहते/ समाज व्यक्तियों से निर्मित संस्था है और जब व्यति व्यक्ति ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो समाज क्या इससे अछूता रहेगा/ ये बातें सिर्फ बिहार के सन्दर्भ में ही नहीं कह रहा हूँ, ये लगभग सभी जगहों की कहानी बनती जा रही है/ फिर बिहार को इससे अलग कर के आंकना, मुझे अतिश्योक्ति लगता है/ नितीश जी के पाँच वर्ष बिहार के लिए एक बदलाव का संकेत भर था असली कार्य तो अब होगा/
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25-11-2010, 08:03 PM | #30 | |
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Re: बिहारी सदस्यों और असदस्य भाइयों को बधाई
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