17-11-2010, 01:54 PM | #21 |
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Re: भारत का संविधान
को ही हो गई थी 15 अगस्त 1947 से संविधान सभा स्वाधीन भारत की प्रभुसत्ता संपन्न संविधान सभा बन गई डा. राजेन्द्र प्रसाद इसके अध्यक्ष थे और डा. भीमराव आंबेडकर संविधान की प्रारुप समिति के सभापति यह कोई मामुली बात नहीँ थी कि संविधान सभा एक ऐसा संविधान बना सकी जो इस विशाल देश के एक छोर से दुसरे छोर तक लागु हो तथा कितनी ही विविधताओँ के बीच एकता पुष्ट करने मेँ सफल हो डा. आंबेडकर ने 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा मेँ बोलते हुए बडे महत्वपुर्ण शब्दोँ मेँ कहा था मैँ महसुस करता हुँ कि संविधान चाहे कितना अच्छा क्योँ न हो यदि वे लोग जिन्हेँ संविधान को चलाने का काम सोँपा जाएगा खराब निकले तो निश्चित रुप से संविधान भी खराब सिध्द होगा दुसरी ओर संविधान चाहे कितना भी खराब क्योँ न हो यदि उसे चलाने वाले अच्छे लोग हुए तो संविधान अच्छा सिध्द होगा |
17-11-2010, 02:26 PM | #22 | |
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Re: भारत का संविधान
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17-11-2010, 02:30 PM | #23 |
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Re: भारत का संविधान
अनुज खालिद ! आपने बहुत ही अच्छा सूत्र बनाया है. धीरे धीरे इसी तरह इसमें जानकारी डालते रहो और इसे आगे बढ़ाते रहो. धन्यबाद.
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18-11-2010, 12:16 PM | #24 |
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Re: भारत का संविधान
26 नवंबर 1949 को
डा.राजेन्द्र प्रसाद ने अपने समापन भाषन मेँ स्मरणीय शब्दो मेँ देशवासियोँ को चेतावनी देते हुए कहा था कि कुल मिलाकर संविधान सभा एक अच्छा संविधान बनाने मेँ सफल हुई थी और उन्हेँ विश्वास था कि यह संविधान देश की आवश्यकताओँ को पूरा कर सकेगा किन्तु यदि लोग जो चुनकर आएगेँ योग्य चरित्रवान और ईमानदार हुए तो वे दोषपुर्ण संविधान को भी सर्वोत्तम बना देगेँ यदि उनमेँ इन गुणोँ का अभाव हुआ तो संविधान देश की कोई मदत नहीँ कर सकता |
18-11-2010, 12:27 PM | #25 |
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Re: भारत का संविधान
संविधान पर सदस्योँ द्वारा 24 जनवरी 1950
को हस्ताक्षर किए गए इसके बाद राष्ट्रगान के साथ अनिश्चित काल के लिए संविधान सभा स्थगित कर दी गई किँतु इसके साथ संविधान की यात्रा समाप्त नहीँ हुई यह तो कहानी का आरंभ था इसके बाद संविधान का कार्यकरण शुरु हुआ अदालतोँ द्वारा इसकी व्याख्या हुई |
18-11-2010, 12:35 PM | #26 |
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Re: भारत का संविधान
विधानपालिका द्वारा इसके अंतर्गत कानुन बने
संविधानिक संशोधन हुए इन सब के द्वारा संविधान निर्माण की प्रक्रिया जारी रही संविधान विकसित होता रहा बदलता रहा समय समय पर जिस जिस प्रकार और जैसे जैसे लोगोँ ने संविधान को चलाया वैसे वैसे हीँ नए नए अर्थ इसे मिलते गए |
19-11-2010, 09:24 AM | #27 |
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Re: भारत का संविधान
भारत का संविधान संसार का सबसे लंबा और विशाल संविधान हैँ
यह अनेक प्रकार से अनुठा भी हैँ .. एक संविधान एक नागरिकता .. हमारे समुचे देश के लिए एक ही संविधान हैँ एक ही नागरिकता हैँ राज्योँ के संविधान भी इसी का अभिनन अँग हैँ |
19-11-2010, 09:31 AM | #28 |
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Re: भारत का संविधान
मूल अधिकार कर्तव्य और निदेशक तत्व
हमारे संविधान मेँ मूल अधिकारोँ का एक पुरा अध्याय हैँ उन सीमाओँ का भी वर्णन किया गया हैँ जिनके अंतर्गत मूल अधिकारोँ को लागु किया जा सकता हैँ एक दुसरे अध्याय मेँ नागरिकोँ के कर्तव्योँ का उल्लेख किया गया हैँ |
19-11-2010, 09:41 AM | #29 |
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Re: भारत का संविधान
राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद
... संविधान ने भारत को एक गणराज्य बनाया हैँ गणराज्य का अध्य्क्ष राष्ट्रपति हैँ सरकार के सब काम राष्ट्रपति के नाम से किए जाते हैँ राष्ट्रपति को केवल एक संविधानिक प्रमुख माना जाता हैँ वास्तविक शक्ति मंत्रिपरिषद के हाथोँ मेँ होती हैँ मंत्रिपरिषद जनता द्वारा निर्वाचित लोक सभा के प्रति उत्तरदायी होती हैँ मंत्रिपरिषद मेँ प्रायः लोक सभा और राज्य सभा दोनोँ के सदस्य होते हैँ |
19-11-2010, 04:03 PM | #30 | |
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Re: भारत का संविधान
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मूल भारतीय संविधान में यह प्रत्यक्ष प्राविधान है की १९६५ तक आरक्षण रहेगा और इसके बाद यदि केंद्र सरकार एक समिति बना कर यह देखेगी कि आरक्षण को आगे बनाये रखा जाना चाहिए या नहीं, यदि समिति आरक्षण जारी रखने कि दिशा में निर्णय देती है तो भी आरक्षण एक बार में मात्र १० साल के लिए ही प्रभावी होगा | इसका अर्थ क्या हुआ ? १- भारतीय संविधान के निर्माता स्थायी आरक्षण के पक्ष में नहीं थे | २- भीमराव आंबेडकर जी का राजनीतिकरण करने वाले यह तथ्य ना जानते हैं और ना बताते हैं कि खुद उन्होंने ही आरक्षण को सीमित रखने का पूरा उपाय किया | ३- हर सरकार चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही इसके बराबर के दोषी हैं क्यूंकि हर दस साल बार सरकार चुपके से समिति बनाती है, समिति पूर्व निर्धारित तरीके से हाँ में मुंडी हिलाती है और यह व्यवस्था आगे दस साल के लिए खिसका दी जाती है | ४- हम अपना ही संविधान पढ़ कर राजनेताओं से प्रश्न करने के स्थान पर पान और चाय की दूकान में खड़े हो के नेताओं को गरिया के अपना राष्ट्रिय दायित्व निभा लेते हैं | |
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