16-12-2010, 03:20 PM | #21 |
Special Member
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Re: प्रचार में कितनी वास्तविक्ता???
बहुत तरह के नखरे करते हैं "ये खाऊंगा, ये नहीं खाऊंगा" बच्चों को हेल्थ ड्रिंक इसलिए भी दिया जाता है की वो खाने की कमी को पूरा कर शरीर को जरुरी मात्रा में उर्जा प्रदान करे जहाँ तक उत्पाद और उनके विज्ञापन की बात है ज्यादातर विज्ञापन गुणवत्ता की कसौटी पर खड़े नहीं उतरते विज्ञापन तो होते ही हैं सिर्फ ध्यान आकर्षण के लिए
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
18-12-2010, 03:50 PM | #22 |
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Re: प्रचार में कितनी वास्तविक्ता???
हाँ भाई , मैं हमसफ़र जी की बात से बहुत हद तक सहमत हूँ. बहुत से कंपनी वाले अपने विज्ञापनों में हद से ज्यादा अतिश्योक्ति करते हैं. पिछले दिनों मैं एक मशहूर कंपनी का डियोड्रेंट महंगे दामों में खरीद कर लाया /. और उसे लगाकर बाहर निकला. लेकिन जिस प्रकार विज्ञापन में दिखाया गया था की एक लड़के नें अपने यह डियोड्रेंट लगाया और बहुत सी लड़कियां उस के पीछे पड़ गईं.......मेरे साथ वैसा कुछ नहीं हुआ.
कंपनी नें मेरे साथ बहुत बड़ा धोखा किया है.
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अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो, अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो, अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो, अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो |
18-12-2010, 04:58 PM | #23 | |
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Re: प्रचार में कितनी वास्तविक्ता???
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हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें! Last edited by Hamsafar+; 18-12-2010 at 05:00 PM. |
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