16-03-2014, 10:10 PM | #21 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
भावार्थ: 1.एकांत में बिना काम के रहना 2. इंतज़ार करना उदाहरण: इन्तेज़ारी में तेरे कल की तरह ऐ माहरू ! आज की रात भी गिनते ही कटी तारों को. (अर्थ: माहरू = चाँद जैसे मुख है जिसका अर्थात प्रेमिका) (शायर: कोषकार स्वयं)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
16-03-2014, 10:14 PM | #22 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > ताली
भावार्थ: 1. किसी को बुलाने या दस्तक देने के अर्थ में 2. हंसी उड़ाना या परिहास करना 3. संगीत में ताल बनाए रखने का उपक्रम उदाहरण: 1.सुबह होते जो गई आज मेरी आँख झपक दी खुशी ने वहीँ आकर दरे दिल पर दस्तक (सौदा) 2. किर्मे-शब ताब आनकर चमके है गिर्द उस माह के क्यों न लड़के देख कर उसको बजावें तालियाँ ..... (शायर: हिदायत) 3.उसकी ताली थी कि जिस पर अंतरा आ कर रुका दिल की महफ़िल में सुरों का कारवाँ आ कर रुका (आधुनिक/ रजनीश मंगा)
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17-03-2014, 05:09 PM | #23 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > जुग
भावार्थ: 1. समय की लम्बी अवधि 2. चौसर (खेल में) दो गोटियों का एक ही खाने में होना उदाहरण: 1 और 2: सदा ग़म की चौसर बिछा कर नहीफ़ बिरहा को ले बैठी हूँ......अपना हरीफ़ सो कच्ची ही पड़ती है.....हर हाल में कई जुग हुये मुझको.........जंजाल में. (शायर: फज़ायत अली खां)
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17-03-2014, 05:12 PM | #24 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > जी की अमां पाऊं
भावार्थ: कोई गंभीर बात कहने से पूर्व किसी बारुतबा व्यक्ति से क्षमा याचना करना उदाहरण: कहूँ इक बात मैं तुमसे अगर जी की अमां पाऊं मुझे कुरबान होने दे, तेरे कुरबान हो ...... जाऊं (शायर: मीर सोज़)
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25-03-2014, 11:03 PM | #25 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > जान पर खेलना
भावार्थ: कोई ऐसा काम करना जिसमे जान जाने का खतरा हो उदाहरण: पैदा हुआ जब से खूने-दिल ही मैं पिया अब तक मर मर के इश्क़बाजी में जिया कोई और न खेल, खेल आया मुझको तिफ़ली में भी जान ही पे मैं खेला किया (तिफ़ली = बचपन) (शायर: जुर्रअत)
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25-03-2014, 11:06 PM | #26 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > चुटकियों में उड़ाना
भावार्थ: बिना गंभीरता दिखाये बहाना बना कर टालना उदाहरण: आहो – फ़ुगां .. सुनी .. न कभी अंदलीब की बुलबुल को गुल ने चुटकियों ही में उड़ा दिया (शायर: हिदायत)
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25-03-2014, 11:07 PM | #27 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > 'चल' पड़ना
भावार्थ: उदाहरण: 1. लोगों के समूह का तितर बितर हो जाना 2. अपनी बात से पीछे हटना 1. चल बसे सब्रो-करारो-ताकतों-ताबो-तवां चलते ही तेरे सभों में यकबयक चल पड़ गई 2. आवारा मेरे होने का बाईस वो ज़ुल्फ़ है काफ़िर हूँ इसमें होवे अगर एक बाल चल (शायर: मीर तकी ‘मीर’)
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25-03-2014, 11:10 PM | #28 |
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Re: शेरो-शायरी में मुहावरे
मुहावरा > चारपाई (खाट)
भावार्थ: सैनिकों की (तत्कालीन) बोलचाल में घायलों और मृतकों की गिनती करना उदाहरण: तेरी गली से सदा-ए-कुशिन्द-ए-आलम हज़ारों जाती हुई हमने चारपाइयां देखी (शायर: मीर तकी ‘मीर’ )
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26-03-2014, 12:17 PM | #29 | |
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Re: शायरी में मुहावरे
Quote:
महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराने के लिए आपका हार्दिक आभार.........
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27-03-2014, 09:50 PM | #30 |
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Re: शायरी में मुहावरे
सूत्र पर आने के लिये और सूत्रधार का उत्साहवर्धन करने के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद,मित्र.
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