10-12-2010, 10:37 AM | #21 |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
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10-12-2010, 12:11 PM | #22 |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
इस तरह की साइटें जहा से भी चलाई जा रही हों, पर हमारे देश में इनको आसानी से देखा जा सकता है, एषा क्यों, ??? भारतीय कानून में जब ये गुनाह है तो भारतीय कानून इन साइटों पर प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगता ??
जब हम अपने टेलीविसन पर चेनल सर्च करते है तो इंटरनेट पर भी, अब उसमे कुछ जिंगा लाला हुर्र फुर्र हो जाये तब. कहने का मतलब इंटरनेट कनेक्सन तो भारत सरकार के दूरसंचार केंद्र से ही कनेक्ट है , तो दूरसंचार विभाग के माध्यम से ये सब क्यों दीखता है बोले तो जिंगा लाला हुर्र फुर्र !
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10-12-2010, 04:26 PM | #23 |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
क्या फायदा आप लोगो के जिरह करने से. मैं मोबाइल से नेट use करती हु. वो भी काफी सस्ते मोबाइल samsung 3310 से.
और google पर search करने पर काफी मात्र में अदुल्ट साईट मिल जाती है जो मोबाइल को support करती है. जिनसे आप 3gp mp4 40 or 50 mb से ज्यादा की विडियो डाउनलोड कर सकते है. इन पर indian goverment को रोक लगानी चाहिए thanks
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10-12-2010, 04:37 PM | #24 | |||
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
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उनके इस सपोर्ट को ख़त्म करना है, इतना और इस कदर धिक्कारना है कि ऐसी साइटों के पोषक सर उठा के अपने घर में भी ना रह सकें | Quote:
कुछ अप्रत्यक्ष प्राविधान हैं पुलिस के पास जो लागु हो सकते हैं किन्तु मेला, दैनिक जाम, वीआइपी द्युति, चुनाव, बिजली छपे इन्ही से फुर्सत मिले तो कुछ और करें | |
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10-12-2010, 09:48 PM | #25 |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
अमित जी,
एक ज्वलंत विषय इस फोरम में उठाने के लिए आप बधाई के पात्र हैं. आपके और अमोल जी के मध्य हुआ वार्तालाप बहुत ही रोचक है. आप के लेख से मैं पूरी तरह से सहमति रखता हूँ. इसी प्रकार के विषयों पर स्वस्थ बहस की आपसे सदैव आशा रहेगी. |
11-12-2010, 09:46 AM | #26 | |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
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लोगों से बस यही कहूँगा की ऐसी चीजे आपको मानसिक स्तर पर कमजोर और बीमार बनाती है इससे बचें और अपनी उर्जा सकारात्मक कार्यों में लगाएं, आपको आतंरिक ख़ुशी मिलेगी धन्यवाद
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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11-12-2010, 10:31 AM | #27 | |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
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मज़ाक कर रहा हूँ दोस्त !!
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मैं अपने दुखों में भी रहता हूँ नवाबों की तरह !!" |
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11-12-2010, 10:39 AM | #28 |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
एडल्ट साइट्स से बचने का सबसे अच्छा तरीका है की आप उसे अपने PC पर खुलने ही ना दो. ना इस तरह के साईट PC पर खुलेंगे और ना ही आपके घर में और आपके ऑफिस में कोई इनको access कर पायेगा.
अगर आप IE इस्तेमाल करते है तो. इन settings को आप enable कर सकते है. ◦Go to Tools > Internet Options > Content ◦In the “Content Advisor” section click on “Enable” You are now in the Content Advisor. From here you can set your settings. ◦Use “Ratings” Tab – Set rating levels for: language, nudity, sex and violence firefox के लिए आप FoxFilter इस्तेमाल कर सकते है. FoxFilter भी इस तरह के वेबसाइट को ब्लाक कर देता है. और भी कुछ खास softwares है जिनका आप उपयोग इस तरह के वेबसाइट को ब्लाक करने के लिए कर सकते है. We-Blocker CyberSitter CyberPatrol NetNanny
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
11-12-2010, 10:50 AM | #29 | |
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
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किसी देस या राज्य का नाम उल्लेख करके, सरे आम बदनाम करना आपको शोभा नहीं देता !! रही बात article या स्पीच की, तो क्या आप जानते हैं, जो लोग ऐसे अच्छे अच्छे article लिखते है, वो पढने सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है !! पर विडम्बना ये है की वही लोग दिन में सफ़ेद चेहरे लेके घूमते हैं !! समाज में अच्छे हैसियत, रुतवा, सम्मानित पद रखते हैं और रात के अंधेरों में बिना कॉलगर्ल के उन्हें नींद नहीं आती !! और "कॉलगर्ल", आपके वर्णित उपरोक्त कन्याओं में नहीं आते !! क्यूंकि ये प्राणी (कॉलगर्ल) भी दिन के उजाले में सफ़ेद चेहरों में से जाने जाते हैं !! स्पष्टीकरण : मेरा ये कथन किसी व्यक्ति विशेष पर व्यक्तिगत आक्षेप नहीं है !! एक सार्वजनिक सच्चाई है !!
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11-12-2010, 06:28 PM | #30 | ||||||
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Re: एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन
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कुछ दिन प्रेम से मना कर रहे हैं बाद में पूजा करेंगे | Quote:
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मेरा आग्रह है की जो जरा भी मन में ऐसा विचार ला रहे हैं की वो छोड़ें या ना छोड़ें वो यहाँ प्रण करके कुछ दिन सब्र करके देखें, परिणाम उन्हें स्वयं पता लग जायेगा | Quote:
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यदि हम कभी किसी समय कुछ गलत कर जाएँ तो क्या सिर्फ जीवन भर उसे इस लिए करते रहें क्यूंकि हमने उसे एक बार किया ? कम से कम मैं ऐसी बिल्ली बनने को जीवन भर तैयार हूँ | Quote:
यदि मुझे ज्वर है तो उस बीमारी को कहना मेरा अपमान नहीं है, हाँ उसे जान के उसका इलाज करने की जगह मुंह छिपा लेना अवश्य शत्रुता निभाना है | मुझे इस पूर्वाग्रह का कारण भी नहीं समझ में आता कि जिसका भी समाज में कोई सम्मानजनक स्थान है वो शत प्रतिशत व्यभिचारी ही है | पांच दस प्रतिशत ऐसे लोग होंगे किन्तु सभी को एक लाइन में खड़ा कर देना किसी अस्सी के दशक की ठाकुर टाइप फिल्म का सीन अधिक प्रतीत होता है | सामाजिक स्थिति में ऊपर के तबके में बैठे अधिकतर लोग अथक परिश्रम और बुद्धि के बल पर वहाँ पहुंचे हैं जिनका विवेक सामान्य से अधिक है और जिन्हें अपनी प्रतिष्ठा अधिक प्यारी होती है | मैं आपकी भावनाओं को समझता हूँ कि आपका आक्षेप व्यक्तिगत नहीं था किन्तु क्यूंकि मैं बाकी सबकी तरफ से उत्तर नहीं दे सकता अतः अपने ऊपर से ही उत्तर देना चाहूँगा | आर्टिकल लिखने वाली बात आपकी इस सीमा तक सही है की मैं इससे पैसे बनाता हूँ, ये मेरा हुनर है की मैं उत्तेजक लिख और बोल सकता हूँ और अपने किसी हुनर से पैसे बनाना मेरा अधिकार है किन्तु इस विषय पर बोलने और करने में अंतर होने वाली बात पर मेरे ऊपर संदेह आप कर सकते हैं ? खुद से सोच कर देख लीजिये की क्या कभी अपनी किसी प्रविष्टि में मैंने ऐसा लिखा है की जन सामान्य को अच्छा लगा हो ? मुझे पता है कि यहाँ काफी लोगों को मैं घमंडी, अक्खड़ लगता हूँ और मुझे इसकी १ प्रतिशत परवाह भी नहीं है | मैं वही कहता हूँ जो मैं करता हूँ, किसी फोरम में जनसमर्थन बनाना मेरा उद्देश्य कभी नहीं रहा | अपवाद हर क्षेत्र में हैं और उन अपवादों की आड़ लेकर यदि समस्या से मुंह छिपाना और जो सुधार करना चाहते हैं उनका मजाक बनाना आपको उचित लगता है तो मुझे इस पर कुछ नहीं कहना, बस एक छोटा सा प्रयोग स्वयं करके देख लीजिये, दस सज्जन लोगों की सभा में ऐसी किसी बात का समर्थ करके देखिये आपको उत्तर स्वयमेव मिल जायेगा | -अमित Last edited by amit_tiwari; 11-12-2010 at 07:08 PM. |
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