04-04-2013, 11:11 PM | #21 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की पत्नी आज्ञाकारी है, सर्वगुण संपन्न है, अपने पति और परिवार का ध्यान रखने वाली है, ईश्वर में श्रद्धा रखने वाली है तब तो उसका जीवन स्वर्ग के समान ही रहेगा।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:04 PM | #22 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
आप रोज नहाने से पहले कुछ खाना चाहते हैं तो खा सकते हैं ये चीजें
वैसे तो नहाने से पहले कुछ खाना-पीना शिष्टाचार के नियमों के विरुद्ध माना जाता है लेकिन कुछ चीजें हैं जिन्हें बिना नहाए भी खा-पी सकते हैं। यहां दिए गए फोटो में जानिए आचार्य चाणक्य के अनुसार नहाने से पहले कौन-कौन सी चीजें खा सकते हैं...
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:05 PM | #23 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
शास्त्रों के अनुसार भगवान की पूजा के संबंध में कई नियम बताए गए हैं। इन्हीं नियमों में से एक है कि भगवान की पूजा से पहले कुछ खाना नहीं चाहिए। साथ ही स्नान के बाद ही भोजन आदि ग्रहण करना चाहिए। पुराने समय में नियम था कि दान करने के बाद ही भोजन या अन्य अन्न ग्रहण किया जाता था।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:08 PM | #24 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि- ऊख वारि पय मूल, पुनि औषधहू खायके। तथा खाय तांबूल, स्नान दान आदिक उचित।। इस दोहे में ऐसी चीजें बताई गई हैं जो कि हम बिना नहाए भी ग्रहण कर सकते हैं। इनका सेवन करने पर किसी प्रकार का कोई धार्मिक दोष नहीं लगता है। इन चीजों को खाने के बाद भी व्यक्ति भगवान की पूजा करने का पात्र रहता है।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:09 PM | #25 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
बीमारी की अवस्था में रोगी व्यक्ति दूध, जल, फल, दवाई आदि ग्रहण करके भी स्नान आदि क्रियाएं कर सकता है। इसके बाद वह पूजा आदि धार्मिक कार्य भी कर सकता है, ऐसा करने से भी रोगी पाप का भागी नहीं होता है।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:10 PM | #26 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
सामान्यत: ऐसा माना जाता है कि भगवान की पूजा से पहले हमें कुछ भी खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं करना चाहिए। भोजन आदि खाने की चीजों को नहाने के बाद ही खाना चाहिए। जबकि इस संबंध में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति किसी बीमारी से ग्रस्त है तो उसे इन नियमों में बांधा नहीं जा सकता है
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:11 PM | #27 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
केवल बीमार व्यक्ति ही नहीं बल्कि स्वस्थ इंसान भी कुछ सामान्य चीजें बिना नहाए ग्रहण कर सकता है। ऊख, जल, दूध, पान, फल-फूल, औषधि इन 6 चीजों को खाने के बाद भी हम स्नान कर सकते हैं, दान कर सकते हैं, पूजा कर सकते हैं।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:14 PM | #28 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
ऐसे पुरुषों में होती है कामवासना की अधिकता
आचार्य चाणक्य के अनुसार कई ऐसी छोटी-छोटी नीतियां बताई गई हैं जिनसे किसी भी व्यक्ति के स्वभाव और आचार-विचार मालुम किए जा सकते हैं। यहां जानिए पुरुषों के स्वभाव से जुड़ी खास नीतियां..
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:16 PM | #29 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य कहते हैं... श्लोक: नि:स्पृहो नाधिकारी स्यान्नाकामो मण्डनप्रिय:। नाऽविदग्ध: प्रियं ब्रूयात् स्पष्टवक्ता न वञ्चक:।। इसी श्लोक को दोहे के रूप में इस प्रकार लिखा गया है... नहिं निस्पृह अधिकार गहु, भूषण नहिं निहकाम। नहिं अचतुर प्रिय बोल नहिं, बंचक साफ कलाम।। इस श्लोक में बताया गया है कि जो पुरुष बड़ा बनने का लक्ष्य निर्धारित करता है और ऐसे काम करता है जिससे उसे समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति हो, वहीं अधिकार प्राप्त करता है।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
07-04-2013, 03:20 PM | #30 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो पुरुष अच्छे वस्त्रों के शौकिन होते हैं, जो पुरुष स्वयं को सुंदर दिखाने की कोशिश करते हैं, जो पुरुष तरह-तरह के शृंगार करते हैं उनमें कामवासना की अधिकता होती है। इसके विपरित जो पुरुष कामवासना से शून्य है वह शृंगार आदि में बिल्कुल भी रूचि नहीं दिखाता है
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
Bookmarks |
|
|