13-12-2012, 10:42 PM | #21 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
हाँ, तो मैं बता रहा था कि मास्टर पुरुषोत्तम संगीत में इतने डूब कर गाते थे कि सुनने वालों को अपनी सुध बुध नहीं रहती थी. मुझे अफ़सोस इस बात का है कि उस समय मेरे पास कोई टेप रिकॉर्डर नहीं था अन्यथा उनकी आवाज़ में वो गीत अवश्य रिकॉर्ड करता और रिकॉर्डिंग को उम्रभर सम्हाल कर रखता. मगर ऐसा हो न सका. फिर भी उनके गाये वो गीत अभी भी मेरे ज़ेहन में ज्यों के त्यों सुरक्षित हैं विशेष रूप से उनके द्वारा गाये हुये राजस्थानी गीत जिन्होंने ने मुझे अभिभूत कर दिया था. Last edited by rajnish manga; 13-12-2012 at 10:45 PM. |
13-12-2012, 10:59 PM | #22 | |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
Quote:
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
|
15-12-2012, 12:30 AM | #23 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
मैंने उनसे अनुरोध किया कि वो अपने हाथ से मेरी डायरी में चुने हुए कुछ गीत लिख दें ताकि मैं उन गीतों का अभ्यास कर सकूँ और उन्हें ज़बानी याद कर सकूँ. ऐसा ही हुआ. उन्होंने मेरे अनुरोध को सहर्ष स्वीकार किया और कुछ गीत अपनी सुन्दर लिखाई में मेरी डायरी में लिख कर मुझे दिए. थोड़े ही समय में मुझे वे गीत कंठस्थ हो गए और मैं उन्हें यदा कदा गुनगुनाने लगा. मैं चाहता हूँ कि आप भी इन गीतों का रसास्वादन लें. मुझे खेद है कि वो गीत मैं आपको सुना तो नहीं पाऊंगा, लेकिन डायरी के पन्नों का अविकल टाईप किया हुआ रूप प्रस्तुत कर रहा हूँ. आशा है आपको अच्छा लगेगा:
|
15-12-2012, 12:32 AM | #24 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
(१)
गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी. गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी. ढोला था बिन रंग रंगीलो फागण बित्यो जावे छे. ढोला था बिन रंग रंगीलो फागण बित्यो जावे छे. थारी नाज़ुक धण महलां बैठी आंसू छलकावे छे. थारी नाज़ुक धण महलां बैठी आंसू छलकावे छे. रोटी खाता हो तो पाणी अठे आय पीज्यो जी. गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी. म्हारी द्योरानी जेठाणी दोनू घूमर घाले छे. म्हारी द्योरानी जेठाणी दोनू घूमर घाले छे. म्हारा देवरिया जेठूता मिलकर रंग उछालें छे. म्हारा देवरिया जेठूता मिलकर रंग उछालें छे. छोटी नणदूली ने आय कर समझाय दीज्यो जी. गणगोरया रे मेले पली आया रिज्यो जी. धरती रंग रंगीली होकर मन ही मन मुस्कावे छे ...... (क्षमा करें डायरी में इससे आगे गीत अधूरा ही छोड़ दिया गया है) |
15-12-2012, 12:35 AM | #25 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
(२)
खड़ी नीम के नीचे मैं तो एकली. जातोड़ो बटाऊ म्हाने छाने छाने देख ली. कोण देस से आया कोण देस थे जावोला कुण्या जीरा कँवर लाडला साँची बात बतावोला. कोण देस से आया कोण देस थे जावोला कुण्या जीरा कँवर लाडला साँची बात बतावोला. म्हें थाणे पूछूं ओ जी भंवर जी एकली. जातोड़ो बटाऊ म्हाने छाने छाने देख ली. परदेसां स्यूं आया सासरिये म्हें जावांला. म्हारी प्यारी गौरी धण न हँस हँस गले लगावां ला. परदेसां स्यूं आया सासरिये म्हें जावांला. म्हारी प्यारी गौरी धण न हँस हँस गले लगावां ला. इब क्यों शरमाओ म्हारी प्यारी गोरड़ी थे देखो कोई और बटाऊ म्हें तो थाणे देख ली. खड़ी नीम के नीचे मैं तो एकली. जातोड़ो बटाऊ म्हाने छाने छाने देख ली. |
16-12-2012, 12:10 AM | #26 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
(३)
थाने काजलियो बणाल्यूं, थाने पलकां में रमाल्यूं. राज पलकां में बन्द कर राखूंली. राज पलकां में बन्द कर राखूंली. गोरी पलकां में नींद कैय्याँ आवेली. म्हारी पलकां पालनिये झुलावेली. म्हारे नैणां स्यूं दूर दूर कैय्याँ जावो ला जी, दूर कैय्याँ जावो? थाने तीमणियों बणाल्यूं म्हारे हिवड़े स्यूं लगाल्यूं राज चुनरी में ल्यूकाय थाने राखूंली. राज चुनरी में बन्द कर राखूंली. थाने काजलियो बणाल्यूं ... गोरी चुनड़ी में तपत सतावेली ढोला सौरी घणी नींद आवेली म्हारे हिवड़े स्यूं दूर दूर कैय्याँ जावो ला जी, दूर कैय्याँ जावो थाने मोतीड़ो बणाल्यूं, म्हारे होटां स्यूं लगाल्यूं राज नथली में बन्द कर राखूंली राज नथली में बन्द कर राखूंली. थाने काजलियो बणाल्यूं ... |
16-12-2012, 12:12 AM | #27 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
(४)
एक गज़ल : अपना जिसे कहा वो बेगाना निकल गया. (शायर का नाम ‘अमीर’, इससे अधिक ज्ञात नहीं) अपना जिसे कहा वो बेगाना निकल गया. शायद वो दोस्ती का जमाना निकल गया. दिन ज़िन्दगी के मेरे अकेले गुज़र गए वो करके मुझ से कैसा बहाना निकल गया. बुलबुल की जिन्दगी सी हुई जिन्दगी मेरी सैय्याद का भी सच्चा निशाना निकल गया. टूटे हुये तारों का इक साज़ हूँ मैं ए दोस्त! इक चोट जो पड़ी तो तराना निकल गया. इक रोज़ उनकी राह से गुजरा जो मैं अमीर सब लोग कह उठे कि दीवाना निकल गया. |
16-12-2012, 06:01 AM | #28 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
achchhi post
|
06-01-2013, 11:54 AM | #29 |
Special Member
Join Date: Dec 2012
Location: फूटपाथ
Posts: 3,861
Rep Power: 23 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
फोरम के सबसे शानदार सूत्रों में से एक।
|
18-02-2013, 11:52 AM | #30 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी ज़िंदगी : मेरे शहर
Last edited by rajnish manga; 18-02-2013 at 01:21 PM. |
Bookmarks |
Tags |
चूरू, राजस्थान, churu, dehradun, meri zindagi mere shahar, najibabad, nepal, painted havelies, rajasthan, srinagar |
|
|