30-11-2010, 03:48 PM | #21 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
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03-12-2010, 08:59 PM | #22 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
तेरी नज़र पे नज़र पड़ रही हे दुनिया की
न देख चश्मे करम से मुझे खुदा के लिए | |
03-12-2010, 09:01 PM | #23 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
क्यूँ तुझे देख के उठती हैं निगाहेँ मुझ पर
क्या तेरे चेहरे पे मेरा नाम लिखा होता है | |
03-12-2010, 09:02 PM | #24 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
अब तो आँखों में समाती नही सूरत कोई
आँखों को क्या हुआ है तुझे देखने के बाद | |
08-12-2010, 12:45 PM | #25 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
वफ़ा के रंग में डूबी हर शाम तेरे लिए ,
यह डगर, यह नगर,मेरा नाम बस तेरे लिए, तू महेक्ति रहे चांदनी रातों की तरह, इस नए साल का पैगाम तेरे लिए |
08-12-2010, 12:46 PM | #26 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
खुदा ने जब तुम्हे बनाया होगा
तू उससके दिल पे एक सरूर चाय होगा सोचा होगा की तुझको जानत में रखूँ फ़िर उस्सको मेरा ख्याल आया होगा |
08-12-2010, 12:47 PM | #27 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जायेंगे,
सकूं बन कर दिल में उतर जायेंगे, महसूस करने की कोशिश तो कीजिये, दूर होते हुए भी पास नज़र आयेंगे |
08-12-2010, 12:48 PM | #28 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
वफ़ा के रंग में डूबी हर शाम तेरे लिए ,
यह डगर, यह नगर,मेरा नाम बस तेरे लिए, तू महेक्ति रहे चांदनी रातों की तरह, इस नए साल का पैगाम तेरे लिए |
08-12-2010, 12:52 PM | #29 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
तू कातिल तेरा दिल कातिल
तेरे गोरे गाल पे कला तिल कातिल हुम्हे तोह डर है जालिम आपस में लड़ न बेठे तू कातिल में कातिल…….. |
08-12-2010, 12:53 PM | #30 |
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Re: ! आशिकाना शायरी !
दोस्त तो बहुत मिलते हैं ज़माने में
पर हर मोड़ पर साचा यार नहीं मिलता यार तो बहुत होते हैं दिल लगाने की पर हर यार से सचा प्यार नहीं मिलता |
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