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Old 03-01-2011, 12:12 PM   #21
ndhebar
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by jitendragarg View Post
विवाह कैसा भी हो, बस दोनों लोगों के बीच प्रेम होना चाहिए. आखिर शादी दो लोगो का संगम है, उनके परिवार का नहीं!


सभी की अपनी अपनी सोच है
मेरा मानना है की शादी सिर्फ दो व्यक्तियों का ही नहीं अपितु दो परिवारों का, दो भिन्न संस्कारों का अभूतपूर्व संगम है/
इसका ये मतलब नहीं की मैं प्रेम विवाह के विरुद्ध हूँ पर वो कैसा प्रेम जिसके लिए दुसरे रिश्तों को कुर्बान करना पड़े/
प्रेम तो खुद कुर्बानी का दूसरा नाम है/
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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Old 03-01-2011, 12:18 PM   #22
raj2011
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by ndhebar View Post
सभी की अपनी अपनी सोच है
मेरा मानना है की शादी सिर्फ दो व्यक्तियों का ही नहीं अपितु दो परिवारों का, दो भिन्न संस्कारों का अभूतपूर्व संगम है/
इसका ये मतलब नहीं की मैं प्रेम विवाह के विरुद्ध हूँ पर वो कैसा प्रेम जिसके लिए दुसरे रिश्तों को कुर्बान करना पड़े/
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Old 03-01-2011, 04:46 PM   #23
ABHAY
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सब कुछ ठीक है आज के जमाने में !
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Old 04-01-2011, 10:07 AM   #24
r@j@1974
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

सच कहे तो प्रेम विवाह पूरी तरह से अनुचित है क्योकि प्रेम मतलब बहुत अच्छा, और जहा सब कुछ बहुत अच्छा हो वहाँ कोई भी न तो बुराई पसंद करेगा न ही देख सकेगा जब कोई किसी से प्रेम करता है तो सिर्फ उसकी अच्छाई को ही देखता है और पसंद करता अपने बुरे पहलु को कोई भी किसी को नहीं दर्शाता न ही दर्शाना चाहता है इस संसार में कोई भी व्यक्ति परिपूर्ण नहीं है और ऐसे में अपने जीवन साथी में कोई अधूरापन कैसे देख पायेगा इस बात को लेकर ही विवाद बढ़ सकते है की तुमने क्या क्या नहीं छुपाया.फिर जहा विवाद की संभावना पहले ही बनाती ऐसे विवाह क्यों
अब आप कहेंगे की विवाद तो arrange विवाह में भी हो सकते है, तो यह सत्य है लेकिन यहाँ परिवार तथा समाज का दबाव रहता है और वैसे भी विवाह एक सामाजिक बंधन है फिर इसे सामाजिक तरीके से ही क्यों नहीं किया जाए .
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Old 27-01-2011, 05:26 PM   #25
Harshita Sharma
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by jitendragarg View Post
विवाह कैसा भी हो, बस दोनों लोगों के बीच प्रेम होना चाहिए. आखिर शादी दो लोगो का संगम है, उनके परिवार का नहीं!


आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? यहाँ पर ज्यादातर आबादी गावों में बसती है जहाँ पर सयुक्त परिवार होते हैं. फिर शादी के बाद लड़का, लड़की के घर वालों से और लड़की , लड़के के घर वालों से घुल-मिल कर न रहेगी, उनके दुःख-सुख में शामिल नहीं होगी तो विषम परिस्थितियों में इनका साथ कौन देगा? परिवार में रहते हुए ऐसा तो हो नहीं सकता कि अपने पति के अलावा और किसी भी सदस्य से मतलब न रखे. सभी आनंद कारज में सब लोग शामिल होते हैं तो खुशियाँ कई गुना बढ़ जाती हैं.
फिर कैसे न दो दिलों के साथ दो परिवारों का संगम होगा.
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Life would be indeed dull if there were no such difficulties.
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Old 28-01-2011, 09:15 AM   #26
YUVRAJ
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...बहुत दम है आपकी बातों में पर लगता है हमें कुछ करना होगा और टीवी सीरियल की कहानियों को भूल कर समाज के दायरे में रहना होगा/
पूर्वजो के बनाए नियम और कायदे को कभी भी भूलना नहीं चाहिए ...मेरा मानना है ...


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Originally Posted by Harshita Sharma View Post
आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? यहाँ पर ज्यादातर आबादी गावों में बसती है जहाँ पर सयुक्त परिवार होते हैं. फिर शादी के बाद लड़का, लड़की के घर वालों से और लड़की , लड़के के घर वालों से घुल-मिल कर न रहेगी, उनके दुःख-सुख में शामिल नहीं होगी तो विषम परिस्थितियों में इनका साथ कौन देगा? परिवार में रहते हुए ऐसा तो हो नहीं सकता कि अपने पति के अलावा और किसी भी सदस्य से मतलब न रखे. सभी आनंद कारज में सब लोग शामिल होते हैं तो खुशियाँ कई गुना बढ़ जाती हैं.
फिर कैसे न दो दिलों के साथ दो परिवारों का संगम होगा.
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Old 28-01-2011, 09:16 AM   #27
YUVRAJ
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सभी की अपनी अपनी सोच है
मेरा मानना है की शादी सिर्फ दो व्यक्तियों का ही नहीं अपितु दो परिवारों का, दो भिन्न संस्कारों का अभूतपूर्व संगम है/
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Old 28-01-2011, 09:35 AM   #28
VIDROHI NAYAK
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by harshita sharma View Post
आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? यहाँ पर ज्यादातर आबादी गावों में बसती है जहाँ पर सयुक्त परिवार होते हैं. फिर शादी के बाद लड़का, लड़की के घर वालों से और लड़की , लड़के के घर वालों से घुल-मिल कर न रहेगी, उनके दुःख-सुख में शामिल नहीं होगी तो विषम परिस्थितियों में इनका साथ कौन देगा? परिवार में रहते हुए ऐसा तो हो नहीं सकता कि अपने पति के अलावा और किसी भी सदस्य से मतलब न रखे. सभी आनंद कारज में सब लोग शामिल होते हैं तो खुशियाँ कई गुना बढ़ जाती हैं.
फिर कैसे न दो दिलों के साथ दो परिवारों का संगम होगा.
लोगो का प्रेम विवाह के विरुद्ध होने का सबसे बड़ा कारण अंतरजातीय या अंतरधार्मिक होना है ! आज भी शहर क्या गावों में अक्सर तर एक जात का होने पर शादी करा दी जाती है ! परन्तु जहाँ अंतरजातीय/अंतरधार्मिक बात आती है वहां टायं टायं फिस्स ! हमारे घरों में अक्सर समानता का पाठ पढाया जाता है ! परन्तु वही व्यक्ति स्वयं ही समानता के नियम को लागू नहीं कर पाता ! आज भी गावों में व्यक्ति कितना बुरा हो अगर वह किसी ऊँची जाती का है तो उसका सम्मान होगा ! (यहाँ जो ऊँचा शब्द मैंने प्रयोग किया है वो भी हमारे पूर्वजो का ही बनाया हुआ है ) अब ऐसे में क्या हम व्यहारिक शिक्षा दे सकते हैं ?
मात्र किसी के कहने पर कुछ चित्र वैगेरह देखकर विवाह करा देना क्या उचित है? सच तो यह है की यह एक समझौता हो गया वंश बढाने के लिए ! आखिर क्या है जो लोग नहीं समझ पाते ! हम एक तरफ तो पाठ पढाते हैं दूसरी तरफ उन्ही चीजों पर अमल नहीं करते ! बचपन से ही एक व्यहारिक शिक्षा दी जाती है भेदभाव की और शब्द हमेशा कुछ अलग ही कहते रहते हैं ! क्या यह दुमुखी व्यवहार ठीक है ? मित्रों बात यहाँ अच्छाई या बुराई की नहीं आती बल्कि सामजिक अहंकार की आती है !और इन्ही चीजों से जन्म होता है ओनर किलर जैसे दैत्यों का !
मै माता पिता के विरोध का पक्षधार नहीं हूँ ...बस इतना चाहता हूँ की वो समझे की प्रेम अहंकार से बड़ा है और वही एक ऐसी चीज़ है जो विषम परिस्थितियो में मुस्कुराने की वज़ह हो सकती है !
__________________
( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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Old 28-01-2011, 09:45 AM   #29
YUVRAJ
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

शायद आप भूल गये कि जन्म पत्रिका और गूणों का मिलान भी जरूरी होता है... और उसमें की गयी गणना का आधार गणितीय होता है... यदि हम परिवार से प्यार करें तो अधिक उचित होगा और पत्नी भी परिवार की एक सदस्य है तो वह किसी भी तरीके से प्यार से वंचित तो नहीं होगी रही अहंकार की बात तो जहां चार बर्तन होते हैं तो आवाज होती ही है ...इसे अहंकार तो नहीं माना जा सकता ....
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Originally Posted by vidrohi nayak View Post
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मात्र किसी के कहने पर कुछ चित्र वैगेरह देखकर विवाह करा देना क्या उचित है? सच तो यह है की यह एक समझौता हो गया वंश बढाने के लिए !..........
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बस इतना चाहता हूँ की वो समझे की प्रेम अहंकार से बड़ा है और वही एक ऐसी चीज़ है जो विषम परिस्थितियो में मुस्कुराने की वज़ह हो सकती है !
YUVRAJ is offline   Reply With Quote
Old 28-01-2011, 10:04 AM   #30
VIDROHI NAYAK
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Default Re: प्रेम विवाह उचित या अनुचित !

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Originally Posted by yuvraj View Post
शायद आप भूल गये कि जन्म पत्रिका और गूणों का मिलान भी जरूरी होता है... और उसमें की गयी गणना का आधार गणितीय होता है... यदि हम परिवार से प्यार करें तो अधिक उचित होगा और पत्नी भी परिवार की एक सदस्य है तो वह किसी भी तरीके से प्यार से वंचित तो नहीं होगी रही अहंकार की बात तो जहां चार बर्तन होते हैं तो आवाज होती ही है ...इसे अहंकार तो नहीं माना जा सकता ....
प्रथम सवाल ...क्या वो विवाह सफल नहीं होते जिनके पत्र मिलान नहीं होते? वैसे भी यह सभी संस्कृतियो में नहीं है तो क्या सफलता वहां नहीं पाई जाती ? और अंहकार का बरतनो वाले उदाहरण से कोई लेना देना नहीं है मित्र ! अंहकार है तो अकेले में भी होगा और अगर नहीं तो भीड मे भी नहीं !
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( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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