05-10-2011, 04:38 PM | #21 |
Special Member
|
Re: भजन
कृष्ण तुम्हारे द्वार पर आया हूँ मैं अति दीन हूँ . करुणा भरी निगाह से अब तो पधारो मोहना .. कानन कुण्डल शीश मुकुट गले बैजंती माल हो . सांवरी सूरत मोहिनी अब तो दिखा दो मोहना .. पापी हूँ अभागी हूँ दरस का भिखारी हूँ . भवसागर से पार कर अब तो उबारो मोहना ..
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
06-10-2011, 10:13 AM | #22 |
Special Member
|
Re: भजन
कौशल्या रानी अपने लला को दुलरावे
सुनयना रानी अपनी लली को दुलरावे मुख चू्मे और कण्ठ लगावे मन में मोद में मनावे कौशल्या रानी मन में मोद में मनावे शिव ब्रह्मा जाको पार न पावे निगम नेति कहि गावे कौशल्या रानी निगम नेति कहि गावे हरि सहचरि बड़ भाग्य निराली अपनी गोद खिलावे कौशल्या रानी अपनी गोद खिलावे
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
06-10-2011, 10:14 AM | #23 |
Special Member
|
Re: भजन
जय बोलो जय बोलो
गणपति बप्पा की जय बोलो। सिद्ध विनायक संकट हारी विघ्नेश्वर शुभ मंगलकारी सबके प्रिय सबके हितकारी द्वार दया का खोलो जय बोलो जय बोलो पारवती के राज दुलारे शिवजी की आंखों के तारे गणपति बप्पा प्यारे प्यारे द्वार दया का खोलो जय बोलो जय बोलो। शंकर पूत भवानी जाये गणपति तुम सबके मन भाये तुमने सबके कष्ट मिटाये द्वार दया का खोलो जय बोलो जयबोलो जो भी द्वार तुम्हारे आता खाली हाथ कभी ना जाता तू है सबका भाग्य विधाता द्वार दया का खोलो जय बोलो जय बोलो गणपति बप्पा की जय बोलो
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
08-10-2011, 10:02 AM | #24 |
Special Member
|
Re: भजन
गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये ।
जो गुरु चाहे सोयि सोयि करिये॥ गुरु चरनन रज मस्तक दीजे । निज मन बुद्धि शुद्ध कर लीजे। आँखिन ज्ञान सुअंजन दीजे । परम सत्य का दरशन करिये॥ गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये॥ गुरु अँगुरी दृढ़ता से धरिये । साधक नाम सुनौका चढिये। खेवटिया गुरुदेव सरन में । भव सागर हँस हँस के तरिये॥ गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये॥ गुरु की महिमा अपरम्पार । राम धाम में करत विहार। ज्योति स्वरूप राम दरशन को । गुरु के चरन चीन्ह अनुसरिये॥ गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये॥
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
08-10-2011, 10:03 AM | #25 |
Special Member
|
Re: भजन
गुरु चरनन में ध्यान लगाऊं।
ऐसी सुमति हमे दो दाता ॥ मैं अधमाधम पतित पुरातन। किस विधि भव सागर तर पाऊं । ऐसी दृष्टि हमें दो दाता। खेवन हार गुरु को पाऊं ॥ गुरु चरनन में ... गुरुपद नख की दिव्य ज्योति से। निज अन्तर का तिमिर मिटाऊं । गुरुपद पदम पराग कणों से। अपना मन निर्मल कर पाऊं ॥ गुरु चरनन में ... शंखनाद सुन जीवन रन का धर्म युद्ध में मैं लग जाऊं । गुरुपद रज अंजन आँखिन भर। विश्वरुप हरि को लख पाऊं ॥ गुरु चरनन में ... भटके नहीं कहीं मन मेरा। आँख मूंद जब उनको ध्याऊं । पीत गुलाबी शिशु से कोमल। गुरु के चरन कमल लख पाऊं ॥ गुरु चरनन में ध्यान लगाऊं ॥
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
13-10-2011, 04:09 PM | #26 |
Special Member
|
Re: भजन
गुरु चरनन मे शीश झुकाले
जनम सफल हो जायेगा गुरुदर्शन से बिन माँगे ही कृपा राम की पायेगा जनम सफ़ल हो जायेगा गुरु चरनन में शीश झुका ले चहु दिश गहन अन्धेरा छाया पग पग भरमाती है माया राम नाम की ज्योति जगेगी अन्धकार मिट जायेगा गुरु चरनन में शीश झुका ले गुरु आदेश मान मन मेरे ध्यान जाप चिन्तन कर ले रे जनम जनम के पाप कटेंगे मोक्ष द्वार खुल जायेगा गुरु चरनन में शीश झुका ले जन्म सफ़ल हो जायेगा
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
13-10-2011, 04:10 PM | #27 |
Special Member
|
Re: भजन
गुरु बिन कौन सम्हारे ।
को भव सागर पार उतारे ॥ टूटी फूटी नाव हमारी पहुँच न पाई तट पर । जैसे कोई प्यासा राही । भटक गया पनघट पर । पास खड़ा गुरु मुस्काता है । दोनों बाँह पसारे। वो भवसागर पार उतारे । गुरु बिन ... मेरे राम मुझे शक्ति दो । मन में मेरे दृढ़ भक्ति दो । राम काम मैं करूँ निरंतर । राम नाम चित धारे। को भव सागर पार उतारे । गुरु बिन ... जीवन पथ की उलझन लख कर। खड़े न हो जाना तुम थक कर। तेरा साथी, राम निरंजन । हरदम साथ तुम्हारे। वो भवसागर पार उतारे । गुरु बिन ... हमराही तुम विकल न होना । संकट में धीरज ना खोना । अंधियारे में बाँह पकड़ कर । सत्गुरु राह दिखाये। वो भवसागर पार उतारे । गुरु बिन ...
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
16-10-2011, 06:01 PM | #28 |
Special Member
|
Re: भजन
गौरीनंदन गजानना हे दुःखभंजन गजानना ।
मूषक वाहन गजानना बुद्धीविनायक गजानना । विघ्नविनाशक गजानना शंकरपूत्र गजानना ।
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
16-10-2011, 06:02 PM | #29 |
Special Member
|
Re: भजन
घूँघट का पट खोल रे,
तोहे पिया मिलेंगे। घट घट रमता राम रमैया, कटुक बचन मत बोल रे॥ रंगमहल में दीप बरत है, आसन से मत डोल रे॥ कहत कबीर सुनो भाई साधों, अनहद बाजत ढोल रे॥
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
24-10-2011, 07:26 PM | #30 |
Special Member
|
Re: भजन
छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल छोटो सो मेरो मदन गोपाल आगे आगे गैयाँ पीछे पीछे ग्वाल बीच मैं है मेरो मदन गोपाल...... छोटी छोटी गैयाँ घास खाए गैयाँ, दूध पीये ग्वाल माखन मिसरी खाए मेरो मदन गोपाल... छोटी छोटी गैयाँ काली काली गैयाँ, गोरे गोरे ग्वाल श्याम वरन मेरो मदन गोपाल.... छोटी छोटी गैयाँ छोटी छोटी लाखुटी छोटे छोटे हाथ बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल.... छोटी छोटी गैयाँ छोटी छोटी सखियाँ मधुबन बाल रास रचावे मेरो मदन गोपाल..... छोटी छोटी गैयाँ
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
Bookmarks |
Tags |
अर्चना, आराधना, पूजा, भजन, भजनामृत, bhajan |
|
|