14-08-2013, 04:29 PM | #21 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
उसका नाम एंथोनी (टोनी) हैरिस था. भूतपूर्व अभियुक्त था, उसे इन हत्याओं के षड्यंत्र की शुरू से ही जानकारी थी. सच तो यह है कि उन्होंने उसे भी अपने इस काम में शामिल करने की कोशिश की थी. “वह हैं कौन?” एक इंस्पेक्टर ने पूछा. “वो ‘मौत के फ़रिश्ते’ हैं. उन्होंने ही सब को मार डाला. उन्होंने ही उस महिला को रेलवे लाइन के पास काट कर फेंक दिया था. और अन्य लोगों को गोली से उड़ा दिया जिन्हें वो ‘नीली आँखों वाले शैतान’ कहते हैं. लेकिन मुझे यह सब करना अच्छा नहीं लगता – औरतों और बच्चों और बाकी लोगों को क़त्ल करना. “कौन से बच्चे?” “वो तीन बच्चे, जिन्हें वो उस दिन ले जाना चाहते थे जिस दिन उन्होंने उस महिला को काट डाला था.” गुप्तचरों ने एक-दूसरे को देखा, पुलिस के अतिरिक्त और कोई नहीं जानता था कि क्वायिटा हेग की जिस रात हत्या की गई, उस दिन तीन बच्चों के अपहरण की कोशिश भी की गई थी और अपहरणकर्ताओं का हुलिया क्वायिटा हेग के हत्यारों से मिलता जुलता था. सौभाग्य से उन बच्चों ने इन आदमियों से अपना पिंड छुड़ा लिया. “मैं सोचता हूँ टोनी, कि हम अपने ऑफिस में ठीक से बात कर सकते हैं. क्या तुम ऐसा नहीं सोचते?” |
16-08-2013, 10:36 PM | #22 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
वह अभी भी घबरा रहा था. फिर भी हैरिस ने हाँ कह दी. और आधे घंटे में वह कोरेरिस और फोटिनौस के सवालों के जवाब दे रहा था. अपने तमाम अनुभव के बावजूद पुलिस अधिकारियों में से किसी ने भी इतनी दिल हिला देने वाली कहानी नहीं सुनी थी. यह अविश्वसनीय तो अवश्य लग रही थी, हैरिस द्वारा दिये गये विवरण उन तथ्यों की ही पुष्टि कर रहे थे जिनसे वे पहले से ही अवगत थे. जैसे ही टेप रिकार्डर की रील हैरिस के बयान को दर्ज करने लगी, कोरेरिस को अजीब सा लगने लगा. यह तो ऐसा था जैसे साक्षात नर्क का दृश्य उपस्थित कर दिया गया हो.
एंथोनी हैरिस सन 1973 में सान क्विनटिन जेल में बंदी था जब उसने पहली बार ‘मौत के फरिश्ते’ नामक संस्था के बारे में सुना था. उसे एक कैदी से मालूम हुआ कि यह अश्वेत मुसलमानों का एक ख़ास गिरोह है जिसके बहुत से लोग “इस्लाम का सुफल” नामक एक अर्ध-सैनिक संगठन के सदस्य थे, जो संयुक्त राज्य अमरीका के बहुत से शहरों में स्थित “इस्लाम का राष्ट्र” की मस्जिदों की रक्षा करता था. उन्होंने “नीली आँखों वाले शैतानों” का वध करने को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया था. “वे जेल में इन्हीं विषयों पर बात किया करते थे,” हैरिस ने अपनी बात जारी रखी, “कि वे किस प्रकार लोगों को क़त्ल किया करेंगे,उनके सर कलम करे देंगे, जब वे जेल से बाहर आयेंगे. यह गोरे लोगों द्वारा काले लोगों के साथ किये गये दुर्व्यवहार का एक बदला था.” हैरिस ने ये बातें सुनी. उस समय उसे यह सब अजीबो-गरीब लगता था. वह हत्या के मामले में उलझना नहीं चाहता था. तो भी उन्होंने बाहर निकलने पर रोजगार का विश्वास दिलाया. हैरिस, जो कंग-फू (निहत्थे लोगों के लिए आत्म-रक्षा की एक शैली) का उस्ताद था, को कहा गया कि वो सभी मेम्बरों को कंग-फू सिखाये. अनिच्छापूर्वक वह इसके लिए राजी हो गया. Last edited by rajnish manga; 03-09-2013 at 09:14 PM. |
16-08-2013, 10:38 PM | #23 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
सन 1973 की हेमंत ऋतु में पैरोल पर रिहा होने के बाद, हैरिस कुछ ही दूर स्थित भूतपूर्व कैदियों के लिए ओकलैंड के सुधारगृह में पहुंचा. वहां वह दुबारा उन अभियुक्तों से मिला जिन्होंने सान क्विनटिन जेल में उसके सामने ‘मौत के फ़रिश्ते’ का ज़िक्र किया था. कंग-फू का प्रशिक्षण जारी रहा. परन्तु उसके शागिर्द इस कला को सीखने में इतनी रूचि नहीं दिखा रहे थे जितना इस बात में कि हाथों से प्राणघातक हमला कैसे किया जा सकता है.
सान क्विनटिन जेल से छूटने के कुछ समय बाद, हैरिस को खाड़ी क्षेत्र में चलने वाले बहुत से व्यवसायों में से एक में नौकरी दे दी गई. ये व्यवसाय “नेशन ऑफ़ इस्लाम” नामक संस्था के सदस्यों द्वारा सम्हाले और चलाये जा रहे थे. बाद में सान फ्रांसिस्को में अश्वेतों द्वारा चलाई जाने वाली सेल्फ-हेल्प मूविंग एंड स्टोरेज कम्पनी में वह बतौर मूवर मुलाजिम हो गया. उसे जल्द ही पता चल गया कि “मौत के फ़रिश्ते” नामक संस्था कोई मज़ाक नहीं था. जिस भवन में कम्पनी काम करती थी, उसकी ऊपरी मंजिल पर हर हफ्ते मीटिंग होती और कम से कम 20 व्यक्तियों द्वारा इसमें शिरकत की जाती. बातचीत का विषय जातीय घृणा और हत्याओं से जुड़ा होता. हैरिस को यह समझा दिया गया था कि “मौत का फ़रिश्ता” बनने के लिए उसे कम से कम नौ गोरे लोगों की हत्या करनी होगी. किये गये अपराधों के सबूत जैसे घटनास्थल के फोटो, चश्मदीद गवाहों के बयान, या मारे गये व्यक्ति के शरीर का कोई अंग प्रस्तुत किया जाना आवश्यक था. उसे बताया गया कि ये सबूत फिर शिकागो भेजा जाएगा ताकि इसको प्रमाणित किये जाने के बाद, पुरस्कारस्वरूप, पदोन्नति दी जा सके. शिकागो, कोरेरिस जानता था कि, “नेशन ऑफ़ इस्लाम” का मुख्यालय था. “बस, एक मिनट, टोनी,” उसने रोकते हए पूछा, “क्या यह सान फ्रांसिस्को की तरह देश के अन्य भागों में भी हो रहा है?” “मैं यह जानता हूँ कि यह कैलिफोर्निया में चलाया जा रहा है, पूरे कैलिफोर्निया में.” Last edited by rajnish manga; 03-09-2013 at 09:20 PM. |
16-08-2013, 10:38 PM | #24 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
कोरेरिस ने इसे नोट कर लिया, जबकि हैरिस ने अपनी बात जारी रखी. कुछ हत्यायें तो उसके जेल से बाहर आने से पहले ही हो चुकी थीं.वह इनके बारे में जानता था क्योंकि उसे वारदात के फोटो और शरीर के अंग दिखाए गये थे.
“आपको मालूम है कि वो रात के समय निकलते थे, दूसरे स्थानों पर जाते, वो लिफ्ट मांगने वालों को बिठा लेते और उन्हें मार डालते. वो इसे “गिलहरियों का शिकार” कहा करते.” “कुल कितने?” फोटिनौस ने जानना चाहा. बहुतेरे, हैरिस ने समझाया. बहुत ज्यादा. वांछित संख्या में शिकार मारने का पुरस्कार था – छोटे से पंखों की एक अदद जोड़ी, जिसे सदस्यों के कालर पर लगाया जाता था. मूविंग कम्पनी कि छत पर, हैरिस को “मौत के फरिश्तों” का पूरा संसार देखने को मिला. दर्जनों की तादात में छोटी छोटी फोटो ऐसे व्यक्तियों की थी, जिन्होंने छोटे छोटे अलंकृत पंख अपने कालर पर सजा रखे थे. यदि हर व्यक्ति ने कोई न कोई हत्या कर रखी हो तो आंकड़ा बहुत ऊंचा जाएगा. जहां तक ज़ेब्रा हत्याओं का सवाल था, हैरिस कई मर्तबा हत्यारों के साथ गया था. उदाहरण के लिए, जिस दिन क्वाईटा हेग की धारदार हथियार से हत्या की गई थी, वह वहां उपस्थित था. यह हथियार उन तमाम हथियारों में से एक था जो ‘मौत के फ़रिश्ते’ नामक संस्था के कई केन्द्रों में से एक के ‘वेल्वेट-प्रदर्शन-पात्र’ में रखे थे. इनमे पिस्तौलें और अन्य हथियार भी शामिल थे. इसके साथ ही हैरिस ने बताया कि खुद उसी ने गत दिसम्बर उस क्षत-विक्षत धड़ को ‘ओशन बीच’ पर दबाया था. यह कोई पली घटना नहीं थी.अन्य कई अवसरों पर उसे इस प्रकार के ‘पैकेज’ शहर के कूड़ेदानों में फेंकने का काम सौंपा गया था. कई बार उसने गोल्डन गेट ब्रिज से भी ऐसी चीजें फेंकी थीं. क्या उसे इसकी जानकारी थी कि उन पैकेटों में क्या था? लेकिन उनमे जो भी था, वे हत्याओं से अलग नहीं था. फोटिनौस ने मुंह बनाया और अपने मित्र से ग्रीक में पूछा, “गस, क्या तुम्हें इसके बयान पर विश्वास है?” कोरेरिस ने ग्रीक में ही उत्तर देते हए कहा, “वह लगभग हर विवरण सच्चाई से दे रहा है, वरना और किसे इन बातों की जानकारी हो सकती थी. हमें विश्वास करना ही पड़ेगा.” |
16-08-2013, 10:39 PM | #25 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
“हमने ज्यादा काम नहीं किया है”
हैरिस द्वारा दी गयी सूचनाओं के आधार पर कार्यवाही करते हुये, पुलिस ने ‘ब्लैक सेल्फ-हेल्प मूविंग एंड स्टोरेज कम्पनी’ की 24 घंटे निगरानी आरम्भ कर दी. सभी संदिग्ध व्यक्तियों के इमारत में दाखिल होते हुये अथवा बाहर आते हुये फोटो लिए गये और उनकी शनाख्त कर ली गई. अधिकतर व्यक्तियों ने लम्बा समय जेल में बिताया था. और दो व्यक्ति ऐसे थे जिन्होंने हैरिस के साथ ही सान क्विनटिन जेल में सजा काटी थी. उनका बराबर पीछा किया जा रहा था और उनके घरों तथा उनके द्वारा विजिट किये गये स्थानों की शिनाख्त कर ली गयी थी. इस बीच कोरेरिस और फोटिनौस ने हैरिस के लिए शहर के एक किनारे पर स्थित मोटेल में एक कमरा किराये पर ले लिया था. वहां हैरिस को समझाने की कोशिशें होने लगीं. अपने सवालों को ग्रीक भाषा में तैयार करते हए, दोनों इंस्पेक्टरों ने हैरिस को इस बात के लिए राजी किया कि वह उन्हें सारी उपलब्ध जानकारी से अवगत कराये. उदाहरण के लिए उस बंदूकधारी व्यक्ति को ही लें जिसने सिर को सफाचट करवाया हुआ था जिसका ज़िक्र शुरू की घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा किया गया था. पुलिस ने मूविंग कम्पनी में उसे नहीं देखा था. हैरिस ने सिर हिलाया. वह इसलिए कि वह पहले ही जेल जा चुका था – हत्या के जुर्म में. हैरिस ने उसका परिचय जेस्सी ली कुक्स के रूप में दिया. कोरेरिस को मालूम था कि कुक्स, जिसका हिंसापूर्ण और आपराधिक रिकॉर्ड है, गत वर्ष 30 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था – क्वाइटा हेग की हत्या के दस दिन बाद – एक विद्यार्थी किशोरी की हत्या का प्रयास करने के आरोप में. घटना के कुछ ही मिनट बाद उसे पिस्तौल सहित गिरफ्तार कर लिया गया – पिस्तौल उसकी कमर में बंधी हुई थी. कुक्स ने अपने आपको निर्दोष बताया और बताया कि वह एक लम्बी सजा काट रहा था. उसे बलात्कार का दोषी भी पाया गया था. यहां तक कि उसने एक बेचारी को धमकी देते हए कहा कि “सान फ्रांसिस्को की गलियाँ जल्द ही खून से नहा जायेंगी.” Last edited by rajnish manga; 03-09-2013 at 09:24 PM. |
16-08-2013, 10:40 PM | #26 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
हैरिस ने जोर दे कर कहा कि ‘मौत के फरिश्तों’ के नेताओं में से एक व्यक्ति संगठन में लेफ्टिनेंट का रैंक लेने की कोशिश कर रहा था, हवाई जहाज से शिकागो गया है ताकि वो हत्याओं के सबूत प्रस्तुत कर सके और पदोन्नति ले सके. वह खाली हाथ लौट आया. “हमने ज्यादा काम नहीं किया है,” हैरिस ने उसके हवाले से कहा.
इस रहस्योद्घाटन से कोरेरिस को विश्वास हो गया कि हत्यायें करने की स्वीकृति, यहां तक कि शायद आदेश तक शिकागो से ही किसी ने दिये थे. किन्तु ‘मौत के फरिश्तों’ के शिकागो संपर्क का ठिकाना कुछ गिनेचुने लोगों को ही मालूम था. हैरिस उसके बारे में कुछ न बता सका. जबकि ज़ेब्रा-भेदियों का अस्तित्व एक संरक्षित रहस्य था, हैरिस द्वारा दिये गये सहयोग की भनक लोगों को पड़ गई. “नेशन ऑफ़ इस्लाम’ का एक प्रतिनिधि अचानक होटल में प्रकट हुआ और कहने लगा कि हैरिस को उसके हवाले कर दिया जाये. यह जानते हए कि ऐसा करने का अर्थ होगा हैरिस की मौत. फोटिनौस ने, जो अकेला हैरिस के साथ था, इनकार कर दिया. उसे शक था कि उस मांग-कर्ता के दूसरे मुस्लिम साथी भी आते होंगे. संभावित गोलीबारी से बचाव करते हुये, वह और हैरिस मोटेल के पिछवाड़े बने आग-बचाव वाले रास्ते से बाहर निकल गये. कुछ ही क्षणों में मुस्लिम युवकों का एक समूह वहां आ पहुंचा – हैरिस को बलपूर्वक छुड़वाने के लिये. पुलिस ने अब हैरिस के ठिकाने को गुप्त रखने के लिये असाधारण सावधानी बरतनी शुरू कर दी. वह हमेशा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेज दिया जाता. हर घड़ी उसकी चौकसी की जाती. परन्तु नुक्सान तो हो ही चुका था. संदिग्ध व्यक्ति अब यह जान चुके थे कि हैरिस पुलिस के संरक्षण में है. कोरेरिस असमंजस में पड़ा था. बहुत से बंदूकधारी फोटुओं के आधार पर गवाहों द्वारा पहचान लिए गये थे. परन्तु अभी तक अन्य शहादतें घटना-स्थल से जुड़ी थीं (circumstantial evidence). कोरेरिस और फोटिनौस को कुछ और वक़्त चाहिए था ठोस सबूत इकठ्ठा करने के लिए और ‘मौत के फ़रिश्ते’ नामक संस्था के अन्य सदस्यों की शिनाख्त करने के लिये. Last edited by rajnish manga; 03-09-2013 at 09:26 PM. |
16-08-2013, 10:42 PM | #27 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
समस्या बहुत जटिल थी. लेकिन क्या उन्होंने इंतज़ार किया और संदिग्ध अपराधियों को निकल जाने दिया? अथवा उन्होंने पूरा केस बनने से पहले ही गिरफ्तारियां शुरू कर दीं? क्या वे और गोलीबारी या कुछ और हत्याओं का खतरा मोल ले सकते थे?
“हम अगले बुधवार को उन्हें गिरफ्तार करेंगे,” कोरेरिस ने कहा, “हम और इंतज़ार नहीं कर सकते.” परन्तु पुलिस को यह समय मिल पाता, उससे पहले ही केस ने एक गंभीर मोड़ ले लिया. Last edited by rajnish manga; 03-09-2013 at 09:31 PM. |
16-08-2013, 10:43 PM | #28 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
a47469 की तलाश शुरू
27 अप्रेल को शाम से कुछ पहले, यानि गिरफ्तारी की योजना से चार दिन पूर्व, स्कूल में पढ़ रहे एक बच्चे को अपनी गेंद ढूंढते हुये एक खाली जगह पर कुछ मिला. पाइन (वृक्ष) के नुकीले पत्तों से बने कालीन नुमा जमीन पर रखी और धूप में चमकती हुई एक छोटी सी, अर्ध-स्वचालित पिस्तौल थी यह. खुशी से भर कर चिल्लाते हुये, उस बच्चे ने हथियार को उठा लिया और उसे अपने साथियों को दिखाया. कोई दो-एक घंटे का समय इससे खेल लेने के बाद, बारी बारी से इसका घोड़ा दबाते हुये, इजेक्टर स्लाइड का काम देखते हुये, खाली क्लिप का निरीक्षण करते हुये, इसी में गुज़ार दिया. शाम ढले एक बच्चा इस पिस्तौल को अपने घर ले गया. उसके हैरान-ओ-परेशान माता-पिता ने बच्चे द्वारा की गयी खोज की अहमियत को पहचान लिया. यह खाली स्थान उस जगह से ढेला फेंकने की दूरी पर स्थित था जहां ज़ेब्रा हत्याओं के क्रम की अंतिम हत्या की गयी थी. इससे भी महत्वूर्ण बात यह थी कि संदिग्ध अपराधी की एक महिला मित्र इसके अगले ही घर में रहती थी. अन्ततः यह .32 केलिबर वाली बैरेटा पिस्तौल ही निकली. अगले दिन, परीक्षणों द्वारा यह मालूम कर लिया गया कि जनवरी के अंतिम सप्ताह से शुरू हुई गोलीबारी की प्रत्येक घटना में, जिनमें कुल मिला कर 10 पुरुषों और महिलाओं को गोली का निशाना बनाया गया और जिनमें से छः की मौत हो चुकी थी. उस केस में, जो ठोस सबूतों के अभाव में कमज़ोर लग रहा था, फोटिनौस और कोरेरिस के हाथ जैसे कोई बहुमूल्य हीरा लग गया था. किन्तु हत्याओं में प्रयुक्त हथियार का मिल जाना ही पर्याप्त नहीं था. ज्यूरी को संतुष्ट करने ए लिए, यह आवश्यक था कि पिस्तौल का सम्बन्ध अभियुक्तों से सिद्ध किया जाये. |
16-08-2013, 10:44 PM | #29 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
ज्यादातर स्थानीय पुलिस विभाग मूल रूप से दूसरे राज्यों से खरीदे गये या विदेशों से लाये गये हथियारों के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सुविधाओं से वंचित हैं. सामान्यत: सहायता के लिये वे केन्द्रीय अधिकारियों से पूछताछ करते हैं – विशेष अवसरों पर वित्त विभाग से जुड़े “नशीले पदार्थ, तम्बाकू और आग्नेयास्त्रों के ब्यूरो” की सहायता ली जाती है (हर वर्ष ब्यूरो को अपराधों से जुड़ी करीब 50000 बंदूकों और पिस्तौलों आदि का पता लगाने के लिये प्रार्थनायें भेजी जाती हैं). 29 अप्रेल को, यानि गिरफ्तारियों से दो दिन पहले, गस कोरेरिस ने ब्यूरो के सान फ्रांसिस्को स्थित कार्यालय को फोन किया और उनसे बैरेटा पिस्तौल क्रम संख्या a47469का इतिहास जानने की प्रार्थना की. इसके बाद वह जानकारी की प्रतीक्षा करने लगा.
1 मई को सुबह पांच बजे, ढेरों हथियारों से लैस पुलिस ऑफिसर और गुप्तचर, जिनमे से कईयों ने गोलीबारी की आशंका से बचने के लिए बुलेट-प्रूफ वैस्ट पहन रखे थे, अभियुक्तों को घेरे में लेने के लिए आगे बढ़ रहे थे. सभी ने शांतिपूर्वक समर्पण कर दिया. सुबह आठ बजे तक सात व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया. बहुत बड़ी शिनाख्ती परेड में से गवाहों ने सरलता से तीन अभियुक्तों को गोली चलाने वालों के रूप में पहचान लिया. जबकि एंथोनी हैरिस द्वारा सभी लोगों को हत्याकांड में शामिल होने का दोषी करार दिया गया था, पुलिस को मजबूरन चार अभियुक्तों को सबूतों के न होने के कारण छोड़ देना पड़ा. गवाह उनकी शिनाख्त करने म असमर्थ रहे. छोड़ दिये गये लोगों में से एक था - थॉमस मैनी – ब्लैक सेल्फ-हेल्प मूविंग एंड स्टोरेज कंपनी का मुस्लिम प्रोप्राइटर. हत्या का आरोप झेल रहे थे – 1. लैरी ग्रीन नामक 22 वर्षीय मुस्लिम युवक, जिसे पुलिस द्वारा पहले कभी नहीं पकड़ा गया था. उसकी क्वाईटा हेग का गला काट कर मारने के मामले में शिनाख्त की गयी थी. 2. मनुएल मूर, तीस वर्षीय मुस्लिम युवक, जिसका एक लम्बा पुलिस रिकॉर्ड था, और 3. जे. सी. सिमोन, 28, जो विशिष्ट संस्था “फ्रूट ऑफ़ इस्लाम” का एक सदस्य था. हैरिस के अनुसार यह सिमोन ही था जो हत्याओं के सबूत ले कर वायुयान से शिकागो गया था. हर व्यक्ति की जमानत $ 3,00,000 रखी गयी थी. जेस्सी ली कुक्स, जो पहले से ही जेल की हवा खा रहा था, पर भी हत्या का आरोप लगाया गया. |
16-08-2013, 10:45 PM | #30 |
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Re: हत्यारी पिस्तौल की तलाश
कोरेरिस और फोटिनौस को मालूम पड़ा कि कोई भी अभियुक्त बात करने के लिए राजी नहीं है. वो दीवारों को ताकते रहते, और अपने मुंह में ही बड़बड़ाते रहते – “हर गोरा आदमी नीली आँखों वाला शैतान होता है.”
“क्या तुम जानते हो, गस?” फोटिनौस ने एक इंटरव्यू के बाद कहा, “यह तो एक रोबोट से बात करने की तरह है. ये लोग तो कभी भी बाहर जा सकते हैं और झट से किसी की हत्या कर सकते हैं. ठीक वैसे ही जैसे मैं और तुम सब्जियों की खरीदारी करते हैं.” गवाहों को और सबूतों को ग्रैंड ज्यूरी के सामने पेश किये जाने के लिए 16 मई निर्धारित की गई थी. इस दरमियान दोनों सरकारी वकील बैरेटा के बारे में जानकारी पर बहुत जोर डाल रहे थे, जो अब बुरी तरह जरूरी हो गया था.कोरेरिस ने उन्हें सूचित किया कि ब्यूरो अभी तक इस बारे में काम कर रहा है. परन्तु एक तथ्य उभर कर सामने आया: किसी भी अभियुक्त द्वारा यह पिस्तौल किसी डीलर से नहीं खरीदी गयी थी. यह सब तो रिकॉर्ड से जुड़ा मुद्दा था.पिस्तौल के पिच्च्ले मालिकों के बारे में खोज खबर का काम बड़ा लम्बा और भारी भरकम साबित हो रहा था. कोरेरिस को इसी बात का खतरा और डर लग रहा था. गुप्तचर इस बात से भलीभांति परिचित थे कि अपराध जगत में तमंचे किस प्रकार एक हाथ से दूसरे हाथ में पहुँच जाते हैं. यह नशीले पदार्थों के बदले में आदान-प्रदान की जा सकती थी, कर्जे का भुगतान करने के लिये बेची जा सकती थी, चोरी की जा सकती थी और दोबारा फिर बेची जा सकती थी. इस प्रकार के हथियारों के मालिकों का ठीक ठीक पता लगाना भूसे के ढेर में से एक सुई को खोजने से कम नहीं था. |
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