29-08-2013, 08:30 PM | #21 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
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29-08-2013, 08:31 PM | #22 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
दूसरी आकृति में रेखाएँ पीछे की ओर संकेत करती हुई हमारे बायीं ओर मुड़ती हैं। इसे 'वामावर्त स्वस्तिक' कहते हैं। भारतीय संस्कृति में इसे अशुभ माना जाता है। जर्मनी के तानाशाह हिटलर के ध्वज में यही 'वामावर्त स्वस्तिक' अंकित था।
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29-08-2013, 08:32 PM | #23 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
ऋग्वेद की ऋचा में स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीक माना गया है और उसकी चार भुजाओं को चार दिशाओं की उपमा दी गई है। सिद्धान्त सार ग्रन्थ में उसे विश्व ब्रह्माण्ड का प्रतीक चित्र माना गया है। उसके मध्य भाग को विष्णु की कमल नाभि और रेखाओं को ब्रह्माजी के चार मुख, चार हाथ और चार वेदों के रूप में निरूपित किया गया है। अन्य ग्रन्थों में चार युग, चार वर्ण, चार आश्रम एवं धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के चार प्रतिफल प्राप्त करने वाली समाज व्यवस्था एवं वैयक्तिक आस्था को जीवन्त रखने वाले संकेतों को स्वस्तिक में ओत-प्रोत बताया गया है।
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29-08-2013, 08:35 PM | #24 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
मध्य एशिया के देशों में स्वस्तिक चिन्ह मांगलिक एवं सौभाग्य सूचक माना जाता रहा है। नेपाल में हेरंब, मिस्र में एक्टोन तथा बर्मा में महा पियेन्ने के नाम से पूजित हैं। आस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैण्ड के मावरी आदिवासियों द्वारा आदिकाल से स्वस्तिक को मंगल प्रतीक के रूप में प्रयुक्त किया जाता रहा हैं।
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29-08-2013, 08:36 PM | #25 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
यदि आधुनिक दृ्ष्टिकोण से देखा जाए तो अब तो विज्ञान भी स्वस्तिक, इत्यादि माँगलिक चिन्हों की महता स्वीकार करने लगा है । आधुनिक विज्ञान ने वातावरण तथा किसी भी जीवित वस्तु,पदार्थ इत्यादि के उर्जा को मापने के लिए विभिन्न उपकरणों का आविष्कार किया है ओर इस उर्जा मापने की इकाई को नाम दिया है---"बोविस" । मृत मानव शरीर का बोविस शून्य माना गया है और मानव में औसत ऊर्जा क्षेत्र 6,500 बोविस पाया गया है। स्वस्तिक में इस उर्जा का स्तर 1,00,0000 बोविस है।
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29-08-2013, 08:37 PM | #26 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
यदि इसे उल्टा बना दिया जाए तो यह प्रतिकूल ऊर्जा को इसी अनुपात में बढ़ाता है। इसी स्वस्तिक को थोड़ा टेड़ा बना देने पर इसकी ऊर्जा मात्र 1,000 बोविस रह जाती है।
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29-08-2013, 08:37 PM | #27 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक स्थलों यथा मन्दिर,गुरूद्वारा इत्यादि का ऊर्जा स्तर काफी उंचा मापा गया है जिसके चलते वहां जाने वालों को शांति का अनुभव और अपनी समस्याओं,कष्टों से मुक्ति हेतु मन में नवीन आशा का संचार होता है।
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29-08-2013, 08:38 PM | #28 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
यही नहीं हमारे घरों,मन्दिरों,पूजा पाठ इत्यादि में प्रयोग किए जाने वाले अन्य मांगलिक चिन्हों यथा ॐ इत्यादि में भी इसी तरह की ऊर्जा समाई है। जिसका लाभ हमें जाने अनजाने में मिलता ही रहता हैं।
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29-08-2013, 08:40 PM | #29 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
प्राचीन काल में राजा महाराज द्वारा किलों का निर्माण स्वस्तिक के आकार में किया जाता रहा है ताकि किले की सुरक्षा अभेद्य बनी रहे। प्राचीन पारम्परिक तरीके से निर्मित किलों में शत्रु द्वारा एक द्वार पर ही सफलता अर्जित करने के पश्चात सेना द्वारा किले में प्रवेश कर उसके अधिकाँश भाग अथवा सम्पूर्ण किले पर अधिकार करने के बाद नर संहार होता रहा है । परन्तु स्वस्तिक नुमा द्वारों के निर्माण के कारण शत्रु सेना को एक द्वार पर यदि सफलता मिल भी जाती थी तो बाकी के तीनों द्वार सुरक्षित रहते थे । ऎसी मजबूत एवं दूरगामी व्यवस्थाओं के कारण शत्रु के लिए किले के सभी भागों को एक साथ जीतना संभव नहीं होता था । यहाँ स्वस्तिक किला/दुर्ग निर्माण के परिपेक्ष्य में "सु वास्तु" था ।
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29-08-2013, 11:35 PM | #30 |
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Re: जानिए स्वस्तिक के बारे में.......................
डॉ॰ साहब, नायाब, अद्भुत सूत्र के सूत्रपात के लिये हार्दिक अभिनन्दन
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