26-07-2013, 12:53 AM | #32141 |
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फतेहपुर। उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले की एक अदालत ने चार वर्ष पूर्व दलित नवविवाहिता के साथ हुए दुराचार के मामले में दो सगे भाईयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जिले के खागा कोतवाली मे 29 जुलाई 2009 को 25 वर्षीय नवविवाहिता के साथ गांव के ही दो सगे भाईयों जयसिंह यादव और अजय सिंह यादव ने जबरन दुराचार किया था। इस मामले में पीडिता की तरफ से दी तहरीर के आधार पर दोनो अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया था। विशेष अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो. जहीरउद्दीन ने आज दोनो पक्षों को सुनने के बाद जयसिंह यादव और अजय सिंह यादव को आजीवन कारावास तथा पांच पांच हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
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26-07-2013, 12:53 AM | #32142 |
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उच्च न्यायालय ने थेट्टायिल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने पूर्व एलडीएफ मंत्री जोस थेट्टायिल की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने कथित बलात्कार के मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति पी भावदासन ने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार और शिकायतकर्ता की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सरकार और शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता के अनुरोध का जोरदार विरोध किया। इस बीच याचिकाकर्ता इस रूख पर कायम रहे कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। अदालत ने इसके पहले थेट्टायिल के खिलाफ सभी कार्यवाही पर दो बार रोक लगा दी थी। थेट्टायिल पूर्व परिवहन मंत्री और जद एस के विधायक हैं। मामले में वह पहले आरोपी हैं जबकि उनका पुत्र आदर्श दूसरा आरोपी है। पुलिस ने हाल ही में एक महिला की शिकायत पर थेट्टायिल और उनके पुत्र के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि पिता और पुत्र दोनों ने उसका यौन उत्पीड़न किया है। थेट्टायिल ने दलील दी कि उन्होंने भारतीय दंड संहिता 376 (बलात्कार) के तहत दंडनीय कोई अपराध नहीं किया है और महिला द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं। थेट्टायिल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ राजनीतिक मोर्चा के कुछ प्रमुख नेताओं की ओर से महिला को उकसाया गया है ताकि उनके और उनके बेटे के खिलाफ मामला बनाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए ऐसा किया गया है। इस बीच अलुवा के न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आईटी कानून के कथित उल्लंघन को लेकर शिकायतकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गयी थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि शिकायतकर्ता महिला ने कथित तौर पर एक सीडी रिकार्ड की थी जिसमेंं महिला और थेट्टायिल एकसाथ हैं। कई टीवी चैनलों पर सीडी का प्रसारण किया गया था।
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26-07-2013, 12:56 AM | #32143 |
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मंगल मिशन महज एक पब्लिसिटी स्टंट: माधवन नायर
बेंगलूर! भारत के ‘मून मैन’ के नाम से मशहूर जी. माधवन नायर ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के इस दावे पर सवाल उठाए हैं कि देश का आगामी मंगल मिशन अर्थपूर्ण शोध करेगा । नायर ने 450 करोड़ रूपए की लागत वाली इसरो की मंगल मिशन परियोजना को महज एक ‘पब्लिसिटी स्टंट’ करार दिया । इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने यहां बताया, ‘इसरो एक गैर-जरूरी मिशन में लगा हुआ है जो महज एक पब्लिसिटी स्टंट है ।’ नायर ने यह भी कहा कि देश में संचार ट्रांसपोर्टरों की जबर्दस्त कमी है । गौरतलब है कि नायर छह साल तक जब इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव थे उस वक्त 25 अंतरिक्ष मिशन सफल रहे थे जिसमें भारत का पहला चंद्र अभियान ‘चंद्रयान-1’ भी शामिल है । नायर ने कहा कि इसरो को के. कस्तूरीरंगन समिति की सिफारिशों पर अमल करके इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए था । ‘मून मैन’ ने कहा, ‘‘यदि प्रक्षेपण होता भी है इसके बावजूद यह महज एक और पीएसएलवी प्रक्षेपण होगा । मंगल से किसी तरह की जानकारी हासिल करने में करीब आठ महीने लग जाते हैं । यह एक ऐसा मुद्दा है जिसकी समीक्षा वैज्ञानिक समुदाय को गंभीरता से करने की जरूरत है ।’’ नायर के मुताबिक, जीएसएलवी को यान के तौर पर चुना गया क्योंकि यह करीब 1,800 किलोग्राम के उपग्रह को अपने साथ ले जाने में सक्षम है । इससे एक दर्जन से अधिक उपकरणों को यान के जरिए ले जाया जा सकता था और अंतरिक्ष यान मंगल के अर्थपूर्ण सुदूर संवेदी मिशन के लिए एक वृताकार कक्षा में स्थापित किया जा सकता था । उन्होंने कहा, ‘‘पर बहुत ज्यादा प्रचार के बाद शुरू किए गए मार्स आर्बिटर मिशन का क्या हुआ । जीएसएलवी की समस्याएं सुलझाने में देर हो रही थी इसलिए एक अध्ययन कराया गया ताकि यह देखा जा सके कि पीएसएलवी के साथ क्या किया जा सकता है । करीब 1500 किलोग्राम का उपग्रह मंगल पर ले जाया जा सकता है पर ईंधन की सीमा के कारण इसे ज्यादा से ज्यादा 380 किलोमीटर पेरिजी (पृथ्वी की कक्षा का वह बिंदु जहां से कोई उपग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक हो) और 80000 किलोमीटर एपोजी (पृथ्वी की कक्षा का वह बिंदु जहां से कोई उपग्रह पृथ्वी के सबसे ज्यादा दूर हो) की दीर्घवृत्ताकार कक्षा में रखा जा सकता है । कोई भी इतनी अलग-अलग उंचाइयों से संसाधन सर्वेक्षण या मानचित्रण मिशन नहीं करेगा ।’’ इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने हाल ही में ‘पीटीआई’ को बताया था कि मंगल मिशन अर्थपूर्ण शोध करेगा। इसरो के मुताबिक, मंगल मिशन का प्राथमिक उद्देश्य मंगल की कक्षा में उपग्रह भेजने को लेकर भारत की प्रौद्योगिकीय क्षमता को प्रदर्शित करना, अर्थपूर्ण प्रयोग करना, लाल ग्रह की तस्वीरें लेना और मंगल के पर्यावरण का अध्ययन करना है । विस्तृत जानकारी देते हुए नायर ने कहा कि शुरूआत में वैज्ञानिक उपकरणों के लिए 25 किलोग्राम का अनुमान था पर विस्तृत विश्लेषण के बाद यह घटकर 1.4 किलोग्राम तक आ गया । आगे इसमें और कमी आ सकती है । आज की स्थिति के मुताबिक इसमें सिर्फ पांच उपकरण हो सकते हैं - मंगल की तस्वीरें लेने के लिए मार्स कलर कैमरा (एमसीसी), मंगल पर मिथेन की मात्रा और इसकी उत्पत्ति के अध्ययन के लिए मास मिथेन सेंसर (एमएमए), मंगल पर हाइड्रोजन और ड्यूटेरियम के अनुपात के अध्ययन के लिए लीमैन अल्फा फोटोमीटर (एलएपी), मंगल के वायुमंडल के अध्ययन के लिए मार्स एक्सोस्फेयर न्यूट्रल कंपोजिशन एनालाइजर (एमईएनसीए) और थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (टीआईएस)। नायर ने कहा, ‘‘संक्षेप में कहूं तो इसमें कोई अर्थपूर्ण विज्ञान नहीं है, कोई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकीय चुनौती नहीं है बल्कि यह कहकर महज एक प्रचार किया जा रहा है कि हमने भी मंगल पर एक अंतरिक्ष यान भेजा ।’’
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26-07-2013, 12:57 AM | #32144 |
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इमराना ने अपने ससुर से मुआवजा लेने से किया इनकार
मुजफ्फनगर! आठ वर्ष पहले बलात्कार का शिकार हुई इमराना ने अपने ससुर की ओर से अदालत में जमा की गई मुआवजा राशि स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा है कि वह अपने सम्मान से समझौता नहीं करेगी। इमराना के ससुर अली मोहम्मद को एक स्थानीय अदालत ने उसके बलात्कार का दोषी ठहराया था। इमराना के वकील सीताराम वर्मा ने कहा कि वह मोहम्मद की ओर से जमा की गई मुआवजा राशि पर दावा पेश नहीं करना चाहती। वर्मा ने कहा कि एक स्थानीय अदालत ने मोहम्मद को दोषी ठहराते हुए उस पर 10,000 रपए का जुर्माना लगाया था और उसे मुआवजे के रूप में इमराना को 8,000 रपए देने का आदेश दिया था। उसने अप्रैल में अदालत में राशि जमा कर दी थी लेकिन इमराना ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 17 जुलाई को मोहम्मद की जमानत इस आधार पर मंजूर कर ली थी कि वह जून 2005 में गिरफ्तारी के बाद से पहले ही जेल में आठ वर्ष बिता चुका है। जिला एवं सत्र अदालत ने 19 अक्टूबर 2006 में मोहम्मद को इमराना के बलात्कार का दोषी पाया था और उसे 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। छह जून 2005 में हुई यह घटना उस समय चर्चा में आई थी जब अल्पसंख्यक समुदाय पंचायत ने फरमान जारी किया था कि बलात्कार के बाद इमराना को अपने पति को अपना बेटा मानना होगा और उसका विवाह अमान्य हो जाएगा। पंचायत के इस आदेश के बावजूद इमराना ने कूकरा गांव में अपने पति नूर इलाही के साथ रहना जारी रखा था।
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26-07-2013, 12:58 AM | #32145 |
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अंदरूनी संघर्ष के चलते सामान्य कामकाज भी नहीं कर पा रही सपा सरकार: भाजपा
लखनउ! भाजपा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के अंदरूनी सत्ता संघर्ष के कारण विकास योजनाओं के साथ-साथ सरकार का सामान्य कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। भाजपा के प्रान्तीय प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने यहां कहा कि सत्ता के कई केन्द्रों के दबाव तले पिस रही अखिलेश यादव सरकार रोजमर्रा के सामान्य कामकाज भी ठीक तरीके से नहीं कर पा रही है। यही वजह है कि मंत्रिमण्डल विस्तार होने के बावजूद मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में देर, वरिष्ठ पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के स्थानान्तरण और उसके अनुपालन को लेकर भी उच्च स्तर पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आलम यह है कि सरकार ने पुलिस विभाग में दरोगा को निरीक्षक पद पर प्रोन्नत किया लेकिन अपनों को तैनात कराने के लिये सपा नेताओं के दबाव के कारण पदोन्नत अफसरों की तैनाती ही लटका दी गयी। पाठक ने कहा कि विकास के मोर्चे पर पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी अखिलेश सरकार जगह-जगह समारोह आयोजित करके विकास योजनाओं का ढिंढोरा पीटने में लगी है लेकिन असलियत यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष में यह सरकार बजट का 56 प्रतिशत हिस्सा खर्च नहीं कर सकी। वहीं इस साल भी अब तक यही हाल है।
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26-07-2013, 01:00 AM | #32146 |
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अफगानिस्तान मुद्दे पर भारत को साथ लेकर चलना होगा अमेरिका को : राजनाथ
वाशिंगटन! भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह का कहना है कि अमेरिका , पाकिस्तान के साथ दोस्ती कर अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में रास्ते से भटक गया है । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र में किसी भी नयी पहल में ओबामा प्रशासन को भारत को साथ लेकर चलना चाहिए । भाजपा नेता ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में अमेरिका को पािकस्तान के साथ सहभागिता के मिले जुले अनुभव हुए हैं । सिंह ने कहा, ‘‘ अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ अपने युद्ध में पिछले दस सालों से पाकिस्तान से हाथ मिला रखा है । परिणाम मिले जुले रहे हैं । तालिबान और अल कायदा के कई प्रमुख नेता तथा हजारों लड़ाके मारे जा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद दक्षिणी और पूर्वी अफगानिस्तान तथा पाकिस्तानी क्षेत्र के भीतर भी उनका लगातार दबदबा बना हुआ है ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा होने की मुख्य वजह यह है कि वर्ष 2003 ..04 में अमेरिका का कहीं अन्य के अपने अभियानों के चलते ध्यान भटक गया और आतंकवादी संगठनों को फिर से एकजुट होने का मौका मिल गया। इसका परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान अमेरिका से डालर ऐंठता रहा . ..उस देश पर अमेरिका की निर्भरता और बढी तथा आतंकवादी नेटवर्कों की गतिविधियोंं में इजाफा हुआ।’’ सिंह ने अमेरिका से पाकिस्तान के भीतर आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों के मुद्दे का समाधान शीर्ष प्राथमिकता के रूप में किए जाने को भी कहा । उन्होंने तर्क दिया कि इसके बिना अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ युद्ध को जीतने की सोच भी नहीं सकता। राजनाथ सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान से वापसी की समय सारिणी और अपने अंतिम लक्ष्यों के बारे में स्वयं फैसला करना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ क्षेत्र में एक बड़ी शक्ति होने के नाते , किन्हीं अन्य देशों के मुकाबले, भारत को जरूरत है कि उसे क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अमेरिकी पहल के बारे में उचित तरीके से सूचित किया जाए।’’ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि एक बार नाटो सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान फिर से 2001 के पूर्व के अराजकता के हालात में न न पहुंच जाए । सिंह ने कहा, ‘‘ हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उस देश को छोड़ते समय अपने पीछे कोई ‘‘ब्लैक होल’’ न छोड़ जाएं ।’’ भाजपा नेता ने तालिबान के साथ किसी प्रकार की शांति वार्ता के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवादी संगठन का व्यवहार बदलने की कोई संभावना नहीं है और उसके साथ सुलह समझौते के प्रयास विफल साबित होंगे । सिंह ने पाकिस्तान से भी कहा कि वह अपने यहां सुरक्षित आतंकवादी पनाहगाहों की समस्या का समाधान करे। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ इस बुराई से निपटने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है । जब तक इन समूहों के सुरक्षित ठिकानों की मूल समस्या और पाकिस्तान में उनके नेतृत्व की समस्या को नहीं सुलझा लिया जाता, तालिबान नामक बुराई का खात्मा नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंंने कहा, ‘‘ भाजपा , पाकिस्तान की पिछली सरकारों के रिकार्ड को ध्यान में रखते हुए इस बारे में बहुत अधिक उत्साहित नहीं है ।’’ सिंह ने कहा कि भारत पिछले तीन दशकों से आतंकवादियों के निशाने पर बना हुआ है । भारतीय संसद पर 2001 में हमला किया गया। देश की वाणिज्यिक राजधानी और देश के गौरव , मुंबई शहर पर लगातार हमले हो रहे हैं । भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस कड़ी में ताजा हमला 2008 में हुआ जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों और कई अन्य विदेशियों समेत 266 लोेग नृशंस तरीके से मारे गए । सिंह ने कहा, ‘‘ भारत सरकार के पास इस बात को साबित करने के पर्याप्त सबूत हैं कि मानवता के खिलाफ इन अपराधों को अंजाम देने वालों ने पड़ोसी देश पाकिस्तान में सुरक्षित पनाहगाह हासिल कर रखी है । संयोगवश अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के ऐबटाबाद में छुपा पाया गया।’’ भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान का नया नेतृत्व आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के भीतर कट्टरपंथी तत्वों पर लगाम लगाने का साहस और दृढ इच्छाशक्ति दिखाए ताकि वे नाटो बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करें ।’’
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‘यूरोप के देश भारत को फिर से गुलाम बनाने की तैयारी में’
भोपाल! केंद्र सरकार, भारतीय जैव प्रौद्योगिकी नियामकीय प्राधिकरण एवं कृषि जैव सुरक्षा अधिनियम के जरिए जीएम फसलों को भारत में लाने की कोशिश में है जिससे भारत एक बार फिर यूरोपीय देशों का गुलाम बन जाएगा। यह बात मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने कही। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा हो गया तो हमारे किसानों का बीज खत्म हो जायेगा और किसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों के गुलाम हो जायेंगे। कुसमरिया ने आज यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि एक ओर तो फ्रांस, जर्मनी आस्ट्रिया पेरू तथा स्पेन जैसे देशों ने अपने देशों में जीएम फसलों को प्रतिबंधित कर रखा है और हंगरी ने तो 1,000 एकड़ में खड़ी मक्के की जी.एम फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया है, वहीं भारत सरकार इन फसलों की भारत में खेती कराने पर अमादा है। अमेरिका तथा यूरोपीय देशों पर जीएम फसलों के माध्यम से भारत को फिर से गुलाम बनाने का षढयंत्र रचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘खेती हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ है और जो राष्ट्र हमारी खेती के संसाधनों पर कब्जा कर लेगा वह इस देश की 64 प्रतिशत आबादी को अपने हिसाब से नियंत्रित कर सकेगा।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप के देश, मोनसेन्टों तथा कारगिल जैसी कंपनियों के माध्यम से हमारे किसानों की पंरपरागत बीज व्यवस्था, खेती के कालचक्र तथा परंपरागत उर्वरक व्यवस्था को बदलने में सफल हो गये हैं। आज बी.टी काटन जैसी फसलों के लिये किसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों से बीज व दवाईयां खरीदने को मजबूर हैं। कुसमरिया ने कहा कि एक जीएम बीजों से शुरआत में तो उत्पादन बढता है, लेकिन बाद में पैदावार घटने और लागत बढते के कारण महाराष्ट्र एवं गुजरात में बडी संख्या में किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पडा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इसके पहले भी अनुवांशिक अंतरित फसलों जैसे बी.टी बैगन लाये जाने के प्रयास किये थे लेकिन उनके परीक्षणों पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगायी गई है। कुसमरिया ने जीएम फसलों पर रोक लगाने के लिये सामजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे सहित सभी सांसदों एवं मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर संसद में इन बिलों को पारित होने से रोकने की मांग की है।
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पीछे हटने के लिए दबाव में हैं सांसद: अमेरिकी समूह
वाशिंगटन! मानवाधिकारों को सार्वभौमिक बताते हुए धर्मनिरपेक्ष भारतीय-अमेरिकी समूह ने भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को वीजा नामंजूर करने की वर्तमान नीति पर बने रहने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को लिखे गये 65 सांसदों के पत्र को सही ठहराया है। बीते आठ साल से भी अधिक समय से मोदी विरोधी अभियान छेड़ा हुआ यह भारतीय अमेरिकी समूह अमेरिका को इस बात पर राजी करने में अब तक कामयाब रहा है कि मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं दिया जाए। इन समूहों ने हालांकि कहा कि पिछले साल मोदी के खिलाफ ओबामा को लिखे गये पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले कुछ नेताओं पर अब इस पर हस्ताक्षर से इंकार करने का दबाव है। राज्यसभा के 25 और लोकसभा के 40 सदस्यों ने क्रमश: 26 नवंबर और पांच दिसंबर 2012 को यह पत्र लिखा था और इसे रविवार को व्हाइट हाउस के लिए फिर से फैक्स किया गया। इस बीच, ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने सांसदों द्वारा ओबामा को अंदरूनी मुद्दे पर एक पत्र लिखने के फैसले को ‘लगभग विचार करने योग्य नहीं’ करार दिया है। ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने खबर दी कि यह लगभग विचार योग्य नहीं है कि भारतीय सांसद किसी अंदरूनी मामले में रूख तय करने के लिए अमेरिका से अपील करें। अखबार ने कहा कि कई भारतीय नेता भी इस विचार का विरोध करेंगे। उधर भारतीय अमेरिकियों के एक समूह ने ओबामा को लिखे पत्र को सही ठहराया है। ‘इमाननेट’ के अध्यक्ष और ‘कोलिशन अगेंस्ट जेनोसाइड’ के सहसंस्थापक शेख उबैद ने कहा कि मानवाधिकार सार्वभौमिक होते हैं। गुजरात दंगों के पीड़ितों को एक दशक बाद भी न्याय नहीं मिला है जबकि हो सकता है कि इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बन जाए। उन्होंने कहा कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और फिजी में भारतीयों के खिलाफ दंगों सहित अन्य देशों के ‘आंतरिक मामलों’ में भी नैतिक रूख अपनाया है तो राष्ट्रपति ओबामा को इसमें शामिल क्यों नहीं किया जा सकता। उबैद ने पत्र को लेकर भाजपा की इस बात को खारिज किया कि एक सांसद पीछे हट गया है। उन्होंने कहा कि यह मोदी धड़े की विभाजित करने की रणनीति है। मुझे कुछ और सांसदों के दबाव में आने की संभावना है। मुद्दा मोदी हैं और पूरा मामला दर्शाता है कि मोदी पर दाग है और भारत, गुजरात, हिन्दुत्व और यहां तक कि भाजपा के लिये बोझ हैं ।
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राहुल अमेठी के दौरे पर : खराब बिजली व्यवस्था के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन
अमेठी! भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कार्यकर्ताओं ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में अमेठी के दौरे पर आये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का ध्यान इलाके में बिजली संकट की तरफ दिलाने के लिये उनके ठहराव स्थल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के सूत्रों ने यहां बताया कि भाकियू जिलाध्यक्ष रीता सिंह की अगुवाई में संगठन के 200 कार्यकर्ताओं ने मुंशीगंज गेस्ट हाउस के सामने प्रदर्शन किया, जहां राहुल और उनकी बहन प्रियंका वाड्रा ठहरे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने राहुल के प्रतिनिधि चंद्रकांत दुबे को सौंपे गये ज्ञापन में अमेठी की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहद खराब बताते हुए उसकी तरफ ध्यान देने की मांग की। भाकियू कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव दीपक सिंह तथा क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाने के वादे करने वाले नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने शिकायत की कि अमेठी शहर को छोड़कर जिले के बाकी इलाकों को बमुश्किल छह से आठ घंटे ही बिजली मिल रही है। उन्होंने दावा किया कि अन्नी बैजल गांव के आसपास के इलाकों को बिजली देने वाले परिपथ में पिछले चार महीने से खराबी आयी हुई है और तब से उससे जुड़े गांवों में बिजली नहीं आयी है। हालांकि राहुल के प्रतिनिधि के आश्वासन के बाद भाकियू कार्यकर्ता वापस चले गये। इस बीच, राहुल और प्रियंका अपने दौरे के दूसरे तथा आखिरी दिन अमेठी के सात ब्लॉक अध्यक्ष तथा पांच नगर अध्यक्ष के पदों के लिये उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेने में व्यस्त रहे और इस दौरान वे स्थानीय लोगों के लिये उपलब्ध नहीं रहे।
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सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित करने के लिए बीपीएल की संख्या घटाई :भाजपा
नयी दिल्ली! भाजपा ने आरोप लगाया कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करने वालों की संख्या घटा कर दिखाना गरीबों को सरकारी योजना से वंचित करने के कांगे्रस के ‘षडयंत्र’ का हिस्सा है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने उक्त आरोप लगाते हुए कांग्रेस के नेताओं को चुनौती दी कि वह यह दिखाएं कि प्रति दिन 34 रूपए पर कोई कैसे गुजारा कर सकता है। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा की परिभाषा बदल कर वे यह दिखाना चाहते हैं कि लोगों की हालत में सुधार आया है और वे गरीबी से उबर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की परिभाषा के अनुसार 34 रूपए प्रतिदिन कमाने वाला गरीबी रेखा के उपर है, जो गरीबों का उपहास है। भाजपा प्रवक्ता के मुताबिक, ‘‘सरकार की नवीनतम रिपोर्ट में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या कम दर्शाना बीपीएल योजनाओं के लाभ से गरीबों को वंचित करने का षडयंत्र है। यह गरीबों के विरूद्ध कांग्रेस की मानसिकता का नमूना है।’’ उनका आरोप है कि गरीबी के आंकडे मूल्य वृद्धि को प्रतिबिंब नहीं करते। इसे ‘‘राजनीतिक बाजीगरी’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि मानदंड कम करके यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि काफी लोग गरीबी रेखा से उपर आ गए हैं। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में ‘‘मिथ्या गुलाबी तस्वीर’’ पेश करने की कोशिश की है जबकि वह भली भांति जानती है कि अर्जुन सेनगुप्त समिति ने पाया है कि देश की 70 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने के लिए मजबूर है। सरकार से भाजपा ने सवाल किया कि जब उच्चतम न्यायालय की निगरानी में रंगराजन समिति गरीबी रेखा के मामले को देख रही है तो उसने जल्दबाजी में ये नए आंकड़े क्यों जारी किए। जावडेकर ने कहा, ‘‘हम कांग्रेस की गरीबी-विरोधी रणनीति की भर्तसना करते हैं। एक दिन में औसतन 34 रूपए कमाने वाला कोई व्यक्ति गरीबी से उबर नहीं जाता और न ही इससे गरीबी की शिद्दत में कमी आती है।’’
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
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