17-10-2013, 02:06 PM | #33331 |
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वाशिंगटन। अमेरिका में 49 वर्षीय एक भारतीय-अमेरिकी महिला की हत्या कर दी गयी है और हत्या के मामले में पुलिस ने उसके पूर्व पति और उसकी वर्तमान पत्नी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि प्रीता पॉल गब्बा की हत्या के मामले में बलदेव तनेजा और उनकी पत्नी रमिन्दर कौर को गिरफ्तार किया गया है। प्रीता की वाशिंगटन डीसी के उपनगरीय जर्मनटाउन स्ट्रीट में शनिवार सुबह में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। तनेजा और कौर पर हत्या करने का आरोप है। शनिवार सुबह में गब्बा को जर्मनटाउन में एक सड़क पर गोली मार दी गयी थी। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गयी। पुलिस के मुताबिक, कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल पर एक महिला को देखा था लेकिन पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही वह वहां से चली गयी थी। अदालत में तलाक के मामले में प्रस्तुत दस्तावेज के मुताबिक, इस दंपत्ति ने 2002 में शादी की थी लेकिन 2010 में उस समय अलग हो गये जब तनेजा अपनी प्रेमिका के पास चले गये। तनेजा और गब्बा दोनों ने एक-दूसरे पर अपमान करने का आरोप लगाया था। अदालत के रिकार्डों के मुताबिक तनेजा ने कहा था कि गब्बा उस और उसके व्यापार सहयोगियों पर नियंत्रण रखना चाहती थी जबकि गब्बा ने कहा कि तनेजा उसे प्रताड़ित करता था । उन्होंने बताया कि टेनेसी के नैशविले में रहने वाले तनेजा को घरेलू मामले को लेकर 10 अक्तूबर को मोंटगोमेरी काउंटी की अदालत में उपस्थित होना था। लेकिन वह सुनवाई के दौरान वहां उपस्थित नहीं हुआ। पुलिस की जांच से पता चला कि तनेजा और रमिंदर 11 तथा 12 अक्तूबर को मोंटगोमरी काउंटी में थे। दोनों ने 28 सितंबर को नैशविले से दो पिस्तौलेंं भी खरीदी थीं। सूचना और तथ्यों के आधार पर दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ और 13 अक्तूबर को उन्हें नैशविले में गिरफ्तार कर लिया गया।
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17-10-2013, 02:07 PM | #33332 |
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मोदी की पहली रैली के दो दिन बाकी, हेलीकाप्टर उतारने की अनुमति नहीं
कानपुर। उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी की 19 अक्टूबर को होने वाली पहली रैली में अब केवल दो दिन बचे है लेकिन जिला प्रशासन ने अभी तक मोदी का हेलीकाप्टर के उतारने के लिये अनुमति नहीं दी है। एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन ने कानपुर विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र और उनके हैलीपेड पर नरेन्द्र मोदी का हेलीकाप्टर उतारने की अनुमति मांगी है, जैसे ही अनुमति मिलती है उसे भाजपा नेताओं को सौंप देंगे। भाजपा के जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी ने आज आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के इशारे पर नरेन्द्र मोदी का हेलीकाप्टर कानपुर यूनिवर्सिटी के हैलीपैड पर उतारने की अनुमति जिला प्रशासन नही दे रहा है। वह बताते है कि 11 अक्टूबर को भाजपा ने जिला प्रशासन को यूनिवर्सिटी का हैलीपैड पर मोदी का हेलीकाप्टर उतारने की इजाजत लिखित रूप से मांगी थी जिसके लिये जिला प्रशासन ने मना कर दिया। 12 अक्टूबर को जिला प्रशासन ने कहा कि रैली स्थल के पास हैलीपैड बनवा ले। उन्होंने बताया कि इस पर हम तैयारी शुरू करने वाले ही थे कि 13 अक्टूबर को पीडब्लयूडी विभाग के अधिकारी आये और उन्होंने रैली स्थल का जायजा लिया और वहां हैलीपैड बनाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया कहा कि यह जगह छोटी है। मैथानी ने बताया कि जब तक हम जिला प्रशासन की एनओसी गुजरात सरकार के अधिकारियों को नहीं भेजेंगे तब तक वह मोदी का हेलीकाप्टर नहीं भेज सकते। नरेन्द्र मोदी चार्टेड प्लेन से 19 को लखनउ में उतरेंगे फिर उसके बाद हेलीकाप्टर से रैली को संबोधित करने कानपुर आयेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि आज और जिला प्रशासन की अनुमति का इंतजार करेंगे उसके बाद हम लोग क्या करेंगे इसका खुलासा अभी नही करेंगे लेकिन मोदी की रैली हर हाल में कानपुर में 19 को होगी जिला प्रशासन प्रदेश सरकार के इशारे पर चाहे जितने अडंगे लगा लें।
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17-10-2013, 02:08 PM | #33333 |
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मुख्यमंत्री पद के लिए दिल्ली भाजपा का प्रत्याशी अभी तय नहीं : गडकरी
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए हर्ष वर्धन को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाए जाने के कयासों के बीच भाजपा ने आज कहा कि इस पद के लिए अभी किसी का भी चयन नहीं किया गया है और इस मामले पर कोई भी फैसला पार्टी के संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और दिल्ली चुनाव के पार्टी प्रभारी नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘दिल्ली विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उतारने के लिए भाजपा ने किसी भी नेता का चयन अभी नहीं किया है। इस संदर्भ में संसदीय बोर्ड द्वारा ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।’’ गडकरी का यह बयान इन कयासों के बाद आया है, जिनमें कहा गया था कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए अपनी पसंद सिर्फ पूर्व मंत्री वर्धन तक ही सीमित रखी है। वर्धन की छवि काफी साफ सुथरी है और दिल्ली पार्टी के समर्थकों के बीच उनकी स्वीकार्यता काफी व्यापक है। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली के कई वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष शहर में भाजपा के प्रमुख विजय गोयल के काम करने के तरीके पर नाराजगी जाहिर की है। सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से कहा कि काफी दिनों से अजेय बनी हुईं कांग्रेस की शीला दीक्षित को कड़ी टक्कर देने के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होना चाहिए। गोयल के प्रति अपना विरोध दर्ज कराते हुए दिल्ली प्रदेश इकाई के कई नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से यह भी कहा कि वे हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने का कोई विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन की स्वच्छ छवि है और वह दिल्ली में 15 साल से सत्तासीन कांग्रेस को उखाड़ फेंकने में संगठित मुकाबला देने में समर्थ होंगे। गोयल पर चुनाव से पहले गुटबाजी को बढावा देने एवं पार्टी में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाते हुए कई वरिष्ठ नेताओं ने गडकरी के सामने अपनी शिकायत रखी थी। सूत्रों ने कहा कि पार्टी आलाकमान चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के विषय पर अंतिम फैसला कर सकता है।
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17-10-2013, 02:26 PM | #33334 |
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प्रधानमंत्री का नाम ‘साजिशकर्ता’ के रूप में होना चाहिए : पूर्व कोयला सचिव
हैदराबाद। कोयला खदान आवंटन मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोयला मंत्रालय के प्रमुख के रूप में अंतिम निर्णय किया जिससे उनका नाम भी साजिशकर्ता के रूप में होना चाहिए तथा और मामले में उन्हें आरोपी बनाया जाना चाहिए। पारेख के इस बयान से राजनीतिक हलकों में नया तूफान खड़ा हो गया है। पारेख ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘....अगर कोई साजिश हुई है तब इसमें विभिन्न लोग शामिल हैं। इनमें के एम बिड़ला हैं जिन्होंने अर्जी लगाई थी। इसमें मैं भी हूं, जिसने मामले को देखा था और सिफारिश की थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं जो उस समय कोयला मंत्री थे और जिन्होंने अंतिम निर्णय किया था, वह तीसरे साजिशकर्ता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए अगर साजिश हुई है तो हम सभी को आरोपी बनाया जाना चाहिए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री का नाम ‘पहले साजिशकर्ता’ के रूप में लिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से। उन्होंने ही अंतिम निर्णय किया था....जवाबदेही प्रधानमंत्री की थी क्योंकि वह मेरी सिफारिशों को खारिज कर सकते थे। कोयला मंत्री के नाते यह पूरी तरह उनकी जवाबदेही थी।’’ पारेख ने कहा, ‘‘सीबीआई को यदि यह लगता है कि कोई साजिश हुई है, तो उन्होंने बिड़ला और मुझे ही क्यों चुना। उसने प्रधानमंत्री का नाम क्यों नहीं लिया। अगर साजिश हुई है तो जो भी इससे जुड़ा है, वह साजिश का हिस्सा है।’’ सीबीआई ने आठ साल पहले ओड़िशा में दो कोयला खानों के आवंटन में कथित अनियमितता के सिलिसिले में आपराधिक साजिश तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कुमार मंगलम बिड़ला, पारेख तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पारेख ने कहा कि हिंडाल्को का ‘सही फैसला’ था। उन्होंने बताया कि हिंडाल्को तथा सार्वजनिक क्षेत्र की नेवेली लिग्नाइट कारपोरेशन ने उसी कोयला खदान के लिये आवेदन दिये थे। उन्होंने बताया कि कोयला मंत्रालय के अधीन आने वाली जांच समिति ने यह निर्णय किया था कि यह खदान नेवेली को आवंटित किया जाना चाहिए क्योंकि वह सार्वजनिक उपक्रम है और इसके लिये पात्र भी है। लेकिन इस फैसले के बाद बिड़ला ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया था कि यह कोयला खान हिंडाल्को को आवंटित की जानी चाएिह। बिड़ला ने कहा था कि की कंपनी इसके लिए समान रूप से योग्य है और इसके लिए प्रथम आवेदन उसका है। पारेख के इस बयान को आधार बना कर भाजपा तथा वाम दलों ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री इस विवादास्पद आवंटन की जवाबदेही से नहीं बच सकते क्योंकि उस समय कोयला मंत्रालय उनके ही पास था। इन पार्टियों ने इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। पारेख ने कहा, ‘‘मुझे उनकी बात में दम लगा और सुझाव दिया कि हिंडाल्को तथा नेवेली को संयुक्त उद्यम गठित करना चाहिए। मेरी सिफारिश को प्रधानमंत्री ने मंजूरी दी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीआई ने प्रधानमंत्री का नाम जानबूझकर छोड़ दिया है, पूर्व नौकरशाह ने कहा, ‘‘यह प्रश्न सीबीआई से पूछा जाना चाहिए कि उनका नाम क्यों छोड़ा गया।’’ यहां सीबीआई अदालत में ताजा प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एजेंसी की टीम ने मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद तथा भुवनेश्वर में करीब छह परिसरों की तलाशी ली। जिन परिसरों की तलाशी ली गयी है, उसमें हिंडालको के कार्यालय तथा हैदराबाद के सिकंदराबाद में पारेख का आवास शामिल हैं। अपने खिलाफ आरोप को आधारहीन बताते हुए पारेख ने कहा कि उन्हें सरकार के निर्णय में कुछ भी गलती नहीं दिखती। पूर्व कोयला सचिव पारेख ने कहा, ‘‘वास्तव में निर्णय लेने में कुछ भी गलत नहीं है। जो भी निर्णय किये गये वे निष्पक्ष तथा सही थे। मुझे नहीं पता कि आखिर सीबीआई को इसमें साजिश क्यों नजर आ रही है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई को तत्कालीन कोयला राज्यमंत्री डी नारायण राव का नाम निश्चित रूप से लेना चाहिए क्योंकि फाइल उनके जरिये ही आगे गयी थी। एक सवाल के जवाब में पारेख ने कहा कि उन्हें ओड़िशा में तालाबिरा दो तथा तालाबीरा तीन के आवंटन के मुद्दे पर कभी भी प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई दबाव का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘हां, सांसदों की तरफ से जरूर लांबिंग हुई थी लेकिन पीएमओ की तरफ से कोई दबाव नहीं था।’’ पारेख ने दावा किया कि सीबीआई निष्पक्ष और सही निर्णय तथा गलत निर्णय के बीच अंतर करने में विफल रही। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सीबीआई इस तरह व्यवहार करती है, तब लोगों खासकर युवा अधिकारियों के लिये निर्णय लेना कठिन होगा। उन्हें पूरे मामले पर फिर से गौर करना चाहिए और इसे फाड़ देना चाहिए। ’’ पारेख ने कहा कि कोयला सचिव के रूप में उन्होंने कोयला आवंटन प्रक्रियाओं को ज्यादा पारदर्शी बनाने की कोशिश की। उन्होंने इसके लिये संबंधित कानून में संशोधन कर खुली नीलामी तथा ई-नीलामी की सिफारिश की थी। उन्होंने दावा किया कि कोयला मंत्री शिबू सोरेन इस विचार का विरोध किया था लेकिन जब उन्होंने सरकार से इस्तीफा दे दिया तो प्रधानमंत्री ने इस विचार को मंजूरी दी और उनसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिये नोट तैयार करने को कहा। पारेख ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय कानून में बदलाव लाने के लिये अध्यादेश लाने का विरोध किया और संसद में विधेयक लाने को तरजीह दी।
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17-10-2013, 02:29 PM | #33335 |
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कुपवाड़ा में विदेशी आतंकवादी मारा गया
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक विदेशी आतंकवादी मारा गया। उसकी पहचान अभी नहीं हो सकी है। पुलिस और सेना ने कुपवाड़ा में लोलाब के दाइवर क्षेत्र में संयुक्त अभियान चलाया। यह अभियान इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना के बाद चलाया गया। प्रवक्ता ने बताया कि मुठभेड़ हुई जिसमें एक विदेशी आतंकवादी मारा गया।
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17-10-2013, 02:30 PM | #33336 |
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भाजपा ‘एक ऐसा स्वचालित हथियार है जिसमें कुछ भी नहीं है’: तिवारी
नई दिल्ली। पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के बयानों के मद्देनजर विपक्ष की ओर से कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले पर प्रधानमंत्री को निशाना बनाए जाने के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आज भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह एक ऐसा स्वचालित हथियार है, जिसमें दुर्भाग्यवश कुछ भी नहीं है। तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमारे ध्यान में कुछ रिपोर्टें लाई गई हैं जो आज मीडिया के एक वर्ग में पेश की गई। मैं बहुत सम्मान के साथ यह बताना चाहता हूं कि पूरे मामले की जांच चल रही है और इस जांच पर उच्चतम न्यायालय प्रत्यक्ष रूप से नजर रख रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए यह मामला विचाराधीन है। इसकी जांच चल रही है। इस संबंध में लोग जिस तरह से टिप्पणी कर रहे हैं वह अनुचित है।’’ सीबीआई ने पारेख के खिलाफ कोयला घोटाले में मामला दर्ज किया है। पारेख ने कहा था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अंतिम फैसला करने वाले व्यक्ति थे और मामले में उनका नाम ‘‘साजिशकर्ता’’ के रूप में लिया जाना चाहिए। इस बयान के बाद भाजपा ने मामले की पूरी जांच कराने की मांग की है। यह पूछे जाने पर कि क्या ओडिशा में दो कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में ताजा प्राथमिकी से भाजपा को नए हथियार मिल जाएंगे, तिवारी ने कहा, ‘‘ क्या आपको लगता है कि भारतीय जनता पार्टी को हथियार की जरूरत है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा ऐसा स्वचालित हथियार है जिसमें दुर्भाग्यवश कुछ भी नहीं है।’’ तिवारी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ भाजपा से गैरजिम्मेदाराना रवैये के अलावा कुछ भी अपेक्षा करना सूर्य के पूर्व के बजाए पश्चिम से निकलने की उम्मीद करने जैसा होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह महत्वपूर्ण है कि भाजपा को क्या कहना है क्योंकि वे पिछले 10 वर्षों से यही कह रहे हैं। लेकिन जिम्मेदारी और शिष्टाचार यह मांग करते हैं कि उच्चतम न्यायालय जिस जांच पर नजर रख रही है, उस बारे में बयान देते समय लोगों को संयमित व्यवहार करना चाहिए।’’ तिवारी ने कहा कि यदि कुछ लोगों को कोई बात कहनी है तो उन्हें अपनी बात उचित मंच और उचित समय पर कहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने जांचकर्ताओं को सभी दस्तावेज दे दिए हैं और इसलिए इन ‘अनावश्यक अटकलों’ को नजरअंदाज किए जाने की जरूरत है। मध्य प्रदेश में चुनाव से पूर्व आचार संहिता लागू हो जाने के बाद कथित रूप से नकद राशि देने के मामले में राज्य के एक मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस बारे में तिवारी ने कहा कि खासकर आचार संहिता लागू हो जाने के बाद धन बांटना संहिता का अत्यंत गंभीर उल्लंघन है। उन्होेंने कहा, ‘‘ चुनाव आयोग को इसे संज्ञान में लेने और इसके अनुसार उचित कदम उठाने की जरूरत है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ओर से पेश की जा रही चुनौती को कम आंक रही है, तिवारी ने कहा, ‘‘ किसी चीज को खाने के बाद ही उसके स्वाद का पता चलता है और इस स्वाद का पता तभी चलेगा जब 2014 में लोकसभा चुनाव होंगे।’’
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17-10-2013, 02:30 PM | #33337 |
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प्रधानमंत्री कोयला घोटाले में अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते : विपक्ष
नई दिल्ली। पूर्व कोयला सचिव पी सी पारेख के बयान पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए विपक्ष ने कहा कि वह विवादास्पद आवंटन की जिम्मेदारी से नहीं बच सकते क्योंकि वह उस वक्त कोयला मंत्रालय के प्रभारी थे। भाजपा और वाम दलों ने पारेख के उस बयान पर मुद्दे की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को भी आरोपी बनाया जाना चाहिए क्योंकि कोयला ब्लॉक आवंटन में वह समान रूप से जिम्मेदार हैं। भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘‘तत्कालीन कोयला सचिव पारेख ने जो कुछ भी कहा है उससे मैं हैरान नहीं हूं कि कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री को आरोपी नंबर 1 बनाया जाना चाहिए। हम सब इस तथ्य से वाकिफ हैं कि वह कोयला ब्लॉक के आवंटन के समय कोयला मंत्री थे और कोयला ब्लॉक का सारा आवंटन उनके हस्ताक्षर से हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि पारेख को उन सभी विवरणों का खुलासा करना चाहिए कि कैसे कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित फाइलों का निपटारा किया गया। सिन्हा ने कहा, ‘‘उन्होंने थोड़ा बोला है। उन्हें अब दोषरहित निकलना चाहिए, सार्वजनिक बयान देना चाहिए कि कैसे उस वक्त फाइलों का निपटारा किया गया, कैसे कांग्रेस पार्टी मुख्यालय और पीएमओ से चिट मिलते थे और कैसे पीएमओ ने उन निर्देशों को अपने पसंदीदा लोगों या जिन लोगों के साथ उनका सौदा हुआ था उन्हें आवंटित करने के लिए कोयला मंत्रालय तक पहुंचाया था।’’ राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पारेख के बयान पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए क्योंकि पीएमओ और प्रधानमंत्री की जवाबदेही समान रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘पारेख जिन्हें कैग रिपोर्ट में भंडाफोड़ करने वाला बताया गया था, उन्होंने नीलामी के जरिए समूचे आवंटन की निष्पक्ष प्रक्रिया चलाए जाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने विलंबित कर दिया। नए नियमों के अस्तित्व में आने तक ये सारे कोयला ब्लॉक जल्दबाजी में अयोग्य लोगों को आवंटित कर दिए गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री की जवाबदेही भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। हम निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।’’ कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री को अवश्य ‘षड्यंत्रकारी’ माना जाना चाहिए इस संबंध में पारेख के बयान पर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि इसी बात पर हम सभी नेता राज्यसभा में जोर दे रहे थे क्योंकि प्रधानमंत्री के पास कोयला मंत्रालय का प्रभार था। उन्होंने कहा, ‘‘तेजी से जांच पूरी किए जाने की जरूरत है और इस बात का खुलासा किया जाना चाहिए कि किसने क्या किया और उस आधार पर कार्रवाई अवश्य की जानी चाहिए।’’ येचुरी ने कहा कि यद्यपि प्रधानमंत्री ने सदन में ‘अनिच्छा’ से बयान दिया था लेकिन कई सवाल अनुत्तरित रहे। उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी सरकार ने उस बयान में आश्वासन दिया कि वह गहन जांच सुनिश्चित करने में पूरा सहयोग करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे ही हम आगे बढना चाहते हैं।’’
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सरकार ने विभागों से कहा :अनुशासन के मामलों में रोजाना सुनवाई करें
नई दिल्ली। केंद्र ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासन के मामलों में रोजाना सुनवाई करें । सरकार ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि जुर्माने की बड़ी कार्रवाइयों को 18 महीने के अंदर पूरा करें । निर्देश के अनुसार अगर कोई सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी गवाह के तौर पर उपस्थित होता है तो उसे यात्रा और महंगाई भत्ता दिया जाए । अनुशासन एवं सतर्कता जांच मामले में विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा को कार्मिक मंत्रालय द्वारा मंजूर किए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है । मंत्रालय ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों को दिए निर्देश में कहा, ‘‘निर्णय किया गया है कि किसी विभागीय कार्रवाई में जब नियमित सुनवाई शुरू होती है तो ऐसी सुनवाई रोजाना होनी चाहिए जब तक कि जांच अधिकारी के विचार में न्याय के हित को देखते हुए स्थगन आवश्यक नहीं हो जाता ।’’ निर्देश के अनुसार निर्णय किया गया है कि किसी भी विभागीय जांच में अगर कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी विभागीय जांच आयुक्त (सीडीआई) के समक्ष उपस्थित होता है तो ऐसे गवाहों को स्वीकार्य टीए-डीए का भुगतान केंद्रीय सतर्कता आयोग करे और फिर संबंधित विभागों के साथ इसका निपटारा किया जाए । मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह भी निर्णय किया गया है कि सभी मंत्रालयों एवं विभागों को सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सभी बड़े जुर्माने की प्रक्रिया को पूरा किया जाए और संबंधित अनुशासनिक प्राधिकार अंतिम आदेश आरोपपत्र दायर किए जाने के 18 महीने के अंदर दे ।’’
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पाकिस्तान में परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की अपनी योजना का चीन ने बचाव किया
बीजिंग। कराची में 1,000 मेगावाट क्षमता वाले दो परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की चीन की योजना पर भारत और अमेरिका की चिंताओं के बीच बीजिंग ने पाकिस्तान के साथ अपने असैन्य परमाणु सहयोग का बचाव करते हुए कहा कि यह ‘सख्त’ अंतरराष्ट्रीय नियमों के अंतर्गत है । चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘‘संबंधित सहयोग दो देशों की अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों के सख्त नियमों के तहत आता है और इसका लक्ष्य शांतिपूर्ण है । वह अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी की निगरानी की जद में भी आते हैं ।’’ भारत और अमेरिका दोनों ने चीन के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह 46 सदस्यीय परमाणु आपूर्ति संगठन के सख्त नियमों का उल्लंघन है । यह मामला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगले सप्ताह की चीन यात्रा के दौरान भी उठ सकता है । हुआ ने कहा कि चीन और पाकिस्तान हाल के वर्षों में असैन्य परमाणु सहयोग कर रहे हैं । पाकिस्तान से मिली सूचना के मुताबिक, चीन द्वारा कराची में दो बड़े परमाणु रिएक्टर स्थापित किए जाएंगे और इन दोनों का निर्माण कार्य अगले महीने शुरू हो रहा है । नए संयंत्रों के निर्माण के संबंध में कोई सीधी पुष्टि नहीं हुई है । हालांकि चीन ने इस वर्ष मार्च में अप्रत्यक्ष रूप से उन खबरों की पुष्टि की थी कि वह पाकिस्तान के साथ 1,000 मेगावाट क्षमता के संयंत्र लगाने का समझौता कर रहा है । यह समझौता एनएसजी के नियमों के उल्लंघन के आरोपों के बीच हुआ । चीन और पाकिस्तान दोनो ने लगातार एनएसजी के नियमों के उल्लंघन से इनकार करते हुए कहा है कि यह आईएईए के सुरक्षा नियमों के तहत रहते हुए शांतिपूर्ण कार्य के लिए है ।
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ब्रिटिश गिरोह के साथ झगड़े में भारतीय मूल के व्यक्ति की मौत
लंदन। लंदन की सड़कों पर गुंडों के गिरोह के साथ झगड़े में एक भारतीय मूल के उद्योगपति की ट्रक से कुचलकर हत्या कर दी गई। शामी अटवाल कल पूर्वी लंदन में पेय-पदार्थ बनाने वाली अपनी कंपनी ‘ग्लेन एण्ड कंपनी’ के गोदाम में थे । वहीं अटवाल ने हथौड़ों और लोहे की सरिया से लैस 10 गुंडों का सामना किया । झगड़े के दौरान उन्हें सड़क पर धक्का दे दिया गया और ट्रक से कुचल दिया गया । हमले के दौरान अटवाल की पत्नी दीपा को भी चोटें आयी हैं । स्टॉकलैंट यार्ड ने 44 वर्षीय उद्योगपति की हत्या की जांच शुरू कर दी है । अटवाल के रिश्तेदार तरसेम सिंह ने ‘इवनिंग स्टैंडर्ड’ को बताया, ‘‘वह बहुत कड़ी मेहनत करता था और बाकी समय में अपने परिवार के साथ या फिर गुरूद्वारे में रहता था । वह बहुत अच्छा पिता भी था ।’’
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
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