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![]() नई दिल्ली। भाजपा नेता अरूण जेटली तथा अन्य के कॉल रिकार्ड का कथित रूप से ब्यौरा हासिल करने वाले दिल्ली पुलिस के चार कर्मचारियों समेत पांच आरोपियों को अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘बेहद गंभीर प्रकृति’ के हैं। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अमित बंसल ने सहायक सब इंस्पेक्टर गोपाल दास, हेड कांस्टेबल हरीश सिंह तथा राज कुमार और कांस्टेबल हरीश कुमार एवं एक अन्य पुनीत वर्मा की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन आरोपियों को गैर अधिकृत तरीके से 22 कॉल रिकार्ड ब्यौरा : सीडीआर : हासिल करने के मामले में कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं । याचिकाकर्ताओं ने जानबूझकर और अन्य आरोपियों के साथ साजिश रचकर विभिन्न लोगों के निजता के अधिकार का उल्लंघन किया और इस प्रकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन और स्वतंतत्रता के उनके मौलिक अधिकार को आघात पहुंचाया।’’ उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए अदालत ने यह भी कहा कि यदि इस चरण में उन्हें जमानत दे दी जाती है तो आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं । अदालत ने कहा, ‘‘ अपराध को अंजाम देने के तौर तरीकों और सबूतों की प्रकृति को देखते हुए ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता इस चरण में जमानत की स्वतंत्रता का उल्लंघन कर सकते हैं और यदि जमानत याचिकाएं स्वीकार कर ली जाती हैं तो वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं ।’’ दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने यह कहते हुए जमानत याचिकाओं का विरोध किया था कि मामले में जांच शुरूआती चरण में है और कई महत्वपूर्ण पहलुओं का अभी पता लगाया जाना बाकी है।
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भाजपा विधायक राणा के खिलाफ नया आरोप पत्र दायर
मुजफ्फरनगर। शामली में सामूहिक बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के मामले में भाजपा के विवादास्पद विधायक सुरेश राणा और दो अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ नया आरोप पत्र दायर किया गया है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कैलाश कुमार की अदालत में शामली जिले के थाना भवन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक राणा तथा पार्टी कार्यकर्ताओं घनश्याम और राधे श्याम के खिलाफ 16 जून को प्रदर्शन के दौरान दुकानों और वाहनों को क्षतिग्रस्त करने के मामले में कल आरोप पत्र दायर किया गया। शामली में 21 वर्षीय लड़की के कथित अपहरण और सामूहिक बलात्कार के बाद राणा समेत सैंकड़ों लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था और दुकानों एवं वाहनों में तोड़ फोड़ की थी। इस दौरान 12 लोग घायल हो गए थे। राणा को भड़काउ भाषण देकर मुजफ्फरनगर में कथित रूप से साम्प्रदायिक दंगे भड़काने के मामले में 20 सितंबर को लखनउ में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 14 नवंबर को एक स्थानीय अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था।
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म.प्र. में भाजपा विकास के नाम पर विजय हासिल करेगी : जेटली
भोपाल। मध्य प्रदेश में किसी प्रकार की सत्ता विरोधी लहर होने से इंकार करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2003 का चुनाव सरकार विरोधी लहर के चलते जीता था जबकि इस बार भाजपा मतदाताओं से विकास के नाम पर वोट मांग रही है और इसमें उसे विजय मिलेगी। जेटली ने यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2003 में तत्कालीन कांगे्रस सरकार द्वारा उनके दस साल के कार्यकाल के दौरान कोई विकास कार्य नहीं किये जाने से सत्ता विरोधी लहर थी जिसका फायदा भाजपा को मिला था लेकिन इस बार सरकार द्वारा दस सालों में विकास कार्य किये जाने से किसी प्रकार की सत्ता विरोधी लहर नहीं है और भाजपा सकारात्मक एजेंडा के तहत मत मांग रही है। उन्होने कहा कि भाजपा ने अपने दस साल के कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों के बल पर इस प्रदेश को बीमारु राज्यों की श्रेणी से बाहर निकालकर विकासशील राज्यों की श्रेणी में लाकर खडा कर दिया है। उन्होने कहा कि कांगे्रस के पास म.प्र में देने लायक अब कुछ बचा नहीं है। मध्यप्रदेश में एक दर्जन से अधिक मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त में भृष्टाचार संबंधी शिकायतों के संबंध में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि मात्र शिकायत किये जाने से किसी के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं माने जा सकते हैं। उन्होने दावा किया कि भाजपा मिजोरम को छोडकर शेष चारों राज्यों म.प्र, छत्तीसगढ, राजस्थान और दिल्ली विधान सभा चुनाव में विजय प्राप्त कर लोकसभा चुनाव में विजय का मार्ग प्रशस्त करेगी। पुलिस ने तर्क दिया था कि मोबाइल सर्विस प्रदाता को आरोपियों ने इस बात के लिए राजी कर लिया कि अधिकृत व्यक्ति की ओर से सीडीआर हासिल करने के लिए वास्तव में अपील प्राप्त हुई है । पुलिस ने दावा किया कि आरोपियों ने आर्थिक लाभ के लिए सीडीआर हासिल करने के मकसद से जालसाजी की और फर्जी दस्तावेज तैयार किए । इससे पूर्व दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अरविंद डबास तथा तीन निजी जासूसों अनुराग, नीरज तथा नीतीश को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह मामला जनवरी में सामने आया था और इससे राजनीतिक हंगामा खड़ा कर दिया था । विपक्ष ने सरकार पर जेटली के फोन टैप करवाने का आरोप लगाया था।
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दिल्ली में मचेगी युवा महोत्सव की धूम
नई दिल्ली। नृत्य, नाटक और संगीत का संगम ‘युवा महोत्सव’ दिल्ली में शुरू होने वाला है। दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस छह दिवसीय समारोह में देशभर से आए युवाओं के नए बैंड और डांस ग्रुप प्रस्तुतियां देंगे। इस समारोह का आयोजन साहित्य कला परिषद की ओर से सिंधी अकादमी कर रही है। इस साल इस समारोह में कई नई चीजें हैं। इनमें दो एरियल डांस की प्रस्तुतियां हैं और सात सारंगी वादकों द्वारा बनाए गए सामूहिक संगीत की प्रस्तुति है। साहित्य कला परिषद की सचिव सिंधु मिश्रा कहती हैं, ‘‘ युवा महोत्सव में हम पहली बार एरियल डांस की प्रस्तुतियां देखें। इन्हें संतोष नायर और संगीता शर्मा अपने अलग-अलग समूहों के साथ पेश करेंगे। इसके साथ ही सात सारंगी वादकों द्वारा बनाए गए संगीत को भी पेश किया जाएगा।’’ इस समारोह में विभिन्न कला कॉलेजों के युवा कलाकारों की कलाकृतियों का भी प्रदर्शन किया जाना है। इस समारोह की शुरूआत आज से हो रही है और यह 1 दिसंबर तक चलेगा।
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‘मोदी फैक्टर’ नहीं होता तो बुरी तरह विधानसभा चुनाव हारती भाजपा : कांग्रेस
इंदौर। मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में ‘मोदी फैक्टर’ की सीधी मौजूदगी कबूल करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पंकज शर्मा मानते हैं कि अगर भाजपा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करती, तो इन चुनावों में उसकी करारी हार तय थी। शर्मा ने यहां ‘भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘अगर गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया होता और देश का एक तबका उनके झांसे में आता न दिखायी दे रहा होता, तो मध्यप्रदेश और अन्य चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा बुरी तरह हारने जा रही थी।’ उन्होंने एक सवाल पर कहा, ‘हां, मैं मानता हूं कि इन चुनावों में मोदी फैक्टर काम कर रहा है। लेकिन यह इस देश का दुर्भाग्य है। हालांकि, अगले लोकसभा चुनाव आते-आते यह फैक्टर पूरी तरह समाप्त हो जायेगा।’ बहरहाल, शर्मा ने दावा किया कि ‘मोदी फैक्टर’ के बावजूद सभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस भाजपा के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस सचिव ने कहा, ‘मोदी ने भारतीय सियासत को व्यक्तिकेंद्रित करके लोकतंत्र के सामने बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। वह खुद को भले ही उदारवादी नेता के रूप में पेश करें। लेकिन अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि अगर वह देश की केंद्रीय सत्ता की कमान थामते हैं, तो इसके क्या दुष्परिणाम होंगे।’ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार दो विधानसभा सीटों... बुधनी और विदिशा से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन खुद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह स्वीकार कर चुके हैं कि उनकी पार्टी शिवराज के खिलाफ दमदार उम्मीदवार उतारने में नाकाम रही है। इस बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, ‘अगर शिवराज वाकई भाजपा के बड़े चेहरे हैं, तो उन्हें इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ने की नौबत ही नहीं आनी चाहिये थी। लिहाजा हम शिवराज की चुनौती को उतनी गंभीर नहीं मानते।’ उन्होंने दावा किया, ‘केवल शिवराज की छवि के बूते भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती, क्योंकि इस पार्टी की सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ लोगों में आक्र्रोश है और सत्ता विरोधी लहर तेजी से काम कर रही है।’ क्या शिवराज के खिलाफ मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं करना कांग्रेस को 25 नवंबर को होने वाले चुनावों में रणनीतिक नुकसान पहुंचायेगा, इस सवाल पर कांग्रेस सचिव ने कहा, ‘कांग्रेस की परंपरा रही है कि पार्टी को चुनावों में बहुमत मिलने पर हमारे विधायक उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करके अपना मुख्यमंत्री चुनते हैं। लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय है कि वर्तमान जरूरतों को देखते हुए कांग्रेस को अपनी इस नीति पर अब गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिये।’ शर्मा ने एक सवाल पर दावा किया कि वे सभी चुनाव पूर्व जनमत सर्वेक्षण (ओपिनियन पोल) गलत साबित होंगे, जिनमें भविष्यवाणी की गयी है कि मध्य प्रदेश में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘चुनावी जनमत सर्वेक्षणों का जमीनी सचाई से कोई लेना-देना नहीं होता। भारत जैसे विशाल और बहुलतावादी देश में इन सर्वेक्षणों के लिये कोई भी तरीका अपना लिया जाये, ये सर्वेक्षण सही निष्कर्ष निकाल ही नहीं सकते।’
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उत्तर प्रदेश में ‘रामलीला’ फिल्म के प्रदर्शन पर रोक
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने विवादास्पद फिल्म ‘रामलीला’ के उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगा दी। अदालत ने इस मामले में केन्द्र तथा राज्य सरकार समेत विभिन्न पक्षकारों से चार हफ्ते में जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह तथा न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह की खण्डपीठ ने यह आदेश बहराइच के संगठन श्री मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामलीला समिति की तरफ से दायर याचिका पर दिया है। याचिका में ‘रामलीला’ फिल्म के प्रदर्शन के सिलसिले में सेंसर बोर्ड द्वारा गत एक नवम्बर को जारी प्रमाणपत्र को निरस्त किये जाने का आग्रह किया गया है। साथ ही फिल्म के कुछ विवादित संवादों तथा शब्दों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें फिल्म से निकाले जाने की कार्रवाई के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। याची समिति की तरफ से कहा गया है कि इस फिल्म के प्रदर्शन से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की छवि धूमिल हो रही है, क्योंकि उनकी लीलाओं का भारतीय जनमानस पर गहरा असर है। यह भी दलील दी गयी कि ‘रामलीला’ नामक शीर्षक से लोगों में गलत संदेश जा रहा है और खास तौर पर हिन्दुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। याचिका में केन्द्र तथा राज्य सरकार, केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, फिल्म कम्पनी एरोज इंटरनेशनल तथा फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को पक्षकार बनाया गया है। राज्य सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता आई. पी. सिंह पेश हुए। उन्होंने बताया कि अदालत ने पूरे उत्तर प्रदेश में फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगा दी है। गौरतलब है कि गत 15 नवम्बर को रिलीज हुई रामलीला फिल्म अपने प्रदर्शन से पहले ही विवादों में घिर गयी थी। बजरंग दल समेत अनेक हिन्दूवादी संगठनों ने जगह-जगह इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन और तोड़फोड़ की थी।
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देश के मात्र 179 विश्वविद्यालय नैक से मान्यता प्राप्त
नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कवायद के तहत उच्च शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता की जांच परख की पहल के बावजूद देश के महज 179 विश्वविद्यालयों (करीब 24 प्रतिशत) ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रमाणन परिषद (नैक) से मूल्यांकन (एक्रीडीटेशन) कराया है। देश के 5156 कालेज नैक से मान्यता प्राप्त हैं। नैक के एक अधिकारी ने बताया कि आठ जुलाई 2013 तक 179 विश्वविद्यालयों एवं 5156 कालेजों ने नैक से विभिन्न मापदंडों के आधार पर मूल्यांकन कराया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2012 तक साढे सात सौ विश्वविद्यालय और 33 हजार कालेज हैं। नैक से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तरप्रदेश में मात्र 17 विश्वविद्यालयों और 398 कालेजों तथा बिहार के तीन विश्वविद्यालयों एवं 46 कालेजों ने नैक से मान्यता प्राप्त की है। दिल्ली के सात विश्वविद्यालयों एवं 13 कालेजों, राजस्थान के 8 विश्वविद्यालयों एवं 172 कालेजों, मध्य प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों एवं 150 कालेजों, पश्चिम बंगाल के 7 विश्वविद्यालयों एवं 270 कालेजों ने नैक से मूल्यांकन कराया है। महाराष्ट्र के 22 विश्वविद्यालयों एवं 1046 कालेजों, गुजरात के 9 विश्वविद्यालयों एवं 408 कालेजों, आंध्र प्रदेश के 18 विश्वविद्यालयों एवं 324 कालेजों ने नैक से मूल्यांकन कराया है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रमाणन परिषद के निदेशक प्रो. ए एन राय ने कहा कि परिषद मूल्यांकन करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी अपना रहा है। संस्थाओं से मूल्यांकन के संबंध में प्राप्त आवेदन का निपटारा समयबद्ध तरीके से करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को शोध एवं साक्ष्य आधारित बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। परिषद ने समय के साथ मूल्यांकन एवं प्रमाणन के मापदंडों को उंचा किया है। इसके साथ ही संस्थानों से वार्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट तैयार करने को भी कहा जा रहा है। नैक के आंकड़ों के मुताबिक, तमिलनाडु के 25 विश्वविद्यालयों एवं 437 कालेजों, कर्नाटक के 13 विश्वविद्यालयों एवं 534 कालेजों, ओडिशा के 6 विश्वविद्यालयों एवं 205 कालेजों, झारखंड के तीन विश्वविद्यालयों एवं 46 कालेजों, छत्तीसगढ के 2 विश्वविद्यालयों एवं 43 कालेजों तथा केरल के 5 विश्वविद्यालयों एवं 184 कालेजों ने नैक से गुणवत्ता आधारित मूल्यांकन कराया है।
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ललथनहवला सर्कचिप में लाभदायक स्थिति में
एजल। मिजोरम के सर्कचिप जिले में केंद्रीय और राज्य की सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के फायदे के साथ, मुख्यमंत्री ललथनहवला सर्कचिप और हरंगतुर्जो दोनों सीटों पर लाभदायक स्थिति में दिख रहे हैं, जहां से वह 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए भाग्य आजमा रहे हैं। ‘मिजोरम का दिल’ के नाम से मशहूर सर्कचिप जिले में सर्कचिप, तुईकुम और हरंगतुर्जो निर्वाचन क्षेत्र है। जिले में करीब 44,688 वोटर हैं जिसमें पुरूषों की संख्या 22023 और महिलाओं की संख्या 22665 है। ललथनहवला रिपीट ललथनहवला ने 1984 के बाद से अपने घरेलू मैदान सर्कचिप से पांच बार जीत हासिल की है। केवल 1998 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जब मिजो नेशनल फ्रंट के उम्मीदवार, पीडब्लूडी के सेवानिवृत्त इंजीनियर इन चीफ के. थांगजुला ने उन्हें 696 वोट से हराया था। मुख्यमंत्री ने 2003 में इस सीट पर फिर से जीत हासिल की और जोराम नेशनलिस्ट पार्टी व एमपीसी की ओर से उम्मीदवार लालरामजाउवा को 952 वोट से हराया, जबकि एमएनएफ के उम्मीदवार आर लाल्हनुआना को तीसरा स्थान मिला। खासकर सर्कचिप निर्वाचन क्षेत्र में विकास परियोजनाओं और विभिन्न कार्यक्रमों से पिछले कुछ वर्षों के दौरान सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदली है। जिले में 33 विभागों में से 16 केंद्र प्रायोजित योजनाएं चल रही है। 55 वर्षीय एक विधवा पी मरदावही कहती हैं, ‘‘अपनी बदालैत घर नहीं बना सकती थी। योजना के तहत मुझे 48,500 रूपये की सहायता मिली।’’
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निर्वाचन आयोग ने राजमार्ग मंत्री को जारी किया कारण बताओ नोटिस
चेन्नई। निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव का सामना करने जा रहे येरकाड में कथित रूप से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए आज राज्य के राजमार्ग और लघु बंदरगाह मंत्री एदापड्डी के पलानीस्वामी को कारण बताओ नोटिस जारी किया। येरकाड में प्रखंड विकास अधिकारी को 16 नवंबर को मंत्री के निवास पर उनसे मुलाकात करने को लेकर बर्खास्त किए जाने की कार्रवाई के बाद आयोग ने यह कदम उठाया है । आयोग ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना है । मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण कुमार के कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘अब भारतीय निर्वाचन आयोग तमिलनाडु के राजमार्ग और लघु बंदरगाह मंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी करता है क्योंकि बीडीओ एम जयराम ने 16 नवंबर को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की थी।’’ आयोग ने निर्देश दिया है कि मंत्री का जवाब नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर उसे मिल जाना चाहिए। येरकौड (अनुसूचित जनजाति) निर्वाचन क्षेत्र में चार दिसंबर को उपचुनाव हैं।
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अदालत ने युवक को बलात्कार, अपहरण के आरोपों से किया बरी
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग का अपहरण और उससे बलात्कार करने के आरोपी एक युवक को बरी कर दिया और कहा कि उसने एक रक्षक की तरह कार्य किया और लड़की को देह व्यापार के दलदल में ढकेले जाने या उसके अभिभावकों द्वारा उसका अवैध उद्देश्यों में इस्तेमाल किये जाने से बचाया। अदालत ने युवक को यह कहते हुए बरी किया कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण कानून :पोस्को: के तहत एक बच्चे के साथ शारीरिक संबंध बनाना एक अपराध है बशर्ते वह एक ‘मारपीट’ प्रकृति का हो लेकिन इस मामले में साढे सत्रह वर्ष की लड़की अपनी मर्जी से उसके साथ गई और उस पर कोई भय या अनुचित प्रभाव नहीं था। अदालत ने कहा, यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि 16 से 18 वर्ष की नाजुक आयु के मामले में पास्को की धारा चार की व्याख्या करते हुए जबर्दस्ती, भय, बहलावा या उत्पीड़न की प्रकृति वाले कानून तथा ऐसा कुछ करने के लिए एक व्यक्ति को अपराधी बनाने वाले कानून के बीच अंतर होना चाहिए जो उसने बिना किसी दुर्भावाना या गलत उद्देश्य के किया हो। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा, ‘यहां पर आरोपी ने रक्षक के रूप में कार्य करते हुए लड़की को अवैध देह व्यापार या उसका अवैध उद्देश्य में इस्तेमाल किये जाने की आशंका से बचाया।’ अदालत ने कहा कि लड़की अपनी मर्जी से एक युवक के साथ भागी और उससे विवाह किया क्यों दोनों एकदूसरे से प्यार करते थे और लड़की के अभिभावक उसे किसी को डेढ लाख रूपये में बेचना चाहते थे और उन्होंने उसे कई लोगों को दिखाया भी था। लड़की ने अदालत को यह भी बताया था कि उसने युवक से एक मंदिर में विवाह किया था और उसके बाद उन्होंने शारीरिक संबंध बनाये। अभियोजन के अनुसार लड़की के अभिभावकों ने इस वर्ष मई महीने में आर के पुरम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी कि विवाह या यौन संबंध बनाने के वास्ते दबाव डालने के लिए उसका अपहरण कर लिया गया है। लड़की दो दिन बाद मिल गई और युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। मुकदमे की सुनवायी के दौरान लड़की को महिला सुधार गृह में रखा गया क्योंकि उसने अपने अभिभावकों के साथ जाने से इनकार कर दिया था। मामले में निर्णय के बाद अदालत ने सुधार गृह निर्मल छाया को निर्देश दिया कि लड़की को रिहा कर दिया जाए ताकि वह अपने पति के साथ जा सके।
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