02-08-2012, 12:26 AM | #31 |
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Re: यादें फोरम की.
मेरी यह पहेली पोस्ट है और जो आपने कारण बताए है...उनमे से किसी भी कारणवश रेजीस्ट्रेशन नहि किया! दरअसल मुझे पता नहि था की ईतने बडें पैमाने पर हिन्दी ब्लोग चल रहा होगा ! यदी मै गलत नहि तो आपकी एक वेबसाईट है, जिसमें आपने दूरदर्शन की कई मीठी यादो के बारे में लिखा हुआ है! शायद मैने वहा आपको रिप्लाय भी किया होगा । मै अभी ओर्कुट की एक कम्युनिटी "ओल्ड दूरदर्शन सीरीयल्स" को मोडरेट कर रहा हुं । वहां की हालत भी कुछ अच्छी नहि है । हाला कि अब ईन्टरनेट एक आम बात हो गई है। मोबाईल, टेब्लेट ईत्यादि से आसानी से ईन्टरनेट सर्फिंग कर सकते है...फिर भी अब लोगो के पास समय नहि रहा. लोग चुझी हो गए है, केवल मनोरंजन चाहते है, मस्ती चाहतें है । ज्यादातर ईन्टरनेट का उपयोग ११-१२ कक्षा से ही होने लगा है , कोलिज के स्टुडन्ट्स फेसबुक में बीझी है, वयस्कों को शायद काम-धंधे से फुर्सत नहि मिलती होगी एसा मै मानता हूं । ईसलिये मै खुद कोई उम्मीद नहि रखता हूं लेकिन आशा है आप अपना काम जारी रखेंगे... |
02-08-2012, 03:18 PM | #32 |
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Re: यादें फोरम की.
दीप जी आपकी बातों से काफी बल मिला है, आशा है निरंतर मुलाक़ात होती रहेगी.
फोरम पर पधारने के लिए धन्यवाद.
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28-08-2012, 11:16 AM | #33 |
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Re: यादें फोरम की.
forum को सफलता मिले, मेरी तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएँ.
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Last edited by prashant; 28-08-2012 at 11:18 AM. |
28-08-2012, 11:17 AM | #34 |
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Re: यादें फोरम की.
अभी जी अपने यादो के झरोखे को थोडा और खोलिए और उसे हमारे साथ और बाँटे.
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28-08-2012, 11:05 PM | #35 |
Exclusive Member
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Re: यादें फोरम की.
main imandari se kahun ki agar sabhi sadasy kuch koshish kare to ek do sadasy ko wapis la sakte hain
sabse pahle abhi ji aap koshish karen hamein ummid hai jarur safal honge aisa main sochta hun baki aap khud samachdar hai
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29-08-2012, 12:19 AM | #36 |
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Re: यादें फोरम की.
हम सभी को सम्मिलित प्रयास करना चाहिए खालिद भाई ! विचार-विनिमय के लिए इससे बेहतर एक साफ़ सुथरी जगह हिन्दी में तो मुझे कहीं नहीं मिली ... और फिर हमने अंग्रेज़ी के लिए भी दरो-दीवार खोल रखे हैं ! किसी को और क्या चाहिए ?
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
29-08-2012, 02:23 AM | #37 |
Diligent Member
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Re: यादें फोरम की.
कारवां यूँ ही चलता रहा लोग आते रहे !
पुराने लोग जाते रहे लेकिन कारवां को आगे बढ़ाने वाले मैदान में डटे रहे तभी तो कारवां आगे बढ़ रहा है ! हर नए वाले का होसला आपने बढाया है |
30-08-2012, 12:35 AM | #38 |
Special Member
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Re: यादें फोरम की.
एडमिन जी अतीत के पन्नों को थोडा और खोलिए ...................!
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फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
04-10-2012, 02:31 PM | #39 |
Administrator
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Re: यादें फोरम की.
आज मैं फिर से कुछ पुरानी यादें ताज़ा करने हाज़िर हुआ हूँ. इस महीने अनिल जी और जलवा जी को फोरम पर आये हुए २ साल होने वाले हैं. यह दोनों नील आर्मस्ट्रोंग की तरह इस वीरान से फोरम पर आज से करीब २ साल पहले प्रकट हुए थे और यहाँ की वीरानी दूर हो गयी थी. फिर तो उसके बाद देखते ही देखते फोरम की काया पलट गयी. फोरम पर नए नए सदस्य जुड़ गए. एक शानदार प्रबंधन का निर्माण हुआ. लेकिन यह केवल ३ महीने रह सका. अन्तर्वासना फोरम उस वक़्त दुबारा खुल गया था. फिर फोरम पर कुछ लोग सक्रिय सदस्यों को परेशान करने लगे और हल्ला मचाने लगे की यहाँ के कुछ लोग अन्तर्वासना पर क्यों जाते हैं. मैं भी उन अफवाहों में आ गया. और फिर प्रबंधन में भंग हो गया. इनमे सबसे बड़ी गलती मेरी थी जो मैंने उन अफवाह फैलाने वाले सदस्यों पर भरोसा किया और पुराने प्रबंधन के वरिष्ठ और आदरणीय सदस्यों पर अविश्वास किया. लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. फिर अप्रैल फूल और फोरम का इतिहास जैसे सूत्र चालू हो गए और इनसे फोरम को और भी नुकसान हुआ. फिर से यह बात लोग उछालने लगे की यहाँ के लोग यहाँ आने के अलावा और क्या क्या करते हैं. उसके बात तो यकीन मानिए हम लोग कभी अपने पैरो पर खड़े ही नहीं हो पाए. फोरम के कुछ बहुत ही अच्छे सदस्य हमें छोड़ कर चले गए. और जो लोग यह हल्ला मचाते थे और मोरल science का lesson लोगो को पढ़ाते थे वो भी फोरम से कट लिए.
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04-10-2012, 02:39 PM | #40 |
Administrator
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Re: यादें फोरम की.
आज जबकि फोरम फिर से अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है ऐसे में मैं एक नया नियम फोरम के नियमो में जोड़ रहा हूँ की.
इस फोरम के अलावा को कोई भी व्यक्ति किसी और वेबसाइट या फोरम पर कुछ भी करता हो, उससे इस फोरम के किसी भी सदस्य को कोई बहस नहीं होनी चाहिए. हमें सदस्य के इस फोरम पर आचरण से मतलब है और कही से भी नहीं. बार बार फोरम पर दूसरी वेबसाइट का जिक्र करके कुछ लोगो ने सक्रिय और मेहनती सदस्यों को परेशान किया है, वैसे अब दुबारा नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा करने पर प्रबंधन की तरफ से उचित कार्यवाई होगी. http://myhindiforum.com/showthread.php?t=1
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