27-03-2014, 09:55 PM | #31 |
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Re: शायरी में मुहावरे
भावार्थ: दीपक बुझाना उदाहरण: पीरी में सिर्फ सर्दी-ए हर दाग़ क्यों न हो ठंडा करे है हर कोई वक्ते-सहर चराग़ (शायर: कोशकार स्वयं)
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
27-03-2014, 09:59 PM | #32 |
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Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > छेड़ना
भावार्थ: 1. बात शुरू करना या 2. हास-परिहास करना उदाहरण: किसी से गो जुदा हैं मिस्ले तारे साज़ हम लेकिन ज़रा छेड़े से मिलते हैं मिला ले जिसका जी चाहे (शायर: नवाब मुहब्बत खां)
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27-03-2014, 10:01 PM | #33 |
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Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > छुरी तले दम लेना
भावार्थ: अपना प्रयोजन प्रगट न करना और धीरज रखना उदाहरण: दिला फ़िराक़े-मिजः में तू यारे क़ातिल के तड़फ़ न इतना, ज़रा छुरी तले दम ले ले (शायर: कोशकार स्वयं)
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27-03-2014, 10:04 PM | #34 |
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Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > छछून्दर (चूहे की तरह एक छोटा जानवर)
भावार्थ: एक तीव्रगामी आतिशबाजी जो आग लगने पर नाचने लगती है. फ़ारसी में ‘मूशक’ शब्द इसी अर्थ में आता है. हिंदी-उर्दू में भी छछून्दर छोड़नी इसी अर्थ में आया है. उदाहरण: माहरू के पास जा किस ने छछून्दर छोड़ दी घर जला आशिक़ का उन लोगों का क्या टूटा हुआ (माहरू = चाँद से चेहरे वाला अर्थात प्रेमिका) (शायर: आबरू) नोट: इस मुहावरे को पढ़ कर मुझे अपने बचपन का एक वाक़या याद आ गया. यह शायद 1962 की बात है. हम लोग उन दिनों नजीबाबाद (NAJIBABAD, UTTAR PRADESH) में रहते थे. 'शब-ब-रात' (एक मुस्लिम त्यौहार) के अवसर पर बच्चों के बीच खड़ा मैं आतिशबाजी देख रहा था. दिवाली की तरह इस त्यौहार में भी आतिशबाजी छोड़ने का रिवाज है. अनारियाँ (मिटटी के छोटे-छोटे अनार जो आग लगा कर हाथ से आकाश की ओर मिसाईल की भांति फेंके जाते हैं) और छछून्दर आदि छोड़े जा रहे थे जिन्हें बच्चे और बड़े खूब enjoy कर रहे थे. अचानक छोड़ी हुई एक छछून्दर जमीन पर लहराती हुई मेरी ओर आ धमकी. इसने न सिर्फ़ मेरी एक जुराब जला दी बल्कि जुराब के नीचे टखने के ऊपर पैर की त्वचा भी जला डाली जो दो-तीन दिन में ठीक हो सकी.
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29-03-2014, 11:37 PM | #35 |
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Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > छाती फटना
भावार्थ: किसी का दुःख देख कर बहुत बैचेन होना उदाहरण: ताक़त है किसे शर्हे मुहब्बत की रक़म की सुन हाल मेरा फट गई छाती भी कलम की (शायर: हिदायत)
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29-03-2014, 11:39 PM | #36 |
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Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > छिटकना चाँदनी का
भावार्थ: साफ़ और चमकता हुआ चाँद दिखना उदाहरण: वो छिटकी हुई चांदनी जाबजा वो जाड़े की आमद वो ठंडी हवा (शायर: मीर हसन)
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29-03-2014, 11:40 PM | #37 |
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Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > हाल हाल चलना
भावार्थ: तेज तेज चलना उदाहरण: जाने है फर्शे-रह तेरी मत हाल हाल चल ऐ रश्के-हूर आदमियों की सी चाल चल (शायर: मीर तक़ी ‘मीर’)
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29-03-2014, 11:43 PM | #38 |
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Re: शायरी में मुहावरे
मुहावरा > ख़ाक डालना
भावार्थ: 1. बदनामी के डर से किसी बात को गुप्त रखना 2. नष्ट कर देना उदाहरण: 1. गर क़त्ल किया ‘बक़ा’ को खूबां इस बात को मुंह से मत निकालो पिन्हां ही भला है खूने-आशिक़ जाने दो अब उसपे ख़ाक डालो (मो. बक़ा) 2. सुपुर्दे-खाक कर डाला तेरी आँखों की मस्ती ने हजारों साल जी लेते अगर दीदार न होता.
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30-03-2014, 12:00 PM | #39 |
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Re: शायरी में मुहावरे
उम्दा सूत्र
ऐसे सूत्र प्रस्तुत करने के लिए रजनीश भाई को साधुवाद
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
30-03-2014, 01:22 PM | #40 |
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Re: शायरी में मुहावरे
आपकी इस उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिये मैं आपका हार्दिक आभार प्रगट करता हूँ, मित्र.
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