My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 22-04-2012, 06:56 PM   #31
aksh
Special Member
 
aksh's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,421
Rep Power: 33
aksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant futureaksh has a brilliant future
Default Re: कुतुबनुमा

Quote:
Originally Posted by dark saint alaick View Post
आय बढ़ाने के चक्कर में दर्शक परेशान न हो

पिछले कई अर्से से टेलीविजन चैनल्स पर एक विज्ञापन लगातार प्रसारित हो रहा है जिसमें उपभोक्ताओं को उनके हक से रूबरू करवाया जाता है कि वे जो भी सामान खरीदें उसका बिल लें या उत्पाद पर लिखी गई कीमत से ज्यादा अदा न करें वगैरह-वगैरह। ‘जागो ग्राहक जागो’ शीर्षक वाले इस विज्ञापन में कभी-कभार कोई बड़ी हस्ती भी दिख जाती है जो ग्राहक को यह बताने का प्रयास करती है कि बाजार से जो भी सामान खरीदा जाए उसे देख-परख लिया जाए। आम तौर पर माना जाता है कि मीडिया लोगों को सही और गलत की पहचान करवाता है लेकिन इन दिनो ‘जागो ग्राहक जागो’वाला विज्ञापन प्रदर्शित करने वाले कई चैनल्स पर उपभोक्ताओं को कथित तौर पर भ्रमित करने वाले विज्ञापनों का प्रसारण भी हो रहा है। उससे दर्शक यह समझ ही नहीं पा रहे कि सही क्या है और गलत क्या। मूल रूप से ये विज्ञापन लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलते दिखाई देते हैं। मसलन एक चैनल पर देर रात धार्मिक यंत्रों वाला एक विज्ञापन प्रसारित होता है जिसमें दर्शकों को बताया जाता है कि उक्त यंत्र को घर के मंदिर में रखने से लक्ष्मी का आगमन होता है। दर्शक को यह भी कहा जाता है कि इस यंत्र के साथ यदि वे कुछ और धार्मिक वस्तुएं भी लेंगे तो भविष्य सुखमय होगा। ताज्जुब की बात तो यह है कि इस तरह के यंत्र की बाजार में तो कीमत बहुत ज्यादा बताई जाती है लेकिन यदि उस चैनल के दर्शक विज्ञापन में दिखाए गए नंबर पर बात कर यंत्र खरीदेंगे तो उसकी कीमत आधी ही रहेगी। अब एक आम दर्शक इस विज्ञापन को किस संदर्भ में ले, यह बताने वाला कोई नहीं है। इसी तरह एक चैनल पर इन दिनो एक धार्मिक पुस्तक को लेकर देर रात में विज्ञापन प्रसारित हो रहा है जिसमें एक नामचीन कलाकार उसका प्रचार-प्रसार करते नजर आते हैं और कहते हैं कि इस पुस्तक को घर में रखने से दुख दूर हो जाते हैं। इस विज्ञापन में कुछ ऐसे लोगों के साक्षात्कार भी दिखाए जाते हैं जो पुस्तक खरीदने के बाद कथित तौर पर लाभान्वित हुए हैं। अब अगर हम इन विज्ञापनो को इन दिनो चर्चा में रहे निर्मल बाबा के समागम वाले विज्ञापन से जोड़ कर देखें तो दोनो में कोई अंतर नहीं दिखाई देगा। लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलने वाले ऐसे विज्ञापन पहले तो चैनल खुद दिखाते हैं लेकिन जब ग्राहक या दर्शक ही ठगे जाते हैं तो वही चैनल उसे ऐसा मुद्दा बनाते हैं मानो आसमान टूट पड़ा। यही हाल विभिन्न चैनल्स पर दिखाए जाने वाले टेली शॉपिंग विज्ञापनो का है जहां ग्राहक को सिर्फ नंबर डायल कर अपनी मनचाही वस्तु खरीदने का आॅफर किया जाता है और यह भी बताया जाता है कि उक्त वस्तु बाजार में नहीं मिलेगी क्योंकि हमारी कोई शाखा नहीं है। ऐसे में उपभोक्ता का भ्रमित होना लाजिमी है। मीडिया को चाहिए कि वह ऐसे विज्ञापनो के प्रसारण से पहले ठोक बजा कर यह तो पता कर ही ले कि कहीं अपनी आय बढ़ाने के चक्कर में वे जो विज्ञापन दिखा रहे हैं उससे उनका नियमित दर्शक आर्थिक या मानसिक रूप से बाद में परेशान तो नहीं होगा। मीडिया को खुद आगे चल कर ऐसी नीति बनानी चाहिए जिसमें ऐसे विज्ञापनो के प्रसारण से पहले दर्शक को चेता दिया जाए कि जो हम दिखा रहे हैं वह केवल और केवल एक विज्ञापन है।
बहुत ही अच्छा विषय उठाया है मित्र आपने...मन इसमें एक और दिन दहाड़े हो रही धोखाधड़ी को जोड़ना चाहता हूँ जो शायद मैंने पहले भी उठाई है...पर एक बार और सब के सामने लाना चाहता हूँ...

ये उन लोगों के लिए एक सबक है जो ये सोचते हैं कि मीडिया पर सरकारी नियंत्रण है...और संचार कम्पनियाँ भी सरकार के कड़े नियंत्रण का शिकार है...

कुछ टी वी चैनल अक्सर एक प्रोग्राम दिखा रहे होते हैं जिसमें एक सरल सा आसानी से पहचाने जाना वाला चित्र दिखाते हैं और पब्लिक से पुरजोर अपील की जा रही होती है उस चेहरे को पहचानने के लिए.

उस प्रोग्राम में जितने भी फोन आते हैं वो गलत जवाब ही देते हैं और इनाम की राशि बढती रहती है..
बिना पढ़ा लिखा मजबूर टेलीफोन उपभोक्ता ( जो अक्सर प्री पैड कस्टमर होता है...) इनाम की राशि जीतने के चक्कर में अपने सेंकडों रूपये गँवा बैठता है...और ये पैसे टेलीफोन कंपनी और टेलीविजन चैनल आपस में बंदरबांट कर लेते हैं...

क्योंकि इस प्रोग्राम में दिखाए जाने वाले चित्र इतने आसान होते हैं कि कोई भी उनको पहचान लेता है और इस तरह के प्रोग्राम का एक मात्र लक्ष्य सिर्फ भोले भाले लोगों को उल्लू बना कर पैसा कमाना होता है...और वो भी दिन दहाड़े लूट कर....
__________________
aksh is offline   Reply With Quote
Old 23-04-2012, 03:58 AM   #32
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

Quote:
Originally Posted by aksh View Post
बहुत ही अच्छा विषय उठाया है मित्र आपने...मन इसमें एक और दिन दहाड़े हो रही धोखाधड़ी को जोड़ना चाहता हूँ जो शायद मैंने पहले भी उठाई है...पर एक बार और सब के सामने लाना चाहता हूँ...

ये उन लोगों के लिए एक सबक है जो ये सोचते हैं कि मीडिया पर सरकारी नियंत्रण है...और संचार कम्पनियाँ भी सरकार के कड़े नियंत्रण का शिकार है...

कुछ टी वी चैनल अक्सर एक प्रोग्राम दिखा रहे होते हैं जिसमें एक सरल सा आसानी से पहचाने जाना वाला चित्र दिखाते हैं और पब्लिक से पुरजोर अपील की जा रही होती है उस चेहरे को पहचानने के लिए.

उस प्रोग्राम में जितने भी फोन आते हैं वो गलत जवाब ही देते हैं और इनाम की राशि बढती रहती है..
बिना पढ़ा लिखा मजबूर टेलीफोन उपभोक्ता ( जो अक्सर प्री पैड कस्टमर होता है...) इनाम की राशि जीतने के चक्कर में अपने सेंकडों रूपये गँवा बैठता है...और ये पैसे टेलीफोन कंपनी और टेलीविजन चैनल आपस में बंदरबांट कर लेते हैं...

क्योंकि इस प्रोग्राम में दिखाए जाने वाले चित्र इतने आसान होते हैं कि कोई भी उनको पहचान लेता है और इस तरह के प्रोग्राम का एक मात्र लक्ष्य सिर्फ भोले भाले लोगों को उल्लू बना कर पैसा कमाना होता है...और वो भी दिन दहाड़े लूट कर....
मित्र ! मेरी राय आप सभी को यह है कि आप में से कोई भी दिनांक और समय दर्शाने वाले कैमरे से उस प्रोग्राम का चित्र उतार लें और फिर नियामक संस्था तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को शिकायत करें ! इसके लिए भारतीय प्रेस परिषद् से भी शिकायत की जा सकती है ! हालांकि वह इसके लिए उपयुक्त संस्था नहीं है, तथापि मेरा मानना है कि वर्तमान अध्यक्ष जस्टिस काटजू काफी मुखर हैं और इस विषय को वे सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से अवश्य उठा सकते हैं ! यकीन मानें कार्यवाही अवश्य होगी !
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 23-04-2012, 04:03 AM   #33
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

अफसर के अपहरण से खुली दावों की पोल

छत्तीसगढ़ में माओवादियों द्वारा एक आईएस अफसर के अपहरण ने भाजपा के नेतृत्व वाली रमन सिंह सरकार के इस दावे की पोल खोल दी है कि राज्य में सब कुछ ठीक चल रहा है और सरकार नक्सली हिंसा से कड़ाई से निपट रही है। इस घटना से साबित हो गया है कि राज्य में न तो खुफिया तंत्र अपनी भूमिका को ढंग से निभा पा रहा और न पुलिस नक्सलियों के मामले में गंभीर दिख रही है वरना क्या कारण है कि माओवादी आला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच से एक आईएएस अफसर को राइफल और बंदूक की नोक पर उठा ले जाने की हिमाकत कर गए और सभी अफसर या तो छुप गए या केवल घटना को देखते भर रहे। यह हालत तो तब है, जब केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने खुफिया सूचना के बाद तीन-तीन पत्र भेज कर राज्य सरकार को आगाह किया था कि माओवादी ओडिसा में विधायक के अपहरण के बाद छत्तीसगढ़, खासकर राज्य के बस्तर अंचल में कोई बड़ी वारदात कर सकते हैं, लेकिन राज्य के खुफिया विभाग ने केन्द्र की सूचना की अनदेखी कर दी और उसी का नतीजा था कि माओवादियों ने शुक्रवार को संसदीय सचिव के काफिले पर हमला किया और शनिवार को बस्तर जिले में कलेक्टर को ही अगवा कर ले गए। इसमें राज्य सरकार की कोताही खुलकर सामने आ गई है। कुछ दिनों पहले सरकार ने वाहवाही लूटने के इरादे से ग्राम सुराज अभियान शुरू किया था, तब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी आगाह किया था कि सरकार को अभियान रूपी यह नाटक बंद कर वरिष्ठ अधिकारियों की सुरक्षा पर गौर करना चाहिए, लेकिन रमन सिंह सरकार ने इसे भी नजरअंदाज कर दिया और कलेक्टर के अपहरण के बावजूद हठधर्मिता दिखाते हुए घोषणा की कि ग्राम सुराज अभियान जारी रहेगा। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि यह घटना राज्य सरकार की ढिलाई का नतीजा है। अब भी समय रहते सरकार को चेत जाना चाहिए और माओवादियों के बाहुल्य वाले इलाकों में लोगों की दयनीय दशा को संभालने के ठोस कदम उठाने चाहिए। राज्य सरकार का यह तर्क एकदम बेमानी है कि माओवादी या नक्सली हिंसा के खिलाफ केन्द्र द्वारा मदद से ही कुछ हो सकता है। आखिर राज्य के लोगों की सुरक्षा का जिम्मा तो राज्य सरकार पर ही है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 28-04-2012, 02:09 AM   #34
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

अंतरिक्ष कार्यक्रम को मिली बड़ी कामयाबी

वैज्ञानिकों ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पीएसएलवी- सी 19 के माध्यम से रीसेट- एक का गुरूवार को प्रक्षेपण कर उसे अंतरिक्ष में स्थापित कर देश का मस्तक गौरव से ऊंचा कर दिया। करीब एक सप्ताह पहले ही अग्नि - 5 का सफल परीक्षण कर देश के वैज्ञानिक अपनी क्षमता का लोहा पहले ही मनवा चुके हैं। इस उपग्रह के प्रक्षेपण के साथ ही भारत अमेरिका, कनाडा, जापान व यूरोपीय संगठन के उस समूह में शामिल हो गया है जिनके पास मौसम की सटीक जानकारी हासिल करने की अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध है। 1858 किलोग्राम वजनी माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह रीसेट- एक के प्रक्षेपण के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जटिल आप्टिकल इमेजिंग तकनीक के क्षेत्र में भी महारत हासिल कर ली है। रीसेट- एक की खास बात यह है कि इस पर सिंथेटिक अपरचर राडार लगा है जो किसी भी मौसम,दिन और रात तथा बादलों के छाए रहने की स्थिति में भी सटीक जानकारी देने में सक्षम है। पूरी तरह स्वदेश में निर्मित इस उपग्रह को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया गया है। इससे देश की दूर संवेदी क्षमता में इजाफा तो होगा ही साथ ही कृषि तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी मदद मिलेगी। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां अधिकतर फसलें आज भी मानसून पर निर्भर रहती हैं। देश को अब तक भारत कनाडाई उपग्रह की तस्वीरों पर निर्भर रहना था क्योंकि मौजूदा घरेलू दूर संवेदी उपग्रह बादलों की स्थिति में धरती की तस्वीरें नहीं ले सकते थे । ऐसे में मौसम की सटीक जानकारी सही समय पर नहीं मिल पाती थी और किसान अच्छी फसल के बावजूद कई बार अपनी फसल को यकायक खराब होने वाले मौसम से बचा नहीं सकते थे। अब हमारे देश के वैज्ञानिकों ने जो कर दिखाया है वह निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। यह उपग्रह जब मिट्टी की नमी, ग्लेशियरों की स्थिति और अन्य विवरणों जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देने लगेगा तो तय है इससे देश को बड़ा फायदा होगा और इस फायदे को कामयाबी की सीढ़ी बनाकर भारत के लिए आर्थिक क्षेत्र में काफी आगे बढ़ने के अवसर और बढ़ेंगे। इसके लिए हमारे देश के वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 29-04-2012, 11:50 PM   #35
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

सोशल मीडिया को अब गंभीरता दिखानी होगी

सभी जानते हैं कि हमारे लोकतांत्रिक देश भारत में सभी को अपने विचार व्यक्त करने की पूरी आजादी है। संविधान में भी इसका उल्लेख है और अभिव्यक्ति की आजादी को सर्वोपरि माना गया है, लेकिन इस आजादी के यह मायने तो नहीं है कि हम इसका सदुपयोग करने की बजाय दुरूपयोग करने लग जाएं। यह ध्यान तो रखना ही होगा कि इस आजादी के सहारे हम कहीं उच्छृंखल न हो जाएं। आम आदमी के साथ- साथ यह बात मीडिया पर भी लागू होती है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी की अपनी जिम्मेदारियों के दायरे में रख कर ही काम करे, लेकिन पिछले दिनों जो सामने आया, उससे यह साफ हो गया कि मीडिया, खास कर सोशल मीडिया ने इस सहूलियत का बेजा फायदा उठाया और अदालती आदेश तक की अनदेखी कर डाली। सोशल मीडिया में लोगों, संगठनों, धर्मों और समुदायों को बदनाम करने के लिए इसका दुरुपयोग करने का नया चलन शुरू हो गया है। जाहिर है जब इस तरह की घटनाएं बढ़ेंगी, तो लोगों का भरोसा धीरे-धीरे मीडिया पर से भी उठने लगेगा, जबकि देश में मीडिया को जानकारी का सबसे सशक्त माध्यम माना जाता है। यही कारण था कि काटजू को केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी को पत्र लिख कर यह आग्रह करने का बहाना मिल गया कि सरकार को मीडिया की आजादी को जिम्मेदारियों से जोड़ने तथा सोशल मीडिया का दुरुपयोग लोगों और संगठनों को बदनाम करने से रोकने के तरीके तलाशने के लिहाज से विशेषज्ञों का एक दल बनाना चाहिए। यह वजह एक सीडी के सोशल मीडिया पर प्रसार के कारण पैदा हुई, जिसमें सीडी बनाने वाले तक ने यह स्वीकार किया कि उच्चतम न्यायालय के एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ वकील और संसद सदस्य को बदनाम करने तथा एक केंद्रीय मंत्री को धमकाने के लिए इसमें छेड़छाड़ की गई है। ऐसे में सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिहाज से कानून बनाने की वकालत करने वाले काटजू के इस तर्क में दम नज़र आने लगती है कि जब तक सोशल मीडिया पर कुछ लगाम नहीं कसी जाती, तब तक भारत में किसी की प्रतिष्ठा सुरक्षित नहीं रहेगी। निश्चित रूप से निरन्तर बढ़ती जा रही इस समस्या से निपटने के रास्ते तलाशने के लिए सरकार को विधि एवं तकनीक विशेषज्ञों की एक टीम तो बनानी ही चाहिए और अगर यह लगता है कि इस पर रोक अनिवार्य है, तो सरकार को इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री को सोशल मीडिया की साईट से हटाने के लिए उचित कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। सोशल मीडिया को भी खुद इसमें आगे आकर पहल करनी चाहिए और जो सामग्री वह प्रसारित करने जा रहा है, पहले उसके गुण-दोष को उसे खुद पहचानना होगा। साथ ही यह भी ध्यान में रखना होगा कि कहीं वह ऐसी कोई सामग्री अपने उपभोक्ता को नहीं परोस दे, जिसके चलते किसी के निजी जीवन पर ही आंच आ जाए। सोशल मीडिया को इस विषय पर अपने मकसद भी सार्वजनिक करने होंगे, ताकि लोगों में किसी तरह का भ्रम न फैले और वह उसका उपयोग केवल जानकारी हासिल करने तक ही सीमित कर सकें। उम्मीद की जानी चाहिए कि सोशल मीडिया गंभीरता से इस मुद्दे पर विचार करेगा।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 05-05-2012, 09:41 PM   #36
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

सामने आई नीतीश की दोहरी चाल

अब इसे गिरगिट की तरह से रंग बदलना कहें या सोंची समझी सियासी चाल कि कल तक गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फूटी आंख नहीं सुहाते थे, उन्हीं मोदी से नीतीश मेलमिलाप की पींगें लड़ाते दिख रहे हैं। शनिवार को राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई एनसीटीसी पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में जिस तरह से नीतीश कुमार ने कैमरों की मौजूदगी में न सिर्फ मोदी से हाथ मिलाया, बल्कि काफी देर तक उनसे बतियाते भी रहे तो यह एकदम साफ हो गया कि दोनों ही नेता अपने-अपने मकसद को कहीं न कहीं पूरा करने के लिए अपने पुराने गिल-शिकवे दूर कर राजनीति की नई गोटियां फिट करने में लगे हैं। हालांकि इसे दूर के ढोल सुहावने वाली कहावत के रूप में ही लिया जा सकता है कि दोनों को आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद की दावेदारी की संभावनाएं नजर आ रही हैं। राजनीतिक क्षेत्र में वक्त के साथ ऊंट किस करवट बैठेगा, यह भविष्यवाणी तो कम से कम कोई भी नहीं कर सकता, लेकिन जिस तरह से अब तक धर्मनिरपेक्षता की चादर ओढ़ कर घूम रहे नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर मोदी से मिलकर उस चादर को हटा फैंका हैं, उससे नीतीश की दोहरी चाल का तो पर्दाफाश हो ही गया है, मोदी को बार-बार सांप्रदायिक कहने वाले नीतीश इस मेलमिलाप के बाद बेनकाब भी हो गए। यह वही नीतीश हैं, जो मोदी के साथ फोटो खिंचवाने से भी परहेज करते रहे हैं और जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तो उन्होंने मोदी की सांप्रदायिक छवि के चलते ही उन्हें राज्य में चुनाव प्रचार से अलग रखा था। नीतीश यह भलीभांति जानते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में यदि उन्हें केन्द्र की राजनीति की तरफ रुख करना है, तो उन सिद्धान्तों को तो ताक पर रखना ही होगा, जिन्हें लेकर वे अब तक स्वच्छ राजनीति का ढिंढोरा पीटते रहे हैं। हो सकता है कि उन्हें उन लोगों का भी साथ लेना पड़ जाए, जिन्हें वे अब तक देखना भी पसंद नहीं करते थे। जो भी हो नीतीश ने सार्वजनिक तौर पर मोदी से नजदीकियां दिखा कर यह साबित तो कर ही दिया कि अपने राजनीतिक हित के लिए वे किसी भी सीमा तक जा सकते हैं, फिर भले ही उन्हें अपनी विचारधारा से ही समझौता क्यों न करना पड़े।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 06-05-2012, 09:28 PM   #37
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

इस्तीफों की महत्वाकांक्षाएं

राजस्थान भाजपा में भूचाल आया हुआ है। महत्वाकांक्षाएं आपस में टकरा रही हैं। ढाई-तीन साल पहले की राजनीति एक बार फिर शुरू हो गई है। ऐसे में राजनीति के जानकारों को कर्नाटक के पुराने मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा की शतरंज की चालें याद आ रही हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया की मेवाड़ में प्रस्तावित 28 दिन की जनजागरण यात्रा पर फैसला लेने के लिए शनिवार शाम बुलाई गई पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में अपनी दाल गलती नहीं देखकर वसुंधरा राजे ने जिस तरह बिफरते हुए पार्टी से इस्तीफे की धमकी दी, उससे साफ जाहिर हो गया कि वे अपने सामने प्रदेश में किसी का राजनीतिक कद बढ़ता हुआ नहीं देखना चाहती। हालांकि कटारिया ने अपनी यात्रा वापस लेने की घोषणा कर दी, लेकिन इसके बाद जो भाजपा में जो राजनीतिक खेल शुरू हुआ है, उसके कई मायने हैं, जिनके दूरगामी असर दिखाई देंगे। रविवार को भाजपा विधायकों ने इस्तीफों का जो खेल शुरू किया, वह साफतौर पर आलाकमान पर दबाव बनाने की शतरंजी बिसात है। यह बात राजे के नजदीकी भवानी सिंह राजावत के मीडिया को दिए गए बयानों से भी साफ हो गई कि भाजपा विधायकों ने आगामी विधानसभा चुनाव में राजे कोे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की मांग को लेकर अपने इस्तीफे नेता प्रतिपक्ष को सौपे हैं। इसका मतलब राजे गुट को इस बात को खतरा है कि डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में आलाकमान किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट कर सकता है। राजे गुट के मन में डर समाया हुआ है। उन्हें कटारिया से भी इसी बात का खतरा है, इसीलिए उन्होंने पिछले दिनों किरण माहेश्वरी के जरिए राजसमंद में हुई पार्टी की बैठक में कटारिया की मौजूदगी में यात्रा के विरोध का डंका बजाया। मामला दिल्ली में आलाकमान के पास पहुंचा तो आलाकमान ने कटारिया की यात्रा की गेंद प्रदेश भाजपा के पाले में डालते हुए 5 मई को कोर कमेटी की बैठक बुलाकर फैसला करने के निर्देश दे दिए। भाजपा के एक धड़े को पहले से ही इस बात का अहसास था कि कोर कमेटी की बैठक शांतिपूर्ण तरीके से नहीं होगी, इसमें कोई न कोई अनहोनी जरूर होगी। वसुंधरा राजे ने शनिवार रात जो बगावती तेवर दिखाए, वह कोई नई बात नहीं है। वे पहले भी येदियुरप्पा की तरह आलाकमान को आंखें दिखा चुकी हैं। ढाई-तीन साल पहले वसुंधरा राजे को आलाकमान ने जब नेता प्रतिपक्ष के पद से हटा दिया था, तब भी राजे ने पार्टी को अलग-थलग कर इसी तरह के बगावती तेवर दिखाए थे। बाद में भाजपा के कमजोर आलाकमान ने राजे को फिर से नेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठा दिया। किसी राजनीतिक दल में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी नेता को पद से हटाकर कुछ दिन बाद वापस उसी पद पर बैठा दिया गया। बहरहाल, वसुंधरा राजे अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते अब फिर से दबाव की राजनीति कर रही हैं। इससे उन्हें क्या फायदा और नुकसान होगा, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन इससे यह बात साफ नजर आ रही है कि पार्टी नेताओं में आपसी कलह कम होने के बजाय और बढ़ेगी और इसका नुकसान भाजपा को ही उठाना पड़ेगा।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 06-05-2012, 10:03 PM   #38
ndhebar
Special Member
 
ndhebar's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: Kerrville, Texas
Posts: 4,605
Rep Power: 50
ndhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond reputendhebar has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to ndhebar
Default Re: कुतुबनुमा

भाजपा के भीतर की कलह ही पार्टी को पीछे धकेल रही है
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
ndhebar is offline   Reply With Quote
Old 07-05-2012, 07:30 AM   #39
abhisays
Administrator
 
abhisays's Avatar
 
Join Date: Dec 2009
Location: Bangalore
Posts: 16,772
Rep Power: 137
abhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to abhisays
Default Re: कुतुबनुमा

Quote:
Originally Posted by ndhebar View Post
भाजपा के भीतर की कलह ही पार्टी को पीछे धकेल रही है

सही बात है, अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह लोग फिर २०१४ में भी हार जायेंगे..
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum
abhisays is offline   Reply With Quote
Old 14-05-2012, 07:23 AM   #40
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

पाक को बेनकाब करने वाला विधेयक

आतंकवाद को शह और प्रश्रय देने के आरोप अक्सर पाकिस्तान पर लगते रहते हैं। भारत तो आरोप ही नहीं दस्तावेजी सबूतों के आधार पर यह बता चुका है कि भारत में मुंबई हमले जैसे कारनामों के तार सीधे-सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं लेकिन पाकिस्तान हमेशा ही उससे मुकरता रहा है। ऐसे में अमेरिकी संसद में पेश किए गए एक विधेयक से यह शक और पुख्ता हो जाता है कि पाकिस्तान कहीं ना कहीं इस तरह की गतिविधियों को अपना मूक समर्थन देता रहा है। जो विधेयक पेश किया गया है उसमें इस बात का प्रावधान किया गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की करतूत से जब भी कोई अमेरिकी मारा जाएगा तो पाकिस्तान को मिलने वाली अमेरिकी मदद में से पांच करोड़ डॉलर की राशि की कटौती कर ली जाएगी। विधेयक में पाकिस्तान पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उसने दशकों से अपने यहां आतंकवादी संगठनों को भारत और अफगानिस्तान में हमले करने की खुली छूट दे रखी है। सांसद डाना रोहराबाशेर की ओर से पेश ‘पाकिस्तान आतंकवाद जवाबदेह कानून 2012’ विधेयक के प्रावधानों के तहत रक्षा मंत्रालय को पाकिस्तान सरकार के कुछ तत्वों की ओर से समर्थन प्राप्त और देश में तथा अफगानिस्तान में बेधड़क अपनी गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठनों द्वारा मारे गए सभी अमेरिकियों की सूची तैयार करनी होगी। मारे गए हर अमेरिकी के बदले पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से दी जा रही आर्थिक मदद में से पांच करोड़ डॉलर की राशि की कटौती की जाएगी। यह राशि पीड़ितों के परिजनों को दी जाएगी। विधेयक में कहा है कि पाकिस्तान आईएसआई के जरिए आतंकवादी संगठनों का भारत के खिलाफ कश्मीर में भी इस्तेमाल करता है। निश्चित रूप से यह विधेयक गहन अध्ययन और जांच के बाद ही अमेरिकी संसद में रखा गया होगा जो यह साबित करता है कि पाकिस्तान ना तो पहले और ना ही अब तक अपनी हरकतों से बाज आ रहा है। संभवतया यह पहला मौका होगा जब अमेरिका की संसद में किसी देश के खिलाफ इस तरह की व्यवस्था वाला ऐसा विधेयक पेश किया गया है। विधेयक को मंजूरी मिलगी या नहीं यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इससे पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब तो हो ही गया है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
कुतुबनुमा, डार्क सेंट, alaick, blogging, blogs, dark saint alaik, hindi blog, journalist, kutubnuma, qutubnuma


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 09:50 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.