02-03-2012, 08:07 PM | #31 |
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Re: Jokes in Haryanavi
बदलू और जागे घणी दारू पीया करते । बदलू की घरवाली किताबो उन-तैं घणी दुखी रहया करती । कतई तंग आ-कै एक दिन उसनै मन बणा लिया अक ईबकै आवण दे अनपूते नै पी कै - लट्ठां तैं कूटूंगी । रात नै किताबो बांस की कामड़ी ले कै किवाड़ कै पाछै लुक कै खड़ी हो गई । बदलू पी कै दरवाजे में घुसण लाग्या, तै किताबो नै कामड़ी मार-मार कै उसकी सौड़ सी भर दी । बदलू पिटता-पिटता बोल्या - "ए बेब्बे, गलती हो-गी, मैं तै गलत घर में आ-ग्या" । बदलू उल्ट-पाहयाँ जागे धोरै गया अर बोल्या - "जागे भाई, मैं तै आपणा घर भूल-ग्या, एक गलत घर में जा बड़या - तू मन्नै घरां छोड कै आ ।" जागे बोल्या - "अरै, तन्नै घणी पी राखी सै, ल्या मैं छोड कै आऊं सूं तन्नैं तेरै घरां - चिन्ता ना कर ।" जागे बदलू का हाथ पकड़ कै आगै-आगै चाल पड़या अर बदलू के घर का दरवाजा खुला देख कै उसनै खींचण लाग्या । किताबो फिर किवाड़ कै पाछै खड़ी थी, अंधेरे में उसनै कोनी देख्या अक कुण-सा आवै सै । किताबो नै कामड़ी सिंगवा कै जागे की कड़ में टेक दी और लागी उसकी सौड़ सी भरण । बदलू थोड़ी सी दूर जा कै बोल्या - "मार बेब्बे, मार साळे कै - पीये ओड़ समझ कै यो मन्नैं फिर एक गलत घर में बाड़ै था" !! |
02-03-2012, 08:08 PM | #32 |
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Re: Jokes in Haryanavi
आपणे नै पिछाण ले-ज्या"
भाई, एक बै चार मौलड़ घणी दारू पी कै गाम में रात के बारह बजे पाच्छै बड़े आ-कै । सारे कत्ती धुत्त हो रहे थे । एक घर धोरै आ-कै रूका मारण लाग-गे - रणबीर, ओ रणबीर - रणबीर रै !! रौळा सुण कै छात (छत) पर तैं एक लुगाई बोल पड़ी - "के ज्ञान हो रहया सै, हाड़ै कोन्या रणबीर - वो तै दूसरे गाम में जा रहया सै" । न्यूं सुण कै उन मौलड़ां म्हां तैं एक बोल्या - "तू कूण सै भिर" ? वा बोल्ली - "मैं रणबीर की बहू सूं, और कूण सूं ?" इतना सुणना था, अर उन-म्हां तैं एक बोल्या - "ठीक सै, एक बै तळै आ-ज्या, अर आपणे नै पिछाण ले-ज्या - हम भी जा कै सोवां फिर" !! |
02-03-2012, 08:08 PM | #33 |
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Re: Jokes in Haryanavi
दीवार की आवाज
सुन्डू बेचारा सुल्फा पीये रहया करता अर बावळी-बावळी बात करीं जाता । एक दिन तड़कैहें-तड़कैहें भीत कै कान ला कै ध्यान तैं सुणन लाग रहया । उसका ढ़ब्बी पेटला भी आया अर देख्या - यो के हो रहया सै ? उसनै भी कान ला लिये भीत कै । फेर कान हटा कै बोल्या - रै सुन्डू, भाई, किमैं सुण्या-ए कोन्या ! सुन्डू नै एक दिया उसके कान पै, अर बोल्या - खसमड़े, मैं तड़कैहें तैं इसकै कान लाईं बैठ्या ! जब मन्नैं ऐं ईब ताहीं ना सुण्या...तै तेरे ताहीं के खड़ताळ बाजैंगी ?" |
02-03-2012, 08:08 PM | #34 |
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Re: Jokes in Haryanavi
खोलो, दरवाजा खोलो
एक शराबी आधी रात के बखत नशे में धुत्त सड़क पै चाल्या जावै था । सड़क के किनारे एक खंबे पै, जिस पै एक बल्ब जळै था, उस कै धोरै आ-कै रुक ग्या अर खंभे नै हाथ तैं खटखटावण लाग्या अर आवाज देण लाग्या - "खोलो, दरवाजा खोलो" । एक चौकीदार नै यो नजारा देख्या अर उसतैं मखौल करण की सोची । वो शराबी तैं बोल्या - "ओ भाई, हाड़ै घर में कोए कोनी, जा आगे-नै" । शराबी बोल्या "कोए क्यूकर कोनी, ऊपर देख - उपर चौबारे की लाइट बी जळण लाग रही सै ।" |
02-03-2012, 08:08 PM | #35 |
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Re: Jokes in Haryanavi
दो ढ़ाळ का नशा
एक-बै सुण्डू बोतल पी-कै कत्ती धुत्त हो रहया, अर हलता-हलता गाळ में कै आण लाग रहया था । आगै जा कै उसनै देख्या अक दो-चार बूढ़े होक्का पीण लाग रहे थे अर बाणियां आपणी दुकान पै बैठ्या हिसाब सा जोड़ै था । सुन्डू बूढ़्यां धोरै जा-कै बोल्या - "ताऊ, राम-राम । कहते हो तै होक्का ताजा कर ल्याऊं, कहते हो तै हाथ-पांव दाबूं । बूढ़े बोल्ले - "ना बेटा, हम राजी सां, ऊपर आळा तेरा भला करै ।" सुन्डू फेर पहुंच-ग्या बणियां की दुकान कै आगै । बणियां नै देखतीं हें रूका मार-कै बोल्या - "रै बणियें के बीज, सारा गाम लूट लिया साले, अर ईब पईसे गिणै सै ?" अर सुन्डू नै बणिये कै चार लात मारी अर आगै-नै चाल पड़ा । बणियां पड़ा-पड़ा न्यूं बोल्या - अड़ चौधड़ी, एक बोतल में दो-दो नशे पहली बार देखे !! |
02-03-2012, 08:09 PM | #36 |
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Re: Jokes in Haryanavi
एक बै रात नै एक बजे रामफल शराब के नशे में धुत्त, आपणे घर जावै था, राह में पुलिस नै पकड़ लिया । पुलिस होलदार बूझण लाग्या - आं रै, इतणी रात नै कित जा था ?
रामफल बोल्या - जी, शराब के दुष्परिणाम पै लैक्चर सुणन जाऊं सूं । होल्दार - इतणी रात नै कूण लैक्चर देगा ? रामफल - मेरी घर आळी रामभतेरी !! |
02-03-2012, 08:09 PM | #37 |
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Re: Jokes in Haryanavi
काळू अर भूंडू नै घणी दारू पी राखी थी । रात नै साईकल पै बैठ कै कच्चे रास्ते तैं घरां जावैं थे । काळू साईकल चलावै था अर भूंडू पाछै बैठ्या था ।
भूंडू रास्ते मैं लुढ़क ग्या । काळू नै कोए ध्यान नहीं, मस्ती में झूमता घरां पहुंच्या अर बोल्या - ले भाई उतर, घर आ-ग्या । जब पाच्छे तैं कोए जवाब नहीं आया, तै काळू का नशा कुछ ढीला हुया, साईकल ठा कै उल्टा भाज लिया । राह में देख्या - भूंडू मस्ती में चूर राही में लोट रहया था । काळू उसनै देख कै बोल्या - आंह रै, ठीक सै ? काळू नै जवाब दिया - "मैं ठीक बैठ्या सूँ, तू साईकल चलाता रह !" |
10-03-2012, 09:07 PM | #38 |
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Re: Jokes in Haryanavi
स्कूल में मास्टर ने राकेश रुनढे त पुछा “क्यूँ र परसु क्यों नहीं आया स्कूल म ?”
राकेश रुनढ़ा बोल्या ” मास्टर जी परसु मेरी माँ ने मेरा पजामा धो दिया था ज्याते नहीं आया ” मास्टर न फेर पुछा “काल भी नी आया तू ? ” राकेश रुनढ़ाबोल्या ” मास्टर जी काल मन्ने आपका पजामा सूखता देखा. मेंने पजामा देख के छूट्टी कर ली “ |
10-03-2012, 09:07 PM | #39 |
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Re: Jokes in Haryanavi
तमसो मा ज्योतिर्गमय का मतलब |
10-03-2012, 09:08 PM | #40 |
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Re: Jokes in Haryanavi
रुंडा चेमिस्ट की दूकान पै
रुंडा : मने जहर चहिये. दुकानदार : बिना पर्ची के कोन्या दे सकदा. रुंडे ने आपने ब्याह का कार्ड दिखा दिया. दुकानदार : बस कर भाई ….. रुवावेगा के ….नू बता बड़ी शीशी दू या छोटी …? |
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