20-03-2013, 05:07 PM | #31 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
मित्रो, इस बात से तो आप भली-भाँति अवगत होने कि लता मंगेशकर ने ओ. पी. नैयर के संगीत निर्देशन में एक भी गीत फिल्मों में नहीं गाया. लेकिन ओ. पी. नैयर के संगीत निर्देशन में तैयार होने वाली एक फिल्म ऐसी भी थी जिसमे लता जी ने एक नहीं, चार चार गीत गाये थे. यह किस प्रकार हुआ. आइये हम आपको बताते है. के. अमरनाथ की 1954 में प्रदर्शित फिल्म 'महबूबा' के शुरुआती दौर में फिल्म का संगीत दे रहे थे जाने माने संगीत निर्देशक रौशन. वह इसके चार गीतों की रिकार्डिंग भी पूरी कर चुके थे. इसके बाद निर्माता के. अमरनाथ का रौशन के साथ कुछ मतभेद हो गया जिसके चलते रौशन ने यह फिल्म बीच में ही छोड़ दी थी. उसके बाद ओ. पी. नैयर द्वारा संगीत निर्देशन का जिम्मा सम्हाला गया. उन चार गीतों में कोई फेर बदल नहीं किया गया और फिल्म में उसी रूप में रखा गया. ओ. पी. नैयर ने भी अन्य पांच नए गीत इसमें तैयार करवाए लेकिन इनमे लता की आवाज में कोई गीत नहीं बना. इस प्रकार इस फिल्म के क्रेडिट्स में संगीत- निर्देशक के रूप में ओ.पी.नैयर का ही नाम आया लेकिन लता मंगेशकर के गाये हुए चारों गीत (तीन एकल गीत और एक तलत महमूद के साथ गाया युगल गीत) वास्तव में रौशन द्वारा स्वरबद्ध किये गए थे. Last edited by rajnish manga; 20-03-2013 at 05:11 PM. |
20-03-2013, 06:08 PM | #32 | |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
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निरूपा राय जहां फिल्मों में एक आदर्श सास का रोल करती थी वहीँ निजी लाइफ में उनकी बहु ने उन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर कोर्ट में उनके खिलाफ केस दायर कर दिया था ! |
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21-03-2013, 11:13 PM | #33 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि –
‘मदर इंडिया’ (2 बार) ‘मदर इंडिया’ नाम से दो बार फिल्म बनायी गई थी - पहली फिल्म 1938 में प्रदर्शित हुयी और दूसरी 1957 में. ‘आरज़ू’ (4 बार) उक्त नाम से सबसे पहले 1944 में फिल्म बनी थी, दूसरी बार 1950 में, तीसरी बार 1965 में और चौथी बार 1999 में ‘आरज़ू’ नाम से फ़िल्में बनायी गई. ‘मिस्टर इंडिया’ (2 बार) इसी प्रकार फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ भी दो बार बनायी गई – पहली बार 1961 और दूसरी बार 1987 में. इसके अलावा ‘इंडिया’ नाम धारी फिल्म ‘फादर इंडिया’ (1930), मिस इंडिया’ (1957), ‘सन ऑफ़ इंडिया’ (1962) भी बनायी गयीं. इनके अतिरिक्त अनेकों ऐसी फ़िल्में भी बनायी गयीं जिनके नाम में ‘इंडिया’ शब्द जुड़ा हुआ था. |
23-03-2013, 05:17 PM | #34 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि -
1. एक ही कलाकार द्वारा एक फिल्म में अधिक से अधिक 10 रोल कमल हासन ने फिल्म ‘दशावतार’ में निभाये थे. इससे पहले संजीव कुमार ने फिल्म ‘नया दिन नयी रात में नौ रोल किये गए थे. यह हिंदी फिल्म तमिल में बनायी गई फिल्म ‘नवरात्री’ पर आधारित थी जिसमे शिवाजी गणेशन ने भी नौ रोल निभाये थे. 2. हिंदी फिल्मों में फ्लैश-बैक तकनीक (चलती फिल्म में भूतकाल की घटनाओं को इस प्रकार दिखाया जाना जिसके ज़रिये कहानी की पृष्ठभूमि की जानकारी मिलती है) का प्रयोग सर्वप्रथम 1937 में प्रदर्शित पी.सी.बरुआ की फिल्म ‘मुक्ति’ में किया गया था. 3. हिंदी में डब की जाने वाली पहली विदेशी फिल्म ‘थीफ ऑफ़ बग़दाद’ थी जिसे ‘बग़दाद का चोर’ नाम से 1948 में प्रदर्शित किया गया था. 4. पिछले कई बरसों से हिंदी की बहुत सी फ़िल्में अंग्रजी और अन्य विदेशी भाषाओं में डब की जा रही हैं लेकिन 1941 में प्रदर्शित जे.बी.एच. वाडिया की हिंदी फिल्म ‘राज नर्तकी’ वह पहली फिल्म थी जिसका अंग्रेजी में डब किया गया संस्करण ‘दी कोर्ट डांसर’ नाम से जारी किया गया था. |
23-03-2013, 11:45 PM | #35 | |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
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उक्त जानकारी निरुपारॉय के बेदाग़ जीवन और करियर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. लेकिन फ़िल्मी जीवन की अगर बात करें तो 1952 में प्रदर्शित फिल्म 'सिंदबाद जहाजी' में उन्होंने पौराणिक फिल्मों से बनी इमेज के उलट एक खलनायिका का किरदार निभाया था. |
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03-04-2013, 06:19 PM | #36 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते हैं कि – |
04-04-2013, 12:38 AM | #37 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
तीन तीन 'कंगन'
यह एक अजूबा ही कहा जाएगा कि “कंगन” नाम से अब तक तीन फिल्मों का निर्माण किया गया और तीनों फिल्मों में अशोक कुमार ने अभिनय किया. कंगन’ नाम की पहली फिल्म 1939 में बनी जिसमे अशोक कुमार ने बतौर नायक काम किया था. इसमें नायिका थीं – लीला चिटनिस. 1959 में दूसरी ‘कंगन’ बनायी गई. इसमें भी अशोक कुमार ने ही नायक का किरदार निभाया था, नायिका थीं निरूपा रॉय और निर्देशक थे नाना भाई भट्ट. तीसरी बार 1971 में ‘कंगन’ नाम से फिल्म बनायी गई जिसमे अशोक कुमार ने फिल्म की नायिका माला सिन्हा के पति का किरदार निभाया था. नायक थे संजीव कुमार और निर्देशक थे – के.बी.तिलक. |
04-04-2013, 12:44 AM | #38 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
सुलोचना: नाम एक अभिनेत्री चार
हिंदी फिल्मों के इतिहास में ‘सुलोचना’ नाम से चार अभिनेत्रियों ने काम किया है. इनका पूरा नाम तथा पहली फिल्म इस प्रकार हैं: 1. सुलोचना (रूबी मेयर्स) = मूक फिल्म ‘वीरबाला’ 2. सुलोचना चटर्जी = ‘शहंशाह बाबर’ 3. सुलोचना = ‘चिमुकला संसार’ (मराठी) 4. राजा सुलोचना = ‘नया आदमी’ |
05-04-2013, 11:51 PM | #39 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
क्या आप जानते है की -
नाना पाटेकर निर्देशित फिल्म प्रहार में किसी भी कलाकार ने मेक-अप नहीं किया था ! |
17-04-2013, 10:19 PM | #40 |
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Re: फ़िल्मी दुनिया/ क्या आप जानते है?
लता मंगेशकर और उनके संगीत-निर्देशक
लता मंगेशकर को फिल्म संगीत के क्षेत्र में एक महान शख्सियत के तौर पर पहचाना जाता है. पंडित जसराज के अनुसार वे योग्यता, स्वरों की मिठास और विनम्रता की ऐसी प्रतिमूर्ति हैं जो शताब्दियों में एक बार जन्म लेती हैं. अपने 70 वर्ष के सक्रिय पार्श्व-गायन काल में लता जी ने 10000 से अधिक गीत गाये. उनकी आवाज़ के जादू ने उनके लाखों करोड़ों सुनने वालों को इस हद तक प्रभावित किया है कि उनके मुकाबले अन्य गायक कलाकार उनकी धुंधली छाया के समान नजर आते हैं. कहा जाता है कि लता मंगेशकर संगीत-निर्देशकों के लिए ईश्वर कर वरदान बन कर फिल्म इंडस्ट्री में आयीं. उनकी गायन शैली इतनी परिपक्व थी कि वे कठिन से कठिन बंदिश को भी बड़ी सरलता से आत्मसात कर लेती थीं और उसे अपने गीतों में उतार लेती थी. अतः इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पार्श्व-गायकों में लता जी ने ही हमें सब से अधिक यादगार गीतों का उपहार दिया. अपने ख़ास अंदाज़ में और विनम्रता से लता जी अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने संगीत-निर्देशकों को देती हैं. वे स्वर्गीय गुलाम हैदर और खेमचंद प्रकाश जैसे संगीत-निर्देशकों को आज भी याद करते हुए भावुक हो जाती हैं जिन्होंने उन संघर्ष के दिनों में लता को हौंसला दिया जब वे छोटी ही थीं और उनकी आवाज़ उस समय की हीरोइनों के लिए बहुत बारीक मानी जा रही थी. |
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