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Old 20-03-2011, 12:03 PM   #31
Sikandar_Khan
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जांच बताएगी, कब तक बना जा सकता है मां


साइंटिस्टों ने एक ऐसी आनुवांशिक जांच विकसित की है जिससे महिलाओं की 20 वर्ष की आयु में ही यह पता चल जाएगा कि वह कितनी आयु तक बच्चों को जन्म दे सकती हैं।

शोधकर्ताओं ने जीनों (आनुवांशिक इकाई) का एक ऐसा समूह खोजा है जो मीनोपॉज़ के समय और महिलाओं में प्रजनन की संभावना समाप्त होने के साथ जुड़ा हुआ है। इस जांच में करीब 50 पाउंड का खर्च आएगा और अगले एक दशक बाद इसे कराया जा सकेगा।

समाचार पत्र 'टेलिग्राफ' के मुताबिक ब्रिटेन की 'युनिवर्सिटी ऑफ एक्जीटर पेनिन्सुला मेडिकल स्कूल' की रिसर्चर एना मरे कहती हैं कि इस स्टडी का उद्देश्य यह पता लगाना था किसी भी महिला में मीनोपॉज़ की आयु क्या है।

उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि महिलाओं में मीनोपॉज़ से औसतन 10 वर्ष पहले प्रजनन की क्षमता कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस रिसर्च के बाद उन्हें बताया जा सकेगा कि वे कब तक बच्चों को जन्म दे सकती हैं।

उन्होंने कहा कि 20 में से एक महिला को जल्दी मीनोपॉज़ हो जाने की शिकायत रहती है, ऐसे में यह नई जांच उन महिलाओं की मदद कर सकती है। औसत के आधार पर ज्यादातर महिलाओं में मीनोपॉज़ की उम्र 51 साल होती है लेकिन कुछ में 40वें साल में तो कुछ में 60वें साल में ऐसा होता है।

शोधकर्ता ऐसे और जीनों को खोज रहे हैं तो मीनोपॉज़ की उम्र और भी सही बता सकें।
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."

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Old 21-03-2011, 01:40 AM   #32
Bond007
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Question स्वास्थ्य समाचार

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Originally Posted by Sikandar View Post


...... "मीनोपॉज़" के समय........
ये क्या है.....कोई ज्ञानवर्धन करेगा प्लीज़.....................!
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Missing you guys!
फिर मिलेंगे|
मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक||

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Old 24-03-2011, 10:58 PM   #33
pankaj bedrdi
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Originally Posted by sikandar View Post
जांच बताएगी, कब तक बना जा सकता है मां


साइंटिस्टों ने एक ऐसी आनुवांशिक जांच विकसित की है जिससे महिलाओं की 20 वर्ष की आयु में ही यह पता चल जाएगा कि वह कितनी आयु तक बच्चों को जन्म दे सकती हैं।

शोधकर्ताओं ने जीनों (आनुवांशिक इकाई) का एक ऐसा समूह खोजा है जो मीनोपॉज़ के समय और महिलाओं में प्रजनन की संभावना समाप्त होने के साथ जुड़ा हुआ है। इस जांच में करीब 50 पाउंड का खर्च आएगा और अगले एक दशक बाद इसे कराया जा सकेगा।

समाचार पत्र 'टेलिग्राफ' के मुताबिक ब्रिटेन की 'युनिवर्सिटी ऑफ एक्जीटर पेनिन्सुला मेडिकल स्कूल' की रिसर्चर एना मरे कहती हैं कि इस स्टडी का उद्देश्य यह पता लगाना था किसी भी महिला में मीनोपॉज़ की आयु क्या है।

उन्होंने कहा कि ऐसा माना जाता है कि महिलाओं में मीनोपॉज़ से औसतन 10 वर्ष पहले प्रजनन की क्षमता कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस रिसर्च के बाद उन्हें बताया जा सकेगा कि वे कब तक बच्चों को जन्म दे सकती हैं।

उन्होंने कहा कि 20 में से एक महिला को जल्दी मीनोपॉज़ हो जाने की शिकायत रहती है, ऐसे में यह नई जांच उन महिलाओं की मदद कर सकती है। औसत के आधार पर ज्यादातर महिलाओं में मीनोपॉज़ की उम्र 51 साल होती है लेकिन कुछ में 40वें साल में तो कुछ में 60वें साल में ऐसा होता है।

शोधकर्ता ऐसे और जीनों को खोज रहे हैं तो मीनोपॉज़ की उम्र और भी सही बता सकें।
बहुत अच्छा जनकारी धन्यवाद
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता.
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Old 24-03-2011, 11:47 PM   #34
Sikandar_Khan
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अब पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक इंजेक्शन

फैमिली प्लानिंग की जिम्मेदारी सालों से अपने कंधों पर उठाए चल रही महिलाओं को इस खबर से थोड़ी राहत मिल सकती है। अब बाजार में पुरुषों के लिए एक गर्भनिरोधक इंजेक्शन आया है, जिससे यह जिम्मेदारी उनके कंधों पर डालने में मदद मिल सकती है। इसे हर दो महीने पर लगाना होगा। यह कॉन्डम से बेहतर गर्भ निरोधक साबित हुआ जिसका असर महिला गर्भ निरोधक गोली के बराबर था।

ब्रिटेन की एडिनबरा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने स्कॉटलैंड में इसके टेस्ट भी किए और उन्हें कामयाब पाया। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ट्रायल में दुनिया भर से 200 जोड़े साथ लिए गए थे। इसमें टेस्टोस्टेरॉन और प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन्स के अलग-अलग कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया गया था। देखा गया कि इन्होंने पुरुषों में स्पर्म काउंट को काफी हद तक कम कर दिया।

ट्रायल के दौरान दो इंजेक्शन लगाए गए और इसके नतीजे में स्पर्म काउंट 20 लाख/मिलीलीटर से गिरकर जीरो रह गया। कुछ मामलों में यह 10 लाख/मिलीलीटर रह गया जो प्रेग्नेंसी के लिए जरूरी सीमा से काफी कम है। अभी इस गर्भनिरोध के कुछ और ट्रायल होने हैं।
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Post Re: स्वास्थ्य समाचार



एलर्जी का इलाज है मूंगफली


ऐसे बच्*चों की संख्*या निरंतर बढ़ती जा रही है, जिन्*हें कुछ कड़े छिलके वाली चीजों, जैसे बादाम, अखरोट आदि से एलर्जी होती है। इस एलर्जी के कुछ घातक परिणाम भी हो सकते हैं।

अध्*ययन से पता चलता है कि इस एलर्जी के शिकार बच्*चों में से 20 प्रतिशत प्राय: जल्*द ही उससे मुक्*त भी हो जाते हैं, लेकिन इस बात की पूरी संभावना बनी रहती है कि वे पुन: उस एलर्जी के शिकार हो जाएं।

अब वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि दानों वाले फल, जैसे मूंगफली के सेवन से ऐसी एलर्जी की संभावना को कम किया जा सकता है।

अमेरिका के मैरिलैंड में ‘जॉन हॉपकिंस बाल केंद्र’ के एक अध्*ययन में ऐसे 68 बच्*चों पर शोध किया गया, जो इस किस्*म की एलर्जी के शिकार थे। इस शोध में यह पाया गया कि जो बच्*चे निरंतर मूंगफली का सेवन कर रहे थे, उनमें इस तरह की एलर्जी का होना कम हो गया। जबकि अन्*य बच्*चे, जो कभी-कभी ही ऐसे फलों का सेवन करते थे, उनमें एलर्जी होने की संभावना निरंतर बनी रहती थी।

हंसने में छुपी है उपचार की शक्ति

यह अध्*ययन बताता है कि जिन बच्*चों को ऐसी एलर्जी की शिकायत है, उन्*हें कम से कम महीने में एक बार मूंगफली का सेवन जरूर करना चाहिए। लेकिन ऐसा करने से पहले एक बार अपने चिकित्*सक की सलाह जरूर लें।
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मोटी ममियों के बच्चे भी मोटे हो सकते हैं

लंदन।। जल्द ही मां बनने जा रही महिलाओं को सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि मोटी ममियों के बच्चे भी मोटे हो सकते हैं।

लंदन स्थित गाइज ऐंड सेंट थॉमस हॉस्पिटल के अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि जिन महिलाओं का वजन अत्याधिक होता है उनके शरीर में वजन नियंत्रक हार्मोन में त्रुटि होती है और इसका मतलब है कि उनके बच्चे भी मोटे हो सकते हैं।

अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि खाने की इच्छा को नियंत्रित करने वाले हार्मोन लेप्टिन का मोटी महिलाओं में अत्याधिक उत्पादन होता है। लेप्टिन का अधिक स्तर भ्रूण में भी वजन नियंत्रित करने वाली ग्रंथि को नुकसान पहुंचाता है।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, इससे बच्चे की जन्म के बाद वजन नियंत्रित करने की क्षमता खत्म हो सकती है। ' संडे एक्सप्रेस' में अस्पताल की प्रमुख अनुसंधानकर्ता प्रो लूसिला पोस्टन के हवाले से कहा गया है, 'यह चिंताजनक पहलू है क्योंकि उस उम्र की महिलाओं में मोटापा बढ़ रहा है जिसमें वह बच्चे को जन्म देती हैं।'
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