21-07-2012, 12:20 AM | #31 |
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Re: सद्वचन
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22-07-2012, 08:45 PM | #32 |
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Re: सद्वचन
हमारे जीवन को,हमारी किस्मत ,हमारी इच्छाओं की अपेक्षा बेहतर ढंग से चलाती है |
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23-07-2012, 12:05 AM | #33 |
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Re: सद्वचन
मित्र आपने बिल्कुल सही कहा । अंतरजाल की इस दुनिया मेँ धोखा हो सकता हैँ । सावधानी अवश्यक हैँ । मैँने भी पहले ऐसा ही किया था और मुझे खुशी हैँ कि आप इस विषय को गम्भीरता से ले रहे हैँ ।
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==========हारना मैने कभी सिखा नही और जीत कभी मेरी हुई नही ।==========
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25-07-2012, 11:32 PM | #34 |
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Re: सद्वचन
मन का त्याग करने से सर्व के माननीय बनने का भाग्य प्राप्त होता है
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25-07-2012, 11:33 PM | #35 |
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Re: सद्वचन
जीवन की हर सीढ़ी पर धैर्य से कदम रखना चाहिए
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25-07-2012, 11:35 PM | #36 |
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Re: सद्वचन
कम बोलो, मीठा बोलो ,धीरे बोलो, सत्य बोलो
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25-07-2012, 11:36 PM | #37 |
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Re: सद्वचन
इश्वर की सत _ मति से ही सत_ गति प्राप्त होती है
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10-08-2012, 12:32 AM | #38 |
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Re: सद्वचन
You should treat yourself as most unsuccessful person, if you have hurt someone in the process of scaling the greatest success of your life.यदि आपने अपने जीवन की महानतम सफलता को प्राप्त करने की प्रक्रिया में किसी के दिल को ठेस पहुंचाई हैं तो आपको स्वयं को सर्वाधिक असफल व्यक्ति मानना चाहिए |
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08-01-2013, 08:59 PM | #39 |
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Re: सद्वचन
दुनिया में प्रसन्*न रहने का एक ही उपाय है,
वह यह कि हम अपनी जरूरतें कम कर लें... |
08-01-2013, 09:00 PM | #40 |
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Re: सद्वचन
जो बिना ठोकर खाए मंजिल तक पहुंच जाते हैं, उनके हाथ अनुभव से खाली रह जाते हैं...
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