13-09-2011, 05:48 PM | #31 |
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Re: खबर.कॉम
आज भी अनीता को सपने में रह-रह कर कहीं से अजय के आने का आभास होता है। बकौल अनीता,' जब रात को सोने जाती हूं तो आंखों से नींद कोसो दूर चली जाती है। रह-रह कर अजय की यादें नींद को भगा ले जाती हैं। ऐसे में कभी ये नहीं लगता की अजय हमसे दूर चला गया। मुंबई ब्लास्ट की भेंट चढ़ चुके अजय वर्मा की पत्नी हैं अनीता वर्मा। 13 जुलाई के मनहूस दिन को याद करते हुए वो कहती हैं, इसी साल फरवरी में बस्ती, यूपी से मुंबई आए थे और 21 जुलाई को वापस घर जाने वाले थे। इसी बीच 13 जुलाई को ईश्वर ने मुझसे मेरा सुहाग छिन लिया। अब तो बस दो साल के मासूम बेटे आकाश जो उनकी इकौलती संतान है, में अजय की छवि देखती हूं। बीए तक पढ़ी-लिखी अनीता एनबीटी से इतना कहते ही फफक-फफक कर रो पड़ी। उनको सांत्वना दे रही अजय की मां शांति देवी, अजय के बड़े भाई विजय वर्मा, छोटे भाई भोलाराम वर्मा और अन्य पड़ोसियों की आंखों से निकले आंसू भी माहौल को गमगीन कर दिया। घर के बड़े तो इस सच्चाई को स्वीकार कर चुके हैं कि जो एक बार जाता है वह वापस लौटकर नहीं आता पर आकाश को अभी भी अपने पापा के आने का इंतजार है। |
13-09-2011, 06:23 PM | #32 | |
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Re: खबर.कॉम
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13-09-2011, 06:44 PM | #33 |
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Re: खबर.कॉम
शांति , सौहार्द और एकता के लिए तीन दिन का उपवास करेंगे नरेंद्र मोदी
2002 के गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपनी खुली प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने गुजरात की जनता के नाम तीन पेज का एक खुला पत्र लिखा है। इसमें मोदी ने 2002 के दंगों के लिए उनकी आलोचना करने वालों पर बरसते हुए ऐलान किया कि वह अपने राज्य में शांति , सौहार्द और एकता के लिए तीन दिन का उपवास करेंगे। मोदी ने नागरिकों के नाम मंगवार को जारी पत्र में कहा , ' सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक बात साफ है। 2002 के दंगों के बाद से आधारहीन और असत्य आरोपों के आधार पर मेरे और मेरी सरकार के खिलाफ जो अस्वस्थ वातावरण बनाया गया , उसका अंत हो गया है। पिछले दस सालों से , मुझे और गुजरात राज्य को बदनाम करना फैशन बन गया था। ' उन्होंने कहा कि उन्हें बदनाम करने वाले लोग गुजरात में किसी भी विकास को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं और ऐसे लोगों ने राज्य को बदनाम करने में कोई भी कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। मोदी ने कहा कि राज्य में सामाजिक सौहार्द और भाईचारा बढ़ाने की अपनी जिम्मेदारी के तहत वह ' सद्भावना मिशन ' शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा , ' इस सद्भावना मिशन के तहत , मैंने फैसला किया है कि मैं शनिवार 17 सितंबर से तीन दिवसीय उपवास करूंगा। मेरा उपवास 19 सितंबर को खत्म होगा। मैं मन से महसूस करता हूं कि इस उपवास से गुजरात में शांति , एकता और सौहार्द का वातावरण और मजबूत होगा। |
13-09-2011, 06:47 PM | #34 |
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Re: खबर.कॉम
आओ देखें क्या है मोदी ने गुजरात की जनता को भाइयों एवं बहनों, सादर प्रणाम ! कल, देश के सर्वोच्च न्यायालय ने, 2002 के गुजरात के सांप्रदायिक दंगो के संदर्भ में एक महत्त्वपूर्ण फैसला दिया है। देश में सभी लोग अपने-अपने अनुसार, इस फैसले का अर्थघटन कर रहे हैं। राजनैतिक विश्लेषकों के लिए इस फैसले का अलग अर्थ है, तो कानून विशेषज्ञों के लिए अलग। सबका अपना-अपना दृष्टिकोण है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से एक बात स्पष्ट हुई है। सन 2002 के बाद व्यक्तिगत रुप से मेरे ऊपर और गुजरात सरकार के ऊपर तरह-तरह के, मनगढंत झूठे आरोप लगते रहे है। उन सभी झूठे आरोपों के कारण जो कलुषित वातावरण था, उसका अंत आया है। लगभग 10 वर्षों से गुजरात को एवं मुझे बदनाम करने का फैशन सा हो गया था। गुजरात के विकास की बात अथवा प्रगतिशीलता को सहन ना कर पाने वाले लोग गुजरात को बदनाम करने का एक भी अवसर जाने नहीं देते थे। ऐसे तत्त्व सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद भी गुजरात को बदनाम करना बंद करेंगे, यह अभी भी कह पाना कठिन है। परंतु इस फैसले से एक बात तो तय हो गयी है - कि झूठ फैलाने वाले और गुजरात को बदनाम करने वाले तत्त्वों पर अब देश की जनता विश्वास नहीं करेगी। सन् 2002 के बाद भी गलत प्रचार, झूठे आरोपों एवं झूठे षडयंत्रो के बावजूद गुजरात ने पूर्ण शांति एवं सद्भावना के साथ विकास के पथ पर पूरी गति के साथ आगे बढऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ‘ ६ करोड़ गुजराती ’ - यह मात्र शब्द नहीं परंतु एकता एवं पुरुषार्थ का मंत्र बन गया है। गुजरात के प्रत्येक नागरिक ने शांति-सद्भाव एवं विकास को अपनाया है। भूतकाल में पहले कभी इतना सौहार्द पूर्ण वातावरण गुजरात ने अनुभव नहीं किया, जितना पिछले 10 वर्षो में अनुभव कर रहा है। और गुजरात विकास के इसी पथ पर आगे बढऩा चाहता है। गुजराती में एक बहुत प्रचलित कहावत है ‘‘ वैर से वैर नहीं जीता जाता ’’ यानि वैमनुष्यता से वैमनुष्यता का अंत नहीं होता। एकता एवं सद्भावना ही अपने देश की सच्ची शक्ति है। विविधता में एकता यही भारत की विशेषता रही है। सामाजिक जीवन में विविधता में एकता को और मजबूत बनाना पड़ेगा । शांति एवं सद्भावना के पथ पर गुजरात के विकास की गाड़ी गति पूर्वक आगे बढ़ रही है। गुजरात और मजबूती के साथ आगे बढ़े, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। नकारात्मकता को पीछे छोडक़र, सकारात्मकता के मार्ग पर आगे बढऩे का यह उत्तम अवसर हमें मिला है। आइये हम सब साथ मिलकर गुजरात की गरिमा के लिये कुछ न कुछ योगदान दें। । इस जिम्मेदारी के साथ समाज की एकता और भी मजबूत बने, भाई-चारा बढ़े इस शुभआशय से ‘‘ सद्भावना - मिशन ’’ का एक कार्यक्रम प्रारंभ करने की मेरी अभिलाषा है। इसकी विनम्र अभिव्यक्ति मैं आपके समक्ष इस पत्र के माध्यम से कर रहा हूँ। 17 सितम्बर, शनिवार से ‘ सद्भावना मिशन ’ कार्यक्रम के अंतर्गत 3 दिन का उपवास करने का निर्णय मैंने किया है। 19 सितम्बर को ‘ सद्भावना मिशन ’ अन्तर्गत 3 दिन के मेरे उपवास पूर्ण होंगे । मुझे अन्त: करण से श्रद्धा है, कि ‘ सद्भावना मिशन ’ के स्वरूप में मेरे इस अनशन से गुजरात की शांति, एकता एवं सौहार्द पूर्ण वातावरण को एक नयी शक्ति मिलेगी। ‘ सद्भावना मिशन ’ का मेरा कार्यक्रम सम्पूर्ण रूप से देश-भक्ति एवं समाज-भक्ति को समर्पित रहेगा। शांति, एकता एवं सद्भावना की शक्ति से गुजरात और भी अधिक विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा, ऐसा हमारा प्रयास है। और इसके साथ भारत की प्रगति एवं उन्नति के लिये गुजरात अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे... यही मेरी अन्र्तअभिलाषा है। आपकी सेवा में समर्पित, - नरेन्द्र मोदी |
13-09-2011, 07:36 PM | #35 |
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Re: खबर.कॉम
नरेन्द्र मोदी जी भारत के कुछ गिने चुने इमानदार नेताओ में से एक हैं. भले ही इनका नाम गोधरा काण्ड में आया, लेकिन इन्होने गुजरात के लिए काफी अच्छा काम kiya है.
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
13-09-2011, 11:16 PM | #36 |
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Re: खबर.कॉम
आडवाणी की रथयात्रा को समर्थन नहीं देंगे अन्ना
रालेगण सिद्धि। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की यात्रा को 'दिखावा' करार देते हुए मंगलवार को कहा कि वह तब तक भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे जब तक कि वह संसद में जन लोकपाल विधेयक का समर्थन नहीं करती और उसकी सरकारें राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति के लिए कानून नहीं बनातीं। मजबूत लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर पिछले महीने 12 दिनों तक नई दिल्ली में अनशन पर बैठे हजारे ने कांग्रेस और संप्रग सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के भीतर अनेक लोग मानते हैं कि वह प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने यहां टेलीविजन चैनलों से कहा, 'अगर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आडवाणी गंभीर हैं तो यात्रा करने की बजाय उन्हें भाजपा शासित सभी राज्यों से लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कानून बनाने को कहना चाहिए। यह दिखावा है।' हजारे ने कहा, 'बिल्कुल नहीं। अगर भाजपा कहती है कि वह अन्ना का समर्थन करती है तो उसे अपने राज्यों में लोकायुक्त विधेयक लाना चाहिए। पहले लोकायुक्त विधेयक लाएं और तब समर्थन मांगें।' हजारे से पूछा गया था कि क्या वह किसी राजनैतिक यात्रा और खासतौर पर आडवाणी द्वारा जल्द निकाली जाने वाली यात्रा में शामिल होंगे। हजारे ने कहा कि वह और उनकी टीम भाजपा का तभी समर्थन करेगी जब पार्टी शासित राज्य लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कानून बनाएंगे और संसद में पूरी तरह जन लोकपाल विधेयक का समर्थन करेंगे। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, गृह मंत्री पी चिदंबरम और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की आलोचना करते हुए हजारे ने कहा कि 'वे प्रधानमंत्री की तरह बर्ताव कर रहे थे।' ये तीनों मंत्री लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए गठित की गई संयुक्त समिति के सदस्य थे। तीनों मंत्रियों के बारे में पूछे गए विशेष सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हर कोई जानता है कि वे प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे थे। आप क्यों चाहते हैं कि इसे मैं बोलूं।' हजारे ने कहा कि वह ईमानदार लोगों वाले गैर भाजपाई और गैर कांग्रेसी दलों के मोर्चे का समर्थन करेंगे लेकिन उनका नेतृत्व नहीं करेंगे। गांधीवादी ने कहा, 'मैं उनका समर्थन करूंगा लेकिन उनका नेतृत्व नहीं करूंगा। क्योंकि देश को मजबूत बनाने का वही एकमात्र समाधान है। सभी पार्टियों के अच्छे लोग एकसाथ आ सकते हैं और मैं देश की जनता से उनका समर्थन करने को कहूंगा।' हांलाकि हजारे गुजरात में पिछले सात वर्षों से लोकायुक्त के नहीं होने के बारे में पूछे गए सवाल को टाल गए। उनसे पूछा गया था कि गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने के खिलाफ उन्होंने क्यों आवाज नहीं उठाई। उन्होंने कहा, 'सिर्फ नरेंद्र मोदी ही क्यों। हमें पूरे देश के बारे में सोचना चाहिए। हर राज्य में लोकायुक्त होना चाहिए।' अपने रुख में थोड़ी नरमी लाते हुए हजारे ने कहा कि वह भ्रष्ट लोगों को मौत की सजा देने पर जोर नहीं देंगे क्योंकि यह गांधीवादी सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्हें आजीवन जेल में डाल दिया जाना चाहिए। उन्होंने माना कि उन्होंने अपने विचार लोगों के यह कहने के बाद बदल दिए कि उनकी मांग गांधीवादी प्रकृति के अनुसार नहीं होगी। गत 16 अगस्त को अपनी गिरफ्तारी के पीछे चिदंबरम का दिमाग होने का आरोप लगाते हुए हजारे ने कहा, 'सरकार मेरे साथ रामदेव जैसा सलूक करना चाहती थी। उसने मुझे तिहाड़ जेल से महाराष्ट्र में मूला बांध पर भेजने के लिए एक विमान तैयार रखा था। लेकिन चिदंबरम की रणनीति सरकार पर उल्टी पड़ गई।' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अच्छे व्यक्ति हैं लेकिन प्रभावहीन हैं क्योंकि वरिष्ठ मंत्री उन्हें रिमोट कंट्रोल से चला रहे हैं। |
13-09-2011, 11:18 PM | #37 |
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Re: खबर.कॉम
भारत के साथ परमाणु करार अधूरा
वाशिंगटन। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के शासनकाल में भारत के साथ हुए परमाणु करार को अमेरिका उतनी अच्छी तरह नहीं निपटा पाया, जितनी अच्छी तरह निपटाना चाहिए था। रिपब्लिकन पार्टी के एक प्रमुख सांसद ने 2008 में हुए विवादास्पद परमाणु करार के करीब तीन साल बाद यह बयान देकर फिर से विवाद पैदा कर दिया है। उल्लेखनीय है कि परमाणु करार को लेकर भारत की विपक्षी पार्टियों में काफी असंतोष था। करार के बाद जॉर्ज बुश ने बयान दिया था कि अमेरिका भारत को परमाणु ईधन की निर्बाध आपूर्ति के लिए बाध्य नहीं है। बुश का यह बयान उनके भारत को दिए गए भरोसे के ठीक उलट था। उस वक्त भारत में विपक्षी पार्टियों ने इस मसले पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए करार के सभी बिंदुओं को स्पष्ट करने की मांग की थी। अमेरिकी कांग्रेस की हाउस आ*र्म्ड सर्विसेज कमेटी के सदस्य एडम स्मिथ ने कहा, 'हम जिस परमाणु समझौते तक पहुंचे थे, उसकी कई प्रकार से आलोचना हुई थी। इससे हमने कई महत्वपूर्ण चीजों को खोया था, इसमें भारत के साथ संबंध भी शामिल हैं।' उनका कहना है, मुझे नहीं लगता कि हम भारत के साथ परमाणु करार का ठीक से संचालन कर पाए। भारत के साथ संबंधों को कायम रखने और इसे मजबूत बनाने के लिए हमें बढि़या तरीके से काम करना होगा। एक प्रश्न के जवाब में स्मिथ ने कहा कि आने वाले समय में भारत दक्षिण एशिया के साथ ही वैश्विक समुदाय में बड़ी शक्ति बनने जा रहा है। मुझे लगता है कि हम भारत के साथ संबंधों को लेकर उतने प्रयास नहीं कर पा रहे हैं जितने हमें करने चाहिए। |
13-09-2011, 11:19 PM | #38 |
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Re: खबर.कॉम
टीम इंडिया की गैरमौजूदगी पर विवाद
लंदन। इंग्लैंड के निराशाजनक दौरे के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के आईसीसी के वार्षिक पुरस्कारों से नदारद रहने से विवाद खड़ा हो गया है। कई शीर्ष खिलाड़ियों के नामित होने के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने इस पुरस्कार समारोह में शिरकत नहीं की। भारतीय टीम ने दावा किया कि समारोह का निमंत्रण देर से आया लेकिन आईसीसी ने जोर देकर कहा कि बीसीसीआई और मेहमान टीम को काफी पहले ही सूचना दे दी गई थी। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी जबकि वनडे सीरीज में भी वह 0-2 से पीछे चल रही है। टीम हालांकि कल रात समारोह की मेजबानी करने वाले स्थल के समीप ही ठहरी है। भारतीय टीम मैनेजर शिवलाल यादव ने असमर्थता जताते हुए कहा कि आईसीसी कम्यूनिकेशन मैनेजर ने उन्हें दोपहर 12 बजे सूचित किया और तब तक खिलाड़ी लंदन में अपना आखिरी दिन होने के कारण खरीददारी और घूमने के लिए जा चुके थे। आईसीसी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस संबंध में ई-मेल बीसीसीआई को 26 अगस्त को ही भेज दिया गया था। आईसीसी के संचार प्रभारी कोलिन गिब्सन ने कहा, 'भारतीय टीम प्रबंधन को रात को हुए समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था और कुछ हफ्ते पहले उन्हें निमंत्रण भेजा गया था।' उन्होंने कहा, 'जिन्हें पुरस्कारों के लिए नामित किया गया उन्हें 26 अगस्त से ही जानकारी थी जब कैंटरबरी में नामांकित खिलाड़ियों की घोषणा की गई।' आईसीसी के सूत्रों ने कहा कि बीसीसीआई को समारोह की जानकारी थी और वह भारतीय टीम के इसमें हिस्सा लेने को लेकर भी राजी था। आईसीसी के प्रवक्ता ने कहा, 'अगर ऐसा नहीं होता तो भारतीय टीम आज ही कार्डिफ [अंतिम वनडे का मेजबान] रवाना हो चुकी होती और सोमवार को लंदन में नहीं रुकती।' उन्होंने कहा, 'उनके कार्यक्रम में सोमवार को लंदन में रुकना शामिल था जो यह पुष्टि करता है कि उन्हें इसकी जानकारी थी। मुझे नहीं पता कि टीम को इसमें हिस्सा लेने की सलाह दी गई या नहीं। उन्हें कुछ हफ्ते पहले अगस्त के अंत में निमंत्रण भेजा गया। पूरी टीम को 26 अगस्त को आमंत्रित किया गया।' समारोह में हिस्सा लेने वाले बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी राजीव शुक्ला ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि भारतीय टीम समारोह के लिए नहीं आ रही। शुक्ला ने कहा, 'मुझे लगा कि जिन्हें नामांकित किया गया है वे समारोह में हिस्सा लेंगे।' उन्होंने कहा, 'यह खिलाड़ियों का विशेषाधिकार है कि वह समारोह में हिस्सा लें या नहीं।' |
13-09-2011, 11:28 PM | #39 |
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Re: खबर.कॉम
बहुत उपयोगी सुत्र हैँ ........
__________________
दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
14-09-2011, 05:38 PM | #40 |
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Re: खबर.कॉम
अमेरिका ने बांधे नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल
कभी अमेरिका ने गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को अपने यहां आने के लिए वीजा नहीं दिया था (2002 के गुजरात दंगों के बाद) , पर आज वही अमेरिका मोदी के गुण गा रहा है। अमेरिकी कांग्रेस ने 94 पन्नों की एक रिपोर्ट में मोदी की तारीफों के पुल बांध दिए हैं। अमेरिकी कांग्रेस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं। उनके समय में गुजरात ने विकास का एक नया उदाहरण पेश किया बिहार सीएम नीतीश कुमार की भी तारीफ की गई है। पीएम पद के मोदी और राहुल में सीधी टक्कर अमेरिकी कांग्रेस की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 के आम चुनाव से पहले भारत में प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों को लेकर बहस जोर पकड़ रही है। लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच सीधा मुकाबला हो सकता है इस नई रिपोर्ट में मोदी को 2014 में बीजेपी का मजबूत उम्मीदवार बताया है। साथ ही इस पद के लिए कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की संभावनाओं पर चर्चा की गई है। एक सितंबर की तारीख वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है , '2009 चुनाव में युवा गांधी को उभरते हुए नेता के रूप में देखा गया और कई उन्हें 2014 में होने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानते हैं। ' मोदी के प्रशासन की तारीफ रिपोर्ट में इस बात का खास तौर पर उल्लेख किया गया है कि पूरे देश की 5 प्रतिशत जनसंख्या के साथ गुजरात पूरे देश के निर्यात में 5वें हिस्से का योगदान करता है। इसी के साथ गुजरात ने जनरल मोटर्स और मितशुबिशी जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित किया है और इसकी वजह मोदी के नेतृत्व में लालफीताशाही पर अच्छे नियंत्रण को माना गया है। अमेरिकन कांग्रेस ने गुजरात को भारत में विकास की दिशा में तेजी से बढ़ता हुआ राज्य बताया है और इसके लिए मोदी नेतृत्व वाले प्रभावी शासन को जिम्मेदार बताया है। रिपोर्ट का यह भी कहना है कि गुजरात दंगों के बाद विवादित मुख्यमंत्री मोदी ने अपने शासन काल में सड़क और ऊर्जा जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों में भारी निवेश को आकर्षित करके राज्य की विकास दर को हाल के सालों में 11 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। रिपोर्ट में नीतीश की भी तारीफ मोदी ही नहीं , इस रिपोर्ट में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी तारीफ की गई है। नीतीश कुमार के बारे में कहा गया है कि उन्होंने जातिगत राजनीति से ऊपर उठ कर राज्य में कानून व्यवस्था व शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावी सुधार किए। उनके शासन को भी गुड गवर्नेंस का उदाहरण बताया गया है। रिपोर्ट में यूपी की मुख्यमंत्री मायावती और पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी उल्लेख है। |
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