27-11-2010, 09:57 PM | #421 | |
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Re: साक्षात्कार
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल Last edited by ndhebar; 27-11-2010 at 10:00 PM. |
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27-11-2010, 10:04 PM | #422 |
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Re: साक्षात्कार
मेरी जिंदगी के सबसे हसीन पल मेरी बेटी के पैदा होने से लेकर उसके स्कूल जाने तक रहे हैं. उसके द्वारा बचपन में की हुयी सभी हरकतें मुझे आज भी रोमांचित कर देती हैं. मेरी शादी से पहले के तीन महीने भी मेरे जीवन के सबसे हसीन पलों में शुमार हैं. शादी के तुरंत बाद का समय और बेटे के जन्म का समय भी उन हसीन पलों में से एक है. वैसे आज मेरी बेटी सी ए कर रही है और मेरे लिए ये समय भी बड़ा ही हसीन है. भगवान् बुरी नजर से बचाए.
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Last edited by aksh; 27-11-2010 at 10:13 PM. |
27-11-2010, 10:31 PM | #423 | |
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Re: साक्षात्कार
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१. जीयो और जीने दो, सबका भला चाहो. मेरा काम ही कुछ ऐसा है कि मुझे सबकी तरक्की के लिए ही दुआ ????. २. झगडे से दूर रहो और झगडे की पहल कभी मत करो. ३. गलती करो तो तुरंत माफ़ी मांग लो. ४. जीवन एक संघर्ष है जो आख़िरी सांस तक चलेगा. ५. दोस्त उतने ही बनाओ जितने कि निभा सको. ६. सिंपल लिविंग के सिद्धांतो का पालन करने की कोशिश. ७. प्रातः कालीन सैर के सामने कुछ भी चीज महत्वपूर्ण नहीं. ८. नियमों को मानने के मामले में सनक की हद तक चला जाता हूँ.
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Last edited by aksh; 27-11-2010 at 10:44 PM. |
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27-11-2010, 10:55 PM | #424 |
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Re: साक्षात्कार
एक बार एक ऐसी शरारत की मैंने कि वो मुझे अपने जिंदगी का सबसे बड़ा सबक दे गयी.
एक बार मैंने अपनी क्लास के मोनिटर की अलमारी में एक अगरबत्ती के साथ एक दिवाली का बम रख दिया था और कुछ दोस्तों ने इसमें और मुझे उकसाने का और मदद करने का काम किया. बम ने अपना काम कर दिया और डर के मारे एक साथी ने सभी कुछ उगल दिया क्लास टीचर के सामने. बात मेरे पिताजी (बाबूजी ) के सामने आयी और वो उस स्कूल से निकाल कर मुझे अपने विद्यालय में ले गए. ( जहाँ पर मेरे बाबूजी प्रिंसिपल थे ). बाबूजी के उस फैसले ने मेरी जिंदगी बदल दी. पता नहीं क्या चमत्कार हुआ कि हमेशा शैतानी करने वाला मैं एक दम से पढ़ाकू हो गया. इस तरह मेरी ही शरारत ने मेरी जिंदगी को बदल दिया.
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28-11-2010, 12:23 AM | #425 |
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Re: साक्षात्कार
करने के लिए तो बहुत कुछ किया जा सकता है और मैं अक्सर इस सोच की प्रक्रिया से गुजरता रहता हूँ कि अगर मुझे अपने शहर की व्यवस्था दे दी जाए तो मैं ये करूंगा या वो करूंगा. इसलिए बात का जवाब ज्यादा मुश्किल नहीं है. कोशिश करके देखता हूँ.
१. सबसे पहले तो कोशिश ये होगी कि ये १५ दिनों का शाशन १५ साल में तब्दील हो जाए. इसलिए सबसे पहला काम तो यही करूंगा. और हाँ इन १५ सालों में पूरी तानाशाही ही चलनी चाहिए. लोक तंत्र नहीं. २. सबसे पहले तो तो देश में सभी भ्रष्ट नेताओं, न्याय धीशों, नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और अन्य भ्रष्ट जनों को जेल के अन्दर डाल कर उनको उचित सजा दिलवाऊंगा. ३. सभी प्रकार के प्राइवेट हॉस्पिटल को बंद करके उनके स्थान पर सरकारी हॉस्पिटल खोलूँगा. ४. सभी स्कूल सरकार चलाएगी और सभी के बच्चे एक ही तरह के स्कूल में पढेंगे. पूरे देश में एक सी किताबें और पाठ्यक्रम होगा. ५. सभी को रोजगार के उचित अवसर मुहैया कराये जायेंगे. जैसी जिसकी योग्यता वैसे ही उसको काम मिलेगा. ६. सभी अदालतों में लंबित मुकदमों का एक हफ्ते में निपटारा करने के लिए सभी रिटायर हो चुके जजों को काम पर लगाया जायेगा और नए जज नियुक्त किये जायेंगे. ७.जो भी रिश्वत लेता हुआ या मांगता हुआ पकड़ा जाएगा उसको तुरंत ही सजा मिलेगी. ८. जिस भी जिले में एक भी जुगाड़ सड़क पर माल या सवारी ढोता हुआ पकड़ा जाएगा उस जिले के अधिकारी को सात दिन की जेल की सजा मिलेगी. जिससे वो क़ानून को सख्ती से लागू करे और उसकी देखभाल भी ठीक से रखे. . ९. .इनकम टैक्स की दर कम करके १० प्रतिशत कर दूंगा और ५ लाख तक सालाना कमाने वालों पर कोई टैक्स नहीं होगा. १०. जो भी टैक्स की चोरी करेगा उसे १० साल की सजा दूंगा. कुछ लोगों को सजा मिलेगी बाकी सभी चोरी करना छोड़ देंगे. ११.जो भी अधिकारी या मंत्री घोटाले में लिप्त पाया जाएगा उसे आजीवन कारावास की सजा दूंगा. १२. दहेज़ मांगने वालों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान करूंगा और कुछ लोगों को पकड़ कर सजा भी दूंगा ताकि लोगों में डर रहे. १३. दहेज़ नहीं होगा तो भ्रूण हत्या का सवाल ही नहीं है पर भ्रूण हत्या पर कानूनी रोक नहीं होगी. लोगो को जागरूक किया जाएगा. १४. बलात्कारी की सजा सजा ए मौत ही होगी और वो भी सात दिन के अन्दर. १५. जनता के सेवक नेताओं को सबसे कम सुविधा वाला जीवन जीने के लिए मजबूर करूंगा. वर्ना राजनीति से बाहर. १६. मैं अपने किसी भी रिश्तेदार को अपने पास नहीं रखूंगा और बिना किसी भेदभाव और पक्षपात के शाशन को चलाऊंगा. १७. गरीबों को दोनों वक़्त की रोटी का इन्तेजाम सरकार करेगी. १८. सबका इलाज मुफ्त होगा. १९. कोई टोल टैक्स नहीं होगा. पेट्रोल और डीजल के वाहनों पर सड़क के लिए शुल्क भी वसूला जाएगा. २०. सभी सरकारी सुविधाएं केवल उन्ही लोगों को मिलेंगी जिनके दो या दो से कम बच्चे होंगे
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28-11-2010, 01:10 AM | #426 | |
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Re: साक्षात्कार
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एक प्रश्न .... क्या पत्नी से कभी अनबन होती है ? यदि हाँ तो सुलह कैसे होती है ? सुलह के लिए पहल कौन करता है ? बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है ऐसी अनबन का ?
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
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28-11-2010, 02:33 AM | #427 | |
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Re: साक्षात्कार
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जहाँ तक बात आपके प्रश्न के दुसरे हिस्से की है तो अनबन तो कभी हो ही जाती है. मेरे विचार से ये एक स्वस्थ सम्बन्ध की निशानी है. और ज्यादातर जिसकी गलती होती है वो मना लेता है. नहीं तो मैं ही मना लेता हूँ. बच्चों पर असर पड़ने लायक अनबन नहीं होती हम दोनों के बीच मैं. धन्यवाद.
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28-11-2010, 02:37 AM | #428 |
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Re: साक्षात्कार
आपका स्थान मेरे दिल मैं है अनुज. आखिर ये क्यों भूलते हो कि आपको गुरु बनाया था मैंने.
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Last edited by aksh; 29-11-2010 at 02:17 AM. |
28-11-2010, 06:02 AM | #429 | |
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Re: साक्षात्कार
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जब दिल्ली में brt (बस रैपिड ट्रांसपोर्ट) कोरिडोर नया नया बना था. तो मैं एक बार उस पर गलती से चला गया था और वो भी किसी बस के पीछे पीछे. जब मैं उस रास्ते पर कुछ देर आगे चला गया तो एक ट्रैफिक वाले ने मुझे रोक लिया. मैंने कहा कि मुझे तो कहीं पर लिखा हुआ ही नहीं दिखा कि ये brt कोरिडोर है. तो उसने मुझसे पुछा कि आप क्या दिल्ली में नए आये हो ? तो मैंने उसे कहा कि सूचना तो होनी ही चाहिए कि आप इस रास्ते पर नहीं जा सकते . अगर बिना सूचना पर ध्यान दिए मैं अगर उस रास्ते पर जाता तो मेरी गलती है. तो उसने मेरी बात को मानकर बिना चालान किये छोड़ दिया था. बाकी मैंने कभी भी ट्रैफिक वाले को रिश्वत नहीं दी है आज तक
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Last edited by aksh; 28-11-2010 at 09:23 AM. |
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28-11-2010, 07:34 AM | #430 |
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Re: साक्षात्कार
कुछ आपके द्वारा लिए गए फैसले जिसे आप आजके टाईम मेँ बदलना चाहेँगेँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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