14-12-2010, 06:12 AM | #4881 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
भई आपका धन्यवाद आप अपने जान पहचान के लोगोँ को फोरम पर लेकर आरहेँ हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
14-12-2010, 06:13 AM | #4882 |
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दोस्तों की "चौपाल".
चौपाल पर स्वागत है मनीष! धीरे-धीरे सबकुछ सीख जायेगा|
अरे यार समझा कर; वो वाली नहीं,दूसरी वाली, आँखों वाली...............|
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Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| |
14-12-2010, 06:15 AM | #4883 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
मनीष भाई भावना को समझो .....
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
14-12-2010, 06:15 AM | #4884 |
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दोस्तों की "चौपाल".
भाई साहब अभी घर वाली है नहीं, और बहार वालियों से हम ज्यादा नाता रखते नहीं|
अभय जी की कैटेगरी के हैं इस मामले में|
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14-12-2010, 06:18 AM | #4885 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
सर आप ज्यादतर फोरम पे किदर रहते है?
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14-12-2010, 06:20 AM | #4886 | |
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दोस्तों की "चौपाल".
Quote:
बस ऐसे ही; स्टाफ के बच्चे हैं|
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14-12-2010, 06:20 AM | #4887 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
थोडा और इंतेजार करो अपने मुखः से सब बता देगेँ
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14-12-2010, 06:24 AM | #4888 |
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दोस्तों की "चौपाल".
मै फोरम पर ज्यादातर रस-रंग विभाग में रहता हूँ|
उसमे भी ज्यादातर "चौपाल" पर या "संतरा खा के" सूत्र पर|
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14-12-2010, 06:26 AM | #4889 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
वैसे तो सब जगह दिख जाते हैँ रंग रस मेँ ज्यादा रहतेँ हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
14-12-2010, 06:27 AM | #4890 |
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Re: दोस्तों की "चौपाल".
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