09-09-2013, 09:20 PM | #41 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी कहानियाँ / एक टुकड़ा मौत
दादा जी मुर्गियों को दाना दे कर मुड़े ही थे कि कि उन्हें अशोक आता हुआ दिखाई दिया. अशोक के साथ कोई भद्र पुरुष भी थे. अशोक ने दादा जी से उनका परिचय करवाया, “दादा जी आज मैं अपने स्कूल के प्रिन्सिपल साहब को आपसे मिलवाने लाया हू- आप हैं डॉ. ठाकुर ... और सर ये हैं दादा जी, जिनके बारे में मैंने आपको बताया था.” दोनों गर्मजोशी से मिले. कुछ देर इधर उधर की बातें चलीं. दोनों ने अशोक की बहुत प्रशंसा की. प्रिन्सिपल साहब ने दादा जी को बताया कि अशोक का बनाया हुआ एक यंत्र राष्ट्रीय विज्ञान खोज प्रदर्शनी में बहुत प्रशंसित हुआ है. उन्होंने कहा, “अशोक ने आपके बारे में ज़िक्र किया था. आपके बारे में सुन कर मैं आपसे मिलना चाहता था. परन्तु इधर प्रौढ़ शिक्षा के कार्यक्रमों में व्यस्त रहने के कारण आपसे मिल न सका. मैं चाहता हूँ कि इस सत्कार्य में आपका योगदान भी लिया जाये. नगर के बहुत से इलाकों में हमने ऐसे केंद्र आरम्भ किये हैं जहां गरीब, अनपढ़, मजदूर स्त्री-पुरुषों को लिखना पढ़ना सिखाया जा सके. उनके जीवन में परिवर्तन लाया जा सके. ऐसा एक केंद्र आपके क्षेत्र में भी खोलने का विचार है. अभी स्थान का प्रबंध नहीं हो पाया. मुझे मालूम है आप यहां अकेले रहते हैं. यदि आप एक कमरे का प्रबंध इस कार्य के लिए कर सकें तो केंद्र शीघ्र ही कार्य शुरू कर सकता है. आप यदि चाहें तो यहाँ अध्यापन भी कर सकते हैं.एक दिन में लगभग दो घंटे का कार्य हुआ करेगा. यह कार्य हम सब लोगों को मिलजुल कर करना है. मुझे आप से बहुत आशाएं हैं महोदय.” दादा जी इस कार्यक्रम से बहुत प्रभावित हए और इस बात से भी कि प्रिन्सिपल साहब निस्वार्थ भाव से इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे. अगले दस दिनों में सभी तैयारियां कर ली गईं और कक्षाएं शुरू हो गईं. |
09-09-2013, 09:21 PM | #42 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी कहानियाँ / एक टुकड़ा मौत
(5)
निरक्षर स्त्री पुरुषों की अलग अलग कक्षाएं चलने लगीं. बहुत से सुशिक्षित व्यक्तियों ने भी बिना वेतन के अपनी सेवायें इस केंद्र को देना स्वीकार किया. इस कार्यक्रम के अच्छे परिणाम सामने आने लगे. दादा जी का सभी बहुत आदर करते. वे एक घंटे की कक्षा भी लिया करते थे. वर्षाकाल में बारिश की तीव्रता से बहुधा सड़कें टूट-फूट जाती हैं परन्तु अनुकूल मौसम आने पर उनकी मरम्मत कर दी जाती है जिससे यातायात सुचारू रखना संभव होता है. दादा जी का मन भी उन सड़कों की भांति ही था जिसे अब एक मकसद मिल गया था, वे प्रसन्न रहने लगे थे और उनमे एक नई शक्ति का उदय हुआ था. उन्होंने देखा कि दूसरे दूसरे न हो कर अपनों से भी अधिक नज़दीक आ गये थे. सीधे सरल लोगों में उनकी तबीयत लगी रहती. ** अशोक एम बी बी एस की अंतिम वर्ष की परीक्षा दे कर आया था. मालूम हुआ दादा जी बीमार हैं, झट से मिलने जा पहुंचा. दादा जी ने उसे छाती से लगा लिया. लगा जैसे फूल से उसकी गंध मिल रही हो. प्रिन्सिपल साहब भी वहीँ बैठे थे. दादा जी ने भीगे स्वर से कहा, “इस लड़के से मैंने सीखा कि ज़िन्दगी निरंतर चलते रहने का ही दूसरा नाम है. ठहरना तो सिर्फ एक बहाना है, एक टुकड़ा मौत ...” ** |
09-09-2013, 10:09 PM | #43 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 |
Re: मेरी कहानियाँ / एक टुकड़ा मौत
नायाब, मानवीय संवेदनाओं से ओत-प्रोत आख्यान के लिये अभिनन्दन ।
|
11-09-2013, 01:51 AM | #44 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी कहानियाँ / एक टुकड़ा मौत
|
12-09-2013, 03:06 PM | #45 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी कहानियाँ / दत्तक पुत्र
जय जी, आपने कथा के मर्म को समझ कर और क्रोध के दुष्परिणाम को इतिहास से जोड़ कर देखते हुये जो समीक्षात्मक टिप्पणी दी है, उसने मुझे गदगद कर दिया है. इसके लिये मैं आपका हार्दिक धन्यवाद प्रकट करता हूँ.
|
12-09-2013, 03:18 PM | #46 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी कहानियाँ / दत्तक पुत्र
Quote:
|
|
25-06-2014, 12:00 PM | #47 |
Special Member
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44 |
Re: मेरी कहानियाँ / एक टुकड़ा मौत
अच्छे विचार कभी ख़त्म नहीं होते,चाहे उम्र ख़त्म हो जाये
बहुत अच्छी कहानी आपने पेश की है !धन्यवाद
__________________
Disclaimer......! "The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..." |
28-06-2014, 10:18 AM | #48 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: मेरी कहानियाँ / एक टुकड़ा मौत
Quote:
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
|
08-07-2014, 10:48 AM | #49 |
Special Member
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44 |
Re: मेरी कहानियाँ / एक टुकड़ा मौत
__________________
Disclaimer......! "The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..." |
30-07-2014, 11:32 AM | #50 |
Special Member
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44 |
Re: मेरी कहानियाँ!!!
__________________
Disclaimer......! "The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..." |
Bookmarks |
|
|