![]() |
#41 |
Special Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() शिव धनुष राम ने तोड़ा है, सीता से नाता जोड़ा है, तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है.... शीश सिया के चुनड सोहे, टिके की छवि न्यारी है, न्यारी न्यारी क्या कहिये ,रघुवर को जानकी प्यारी है तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है..... हाथ सिया के चूड़ी सोहे, कंगन की छवि न्यारी है, न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है, तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है.... कमर सिया के तगड़ी सोहे, झुमके की छवि न्यारी है, न्यारी न्यारी क्या कहिये ,रघुवर को जानकी प्यारी है, तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है.... पैर सिया के पायल सोहे, बिछिया की छवि न्यारी है, न्यारी न्यारी क्या कहिये ,रघुवर को जानकी प्यारी है, तुम उठो सिया सिंगार करो ,शिव धनुष राम ने तोड़ा है....
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! ![]() ![]() love is life |
![]() |
![]() |
![]() |
#42 |
Special Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
तुम तजि और कौन पै जाऊं ।
काके द्वार जाइ सिर नाऊं पर हाथ कहां बिकाऊं ॥ ऐसो को दाता है समरथ जाके दिये अघाऊं । अंतकाल तुम्हरो सुमिरन गति अनत कहूं नहिं पाऊं ॥ रंक अयाची कियू सुदामा दियो अभय पद ठाऊं । कामधेनु चिंतामणि दीन्हो कलप वृक्ष तर छाऊं ॥ भवसमुद्र अति देख भयानक मन में अधिक डराऊं । कीजै कृपा सुमिरि अपनो पन सूरदास बलि जाऊं ॥
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! ![]() ![]() love is life |
![]() |
![]() |
![]() |
#43 |
Junior Member
Join Date: Nov 2012
Posts: 9
Rep Power: 0 ![]() |
![]()
Hari Ji
Hari Ji Mori Lagi lagan Mat Todna Hari Ji Mori Lagi lagan Mat Todna Hari Ji Mori Lagi lagan Mat Todna Hari Ji Mori Lagi lagan Mat Todna Ho Lagi Lagan Mat Todna Pyaare Lagi lagan Mat Todna Pyaare Lagi lagan Mat Todna Pyaare Lagi lagan Mat Todna Pyaare Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna Prabhu Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna Hari Ji Meri Lagi Lagan Mat Todna Haa Lagi Lagan Mat Todna Pyare Lagi Lagan Mat Todna Pyare Lagi Lagan Mat Todna Pyare Lagi Lagan Mat Todna Pyare Hari Ji Mori Lagi Lagan Mat Todna Hari Ji Mori Lagi Lagan Mat Todna Prabhu Ji Mori Lagi Lagan Mat Todna Prabhu Ji Mori Lagi Lagan Mat Todna Hari Ji Mori Lagi Lagan Mat Todna Hari Ji Mori Lagi Lagan Mat Todna |
![]() |
![]() |
![]() |
#44 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
भावना जी, एक सामान्य दिखने वाले सूत्र को आपने असाधारण गरिमा प्रदान की है. यहाँ पर आपने बहुत से पुराने और नए भजन प्रस्तुत कर के बड़ा श्रेष्ठ कार्य किया है जिसकी जितनी तारीफ़ की जाय कम है. मैं जानना चाहता हूँ कि क्या इन भजनों को हम अपने कमप्यूटर पर सेव कर सकते हैं? यदि हाँ तो किस प्रकार?
आई.डी.कृष्णा जी द्वारा प्रेषित भजन भी सुन्दर है. यदि भविष्य में अपने पोस्ट देवनागरी में दे पायें तो और अच्छा लगेगा. |
![]() |
![]() |
![]() |
#45 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
इस सूत्र में बहुत सुन्दर भजन हमें पढ़ने को मिले. इनमे कई ऐसे भजन भी हमें देखने को मिले जो हमारे घरों में पारंपरिक रूप से विद्यमान रहे हैं और जिनका गायन - श्रवण हम बहुधा देखते सुनते हैं. सुश्री भावना सिंह द्वारा इन भजनों को संकलित करने तथा अपलोड करने में जो मेहनत की गयी उसे पुनः स्मरण करते हुये यहाँ दो भजन मैं भी प्रस्तुत करना चाहता हूँ. इनमे से एक भजन पंजाबी में है किन्तु मेरा विश्वास है कि इसे गैर पंजाबीभाषी भी आसानी से समझ पायेंगे.
Last edited by rajnish manga; 09-12-2012 at 10:21 PM. |
![]() |
![]() |
![]() |
#46 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे.
मिलेगी प्रभु की शरण धीरे धीरे . दमन इन्द्रियों का तू करता चला जा. दमन इन्द्रियों का तू करता चला जा. बना शुद्ध चाल चलन धीरे धीरे. तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे. मिलेगा तुझे खोज जिसकी है तुझको. मिलेगा तुझे खोज जिसकी है तुझको. धरम से जो होगी लगन धीरे धीरे. तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे. कदम नेक राहों पे धरता चला जा. कदम नेक राहों पे धरता चला जा. मिटेगा ये आवागमन धीरे धीरे तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे. छिड़क जल दया का तू सूखे दिलों पर. छिड़क जल दया का तू सूखे दिलों पर. बसेगा ये उजड़ा चमन धीरे धीरे तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे |
![]() |
![]() |
![]() |
#47 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
लगा मुख पे ताला तू सत्संग वाला.
लगा मुख पे ताला तू सत्संग वाला. मिटा देगा दर्दे कुहन धीरे धीरे. तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे. कोई काम दुनियाँ में मुश्किल नहीं है. कोई काम दुनियाँ में मुश्किल नहीं है. जो करते रहोगे जतन धीरे धीरे. तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे. मनुज सेवा तेरी तेरी ईश भक्ति. मनुज सेवा तेरी तेरी ईश भक्ति. दीपाएगी तेरा जीवन धीरे धीरे. तू कर बन्दगी और भजन धीरे धीरे. ######## |
![]() |
![]() |
![]() |
#48 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]()
पंजाबी भजन
गुरां दी वाणी सुणके ज़िंदगी संवार ओ मन्ना. ना कर माया नाल प्यार ना हो ख्वार ओ मन्ना. ऐवें विषयां च उमर गवाई जान्दा ऐं आया खटण ते पल्लेओं लुटाई जान्दा ऐं ना कर घाटे वाला कोई तू ब्योपार ओ मन्ना. गुरां दी वाणी सुणके ज़िंदगी संवार ओ मन्ना. जेहड़े हस हस के ने तेनू वाजां मारदे प्यार करदे ते तन मन उत्तों वार दे ओ ताँ मतलब दे ने सब यार ओ मन्ना. गुरां दी वाणी सुणके ज़िंदगी संवार ओ मन्ना. ऐ ताँ जगत सरां है काहनू भुलया फिरें झूठी काया माया देख ऐवें डुलाया फिरें ऐ ताँ रंगरलियाँ दे ने दिन चार ओ मन्ना. गुरां दी वाणी सुणके ज़िंदगी संवार ओ मन्ना. वाणी सुण ले घरां दे झूठे धन्धे छाड्ड के काम क्रोध मान लोभ सारे दिल्लों कड्ड के चढ़ जा ज्ञान वाली सूली हो जा पार ओ मन्ना. गुरां दी वाणी सुणके ज़िंदगी संवार ओ मन्ना. |
![]() |
![]() |
![]() |
#49 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी। हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप-पुंज-हारी॥ नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो। मो समान आरत नहिं, आरतिहर तोसो॥ ब्रह्म तू, हौं जीव, तू है ठाकुर, हौं चेरो। तात-मात, गुरु-सखा, तू सब विधि हितु मेरो॥ तोहिं मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै। ज्यों त्यों तुलसी कृपालु! चरन-सरन पावै॥ MP3 Audio of Bhajan sung by Madhu Chandra
|
![]() |
![]() |
![]() |
#50 |
VIP Member
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245 ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() |
![]() भज मन राम चरण सुखदाई ॥ जिहि चरनन से निकलीं सुरसरि शंकर जटा समायी । जटा सन्करी नाम परयो है त्रिभुवन तारन आयी ॥ राम चरण सुखदाई ॥ जिन्ह चरणन की चरण पादुका भरत रह्यो लव लाई । सोइ चरण केवट धोइ लीन्हे तब हरि नाव चलाई ॥ राम चरण सुखदाई ॥ MP3 Audio of Bhajan by Madhu Chandra
|
![]() |
![]() |
![]() |
Bookmarks |
Tags |
अर्चना, आराधना, पूजा, भजन, भजनामृत, bhajan |
|
|