23-11-2010, 02:22 PM | #571 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
तालियाँ बटोर रहा था। उसका अगला कारनामा था - 'नीबू निचोड - 2001,.... उसने पूरी ताकत लगाकर इस कदर नीबू को निचोड डाला, कि उसमें रस का एक कतरा भी नहीं बचा। उसने सबको चैलेंज किया - तुममें से अगर कोई इस नीबू से अब एक बूँद भी निकाल कर बता देगा, तो मैं आजीवन उसकी गुलामी करूँगा। भीड में से एक दुबले से सज्जन निकले और नीबू हाथ में लेकर उन्होंने एक नहीं, पाँच बूँदें टपका दीं । यह देख पहलवान पसीना-पसीना होकर बोला - 'भाई ! आप कौन हैे? सज्जन बोले - 'जी....इनकम टैक्स ऑफिसर । |
23-11-2010, 02:23 PM | #572 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
दो युवा स्टेनोग्राफर अपने किसी सहकर्मी पुरुष के बारे में बातें कर रही
थीं। एक बोली - 'वह कपड़े कितने अच्छे पहनता है। दूसरी बोली - 'हाँ, और कितनी जल्दी से पहनता है। |
23-11-2010, 02:37 PM | #573 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक हिंदी साहित्य के शिक्षक का विवाह हुआ
सुहागरात को उसने पत्नी के गुण का बखान यों शुरू किया प्रिये आज से तुम ही मेरी सरस्वती हो, लक्ष्मी हो, उर्वशी हो, पूजा हो, अर्चना हो, अन्नपूर्णा हो... पत्नी ने सोचा कि ये इतने सारी लड़कियों के नाम लेकर चिढ़ा रहा है, तो ले मैं कौन सी कम हूँ ..... तो पत्नी बीच में ही बोली तुम भी मेरे राजेश हो, नीरज हो, अनिल हो, सिकन्दर हो, शाम हो ...... Last edited by gulluu; 23-11-2010 at 03:53 PM. |
24-11-2010, 12:25 PM | #574 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक अमेरिकी फौजी छुट्टी पर घर आया तो अपनी पत्नी जूली को बाँहों में
भरकर बोला - 'मेरी परी ! मेरी र!! मामूली शक्ल-सूरतवाली जूली ने कहा - मैं समझ गई ! आप ये खिताब मुझे इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि मैं ब्यूटी पार्लर में पाँच घंटे गुजार कर आ रही हूँ। फौजी बोला - नहीं प्रिये, इसकी वजह यह है कि मैं घर से दूर वियतनाम में पाँच बरस गुजार कर आ रहा हूँ। |
24-11-2010, 12:26 PM | #575 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
पति जलता-भुनता आया और पत्नी से बोला - 'हमें यह फ्लैट बदलना पड़ेगा। क्योंकि चौक में खड़ा मकान मालिक का लड़का, जोर-जोर से कह रहा है कि एक को छोड़कर इमारत की हर औरत के साथ वह जन्नत की सैर कर चुका है।
पत्नी ने सोचकर कहा - 'वह जरूर बीस नंबर के फ्लैट वाली निगोडी शकुंतला होगी। |
24-11-2010, 12:27 PM | #576 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
बेटी (अपनी मां से)- मां, मैं अमर से शादी नहीं करुंगी।
मां- क्यों बेटी, क्या तेरी नजर में कोई और है? बेटी- हां मां, लेकिन अभी फैसला नहीं किया है। मां- क्या कोई परेशानी है? बेटी- मां, मेरे प्रेमी को तो स्वर्ग-नरक में विश्वास ही नहीं है। मां- घबरा मत बेटी, तू पहले उससे शादी कर ले। शादी के बाद उसे अपने आप स्वर्ग- नरक में विश्वास हो जाएगा। |
24-11-2010, 12:28 PM | #577 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक मित्र दूसरे मित्र से- तुम्हारे पिताजी क्या काम करते हैं?
दूसरा मित्र- लोगों से सुख-दु:ख बांटते हैं। पहला मित्र- वो क्या सामाजिक कार्यकर्ता हैं? दूसरा मित्र- नहीं, डाकिया हैं। |
24-11-2010, 12:29 PM | #578 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
तीन गप्पोडी सड़क पर खड़े होकर बातें कर रहे थे।
पहला बोला - मेरे पिताजी बहुत बडे तैराक हैं, वो चार घंटे तक पानी के अंदर ही तैर सकते हैं। दूसरा बोला- बस इतनी सी बात, मेरे पिताजी तो पूरे दिन पानी के अंदर तैर सकते हैं। तीसरा बोला- क्या बच्चों जैसी बात कर रहे हो, मेरे पिताजी तो चार साल पहले गए थे पानी के अंदर तैरने और अभी तक ऊपर नहीं आए हैं। |
24-11-2010, 12:29 PM | #579 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक जानी-मानी महिलावक्ता महिला उत्थान के संबंध में भाषण दे रही थीं। वो जोश में कहने लगीं- मैं पूछती हूं, यदि स्त्री न होती तो ये पुरूष कहां होते?
पीछे से आवाज आई - स्वर्ग में। |
24-11-2010, 12:30 PM | #580 |
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Re: गुदगुदाते, चुटीले और मजेदार चुटकले
एक साहब ने अपने दोस्त से कहा - क्यों भई, तुम्हारे घर में तो नौकरानी थी। पहले वही कपड़े धोती थी, आज तुम कैसे खुद कपड़े धो रहे हो?
मैंने उससे शादी कर ली है। दोस्त ने जवाब दिया। |
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