05-04-2012, 12:45 AM | #5881 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
नई दिल्ली। अंतिम जीवित आईसीएस अधिकारियों में से एक गोविन्द नारायण का राजधानी में निधन हो गया । बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय वह गृह सचिव थे। उनके परिवार ने बुधवार को बताया कि पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित 95 वर्षीय नारायण ने दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली। परिवार ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया था। पांच मई 1916 को जन्मे और आक्सफोर्ड से शिक्षित नारायण 1939 में आईसीएस में शामिल हुए थे। बाद में वह देश के गृह एवं रक्षा सचिव बने। जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के मातहत काम कर चुके नारायण 1971 से 1973 तक देश के गृह सचिव थे और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम तथा मुक्ति वाहिनी की स्थापना की योजना में शामिल शीर्ष अधिकारियों में से एक थे। वर्ष 1973 में उन्हें सचिव के रूप में रक्षा मंत्रालय भेज दिया गया था जहां से वह दो साल बाद सेवानिवृत्त हो गए। 1977 में वह कर्नाटक के राज्यपाल नियुक्त किए गए और राजभवन में 1983 तक रहे। नारायण को रक्षा प्रतिष्ठान और रूस के साथ संबंधों की स्थापना का भी श्रेय जाता है। 1968 में वह रक्षा उत्पादन सचिव नियुक्त किए गए थे। नेहरू ने नारायण को उनके करियर के शुरुआती दिनों में नेपाल नरेश के सलाहकार के रूप में नेपाल भेजा था। नारायण के परिवार में दो पुत्री हैं। उनके दामादों में से एक योगेश चंद्र मंत्रिमंडल सचिव पद से वरिष्ठ नौकरशाह के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उनके नाती विक्रम चंद्र जाने माने टीवी पत्रकार हैं। नेहरू ने नारायण को नेपाल के साथ संबंध बनाने का दायित्व सौंपा था । वह 1951 से 1954 तक नेपाल नरेश के सलाहकार रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में परा स्नातक नारायण 1948 से 1951 तक उत्तर प्रदेश सरकार में भी गृह सचिव रहे। वह 1958 से तीन साल तक राज्य के मुख्य सचिव भी रहे। उत्तर प्रदेश में 1954 से 1958 तक वह सचिव एवं विकास आयुक्त भी रहे। वह 1961 से 1966 तक भारतीय राज्य व्यापार निगम और भारतीय खनिज एवं धातु व्यापार निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक भी रहे। इस बीच, उन्होंने 1964 में कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार और सेना कमान के साथ केंद्र सरकार के संपर्क अधिकारी के रूप में भी काम किया। अगले साल उन्हें केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। वह स्वास्थ्य एवं योजना मंत्रालयों में भी रहे। सेवानिवृति के बाद वह पब्लिक इंटरेस्ट लीगल सपोर्ट एंड रिसर्च ट्रस्ट, शंकर विद्या केंद्र, फेडरेशन आॅफ इंडो जर्मन सोसायटी और एनजीओ कॉमन कॉज के साथ भी जुड़े रहे।
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05-04-2012, 12:46 AM | #5882 |
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पत्थरदिल औलाद के खिलाफ दर्ज हुआ भरण-पोषण कानून में प्रकरण
भोपाल। पत्थर दिल औलादों को सबक सिखाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के तहत भोपाल शहर के टीटी नगर पुलिस ने मंगलवार को पंचशील नगर निवासी पंकज सुनवे के खिलाफ पहला मामला दर्ज किया। पंकज सुनवे ने अपनी वृद्ध मां कमलेश को धक्के देकर घर से निकाल दिया था। पुलिस ने यह मामला पड़ोसियों की पहल पर दर्ज किया है, जिन्होंने मानवीयता का परिचय देते हुए कमलेश के बेटे-बहू के खिलाफ शिकायत की थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि बेरहम बेटे और बहू ने मिलकर 62 वर्षीय वृद्ध मां को घर से निकाल कर मकान पर कब्जा कर लिया। यही नहीं, वृद्धा को तरह-तरह से मानसिक और शारीरिक यातनाएं भी दी गर्इं और उसके बाद बेघर कर दिया गया। यह वृद्ध महिला लगभग चार माह से यहां करूणाधाम वृद्धाश्रम में रह रही है। टीटी नगर पुलिस थाना सूत्रों ने बताया कि उसने पड़ोसियों की शिकायत पर मारपीट सहित माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 की धारा 24 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। पुलिस में की गई शिकायत में कहा गया है कि कमलेश सुनवे उम्र 62 वर्ष यहां पंचशील नगर में बड़े बेटे पंकज सुनवे, बहू बरखा और छोटे बेटे नीरज के साथ रहती थीं, उनके पति सत्यनारायण सुनवे का दो साल पहले निधन हो चुका है।पुलिस के अनुसार मकान पर कब्जा करने के उद्देश्य से बेटे और बहू आए दिन वृद्धा के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करते थे। बहू बरखा उन्हें दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराने की धमकी देती रहती थी। उसने सास का साथ देने पर देवर नीरज के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाकर पुलिस में झूठी शिकायत भी दायर की थी। सब तरह की प्रताड़ना के बावजूद कमलेश घर छोड़कर नहीं गई, तो बरखा और पंकज ने कुछ दिन पहले उसे धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद से वह यहां करूणाधाम वृद्धाश्रम में रह रही थीं। यह पूरा मामला पड़ोसियों की जानकारी में था, इसलिए वे वृद्धाश्रम पहुंचे और कमलेश को लेकर टीटी नगर थाने पहुंचे और पुलिस को सारा घटनाक्रम बताया। पुलिस ने पहले तो वृद्धा का चिकित्सकीय परीक्षण कराया और उसके बाद बेटा पंकज एवं बहू बरखा के खिलाफ मारपीट और माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 की धारा 24 का मामला दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
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05-04-2012, 12:47 AM | #5883 |
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मदेरणा जयपुर तथा मलखान अजमेर भेजे गए
जोधपुर। राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण एवं हत्या मामले में आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को जयपुर एवं विधायक मलखान सिंह विश्नोई को बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अजमेर जेल भेजा गया। राज्य सरकार के आदेश पर जेल प्रशासन ने सुबह दोनों को यहां से रवाना किया गया। पहले मलखान सिंह को अजमेर और बाद में महिपाल को जयपुर ले जाया जाएगा। दोनों राजनीतिज्ञों के प्रभावशाली होने के कारण सीबीआई ने उच्च न्यायालय में अर्जी पेश कर आग्रह किया था कि इन दोनों को यहां से अन्य जेलों में भेजा जाए ताकि ये लोग गवाहों पर दबाव बनाकर जांच को प्रभावित नहीं कर सकें। इस पर उच्च न्यायालय ने 27 फरवरी को राज्य सरकार को इन दोनों को अन्य जेलों में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे।
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05-04-2012, 12:48 AM | #5884 |
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भाजपा कल मनाएगी 32वां स्थापना दिवस
जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी प्रदेशभर में अपनी स्थापना की 32वीं वर्षगांठ शुक्रवार को परम्परागत तरीके से मनाएगी। प्रदेश भाजपा के महामंत्री सतीश पूनियां ने बताया कि स्थापना दिवस का आगाज मण्डल, जिला केन्द्रों पर पार्टी के झण्डारोहण के साथ किया जाएगा। इसके बाद महापुरूषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण, रक्तदान, सभा-संगोष्ठी, पूर्व कार्यकताओं का सम्मान आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पूनियां ने बताया कि भाजपा की स्थापना छह अप्रेल ।980 को हुई थी और पार्टी ने इन 32 वर्षों की राजनीतिक यात्रा में उपेक्षा, अपमान, तिरस्कार, विरोध एवं संघर्ष के बीच न केवल देश बल्कि पूरे विश्व में लोकतांत्रिक नक्शे पर एक वैचारिक राजनीतिक आंदोलन के रूप में अपनी प्रतिष्ठा प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि पार्टी ने लोकसभा एवं राज्यसभा में जहां विपक्षी दल के तौर पर जनहित के मुद्दों पर संघर्ष एवं आंदोलन तथा रचनात्मक कार्यक्रमों के जरिए समाज में विशेष पहचान बनाई वहीं सत्ता के अवसरों पर विकास एवं सुशासन तथा गठबंधन के युगधर्म का बेहतर निर्वहन करते हुए देश में लोकतंत्र की अक्षुण्ता के लिए अनुकरणीय प्रयास किए हैं।
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05-04-2012, 12:49 AM | #5885 |
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क्षेत्रीय सेमिनार में भाग लेने के लिए जनरल सिंह काठमांडो पहुंचे
काठमांडो। भारत के थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह प्राकृतिक आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता विषयक एक क्षेत्रीय सेमिनार में शामिल होने के लिए बुधवार को यहां पहुंचे। जनरल सिंह तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका बुधवार को अपने नेपाली समकक्ष छत्र मान सिंह गुरूंग से मिलने का कार्यक्रम है। काठमांडो यात्रा के दौरान सिंह राष्ट्रपति रामबरन यादव और प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई से भी मिलेंगे। सिंह गुरूवार को इस सेमिनार के आखिरी सत्र को संबोधित करेंगे। नेपाली थल सेना के प्रमुख सेमिनार की अध्यक्षता करेंगे। इस सेमिनार से दक्षेस देशों को आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता से निबटने के अनुभवों को साझा करने के लिए मंच मिलने की संभावना है। सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए गुरूंग ने कहा कि पड़ोसी देशों के बीच सहयोग से प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जोखिम में कमी आएगी और हम अपने पुराने अनुभवों से सीख ले सकेंगे। इस सेमिनार में दक्षेस देशों के अलावा अमेरिका और चीन के सैन्य अधिकारी भी भाग ले रहे हैं।
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05-04-2012, 12:50 AM | #5886 |
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सुभाष घई की याचिका खारिज, जमीन वापस करने का आदेश
नई दिल्ली। फिल्म-निर्माता सुभाष घई को करारा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश पर मुहर लगाकर घई की याचिका खारिज कर दी जिसमें मुंबई की फिल्मसिटी में उनके व्हिसलिंग वुड्स इंस्टीट्यूट के लिए 20 एकड़ जमीन के आवंटन को रद्द करने का फैसला सुनाया गया था। न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और सीके प्रसाद की सदस्यता वाली पीठ ने 2004 में जमीन आवंटित करने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की भी यह कहते हुए खिंचाई की कि सरकारी जमीन देने के लिए मुख्यमंत्री झुक नहीं सकते और न ही नियमों को ताक पर रख सकते हैं । पीठ ने कहा कि किसी के साथ इस तरह से पेश नहीं आया जा सकता कि वह काफी खास हो और जिसे सरकारी जमीन देने के लिए मुख्यमंत्री झुक सकते हों या नियमों की अनदेखी कर सकते हों। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जमीन आवंटन में पारदर्शिता की कमी है क्योंकि देशमुख से पहले के मुख्यमंत्रियों ने परियोजना को मंजूरी नहीं दी थी। पीठ ने कहा कि एक मामूली रकम के लिए राज्य सरकार ने अपने खास आदमी को जमीन दे दी। उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले उन याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था जिनकी याचिका पर उच्च न्यायालय ने घई को उनके संस्थान के लिए मिली जमीन राज्य सरकार को वापस लौटाने का आदेश दिया था। फैसले में कहा गया कि आप एक महान फिल्मकार होंगे, लेकिन यहां और भी महान फिल्मकार हैं। आप ही को क्यों चुना गया? इसमें पारदर्शिता जरूर होनी चाहिए। घई की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि इंस्टीट्यूट में पहले ही 50 करोड़ रूपए से ज्यादा निवेश किए जा चुके हैं और इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। रोहतगी ने कहा कि घई को कम से कम लीज पर ही जमीन दे देनी चाहिए । बहरहाल, पीठ पर रोहतगी की दलीलों का कोई असर नहीं हुआ। पीठ ने कहा कि वह जमीन की नीलामी प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले उन लोगों को नोटिस जारी किया, जिनकी याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय ने घई को आदेश दिया था कि वह अपने व्हिसलिंग वुड्स इंस्टीट्यूट को आवंटित जमीन राज्य सरकार को वापस कर दें।
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05-04-2012, 12:51 AM | #5887 |
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गटर में जाकर सफाई करना राष्ट्रीय शर्म : सैम पित्रोदा
नई दिल्ली। राष्ट्रीय नवाचार परिषद, नेशनल इनोवेशन कौंसिल के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने कहा है कि गटर में भीतर जाकर सफाई करना और निर्माण कार्य में लगी महिलाओं द्वारा सिर पर र्इंटे रखकर ढोना राष्ट्रीय शर्म की बात है इसलिए देश में श्रम की गरिमा को बहाल करने और नवाचार के जरिए उनकी कठिनाइयों को दूर करने की जरूरत है। पित्रोदा ने बुधवार को यहां राष्टñीय नवाचार परिषद द्वारा छह उद्यमियों को पुरस्कार दिए जाने के अवसर पर यह बात कही। ये पुरस्कार केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश तथा केन्द्रीय शहरी विकास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री कुमारी सेलजा ने प्रदान किए। देशभर से आमंत्रित 450 प्रस्तावों में से ये पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार में प्रमाणपत्र के अलावा प्रत्येक को 50-50 हजार रूपए पुरस्कार दिए गए। पित्रोदा ने कहा कि जब कोई महिला अपने सिर पर 20-20 र्इंटे रखकर ढोती है और गटर के भीतर जाकर कोई आदमी सफाई करता है तो यह राष्टñीय शर्म का विषय है। उन्होंने कहा कि जब मशीन और उपकरण हैं तो हमारे देश में मजदूर इतना कठिन जीवन क्यों जीएं। राष्ट्रीय नवाचार परिषद के जरिए हम ऐसे मजदूरों के जीवन को आसान बनाने के लिए अभिनव प्रयोग कर रहे हैं। आज जो छह पुरस्कार दिए गए वे इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि रिक्शा चलाने में रिक्शा चालकों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। खान में काम करने वाले मजदूरों को भी बोझ उठाना पड़ता है। निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के लिए शौचालय नहीं होता। हमें नवाचार के जरिए ऐसे उपकरण और मशीने बनाने की जरूरत है जिसमें श्रम की गरिमा बहाल हो और उनका जीवन सुधरे। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि सैम पित्रोदा ।987 से ही प्रधानमंत्री को इस संबंध में समय-समय पर सुझाव देते रहे है ताकि गरीब मजदूरों का जीवन सुधरे। उन्होंने कहा कि जूट उद्योग में लाखों महिलाएं काम कर रही हैं और उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है तथा बोझ उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उनके तीस साल के प्रयासों के बाद कई नए नतीजे सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय इस संबंध में राष्ट्रीय नवाचार परिषद के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक के पास नया आइडिया है और वह अभिनव प्रयोगकर्ता भी है। कुमारी सेलजा ने कहा कि शहरों में गरीब लोगों का जीवन स्तर काफी खराब है। झुग्गी झोपड़ियों में तो शौचालय की कमी है। उनके श्रम की गरिमा को बहाल करने तथा जीवन स्तर सुधारने की जरूरत है।
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05-04-2012, 12:52 AM | #5888 |
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सेना प्रमुख के कार्यालय की गरिमा को प्रभावित करने वाला काम नहीं हो : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह से जुड़े विवादों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि हर किसी का उत्तरदायित्व है कि वह ऐसा कुछ नहीं करे जिससे सेना प्रमुख के कार्यालय की गरिमा पर आंच आती हो। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि थल सेना प्रमुख का कार्यालय एक गरिमामय कार्यालय है। हम सब का दायित्व है कि ऐसा कुछ नहीं करें जिससे उसकी गरिमा पर आंच आती हो। प्रधानमंत्री से सरकार और थल सेना से जुड़े विवादों के बारे में सवाल किया गया था। इन सब विवादों के केंद्र में थल सेना प्रमुख रहे हैं। पहले उन्होंने अपनी उम्र को लेकर सरकार को उच्चतम न्यायालय में घसीटा और बाद में उन्होंने दावा किया कि एक रक्षा सौदे में उन्हें 14 करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी।
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05-04-2012, 12:53 AM | #5889 |
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आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को न्याय के कठघरे में लाना चाहिए : मनमोहन
नई दिल्ली। मुम्बई हमलों के मास्टरमाइंड हफीज मोहम्मद सईद पर अमेरिका द्वारा एक करोड़ अमेरिकी डालर का इनाम घोषित किए जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। मनमोहन सिंह ने यहां राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार वितरण समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि उन सबको न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए जो हमारे देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हैं। प्रधानमंत्री से सईद पर अमेरिकी इनाम के बारे में टिप्पणी करने को कहा गया और पूछा गया कि क्या वह इस मुद्दे को पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के समक्ष रविवार को उनकी भारत यात्रा के दौरान उठाएंगे। अमेरिकी विदेश विभाग ने लश्कर ए तैयबा के संस्थापक की गिरफ्तारी या उसकी दोषसिद्धि साबित करने में सहायक सूचना देने के लिए एक करोड़ अमेरिकी डालर तक के इनाम की घोषणा की है। लश्कर के दूसरे नंबर के नेता हाफिज अब्दुल रहमान मक्की के ठिकाने के बारे में सूचना के लिए 20 लाख अमेरिकी डालर तक के पुरस्कार की घोषणा की गई है। अमेरिका ने लश्कर ए तैयबा का नाम 20 दिसंबर 2001 को विदेशी आतंकवादी संगठनों की सूची में डाल दिया था। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार सईद मुम्बई में नवम्बर 2008 में चार दिन तक चले आतंकी हमले की साजिश में शामिल था जिसमें 166 लोग मारे गए थे । मरने वालों में छह अमेरिकी नागरिक थे।
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05-04-2012, 12:54 AM | #5890 |
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भारत ने परमाणु पनडुब्बी नेरपा को नौसेना में शामिल किया
विशाखापत्तनम। रूस में बनी परमाणु पनडुब्बी नेरपा को बुधवार को नौसेना में शामिल कर भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया जिनके पास ऐसे परिष्कृत जंगी जहाज हैं। स्थानीय ‘शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स’ में रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने अकुला- दो श्रेणी के नेरपा को नौसेना में शामिल किया। इसे आईएनएस चक्र का नाम दिया गया है। पनडुब्बी को नौसेना में शामिल करने के बाद एंटनी ने कहा कि आईएनएस चक्र देश की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करेगा। भारत ने पहले भी 1988 से अपने सैनिकों को ऐसे जंगी जहाजों पर प्रशिक्षण देने के लिए चार्ली श्रेणी के रूसी परमाणु पनडुब्बी को लीज पर लेकर संचालित किया था। आईएनएस चक्र को नौसेना में लाने के बाद भारत ने दो दशक के बाद ऐसे देशों के समूह में खुद को शामिल कर लिया जिनके पास परमाणु पनडुब्बी है। आईएनएस चक्र और स्वदेशी आईएनएस अरिहंत की ओर से गश्त शुरू करने के साथ ही भारत के पास जल्द ऐसे दो परमाणु पनडुब्बी हो जाएंगे जो इसकी समुद्री सीमा की रक्षा करेंगे। नेरपा को 10 साल के लिए रूस से लीज पर लिया गया है । यह नौसेना को ऐसे परमाणु पनडुब्बियों पर प्रशिक्षण और इसे संचालित करने का मौका उपलब्ध कराएगा । भारत ने नेरपा को लीज पर हासिल करने के लिए रूस के साथ 2004 में 900 मिलियन अमेरिकी डॉलर का करार किया था। नेरपा को दो साल पहले ही भारत की सेना में शामिल किया जाना था पर 2008 में परीक्षण के दौरान हुए एक हादसे में कई रूसी नाविकों के मारे जाने के बाद इसकी आपूर्ति के कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। भारतीय नौसेना के कुछ दलों को रूस में नेरपा संचालित करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आईएनएस चक्र के संचालन के लिए करीब 30 अधिकारियों सहित 70 लोगों के दल की जरूरत होगी। नेरपा पनडुब्बी का सबसे अहम हिस्सा इसका परमाणु रिएक्टर है जिसे रूस ने बनाया है। इसका विस्थापन करीब 8,140 टन है। इसकी अधिकतम गति सीमा 30 नॉट है । यह 600 मीटर की गहराई तक जा सकता है।
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