26-03-2011, 01:29 PM | #581 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
जिन्*दगी आपके लिये मौन मेरे लिय मुस्*कुराना आपके लिये आंसू मेरे लिये सब कुछ आपके लिए और आप सिर्फ मेरे लिये ” |
26-03-2011, 01:30 PM | #582 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“तेरी दोस्*ती में इक नशा है
तभी तो ये सारी दुनिया हमसे खफा है ना करों हमसे इतनी दोस्*ती कि दिल ही हमसे पूछे तेरी घडकन कहॅ हैं ” |
26-03-2011, 01:31 PM | #583 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“हर कभी तुझसे खुश्*बू उधार मांगे
आफता तुमसे नूर उधार मांगे रब करके तु दोस्*ती ऐसी निभाये कि लोग मुझसे तेरी दोस्*ती उधार मांगे” |
26-03-2011, 01:32 PM | #584 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“भूलाना तुम्*हे ना आसान होगा
जो भूले तुम्*हे वो नादान होगा आप तो बसते हो रूह में हमारी बाप हमें ना भूले ये आपका अहसास होगा ” |
26-03-2011, 01:32 PM | #585 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“अक्*सर जब हम आपकों याद करते है
अपने रब से यही फरियाद करते है अम्र हमारी भी लग जाये आपकों क्*योंकि हम आपकों खुद से ज्*यादा प्*यार करते है ” |
26-03-2011, 01:36 PM | #586 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“न कभी ये छुपाना कि प्*यार कितना हैं
ना कभी ये जताना की दर्द कितना है बस एक हमें उस खुदा को है मालूम कि तूमसे मुलाकात की इन्*तजार कितना है ” |
26-03-2011, 01:37 PM | #587 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“तन्*हाई में फरियाद तो कर सकते हैं
बीाने का आबाद तो कर सकते है क्*या हुआ तुम्*हे मिल नहीं सकते लेकिन तुम्*हे याद तो कर सकते हैं ” |
26-03-2011, 01:38 PM | #588 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“आ आ कर तेरा ख्*याल आये तो में क्*य करू
रह रह कर तेरी याद आये तो मैं क्*या करू यू तो कहते है कि रोज होती है सपनों मूलाकात मगर नींद ही ना आये ता मैं क्*या करू ” |
26-03-2011, 01:39 PM | #589 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“रूठ कर तुम हमें भूलाने
लगे इतने दूर हो गये की बहुत याद आने लगे जब भी हमें भूलाने की कोशिश की तुमकों तुम ख्*वाबों में आकर हमें सताने लगे” |
26-03-2011, 01:41 PM | #590 |
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Re: हमारी शेर "ओ" शायरी
“आप से खफा हो कर जायेगे कहा
आप जैसे दोस्*त जायेगें कहा दिल को तो कैसे भी समझा लेगें पर आखों में आसूं छुपायेगें कहा ” |
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