My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 15-07-2014, 04:11 PM   #51
rafik
Special Member
 
rafik's Avatar
 
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44
rafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ

Quote:
Originally Posted by bindujain View Post
प्रभु, तूने सही समय पर मुझे थाम लिया


एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्यातिदूर दूर तक थी पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था...


बहुत ही अच्छी कहानी


__________________


Disclaimer......!
"The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..."
rafik is offline   Reply With Quote
Old 16-07-2014, 04:36 PM   #52
rafik
Special Member
 
rafik's Avatar
 
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44
rafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ

एक यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के
साथ सड़क पर चल रहा था. जब वे एक
विशालकाय पेड़ के पास से गुज़र रहे थे
तब उनपर आसमान से
बिजली गिरी और वे तीनों तत्क्षण
मर गए. लेकिन उन तीनों को यह
प्रतीत नहीं हुआ कि वे अब जीवित
नहीं है और वे चलते ही रहे. कभी-
कभी मृत
प्राणियों को अपना शरीरभाव
छोड़ने में समय लग जाता है.
उनकी यात्रा बहुत लंबी थी.
आसमान में सूरज ज़ोरों से चमक
रहा था. वे पसीने से तरबतर और बेहद
प्यासे थे. वे पानी की तलाश करते
रहे. सड़क के मोड़ पर उन्हें एक भव्य
द्वार दिखाई
दिया जो पूरा संगमरमर
का बना हुआ था. द्वार से होते हुए वे
स्वर्ण मढ़ित एक अहाते में आ पहुंचे.
अहाते के बीचोंबीच एक फव्वारे से
आईने की तरह साफ़ पानी निकल
रहा था.
यात्री ने द्वार
की पहरेदारी करनेवाले से कहा:
“नमस्ते, यह सुन्दर जगह क्या है?
“यह स्वर्ग है”.
“कितना अच्छा हुआ कि हम चलते-
चलते स्वर्ग आ पहुंचे. हमें बहुत प्यास
लगी है.”
“तुम चाहे जितना पानी पी सकते
हो”.
“मेरा घोड़ा और कुत्ता भी प्यासे
हैं”.
“माफ़ करना लेकिन
यहाँ जानवरों को पानी पिलाना मना है”
यात्री को यह सुनकर बहुत
निराशा हुई. वह खुद बहुत
प्यासा था लेकिन
अकेला पानी नहीं पीना चाहता था.
उसने पहरेदार को धन्यवाद
दिया और अपनी राह चल पड़ा. आगे
और बहुत दूर तक चलने के बाद वे एक
बगीचे तक पहुंचे
जिसका दरवाज़ा जर्जर था और
भीतर जाने का रास्ता धूल से
पटा हुआ था.
भीतर पहुँचने पर उसने देखा कि एक पेड़
की छाँव में एक आदमी अपने सर
को टोपी से ढंककर सो रहा था.
“नमस्ते” – यात्री ने उस आदमी से
कहा – “मैं, मेरा घोड़ा और
कुत्ता बहुत प्यासे हैं.
क्या यहाँ पानी मिलेगा?”
उस आदमी ने एक ओर इशारा करके
कहा – “वहां चट्टानों के बीच
पानी का एक सोता है. जाओ
जाकर पानी पी लो.”
यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ
वहां पहुंचा और तीनों ने जी भर के
अपनी प्यास बुझाई. फिर
यात्री उस आदमी को धन्यवाद कहने
के लिए आ गया.
“यह कौन सी जगह है?”
“यह स्वर्ग है”.
“स्वर्ग? इसी रास्ते में पीछे हमें एक
संगमरमरी अहाता मिला, उसे
भी वहां का पहरेदार स्वर्ग
बता रहा था!”
“नहीं-नहीं, वह स्वर्ग नहीं है. वह नर्क
है”.
यात्री अब अपना आपा खो बैठा.
उसने कहा – “भगवान के लिए ये सब
कहना बंद करो! मुझे कुछ भी समझ में
नहीं आ रहा है कि यह सब क्या है!”
आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा –
“नाराज़ न हो भाई, संगमरमरी स्वर्ग
वालों का तो हमपर बड़ा उपकार है.
वहां वे सभी लोग रुक जाते हैं
जो अपने भले के लिए अपने सबसे अच्छे
दोस्तों को भी छोड़ सकते हैं.”
__________________


Disclaimer......!
"The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..."
rafik is offline   Reply With Quote
Old 16-07-2014, 06:02 PM   #53
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ



दिल को छू लेने वाली लघु कथा प्रस्तुत करने के लिये धन्यवाद, रफ़ीक जी. वो लोग धन्य हैं जो मुसीबत पड़ने पर भी अपने प्रियजनों को नहीं छोड़ते.





__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 18-07-2014, 05:58 PM   #54
rafik
Special Member
 
rafik's Avatar
 
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44
rafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ

Quote:
Originally Posted by rajnish manga View Post


दिल को छू लेने वाली लघु कथा प्रस्तुत करने के लिये धन्यवाद, रफ़ीक जी. वो लोग धन्य हैं जो मुसीबत पड़ने पर भी अपने प्रियजनों को नहीं छोड़ते.




__________________


Disclaimer......!
"The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..."
rafik is offline   Reply With Quote
Old 30-07-2014, 03:59 PM   #55
rafik
Special Member
 
rafik's Avatar
 
Join Date: Mar 2014
Location: heart of rajasthan
Posts: 4,118
Rep Power: 44
rafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond reputerafik has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ

बहुत समय पहले की बात है , किसी गाँव में
एक किसान रहता था .उसके पास बहुत सारे जानवर थे ,उन्ही में से एक गधा भी था .
एक दिन वह चरते चरते खेत में बने एक पुराने सूखे हुए कुएं के पास जा पहुचा और अचानक ही उसमे फिसल कर गिर गया .गिरते ही उसने जो...र -जोर से चिल्लाना शुरू किया -” ढेंचू- ढेंचू
….ढेंचू-ढेंचू ….” उसकी आवाज़ सुन कर खेत में काम कर रहे लोग कुएं के पास पहुचे, किसान
को भी बुलाया गया . किसान ने स्थिति का जायजा लिया ,उसे गधे पर दया तो आई लेकिन उसने
मन में सोचा कि इस बूढ़े गधे को बचाने से कोई लाभ नहीं है और इसमें मेहनत भी बहुत
लगेगी और साथ ही कुएं की भी कोई ज़रुरत नहीं है ,फिर उसने बाकी लोगों से कहा ,
“मुझे नहीं लगता कि हम किसी भी तरह इस गधे को बचा सकते हैं अतः आप सभी अपने-अपने काम पर लग जाइए, यहाँ समय गंवाने से कोई लाभ नहीं.”और ऐसा कह कर वह आगे बढ़ने
को ही था की एक मजदूर बोला, ” मालिक , इस गधे ने सालों तक आपकी सेवा की है ,
इसे इस तरह तड़प- तड़प के मरने देने से अच्छा होगा की हम उसे इसी कुएं में
दफना दें .” किसान ने भी सहमती जताते हुए उसकी हाँ में हाँ मिला दी. ” चलो हम सब मिल कर इस कुएं में मिटटी डालना शुरू करते हैं और गधे को यहीं दफना देते हैं”,किसान बोला.
गधा ये सब सुन रहा था और अब वह और भी डर गया , उसे लगा कि कहाँ उसके मालिक को उसे बचाना चाहिए तो उलटे वो लोग उसे दफनाने की योजना बना रहे हैं . यह सब सुन कर वह
भयभीत हो गया , पर उसने हिम्मत नहीं हारी और भगवान् को याद कर वहां से निकलने के बारे में
सोचने लगा …. अभी वह अपने विचारों में खोया ही था कि अचानक उसके ऊपर मिटटी की बारिश होने लगी, गधे ने मन ही मन सोचा कि भले कुछ हो जाए वह अपना प्रयास नहीं छोड़ेगा और आसानी से हार नहीं मानेगा। और फिर वह पूरी ताकत से उछाल मारने लगा . किसान ने भी औरों की तरह मिटटी से भरी एक बोरी कुएं में झोंक दी और उसमे झाँकने लगा , उसने देखा की जैसे ही मिटटी गधे के ऊपर पड़ती वो उसे अपने शरीर से झटकता और उछल कर उसके ऊपर चढ़ जाता . जब भी उसपे मिटटी डाली जाती वह यही करता ….झटकता और ऊपर चढ़ जाता …. झटकता और ऊपर चढ़ जाता …. किसान भी समझ चुका था कि अगर वह यूँ ही मिटटी डलवाता रहा तो गधे की जान बच सकती है . फिर क्या था वह मिटटी डलवाता गया और देखते- देखते गधा कुएं के मुहाने तक पहुँच गया, और अंत में कूद कर बाहर आ गया. मित्रों, हमारी ज़िन्दगी भी इसी तरह होती है ,
हम चाहे जितनी भी सावधानी बरतें कभी न कभी मुसीबत रुपी गड्ढे में गिर ही जाते हैं . पर गिरना प्रमुख नहीं है, प्रमुख है संभलना . बहुत से लोग बिना प्रयास किये ही हार मान लेते हैं , पर जो प्रयास करते हैं भगवान् भी किसी न किसी रूप में उनके लिए मदद भेज देता है
__________________


Disclaimer......!
"The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..."

Last edited by rafik; 30-07-2014 at 04:05 PM.
rafik is offline   Reply With Quote
Old 02-08-2014, 10:55 PM   #56
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ

A Mother was reading a magazine and her cute little daughter every now and then distracted her. To keep her busy, she tore one page on which was printed the map of the world. She tore it into pieces and asked her to go to her room and put them together to make the map again.

She was sure her daughter would take a lot more time and probably whole of day to get it done. But the little one came back within minutes with perfect map.

When he asked how she could do it so quickly, she said, "Oh Mom, there is a man's face on the other side of the paper. I made the face perfect to get the map right." she ran outside to play leaving the mother surprised.�

Moral :

Perhaps there is always the other side to whatever you experience in this world. This story indirectly teaches a lesson. That is, whenever we come across a challenge or a puzzling situation, look at the other side...and will be surprised to see an easy way to tackle the problem or an acute difficulty.
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Old 06-08-2014, 12:02 AM   #57
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ

Quote:
Originally Posted by rafik View Post
हम चाहे जितनी भी सावधानी बरतें कभी न कभी मुसीबत रुपी गड्ढे में गिर ही जाते हैं . पर गिरना प्रमुख नहीं है, प्रमुख है संभलना . बहुत से लोग बिना प्रयास किये ही हार मान लेते हैं , पर जो प्रयास करते हैं भगवान् भी किसी न किसी रूप में उनके लिए मदद भेज देता है
Quote:
Originally Posted by bindujain View Post
moral :

perhaps there is always the other side to whatever you experience in this world. This story indirectly teaches a lesson. That is, whenever we come across a challenge or a puzzling situation, look at the other side...and will be surprised to see an easy way to tackle the problem or an acute difficulty.
रफ़ीक जी और बिंदु जी दोनों के द्वारा प्रस्तुत कहानियाँ अत्यंत रोचक हैं और बहुत प्रेरक व शिक्षाप्रद हैं. आप दोनों महानुभाव का हार्दिक धन्यवाद.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 07:05 PM   #58
Dr.Shree Vijay
Exclusive Member
 
Dr.Shree Vijay's Avatar
 
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117
Dr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond reputeDr.Shree Vijay has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ





__________________


*** Dr.Shri Vijay Ji ***

ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे:

.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread.



Dr.Shree Vijay is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 07:35 PM   #59
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 100
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: लघुकथाएँ

आत्मचिंतन के लिए विवश कर देने वाली उत्तम कथाओं का उत्कृष्ट संग्रह। प्रस्तोताओं का हार्दिक अभिनन्दन है। आभार।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote
Old 05-09-2014, 10:29 PM   #60
bindujain
VIP Member
 
bindujain's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144
bindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond reputebindujain has a reputation beyond repute
Default Re: लघुकथाएँ


पागल - ख़्लील जिब्रान




आप मुझसे पूछते हैं कि मैं पागल कैसे हुआ? यह सब तरह हुआ, एक दिन मैं गहरी नींद से जागा तो देखा कि मेरे सभी मुखौटे चोरी हो गए थे, वे सभी सात मुखौटे, जिन्हें मैंने सात जीवन जीते हुए बड़े शौक से पहना था। मैं पहली बार बिना किसी मुखौटे के भीड़ भरी गलियों में चिल्लाता हुआ दौड़ पड़ा, ‘‘चोर! चोर! चोट्टे!!’’

आदमी, औरतें मुझे देखकर हँसने लगे और कुछ तो मारे डर के घरों में जा घुसे।

जब मैं भरे बाजार में पहुँचा तो एक युवक छत पर से चिल्लाया,‘‘पागल है!’’ मैंने उसकी ओर देखा तो सूर्य ने पहली बार मेरे नंगे चेहरे को चूमा और मेरी आत्मा सूर्य के प्रेम से अनुप्राणित हो उठी। अब मुझे अपने मुखौटों की कोई आवश्यकता नहीं रह गई थी। मैं स्तब्ध -सा चिल्ला पड़ा, ‘‘भला हो! मेरे मुखौटे चुराने वालों का भला हो!’’

इस तरह मैं पागल बन गया।

अपने इस पागलपन में मुझे आजादी और सुरक्षा दोनों ही महसूस हुई–अकेलेपन की आजादी और दूसरों द्वारा समझे जाने से सुरक्षा। क्योंकि जो लोग हमारी कमजोरियों को जान जाते हैं, वे हमारे भीतर किसी न किसी अंश को गुलाम बना लेते हैं।


__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
bindujain is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
लघुकथाएँ


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 11:30 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.