My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 26-05-2012, 07:46 AM   #51
abhisays
Administrator
 
abhisays's Avatar
 
Join Date: Dec 2009
Location: Bangalore
Posts: 16,772
Rep Power: 137
abhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to abhisays
Default Re: कुतुबनुमा

अलैक जी, अंग्रेजी में एक कहावत है "too many cooks spoil the broth"

आज भाजपा के साथ यही हो रहा है, अगर 2014 में इनलोगों की सत्ता वापसी करनी है तो अभी से सतर्क हो जाना होगा। नहीं तो मंजिल और दूर हो जायेगी।
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum
abhisays is offline   Reply With Quote
Old 28-05-2012, 12:22 AM   #52
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

बिहार में बढ़ती जा रही है लोगों की नाराजगी

बिहार में इन दिनों जनता का आक्रोश जिस तरह से सामने आ रहा है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि राज्य में लोग नीतीश कुमार सरकार के कामकाज से खुश नहीं है। जिस तरह से लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात रहने वाले जवान ही उन पर हमला कर रहे हैं, उससे लोगों का गुस्सा और भी भड़क रहा है। दो दिन पहले बक्सर जिले के चौसा गांव में गुस्साए लोगों ने मुख्यमंत्री के काफिले पर ही इसलिए हमला कर दिया था कि वे उनसे मिलना चाहते थे, जबकि पुलिसकर्मियों ने लोगों को रोक दिया। दरअसल मुख्यमंत्री के काफिले पर ग्रामीणों के हमले को जनता की स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा सकता है, क्योंकि पानी, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से तो वे जूझ ही रहे हैं, राज्य में अपराधी बेखौफ घटना को अंजाम दे रहे हैं। यही नहीं सुरक्षाकर्मी भी कथित तौर पर बेलगाम होते दिखाई दे रहे हैं। शनिवार को राज्य के सीतामढी जिले के बैरगनिया थाना क्षेत्र में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक जवान ने पढ़ाई कर गांव लौट रही एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ कर दी। इसे लेकर जब आक्रोशित ग्रामीणों ने एसएसबी शिविर में जाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया, तो वहां पहरा दे रहे एक जवान ने गोली चला दी। बाद में कुछ और जवान वहां पहुंचे और उनकी गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले राज्य के अररिया जिले के कुर्साकांटा थाना अंतर्गत आशाभाग-बटरा गांव में एसएसबी जवानों द्वारा ही की गई गोलीबारी में चार ग्रामीणों की मौत के बाद इस मामले में एसएसबी के तीन जवानों को गिरफ्तार तथा अवर निरीक्षक रामचंद्र दास और आरक्षी चंदन कुमार को निलंबित कर दिया गया था। तब मुख्यमंत्री ने राज्य के पुलिस महानिदेशक नीलमणि और गृह सचिव आमिर सुबहानी को भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बावजूद शनिवार को फिर एसएसबी जवानों ने गोलीबारी कर दी। समाजकंटक भी इन दिनों बेखौफ हैं। शनिवार को ही राज्य के रोहतास जिले में अपराधियों ने प्रेम प्रसंग के चलते एक छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटनाक्रम से यह साफ लगने लगा है कि बिहार में हिंसा की घटनाएं जिस तरह से बढ़ी हैं, उन पर सरकार की कोई लगाम दिखाई नहीं दे रही और लोग खफा हो रहे हैं, जो अच्छे संकेत नहीं हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 29-05-2012, 07:52 PM   #53
abhisays
Administrator
 
abhisays's Avatar
 
Join Date: Dec 2009
Location: Bangalore
Posts: 16,772
Rep Power: 137
abhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to abhisays
Default Re: कुतुबनुमा

मुझे भी लगता है, नितीश का हनीमून खत्म हो गया है. इनको बिहार में सत्ता में आये हुए ७ साल हो गए. लेकिन बिहार में कुछ खास अंतर नज़र नहीं आ रहा है.
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum
abhisays is offline   Reply With Quote
Old 29-05-2012, 11:16 PM   #54
khalid
Exclusive Member
 
khalid's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: सीमाँचल
Posts: 5,094
Rep Power: 36
khalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant futurekhalid has a brilliant future
Send a message via Yahoo to khalid
Default Re: कुतुबनुमा

Quote:
Originally Posted by abhisays View Post
मुझे भी लगता है, नितीश का हनीमून खत्म हो गया है. इनको बिहार में सत्ता में आये हुए ७ साल हो गए. लेकिन बिहार में कुछ खास अंतर नज़र नहीं आ रहा है.
और बहुत कुछ उन के द्वारा लिए गए फैसले भी हैँ
आज अल्पसंख्यक के वजह और मदरसा के वजह से वैसे लोग टीचर बने बैठे हैँ जिसे 100 तक गिनती तक याद नहीँ
__________________
दोस्ती करना तो ऐसे करना
जैसे इबादत करना
वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना
khalid is offline   Reply With Quote
Old 29-05-2012, 11:55 PM   #55
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

भरोसे लायक नहीं है पाकिस्तान का प्रस्ताव

इन दिनों अमेरिका की भीषण नाराजगी झेल रहे पाकिस्तान ने सियाचिन से सेनाएं हटाने का जो प्रस्ताव भारत के समक्ष रखा है, वह कतई भरोसे के लायक नहीं है। उसी का नतीजा है कि सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी के सियाचिन से सेनाएं हटाने के प्रस्ताव को महज शगूफा बताते हुए इसे पूरी तरह से ठुकरा दिया है और कहा, इस तरह के शगूफा पाकिस्तानी प्रतिष्ठान की ओर से समय समय पर छोड़े जाते रहे हैं और हम इसमें फंसेंगे, तो मूर्ख ही होंगे। इससे पहले रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी भी स्पष्ट कर चुके हैं कि सियाचिन के मुद्दे पर भारत के रूख में कोई परिवर्तन नहीं आया है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के कामकाज पर संसद में हुई बहस के दौरान ही साफ कर दिया था कि सियाचिन के मामले पर दोनों देशों के बीच जून में होने वाली रक्षा सचिव स्तर की वार्ता से किसी नाटकीय नतीजे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। दरअसल भारत यह जानता है कि पाकिस्तान जब-जब भी किसी अंतर्राष्ट्रीय दबाव में आता है, तो वह भारत के प्रति अपने रूख में नरमी दिखाने की कोशिश करने लगता है। इसके पीछे एक कारण यह भी रहता है कि पाकिस्तान अपनी जनता का ध्यान मूल मुद्दे से भटकाने के लिए भी ऐसा करता है। इन दिनों पाकिस्तान पर अमेरिका ने जिस तरह से आतंकवाद के मुद्दे पर दबाव बनाया है और उसे मिलने वाली मदद में कटौती का जो प्रस्ताव वहां की सीनेट ने पास किया है, उससे लोगों का ध्यान हटाने के लिए ही पाकिस्तान ने यह शगूफा छोड़ा है कि दोनों देशों को सियाचिन से सेना हटा लेनी चाहिए। हाल ही सियाचिन में हिम स्खलन में पाकिस्तान के सौ से अधिक सैनिकों के मारे जाने के बाद ही पाकिस्तान ने यह प्रस्ताव क्यों रखा, इसके भी कहीं न कहीं कोई मायने छिपे हैं। सभी जानते हैं कि भारत से दोस्ती बढ़ाने के पहले भी पाकिस्तान ने जो प्रयास किए हैं, वे केवल दिखावा मात्र थे। करगिल में जो कुछ भी हुआ, उसके बाद तो भारत कभी भी पाकिस्तान के किसी प्रस्ताव पर विचार के लिए हजार बार सोचता है। ऐसे में पाकिस्तान का यह ताजा प्रस्ताव किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं कहा जा सकता। भारत के हर क्षेत्र में बढ़ रहे प्रभाव ने भले ही पाकिस्तान को जमीनी हकीकत से रूबरू करवा दिया है, लेकिन यह तय है कि अब भारत ऐसे किसी भी प्रस्ताव को शंका की ही नजर से देखेगा और ऐसा करना वैश्विक बिरादरी किसी भी नज़रिए से गलत भी नहीं ठहरा सकती।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 30-05-2012, 03:17 AM   #56
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

गलती का अहसास हुआ भाजपा को

भ्रष्टाचार के मामले में हमेशा ही खुद को पाक साबित करने और इस मसले पर जंग का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को इन दिनों न जाने क्या हो गया है कि वह अपनी हर बात से ही पलटती नजर आ रही है। कडप्पा से सांसद व वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई के शिकंजे में हैं और इस समय हैदराबाद की चंचलगुड़ा जेल में बंद हैं। वे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत राजशेखर रेड्डी के पुत्र भी हैं। लेकिन भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूढ़ी ने न जाने सोमवार को किस मकसद से रेड्डी की तरफदारी की और सरकार पर आरोप लगा दिया कि राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है और जो लोग कांगे्रस का विरोध कर रहे हैं, उनके खिलाफ सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है। एक दिन बाद ही भाजपा को अपनी गलती का अहसास हो गया और मंगलवार को पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण कहा, रेड्डी की गिरफ्तारी काफी विलंब से की गई है। उन्होंने साथ ही मांग की कि आंध्र प्रदेश में 2004 से 2009 के बीच के भ्रष्टाचार का खुलासा होना चाहिए। सीतारमण ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस ने यह विलंब कराया है। जगन की गिरफ्तारी काफी समय पहले ही हो जानी चाहिए थी। इस नजरिए को क्या कहा जाए। एक दिन पार्टी प्रवक्ता कुछ कहते हैं और दूसरे दिन अन्य प्रवक्ता पहले वाली की बात से ही पलट जाते हैं। दरअसल भाजपा यह तय नहीं कर पा रही कि किसी विषय पर क्या रुख अपनाया जाए। भाजपा के कुछ नेता आरोपों में घिरे हुए हैं और पार्टी को यह भय सता रहा है कि आने वाले समय में उन पर भी शिकंजा कस सकता है। इस समय भाजपा दक्षिणी राज्यों में अपनी खराब होती जा रही छवि के लेकर भी परेशान है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा पिछले कई महीनों से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं और इसे लेकर भाजपा सकते में है। भाजपा को समझना चाहिए कि जन भावनाओं से जुड़ने के लिए वह भ्रष्टाचार की आड़ रूपी सीढ़ी के जरिए दक्षिणी राज्यों में लोकप्रियता की वैतरणी पार करना चाहती है, वह उसी के लिए घातक साबित हो सकता है। पार्टी जिस तरह से दोराहे पर आकर खड़ी हो गई है, यह स्थिति भाजपा के लिए आंखें खोलने वाली है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 03-06-2012, 06:33 AM   #57
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

जल्दबाजी में भटक रही है ब्रेकिंग न्यूज

पिछले दिनों तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की तरफ से एक सभा का आयोजन किया गया। यह पार्टी केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी भी है। लिहाजा इसकी सभा की महत्ता और भी बढ़ गई थी। सभा समाप्त भी नहीं हुई थी कि निजी टेलीविजन चैनल्स पर ब्रेकिंग न्यूज शुरू हो गई। मानो होड़ मची हो कि पहले कौन खबर ब्रेक करता है। खबर यह दी जा रही थी कि द्रमुक प्रमुख एम. करुणानिधि ने सभा में पेट्रोल के मूल्यों में बढ़ोतरी के फैसले के विरोध में संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के संकेत दिए हैं और इसके बाद तो ऐसा लगने लगा कि मानो बस, अब सरकार पर बड़ा संकट ही आ गया है। कई चैनल्स तो बाकायदा यह तालिका तक दिखाने लगे कि सरकार को समर्थन कर रहे सहयोगी दलों के सांसदों की लोकसभा में कितनी संख्या है और अगर द्रमुक सरकार से समर्थन वापस ले लेती है, तो क्या - क्या संभावनाएं बनेंगी। फिर शुरू हुआ उस सभा में गए विभिन्न चैनल्स के संवाददाताओं से सीधे बात करने का सिलसिला। एक संवाददता ने कहा - करुणानिधि सभा में पेट्रोल के मूल्यों में बढ़ोतरी के खिलाफ केंद्र सरकार पर जम कर बरसे हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि पूर्व के गठबंधनों के दौरान जब उनकी पार्टी के सिद्धांतों को कुचला गया, तो गठबंधन को छोड़ने में वह नहीं झिझके, चाहे वह वी. पी. सिंह की सरकार रही हो या भाजपानीत राजग। जो नीतियां लोगों के विरूद्ध हों, उनके खिलाफ आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है। कुछ चैनल्स तो यहीं तक नहीं रुके और एक दिन पहले ही रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी के उस बयान पर चले गए, जिसमें उन्होंने कहा था कि पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने से आम आदमी परेशान होगा। ... और इसके बाद शुरू हो गया अपना-अपना आकलन । एक चैनल ने कहा कि जब सहयोगी दल और खुद सरकार के एक मंत्री पेट्रोल के दाम बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं, तो अब आने वाले समय में सरकार संकट में फंसने वाली है, लेकिन थोड़े समय बाद ही करुणानिधि ने स्पष्ट किया कि उनकी बात को ठीक से समझा ही नहीं गया और मीडिया ने जल्दबाजी में यह सब फैला दिया, जबकि राष्ट्रपति चुनाव के मद्दे-नजर उनकी पार्टी सरकार को अस्थिर नहीं करेगी। उन्होंने यह नहीं कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन छोड़ देगी, बल्कि सिर्फ पिछली बातों का जिक्र किया था कि जब भी नीतियों का टकराव होता है, तो वह गठबंधन से बाहर निकल जाती है। अब चाहे करुणानिधि ने किसी भी तरीके से अपनी बात रखी हो या सफाई दी हो, लेकिन यहां एक बार फिर यह तो सामने आ ही गया कि चैनल्स किसी भी खबर को पहले दिखाने या पहले ब्रेकिंग न्यूज देने की अपनी होड़ में खबरों की गहराई तक तो अब भी नहीं पहुंच रहे। एक ब्रेकिंग खबर के आधार पर सरकार के संकट में फंसने तक अपनी राय प्रकट करना निहायत ही जल्दबाजी भरा फैसला था और चैनल्स लगातार ऐसा कर रहे हैं। इलेक्ट्रोनिक मीडिया निसंदेह खबरें पहले दिखाने का दावा करता है और दिखाता भी है, लेकिन अगर अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी है, तो बगैर तथ्यों पर गए केवल हवा में अपनी बात कहने से गुरेज करना ही चाहिए। पहले भी कई बार ऐसे अवसर आए हैं, जब ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में खबरों के तथ्यों के साथ खिलवाड़ हुआ है। मीडिया को अब इससे सबक लेना ही चाहिए और जब तक सारी स्थिति साफ न हो जाए, इस तरह से जल्दबाजी में किसी तरह की खबर का प्रसारण नहीं करना चाहिए, अन्यथा 'भेड़िया आया...' की तर्ज़ पर वे दर्शकों की नज़र में कहीं के नहीं रहेंगे।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 03-06-2012, 06:50 AM   #58
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

उघड़ती जा रही भाजपा की दुर्दशा की परत

आखिर सम्पूर्ण पारदर्शी और स्वच्छ पार्टी को यह हो क्या रहा है ? कभी कार्यकर्ताओं के बल पर हुंकार भरने वाली भाजपा अब अपने नेताओं के आचरण से ही कटघरे में आ रही है ! उसका भीतरी सच लगातार सामने आता जा रहा है। अपने ब्लॉग में भाजपा के शीर्ष नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने मान लिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पार्टी की मुहिम कमजोर हुई है और पार्टी का मनोबल भी ऊंचा नहीं है। उधर पार्टी के मुखपत्र ‘कमल संदेश’ के ताजा अंक के संपादकीय में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम तो सीधे-सीधे नहीं लिखा गया है, लेकिन परोक्ष रूप से उन पर प्रहार करते हुए कहा गया है कि किसी के ऐसे व्यवहार से पार्टी नहीं चल सकती कि सिर्फ उसकी चलेगी, नहीं तो किसी की नहीं चलेगी। मुंबई में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद से ही यह खबरें सामने आ गई थीं कि भाजपा में इन दिनों कुछ भी सही नहीं चल रहा। बैठक से ऐन पहले मोदी के दबाव के चलते संजय जोशी का इस्तीफा पूरी बैठक में छाया रहा। रही सही कसर आडवाणी के नए ब्लॉग ने पूरी कर दी है और पानी की तरह साफ हो गया है कि आडवाणी लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनाए गए नितिन गडकरी के कामकाज से खुश नहीं हैं। उनके ब्लॉग में यह पीड़ा भी परोक्ष रूप से सामने आ गई कि गडकरी के अब तक के निर्णयों ने ही पार्टी की यह दशा की है। आडवाणी ने 1984 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की खराब स्थिति से मौजूदा हालात की तुलना भी की है और लिखा है कि संसद के दोनों सदनों में हमारे सांसदों की संख्या अच्छी खासी है और पार्टी की नौ राज्यों में सरकार भी हैं, लेकिन जिस तरह की चूक पार्टी की ओर से की जा रही है, उसका ख़मियाजा इन तथ्यों से पूरा नहीं किया जा सकता। यह पार्टी के लिए आत्म-चिंतन का वक्त है। भाजपा की दशा क्या है, यह पार्टी के मुखपत्र के संपादकीय में लिखी इन दो पंक्तियों से स्पष्ट होता है - ‘‘कक्षा का विद्यार्थी बिगड़े, तो समझ में आता है; पर यहां तो शिक्षक और प्रधानाचार्य पटरी से उतरने की तैयारी कर रहे हैं। जरूरत से ज्यादा जब हम किसी की प्रशंसा करते हैं, तो व्यक्ति के बिगड़ने की संभावना का द्वार हम स्वत: खोल देते हैं।’’ विचारणीय यह है कि यह नरेंद्र मोदी को पीछे धकेलने की साज़िश है या वाकई वे निरंतर दम्भी होते जा रहे हैं ? अनेक कथाएं हैं, जो हमें बताती हैं कि श्रेष्ठ मनुष्य वही है, जो जितना ऊपर चढ़े, उतना ही विनम्र होता जाए, लेकिन परिस्थितियां जो दिखा रही हैं, उनसे स्पष्ट है कि मोदी की रीति-नीति में कुछ परिवर्तन अवश्य हुआ है और अगर यह बदला नहीं गया, तो पार्टी के लिए ही नहीं स्वयं मोदी के लिए भी यह बहुत खतरनाक और नुकसानदेह साबित होगा।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 04-06-2012, 12:00 PM   #59
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

नई विज्ञान नीति के दूरगामी नतीजे होंगे

विज्ञान के क्षेत्र में जिस तरह से भारत प्रगति कर रहा है, उस पर सारी दुनिया की नजर है। पिछले पांच वर्षों की कामयाबी पर नजर डाली जाए, तो कहा जा सकता है कि हमारे वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया है कि तकनीक के क्षेत्र में अब भारत किसी से कम नहीं है। देश और दुनिया में जिस तेजी से वैज्ञानिक वातावरण बदलता जा रहा है, उसे भारत सरकार भी समझ रही है और इसी के चलते शनिवार को कोलकाता में भारतीय विज्ञान कांग्रेस संगठन के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार एक वर्ष के अंदर नई विज्ञान एवं तकनीक नीति बना सकती है, ताकि विकेन्द्रीकृत तरीके से सार्थक विकास को बढ़ावा दिया जा सके। वैसे यह भी एक सुखद पहलू है कि इस शताब्दी वर्ष को भारत में विज्ञान वर्ष घोषित करने का निर्णय किया जा चुका है। देश में विज्ञान की तरक्की और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की समृद्धि के लिए सरकार ने हाल के वर्षों में भारतीय विज्ञान पर जितना पूंजी का निवेश किया है, उतना कभी पहले नहीं हुआ। कई वर्षों तक वैज्ञानिक एवं तकनीक आधारभूत संरचनाओं की हमारी क्षमताएं काफी सीमित रही, जिसे सरकार ने समझा और उसी की जरूरत को समझते हुए विश्वस्तरीय संस्थान बनाए। यही वजह है कि आज इसरो जैसा संस्थान देश का मस्तक बना हुआ है और इससे जुड़े हमारे वैज्ञानिक भारत को विकसित देशों की पंक्ति में लाने में कामयाब हुए हैं। हालांकि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने यह भी माना कि हमने विज्ञान एवं तकनीक का उपयोग विकास की प्रक्रिया में उतना काम अब तक नहीं किया, जितना होना चाहिए था, लेकिन साथ ही उनका यह आश्वासन भी देश के लिए सुखद है कि सरकार उच्च प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा एवं कुपोषण जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों पर न केवल विशेष ध्यान देने में जुटी है, बल्कि इन चुनौतियों से निपट कर देश को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी। ध्यान यह देना होगा की यह सिर्फ आश्वासन बन कर न रह जाए, अपितु इस पर काम भी हो। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष से प्रतिवर्ष सौ डॉक्टोरल शोध फेलोशिप योजना शुरू करने की घोषणा कर भी एक अच्छा कदम उठाया है। इससे विज्ञान के क्षेत्र में आगे आने वाले युवाओं को काफी फायदा भी होगा। अगर ये कदम ईमानदारी से उठाए गए और इन पर भविष्य में भी काम उसी ईमानदारी से होता रहा तो, निसंदेह भारत आने वाले वर्षों में विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी शक्ति बनकर उभरने में कामयाब हो जाएगा।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 06-06-2012, 03:54 AM   #60
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कुतुबनुमा

मायावती की अंधेर नगरी के खुलते राज

उत्तर प्रदेश में मायावती के नेतृत्व वाली पिछली बसपा सरकार के खिलाफ यों तो घपलों-घोटालों आरोप लगते रहे और सत्ता से हटने के बाद कई मामलों की जांच भी शुरू हुई है, लेकिन हाल ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो यह साबित करता है कि मायावती के राज में अंधेर नगरी जैसा शासन चल रहा था। न कोई देखने वाला था और न ही कोई सुनने वाला। गत वर्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के लखनऊ मंडल द्वारा संचालित संस्कृत स्कूलों में 12 प्रधानाध्यापक, चार साहित्य शिक्षक, 14 व्याकरण शिक्षक, 15 आधुनिक शिक्षक सहित कुल 45 पदों पर नियुक्ति के लिए 2011 अभ्यर्थियों ने आवदेन किया था। अभ्यर्थियों को बाद में साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। चयन से वंचित अभ्यर्थियों ने सरकार को शिकायत की थी कि साक्षात्कार में धांधली की गई है। शिकायत मिलने पर माध्यमिक शिक्षा सचिव पार्थसारथी ने शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव को इस शिकायत की जांच के निर्देश दिए। शिक्षा निदेशक यादव ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि अपने चहेतों को शिक्षक बनाने के लिए साक्षात्कार में अफसरों द्वारा पेंसिल से नम्बर देने का मामला सही पाया गया है। साक्षात्कार समिति में जो लोग शामिल थे, उन्होंने जांच अधिकारी को यह भी बताया था कि उन्होंने तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक के.के. गुप्ता के मौखिक आदेश पर अभ्यर्थियों को पेंसिल से नम्बर दिए थे, ताकि बाद में पसंदीदा अभ्यर्थियों को नम्बर बढ़ाकर ‘उपकृत’ किया जा सके। रिपोर्ट में शासन से आग्रह किया गया है कि संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि अफसरों ने साक्षात्कार में पेंसिल से नम्बर चढ़ाकर लिफाफा सील बंद नहीं किया। इस जांच ने यह साबित कर दिया है कि मायावती के राज में भ्रष्टाचार और अपने लोगों को उपकृत करने का खेल बड़े पैमाने पर खेला गया होगा। जब शिक्षा विभाग में मात्र दो हजार लोगों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में ऐसी धांधली की जा सकती है, तो गत पांच वर्षों में अन्य विभागों में बड़े पैमाने पर हुई नियुक्तियों में तो क्या हाल हुए होंगे इसकी कल्पना ही की जा सकती है। इस व्यवस्था से तंग आकर ही उप्र की जनता ने मायावती को शासन से बेदखल किया है और अब मौजूदा सरकार को काफी संजीदगी से काम करना होगा। यह अवश्य है कि जनता मायावती के कुशासन की वज़ह से सपा के पिछले कार्यकाल के कुछ धूमिल अध्याय भूल गई और उसे फिर सत्ता सौंप देना महज़ इसलिए उचित समझा कि उसे कोई विकल्प नहीं सूझा, लेकिन यह नहीं भूला जाना चाहिए कि सपा ने अपनी पिछली ग़लतियां दोहराईं, तो जनता उसे कभी माफ़ नहीं करेगी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
कुतुबनुमा, डार्क सेंट, alaick, blogging, blogs, dark saint alaik, hindi blog, journalist, kutubnuma, qutubnuma


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 03:13 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.