13-02-2011, 07:44 AM | #51 |
Diligent Member
Join Date: Nov 2010
Location: लखनऊ
Posts: 979
Rep Power: 25 |
Re: कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
__________________
दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो । |
21-02-2011, 05:31 AM | #52 | |
Senior Member
Join Date: Feb 2011
Location: Rudrapur
Posts: 373
Rep Power: 17 |
Re: कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
Quote:
mere विचार में तो सबसे पहला काम जो होना चाहिए वो ये की रद्दी हो चुके इन नेताओं को कबाड़ख़ाने में फेंकना चाहिए. और अफसरशाही को अधिक से अधिक जिम्मेदार बनना चाहिए. महिलाओं की दशा में सुधर भी एक जरूरी चीज़ है. साथ ही नै सोच और युवा शक्ति को बढ़ावा देना, नै-नै तकनीकें अपने दम पर विकशित करना, जाती-पाती और आरक्षण जैसी बुराइयों से बचना और प्रतिभाओं को अधिक से अधिक प्रोत्साहन और मौका देना जरूरी है. सबसे बड़ी बात, खुद कुछ करो, हाथ पर हाथ रख कर बैठने से, दूसरों का मुंह देखते रहने से और फालतू की बयानबाजी करने से कुछ नहीं होने वाला. सिवाय बर्बादी के. |
|
21-02-2011, 06:34 PM | #53 |
Exclusive Member
|
Re: कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
सबसे महत्वपुण बाते है हमे तो कहना है कि सबसे पहले घुसखोरी खतम करना होगा
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
23-02-2011, 07:58 PM | #54 |
Special Member
|
कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
क्या भाई; किसी और के पास कोई और विचार नहीं है???
__________________
Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| |
23-02-2011, 08:01 PM | #55 | |
Special Member
|
कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
Quote:
ये बात तो हम सब हमेशा से कहते आ रहे हैं| कुछ ऐसा बताओ जो हम अपने स्तर पर अपनी हद और जिम्मेदारी से कर सकें|
__________________
Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| |
|
26-02-2011, 08:43 AM | #56 |
Exclusive Member
|
Re: कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
तो यहा से शुरु करे भारत गाँव का देश है इस लिय सबसे पहले गाँव का विकास जरुरी है जैसे गाँव मै अच्छा अस्तर पर पढाइ हो किसान पुरा लाभ मिले इत्यादी
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
27-02-2011, 11:48 AM | #57 |
Special Member
|
कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
इस एक और नई रिपोर्ट पर भी नजर डालो.....
सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत Feb 24, नई दिल्ली। वित्तीय सेवा प्रदाता ग्रुप सिटी का अनुमान है कि भारत 2050 तक चीन एवं अमेरिका को पछाड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सिटी ने एक रपट में कहा है कि चीन को 2020 तक अमेरिका को पछाड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाना चाहिए और उसके बाद 2050 तक वह भारत से पिछड़ जाएगा। सिटी का यह अनुमान क्रय शक्ति समता के आधार पर है। पीपीपी के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था 2050 में लगभग 85,970 अरब डालर हो जाएगी जो 2010 में 3,920 अरब डालर थी। सिटी के अनुमान के अनुसार भारत 2040 तक अमेरिका को पछाड़ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और दस साल बाद उस समय की नंबर एक अर्थव्यवस्था चीन को भी पछाड़ सकता है। इसमें कहा गया है कि 2015 तक भारत जापान को पछाड़ कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
__________________
Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| |
27-02-2011, 04:08 PM | #58 |
Special Member
|
Re: कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
क्या भविष्य बार्ता कि है
__________________
Gaurav kumar Gaurav |
27-02-2011, 04:45 PM | #59 |
Exclusive Member
|
Re: कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
इस विश्व कप से भारत अर्थवस्था अच्छा हो जायेगा
__________________
ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
12-03-2011, 09:36 AM | #60 |
Diligent Member
Join Date: Nov 2010
Location: लखनऊ
Posts: 979
Rep Power: 25 |
Re: कैसे बनेंगे हम महाशक्ति?
शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिसके माध्यम से हम तमाम बुराईयोँ , कुरीतियोँ का समूल नाश करते हुये एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण करते हुये शक्ति के रूप मेँ स्थापित हो सकते है । शिक्षा से ही हमारा चिन्तन जाग्रत होता है , सकारात्मक होता है । शिक्षा हमेँ ऊर्जा प्रदान करती है और एक विजन देती है । जिसके फलस्वरूप व्यक्ति अपना परिष्कार करते हुये राष्ट्र के निर्माण मेँ महती भूमिका अदा करता है ।
अब सवाल यह उठता है कि क्या केवल सरकारी मशीनरी के भरोसे सर्व शिक्षा अभियान के सच को आरोपित किया जाये । जहाँ विश्व बैँक के पैसे की लूट के लिये तमाशा हो रहा है । या फिर बच्चोँ को प्रलोभन देकर स्कूल बुलाने वाली मिड डे मील योजना का नंगा नाच देखा जाये । जहाँ ब्यूरोक्रेट्स , ngo , जनप्रतिनिधि अपनी जेबेँ भरने के लिये अधिक चिन्तित दिखायी दे रहे हैँ । बढ़ते हुये कर्जे और लुटती हुई जनता की गाढ़ी कमाई के लिये यह एक यक्ष प्रश्न हो सकता है । पर एक व्यक्ति के रूप मेँ हमारा भी तो दायित्व बनता है । कुछ बोध हमेँ भी तो होना चाहिये जैसा हमारे सूत्रधार हमसे अपेक्षा कर रहे हैँ कि हम अपने स्तर पर क्या कर सकते हैँ । अर्थदान तो हम सभी नित्यप्रति करने का कोई अवसर नहीँ चूकते । शायद इसके पीछे धर्म या हमारी उदात्त भावनायेँ कार्य करती हैँ या फिर हम अपने पापोँ को पुण्योँ मेँ परिवर्तित करने का शार्टकट समझते होँगे । दीनबन्धु एन्ड्रज मानव धर्म को ही सबसे बड़ा धर्म मानते थे । तो इस अर्थदान के बज़ाए या फिर उसके साथ साथ हम शिक्षा दान क्योँ नहीँ करते । न न ये केवल ngo या समाज सेवी संस्थाओँ का कार्य नहीँ अपितु हर एक शिक्षित व्यक्ति का होना चाहिये । समयाभाव का रोना रोकर शायद हम खुद को झुठलायेँगे क्योँकि चैटिँग के लिये अन्ततः हम समय निकाल ही लेते हैँ । एक दृष्टान्त शेयर करना चाहूँगा । मेरी एक परिचित टीचर ने अपने घरेलू कार्योँ की मदद के लिये एक बेहद गरीब लड़की , जिसका जीवन यापन भिक्षावृत्ति पर चलता था , को रखा और उसको शिक्षा दान से बी . एड . की डिग्री दिलवा दी और आज समाज का वो कूड़ा एक सरकारी स्कूल मेँ स्वयं टीचर के रूप मेँ सैकड़ोँ बच्चोँ को प्रकाशवान कर रही है । नीरज जी ने कहा है कि जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना , अँधेरा धरा पर कहीँ रह न जाये ।
__________________
दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो । |
Bookmarks |
Tags |
corruption, india, politics, super power |
|
|