15-11-2010, 12:59 PM | #51 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
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15-11-2010, 01:11 PM | #52 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
अनुज सिकंदर के बारे में मेरी राय इस प्रकार है.
मजबूत पक्ष १. विवादों से कोसों दूर. २. देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत. ३. सीधी साधी प्रवत्ति. ४. सीमित साधनों के वावजूद भी काफी अच्छे परिणाम देने की क्षमता. ५. फोरम पर अपने से बड़ो को आदर के भाव से देखते हैं एवं बराबर वालों से स्नेह रखते हैं. ६. बहुत ही अच्छी भाषा शैली के मालिक. ७. अनुशाषित सैनिक की तरह चुपचाप अपने कर्तव्यों का निर्वहन. ८. चौपाल के सबसे नियमित सदस्य. कमजोर पक्ष १. चौपाल पर किसी एक सदस्य की वजह से जाने जाना. २. उस सदस्य का इ-मेल आई डी और मोबाईल नंबर भी संभाल कर ना रख पाना.
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15-11-2010, 01:45 PM | #53 | |
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Re: दोस्तोँ की नजर
Quote:
यह सारी बातें सच है में भी इस का समर्थन करता हूँ और हाँ ये भी सच है उस सदस्य का इ-मेल आई डी और मोबाईल नंबर भी संभाल कर ना रख पाना (और उसे ढूढने का कम मुझे सोप दिया है बड़े भाई की आज्ञा का पालन तो करूँगा ही लगा हूँ तीनो लोको में ढूढने )
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तोडना टूटे दिलों का बुरा होता है जिसका कोई नहीं उस का तो खुदा होता है |
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15-11-2010, 01:56 PM | #54 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
अनुज सिकंदर
अपने गुस्से को बखूबी काबू करके संयत शब्दों में ढाल देना आता है बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं, लगन के धुनी व्यक्ति हैं |
15-11-2010, 02:02 PM | #55 | |
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Re: दोस्तोँ की नजर
Quote:
ऐसा कुछ खास goal तो नहीं है.. बस यह है जो भी काम करू अच्छे से करू..उसमे काफी मज़ा आये, लोग जाने, प्रसिद्धि मिले.. समाज और देश के लिए कुछ अच्छा कर सकू....
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
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15-11-2010, 02:12 PM | #56 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
बहुत ही सुलझे हुए, अच्छे, creative aur सीधे सादे और इस फोरम के बहुत ही सजग और सबसे नियमित सदस्य.. फोरम को हिंदी में करने में इन्होने मेरी काफी मदद की, काफी अच्छे अच्छे सुजाव दिए| मोबाइल से भी लोगिन करके बड़े अच्छे अच्छे पोस्ट करते है..
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15-11-2010, 11:08 PM | #57 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
सिकंदर भाई.... सद्गुण... 1. सम्पूर्ण पारिवारिक व्यक्तित्व के स्वामी हैं / २. सभी को आगे बढ़ कर गले लगाने वाले हैं / ३. सकारात्मक सोच के पक्षधर हैं / ४. मित्रता निभाना खूब आता है इन्हें / ५. जिज्ञासु प्रवृत्ति के हैं और लगातार सीखते हुए स्वयं में सुधार करते रहते हैं / अवगुण.... १. ................................... २. ................................. ३. ............................... शेष अवगुण सोच कर लिखूंगा /
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
15-11-2010, 11:33 PM | #58 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
सिकंदर भाई, .. मेरे प्रिय दोस्तों में से एक.
सदगुण: १. जल्दी हर किसी से दोस्ती कर लेना. २. अधिक समय मोबाइल से इंटरनेट इस्तेमाल करना. ३.चतुराई से सभी के सवालों का जवाब देने का कौशल. ४.आशिक मिजाज भी हैं ज़नाब. (मजाक) दुर्गुण: १. जल्दी हर किसी से दोस्ती कर लेना. २. अधिक समय मोबाइल से इंटरनेट इस्तेमाल करना. ३.चतुराई से सभी के सवालों का जवाब देने का कौशल. ४.आशिक मिजाज भी हैं ज़नाब. (मजाक)
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अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो, अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो, अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो, अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो |
16-11-2010, 12:57 AM | #59 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
सिकंदर जी अब आपके जवाब का समय हो चूका है. कृपया पधारें और जवाब दें इन सभी प्रतिक्रियाओं का. धन्यबाद.
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16-11-2010, 05:38 AM | #60 |
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Re: दोस्तोँ की नजर
सिकंदरजी सीधे ,सरल और मित्रता प्रिय इंसान है....लेकिन इनमे एक खराबी है बिना दस्तक दिये सीधे दिल मे घुस जाते है और फिर दिल पर कब्ज़ा करके बैठ जाते है...
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