18-03-2012, 06:19 PM | #61 |
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Re: Jokes in Haryanavi
भाइयो चंडीगढ़ का मामला कई बार उछल लिया हरियाणा इसपे आपना हक़ जताव सै और पंजाब आपना हक़ बताव सै / एक बै न्यू ऐ चंडीगढ़ में फैसला होना था की किसका है यो / सारे पंजाब के भी आगे और हरियाणे के भी ट्रक्टर भर भर कै पहुच गे / एक हमारे गाम सारे बलियाने गाम के भी ट्रक्टर भर कई उडे चले गए / बलियाने तै एक उन मैं काणा भी बैठ लिया ट्रक्टर मैं उसका नाम बलु काणा था / पंचायत होने लाग गी पर फसला होके ऐ न दे / फेर चंडीगढ़ के राज्पाल ने न्यू कही अक भाई सेर और सायरी हो ज्या. जो सब तै बढिया सायरी सुनावेगा चंडीगढ़ उसका / सब तै पहला एक सरदार जी खड़े हुए सायरी सुनावन लाग गे---- भाई फूलों में फूल गुलाब दा और चंडीगढ़ पंजाब दा सब ने बड़ी तारीफ करी वा बही वा एब आया हरियाणे कै नंबर / कोई भी ना उठा किसे नै भी सायरी ना आवे . काणे नै खोली एक आँख . अरे न्यू बोल्या मैं सुनाऊंगा / सब नाटे उस ने पर न माना / न्यू बोल्या - उत्ता मैं उत् बलियाने का अरे चंडीगढ़ हरियाणे का अर तुम ब्या कर दो इब काणे का सब ने ताली बजाई और चंडीगढ़ जीत गए |
18-03-2012, 06:19 PM | #62 |
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Re: Jokes in Haryanavi
भाई जाट जुगाड़ी आदमी हो से / किते न किते तै सारी बाता का जुगाड़ कर लिया करे /
एक बै एक जाट और एक बामण का छोरा एक एक ऊंट ले के जंगल में घुमण जा रे / जाट के छोरे की नकेल टूट गी / ऊंट उसने तंग करण लाग गया / वो बामण के छोरे तै बोल्या भाई यो शरीर के तागा (जनेऊ ) बांद रहा यो मने दे दे / यो ऊंट मने दुखी कर रहा से ./ बामण का बोलूया- न भाई यो जनेऊ तै हमारा धरम से में ना दू / वो दुखी सुखी हो के घरा आगे . आते ही जाट का छोरा आपने बाबु तै बोल्या -- बाबु आज जंगल में इस बामण के ने मेरी गल्या इसा काम करा . एक तागा माँगा था वो भी न दिया . आगे इन तै वयवहार कोन्या राखना / उसका बाबु बोल्या -- अरे इसका बाबु भी इसा ऐ था . तेरी बेबे के ब्याह आले दिन तेरी बेबे बीमार होगी तै मने बामण ताहि न्यू कही के भाई एक बै तू फेरा के उपर आपनी छोरी नै बिठा दे एक घंटे खातर घाल तै मैं आपनी ने दूंगा / पर भाई यो बामण मान्या नही / छोरा बोल्या -- फेर के हुआ बाबु बाबु बोल्या - अरे होना के था फेर एक घंटे खातर तेरी माँ फेरा पे बठानी पड़ी |
18-03-2012, 06:21 PM | #63 |
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Re: Jokes in Haryanavi
old but good एक बै एक चौधरी साहब छोरी देखन चले गए . आपने छोरे खातर . छोरी घनी काली थी . चोधरी साहब के कोना पसंद आई . छोरी का बाबू बोल्या चोधरी साहब छोरी नै पसंद कर जाओ . कार दे देवा दे दहेज़ में . चोधरी साहब बोल्ये -- भाई तू तो कार दे कै डिगा देगा . जै यो खरना म्हारे चला गया तो आगली पीडी में म्हारी छोरी ट्रक दिए पाछे भी न डिगे |
18-03-2012, 06:23 PM | #64 |
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Re: Jokes in Haryanavi
ek be ek daaku ek lugayi te bolya .. Ye tere saare gahane (toom, thekri) manne de de ..
Lugayi : Le chain le Le borla le Le paajeb le Le hansli le Le tewta le Le chudi le Le loong le .. Or haramkhor tu b lugayi ban jya |
18-03-2012, 06:24 PM | #65 |
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Re: Jokes in Haryanavi
भाई एक बै एक जाट का ब्याह ना होवे था . वो गया शिवजी भोले
के मन्दिर मैं और बोला भोले शंकर जै तू मेरा ब्याह करवादे तै मैं तेरे झोटा चडाउंगा . इब कुछ दिन बाद उसका ब्याह हो गया . वो तै आगले ही दिन ले कै पहुँच गया मन्दिर मैं . पर बलि देन खातर कीमे फरसा - कुल्हाडी ल्यानी भूल गया . इब बाँध झोटे नै शिव लिंग कै और फरसा - कुल्हाडी लेने घर चला गया . इब झोटे नै एक भंस दिख गी . झोटा भाज लिया शिव लिंग समेत पाड़ कै . इब आगे आगे झोटा और पाछे पाछे शिव शंकर घिसट ते जान लाग रे . जब झोटा देवी माई के मन्दिर आगे तै गुजरा तो देवी माई बोली -- शिव शंकर जी आज एशि हालत में कैसे . क्या बात हो गई शंकर जी बोल्ये -- अरे देवी माई ताने बामण - बनिए पूजै सै जिस दिन जाटा के फसगी तो न्यू ये घिसड्ती हांडे गी............ |
18-03-2012, 06:25 PM | #66 |
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Re: Jokes in Haryanavi
चुनाव हरिजन की छोरी और उसकी माँ दोनों खेते में घास खोद रही थीं कि ऊपर से खेत का मालिक चौधरी आ गया। देखते ही चौधरी दहाड़ा–‘‘यो कौण बड़ रया सै खेत में बिना पूछे?’’ चौधरी की गरजना से मां–बेटी का खून जमकर बर्फ़ हो गया था। उनकी हालत मेमनों के सामने अचानक शेर आ जाने जैसी हो गई थी। अब चौधरी उनके साथ क्या सलूक करेगा कुछ पता नहीं। किन्तु, चमत्कार! चौधरी मीठी हँसी हँसते हुए बोला–‘‘ही–ही–ही–– फो हरिजन की बहु सै के? कोए–बात ना। अपणे–ए खेत सैं। जब मर्जी आ जाया करो न्यर लेवण।’’ बेटी, गन्ने चूसण नै जी करै तो पाड़ लिए खेत में से– फो की छोरी की तरफ मुड़ते हुए चौधरी ने कहा, ‘‘और अपने बापू को कहिए एक बै मेरे तै आकै मिले’’–यह कहकर चौधरी वहाँ से चला गया। नादान बेटी का समझ में चौधरी के दो चेहरे समण् म्ें नहीं आए अत: जिज्ञासा शान्त करने के लिए उसने अपनी मां से पूछ ही लिया। इस पर मां बोली–बेटी, चौधरी का पहला चेहरा ही असली चेहरा था। किन्तु ज्योंही उसे याद आया कि गांव में सरपंची के चुनाव होने वाले हैं उसने तुरंत नम्रता और अपनेपन का नकली चेहरा ओढ़ लिया। ये सब चुनावों का कमाल है, बेटी। यह कहकर मां ने गहरी सांस खींचकर बाहर छोड़ी और दोबारा ास खोदने लग पड़ी। नादान बेटी अब भी कुछ नहीं समझ पाई थी। |
18-03-2012, 06:27 PM | #67 |
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Re: Jokes in Haryanavi
एक बै जाट और तेली नै आहमी-साहमी (आमने-सामने) दुकान खोल ली - जाट नै गुड़ की अर तेली नै तेल की ।
एक दिन दोफाहरे ताहीं उनकी किस्सै की बिक्री ना हुई, तै दोनूंआं नै यो फैसला करया अक बारी-बारी एक दूसरे की दुकान पै जा-कै एक दूसरे की बोहणी करवा देवैंगे । तै पहल्यां तेली गया जाट की दुकान पै, अर बोल्या - "भाई, एक बोतल गुड़ दिये" । जाट बोल्या - "अरै बावळी-बूच, गुड़ बोतल के हिसाब तैं नहीं, किलो के हिसाब तैं मिल्या करै - जा फिर दुबारा आ ।" तो तेली फिर आया और बोल्या - "भाई, एक किलो गुड़ दिये बोतल में" । जाट फिर बोल्या - "ना भाई, तेरै तै कोनी समझ आई, तू न्यूं कर अक तू बैठ मेरी दुकान पै - अर मैं गुड़ लेण आऊंगा" । तेली जाट की दुकान पै बैठ-ग्या अर जाट आया गाहक बन कै । जाट बोल्या - भाई, एक किलो गुड़ दिये । तेली सुनते ही बोल्या - "बोतल ल्याया सै" ? |
22-03-2012, 12:30 PM | #68 |
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Re: Jokes in Haryanavi
चुटकुले बेहद अच्छे है पर भाषा अपने पल्ले से बाहर है
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
22-03-2012, 05:03 PM | #69 |
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Re: Jokes in Haryanavi
Mujhe Haryanavi aati hai thodi modi. chutuke kaafi acche hain..
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
22-03-2012, 08:37 PM | #70 |
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Re: Jokes in Haryanavi
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