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Old 17-07-2014, 02:39 PM   #691
VARSHNEY.009
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हृदय रोग:
अदरक का रस तथा शहद, दोनों को मिलाकर नित्य उंगली से धीरे-धीरे चाटें। दोनों की मात्रा आधा-आधा चम्मच होनी चाहिए। इससे हृदय रोग में लाभ मिलता है।
अदरक का रस और पानी सममात्रा में मिलाकर सेवन करने से हृदय रोग मिटता है।
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Old 17-07-2014, 02:39 PM   #692
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मस्सा और तिल:
अदरक के एक छोटे से टुकड़े को काटकर छील लें और उसकी नोक बना लें। फिर मस्से पर थोड़ा सा चूना लगाकर अदरक की नोक से धीरे-धीरे घिसने से मस्सा बिना किसी आप्रेशन के कट जायेगा और त्वचा पर कोई निशान भी नहीं पडे़गा। बस शुरू में थोड़ी सी सूजन आयेगी।
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Old 17-07-2014, 02:40 PM   #693
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सिर का दर्द:
अदरक के रस और दूध को बराबर मात्रा में मिलाकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
अदरक का रस, गुड़, सेंधानमक और पीपल को एक साथ घिस लें और पानी के साथ सूंघने से सिर की सभी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
गर्मी के कारण होने वाले सिर के दर्द में अदरक के रस की बूंदें नाक में डालने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
अदरक को गाय के दूध या मां के दूध में पीसकर माथे पर लेप की तरह से लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
दूध में सोंठ का काढ़ा मिलाकर, सूंघने से विभिन्न प्रकार के दोशों से उत्पन्न तेज सिर दर्द खत्म हो जाता है।
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Old 17-07-2014, 02:40 PM   #694
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सफेद दाग:
30 मिलीलीटर अदरक का रस और 15 ग्राम बावची को एक साथ मिलाकर और भिगोकर रख दें। जब अदरक का रस और बावची दोनों सूख जायें तो इन दोनों के बराबर लगभग 45 ग्राम चीनी को मिलाकर पीस लें। अब इसकी एक चम्मच की फंकी को ठंडे पानी से रोजाना 1 बार खाना खाने के एक घंटे के बाद लें।
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Old 17-07-2014, 02:41 PM   #695
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श्लेष्म पित्त:
अदरक और परवल के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से श्लेष्म के कारण होने वाला पित्त ठीक हो जाता है।
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Old 17-07-2014, 02:41 PM   #696
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आवाज का बैठ जाना:
अदरक के अंदर छेद करके उसमें लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग हींग भरके कपड़े में लपेटकर सेंक लें। फिर मटर के दाने के बराबर गोली बना लें। इस गोली को दिन में 1-1 करके 8 बार तक चूसें। यह स्वर-भंग (आवाज खराब होना) में लाभकारी है। अदरक का रस शहद में मिलाकर चाटने से भी बैठा हुआ गला खुल जाता है।
आधा चम्मच अदरक का रस को चौथाई कप गर्म पानी में मिलाकर आधे-आधे घंटे में चार बार पीने से सर्दी के कारण या खट्टी चीजों के खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। अदरक के रस को गले में कुछ समय तक रोकना चाहिए यानी कि रस को कुछ समय तक निगलना नहीं चाहिए। इससे गला साफ हो जाता है।
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Old 17-07-2014, 02:41 PM   #697
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गले के रोग में:
गर्म पानी में अदरक का रस मिलाकर 21 बार गरारे करने से बैठी हुई आवाज ठीक हो जाती हैं।
अदरक के अंदर छेद करके उसमें हींग भर दें, उसमें ऊपर से पान का पत्ता लपेटकर मिट्टी लगा दें, फिर उपलों (ये गाय-भैंस के गोबर के बने होते हैं) की आग में तब तक गर्म करें, जब तक कि मिट्टी का रंग लाल न हो जाये। फिर ठंडा होने पर अदरक को पीसकर चने के बराबर की गोलियां बनाकर चूसने से बैठा हुआ गला खुल जाता है।
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से गले की घरघराहट (आवाज में खराबी) दूर हो जाती है।
अदरक के अंदर छेद करके उसमें थोड़ी सी हींग और नमक भरकर उस अदरक को कपड़े में लपेटकर उसके ऊपर मिट्टी लगा दें और आग में रख दें। जब अदरक पक जाये और खुशबू आने लगे तब आग से निकालकर कपड़े को उतारकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में अदरक को खाने से गला खुल जायेगा और आवाज भी साफ हो जायेगी
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Old 21-08-2014, 01:15 PM   #698
dkmandal
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Mujhe kidney stone ka desi dvai btaiye
Apki ati kripya hogi
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Old 04-09-2014, 10:32 AM   #699
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गुर्दे की पथरी

Kidney's stone
परिचय :
गुर्दे की पथरी भी पित्ताशय (वह स्थान जहां पित्त एकत्रित होती है) की पथरी के तरह बनती है। जब कभी गुर्दे में कैल्शियम, फास्फेट व कार्बोनेट आदि तत्त्व इकट्ठा हो जाते हैं तो वह धीरे-धीरे पथरी का रूप धारण कर लेती है। जब तक शरीर के सभी गंदे तत्त्व मूत्र के साथ सामान्य रूप से निकलते रहते हैं तब तक सब कुछ ठीक रहता है लेकिन जब किसी कारण से मूत्र के साथ ये सभी तत्व नहीं निकलने पाते हैं तो ये सभी तत्व गुर्दे में एकत्रित होकर पथरी का निर्माण करने लगते हैं। गुर्दे की पथरी बनने पर पेशाब करते समय तेज जलन व दर्द होता है।
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Old 04-09-2014, 01:36 PM   #700
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कारण :
जो स्त्री-पुरुष खान-पान में सावधानी नहीं रखते हैं उन्हें यह रोग होता है। अधिक खट्ठे-मीठे, तेल के पदार्थ, गर्म मिर्च-मसाले आदि खाने के कारण गुर्दे की पथरी बनती है। जो लोग इस तरह के खान पान हमेशा करते हैं उनके गुर्दो में क्षारीय तत्त्व बढ़ जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। कभी-कभी मौसम के विरुद्ध आहार खा लेने से भी गुर्दे की पथरी बन जाती है। शुरू में यह पथरी छोटी होती है और बाद में धीरे-धीरे बड़ी हो जाती है।
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