25-04-2012, 04:25 PM | #81 |
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Re: Jokes in Haryanavi
रलदू ------ भाई कितने दे दयूं | भामण ---( न्यू सोच के अक राजी होके घणे देवेगा )--- भाई जितनी सुथरी तेरी घर आली स उससे हिसाब तें दे-दे | रलदू ----- ते ये ले १० रपिये फेर भाई | ( इतने में रलदू की घर आली का बाल में ओल्हा हट जा स अर भामन देख ले स अक लुगाई ते कसुती भुंडी अर काली स ) भामण --- ओ भाई रलदू तेरे बाकी के पिस्से ले जा | बियाह =vivah ,भामण=brahmin . नेग -जोग mehnatana ,ओल्हा=ghunghat ,कसुती भुंडी अर काली स bilkul badsurat hai Last edited by sombirnaamdev; 26-04-2012 at 08:38 PM. |
26-04-2012, 08:35 PM | #82 |
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Re: Jokes in Haryanavi
रलदू ने ऍफ़ एम् पे कॉल करी.......
रलदू: मन्ने एक बटुआ पाया सै, जिस्मै घने इ रपिये अर्र दो क्रेडिट कार्ड सें, अर्र इस्पे पता लिख राख्या सै रामफल का. होस्ट: तो आप रामफल को उसका पर्स वापिस करना चाहते हैं..... अच्छी बात है रलदू जी... रलदू: हा हा हा हा हा बावला हो रया सै के... मैं तो उसनै एक सैड सोंग डेडीकेट करना चाहूँ सूं |
03-05-2012, 07:55 PM | #83 |
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Re: Jokes in Haryanavi
जे याहे बात है तो भाई एक मेरी बी सुनलो
एक बार एक जाट के पड़ोस मैं किसे ने अपने माकन का मुहूर्त करया, तो उसने जाट के घरण नुन्दा भेज दिया | इब जाट ने टेम कोणी था जान का , उनसे अपने छोटे छोरे ने भेज दिया अक जा तू जीम आ, ओडे सारे मकान की बड़ाई करण लग रे थे जाट के ने सोची तन्ने कुछ कहना पड़ेगा | वो मकान मालिक के धोरे जा के नु बोल्या अक इस मकान का बारना कटी भिड़ा सा ला दिया भाई थमने | जे थारे कोई मरगया तो अर्थी बहार क्यू कर काडोगे, तो सारे या ने वो उड़े भगा दिया अक मेरे सुसरे ने बोलन का भी न बेरा जा तेरे बाबु ने भेज दे |थोड़ी हाँ पाछे जाट उड़े गया तो साडी बात बुझ के बारने कानी देख के वो बोल्या , भाइयो थम सही कहो सो मेरे छोरे ने बोलन का कती न बेरा .इस बारने में को तो चाहे दो दो अर्थी कठी काढ ल्यो |
31-05-2012, 10:49 PM | #84 |
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Re: Jokes in Haryanavi
एक बार एक बिल्कुल काला भुसन्ड गाडिया लुहार और उसके
जैसी ही उसकी लुहारी दोनुं को ही शहर जाणा था ! और भाई कोइ मेलै ठैलै की वजह से उनको बस मै जगह मिली कोनी ! बस अड्डे से बाहर निकल के दोनुं रेल्वे टेसन पर पहुन्चगे ! और लुहार नै दो टिकट ले के लुहारी को पकडा दिये ! लुहारी नै टिकट लेकै अपनै कुरते की गोज (जेब) मे रख लिये ! और टेसन पर दोनुं रेल आण का इन्तजार करण लाग गे ! थोडी देर बाद ट्रेन आगयी ! और भई रेल के डिब्बे मे हो राखी थी घणी ठाडी भीड ! फ़िर भी किसी तरियों दोनुं लुहार और उसकी लुहारी धक्कमपेल करकै नै डिब्बे मै चढ तो लिये पर लुहार चढा एक दरवाजे से और उसकी लुहारी अटक गयी दुसरे दरवाजे मे ! थोडी देर बाद दोनुआं नै अलग अलग और एक दुसरे से थोडी दूर दूर सीट मिल गई और दोनुं न्यारे न्यारे बैठ गये ! थोडी देर बाद मै टिकट चेकर आ गया ! लुहारी नै उसकॊ दोनुं टिकट दिखा दिये ! इब टिकट चेकर लुहारी तैं बोल्या -- दुसरी सवारी कुण सी सै ? उसकी शक्ल दिखा ! इब लुहारी नै जोर सै रुक्का मारया और बोली-- ओ लुहार ! जरा खडा होके नै अपनी शक्ल दिखा दिईये ! तन्नै देखण आले आ रहे सैं ! |
31-05-2012, 10:51 PM | #85 |
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Re: Jokes in Haryanavi
एक बै बेद अपनी सुसराड गया! सुसराड मै बटेऊ खास हो ए सै, तै उसकी सासु उस खातर दूध ल्याई खास शीशे के गिलास मै (खास न्यु अक पह्ल्या शीशे के गिलास खास लोगा ताहि बरते जाया करते), कती कान्या ताहि भर कै नै! बेद नै शीशे का गिलास कदे देख्या ना था तो देख के सासु तै बोल्या: "दूध नै क्याहे मै घाल तै ले हे, इसकी घिट्टी पकडे ल्याण लाग री सै!"
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22-06-2012, 06:18 PM | #86 |
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Re: Jokes in Haryanavi
एक बै एक बटेऊ ससुराल गया । पहले ससुराल में साग-सब्जी, बूरा आदि में जब तक घी की धार डालते रहते थे जब तक कि मेहमान हाथ आगे कर के "बस, बस" कर के रोकता नहीं था । जब सास बूरा में घी डाल रही थी, तो बटेऊ परे-नै मुंह कर-कै बैठ-ग्या - कदे "बस-बस" ना करना पड़ जावै ।
पर सासू भी कम चालाक नहीं थी । वो उसका मुंह वापस घी-बूरा की तरफ घुमा कर उसको दिखाती हुई बोली - "रै देख, बटेऊ जितणा तै दिया सै घाल, अर पहलवानी करणी सै तै आपणै घरां जा करिये" !! |
25-06-2012, 07:40 PM | #87 |
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Re: Jokes in Haryanavi
जाट ने बनिया से उधार ले रखा था । काफी समय हो गया, बनिया ने दबाव देना शुरु किया । जाट ने कह दिया कि कल मेरे घर आ कर पूरा पैसा ब्याज समेत ले जाना ।
बनिया खुश हो कर अगले दिन सुबह जा पहुंचा जाट के घर । जाट ने सेठ को घर के अन्दर बुला लिया और बाहर खिड़की से किसी को इशारा किया । पहले ही ढ़ोल बजाने वाले बुला रखे थे, वे इशारा पाते ही ढोल बजाने लगे और जाट ने सेठ की पिटाई शुरू कर दी । पिट-पिटा कर सेठ ने कहा - "चौधरी साहब, मेरे पैसे समझो कि आ गए, पर मेरी पिटाई की बात किसी को मत बताना, नहीं तो मेरी बेइज्जती हो ज्यागी ।" जाट मान गया । कुछ दिन बाद जाट के पड़ौसे में किसी की शादी थी और ढोल बज रहे थे । बनिया के लड़के ने पूछा - बापू, किसका ब्याह सै " बनिया बोल्या - बेटा, किस्सै का ब्याह कोनी, कोई बनिया पिटता होगा !! |
08-01-2013, 07:56 PM | #88 |
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Re: Jokes in Haryanavi
एक जाट की भैंस गुम हो गई. अपने छोरे नै साथ लेकै जाट नै आसपास हर तरफ ढूंढ ली पर भाई भैंस ना मिली.
थक हार कै दोनों बापू बेटे रास्ते में आए हनुमान मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से हनुमान जी से बोला के हनुमान जी जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका. उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा. थोड़ी आगे चले तो देवी मंदिर आग्या. दोनों देवीमंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से देवी भगवती से बोला के दुर्गा माता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा. थोड़ी और आगे चले तो भैंरों मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से भैंरों बाबा से बोला के हे बाबा जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा. थोड़ी और आगे चले तो ग्रामदेवता का मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से बोला के हे ग्राम देवता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा. यह सुनते ही उसके साथ खड़ा जाट का छोरा बोल्या बापू तनै तो चारों थन देवी देवताऒं में बांट दिये अब अगर भैंस मिल भी गई तो क्या फायदा ? हम कौन से थन का दूध पीवेंगें ? जाट बोल्या रै छोरे मैं जाट सूं तनै के समझ राख्या.. एक बार बस भैंस मिल जाण दे इन देवी-देवताऒं नै तो मैं आप देख ल्यूंगा |
13-01-2013, 08:47 AM | #89 |
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Re: Jokes in Haryanavi
रामफल एक ब खारकी झोटी ले आया ! पर या घने माणसा आगे दूध कोन्या दियाकरती ! रामफल का गेर था च्यानिया (samshanghat) धोरे सी ! सांझ न जब रामफल धार काढन लाग्य तो उस टेम घने माणस अर्थी ले क ओडे क आ गे ! इतने माणस देख क म्हैंस लात मारगी ! रामफल न सोच्या अक कोई ना काल दो खड़ का काड लूँगा ! आगले दिन इसा सुत बैठ्या अक धारा के टेम पैर लोग अर्थी ले क आगे अर् म्हैंस फेर कुदगी ! छो त कसूता उठया रामफल क पर कुकर ए डाट ग्या आपने आपे न ! जब तीसरे दिन फेर धार काढन लाग्या तो फेर एक अर्थी जाण लाग गी ओडे क ! ईब नहीं डत्या ग्या अर् सीधा अर्थी क गेल गेल हो लिया अर् बोल्या -'' अरर ए ! एक बात बताओ , थाम मेरी भैंस न कुदान खातर यो ताज़ा मार क लाये सो अक परसु आले न ठाये हांडओ सो ?
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13-01-2013, 08:48 AM | #90 |
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Re: Jokes in Haryanavi
एक बै एक लुगाई छः-सात बाळकां नै ले कै बस में चढ़-ग्यी । सारी सवारी उस कान्नी लखावण लाग्गी ।
लुगाई सकपका कै बोल्ली - सारे मेरे कोनी, चार पड़ौसियां के भी सैं !!! |
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