06-10-2013, 12:22 PM | #81 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
धन उत्तम कर्मों से उत्पन्न होता है, प्रगल्भता (साहस, योग्यता व दृढ़ निश्चय) से बढ़ता है, चतुराई से फलता फूलता है और संयम से सुरक्षित होता है। - विदुर |
07-10-2013, 10:13 PM | #82 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
सलाह देना
कभी भीड़ में किसी को सलाह मत दो. (अरबी कहावत) ** बगैर मांगे कभी किसी को सलाह मत दो. (जर्मन कहावत) ** कभी किसी को युद्ध में जाने की या शादी करने की सलाह मत दो. (स्पेनिश कहावत) |
07-10-2013, 10:15 PM | #83 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
संभव और असंभव का अंतर किसी व्यक्ति के दृढ निश्चय में छिपा होता है. टौमी लासोर्दा बेसबाल खिलाड़ी |
20-11-2013, 01:23 PM | #84 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
प्रत्येक व्यक्ति की अच्छाई हीप्रजातंत्रीय शासन की सफलता का मूल सिद्धांत है।
—राजगोपालाचारी अपने अनुभव का साहित्य किसी दर्शनके साथ नहीं चलता, वह अपना दर्शन पैदा करता है। —कमलेश्वर मैं ने कोई विज्ञापन ऐसा नहीं देखाजिसमें पुरुष स्त्री से कह रहा हो कि यह साड़ी या स्नो खरीद ले।अपनी चीज़ वह खुद पसंद करती है मगर पुरुष की सिगरेट से लेकर टायरतक में वह दखल देती है। —हरिशंकर परसाई 'शि' का अर्थ है पापों कानाश करने वाला और 'व' कहते हैं मुक्ति देने वाले को। भोलेनाथ मेंये दोनों गुण हैं इसलिए वे शिव कहलाते हैं। —ब्रह्मवैवर्त पुराण काम की समाप्ति संतोषप्रद हो तो परिश्रम की थकान याद नहीं रहती। —कालिदास |
20-11-2013, 01:27 PM | #85 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
नारी की करुणा अंतरजगत का उच्चतमविकास है, जिसके बल पर समस्त सदाचार ठहरे हुए हैं।
—जयशंकर प्रसाद चंद्रमा, हिमालय पर्वत, केले केवृक्ष और चंदन शीतल माने गए हैं, पर इनमें से कुछ भी इतना शीतलनहीं जितना मनुष्य का तृष्णा रहित चित्त। —वशिष्ठ इस संसार में प्यार करने लायक दोवस्तुएँ हैं-एक दुख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहींहोता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता। —आचार्य श्रीराम शर्मा |
20-11-2013, 01:35 PM | #86 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिकऔर मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारासौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजयप्राप्त करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकारहै वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है।
-प्रेमचंद आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घरकी याद आती है। --प्रेमचंद किताबें समय के महासागर में जलदीप की तरहरास्ता दिखाती हैं। -- अज्ञात देश कभी चोर उचक्कों कीकरतूतों से बरबाद नहीं होता बल्कि शरीफ़ लोगों की कायरता औरनिकम्मेपन से होता है। --शिव खेड़ा बीस वर्ष की आयु में व्यक्ति का जोचेहरा रहता है, वह प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का चेहराजिंदगी के उतार-चढ़ाव की देन है लेकिन पचास वर्ष की आयु का चेहराव्यक्ति की अपनी कमाई है। --अष्टावक्र यह सच है कि पानी में तैरनेवाले हीडूबते हैं, किनारे पर खड़े रहनेवाले नहीं, मगरकिनारे पर खड़े रहनेवाले कभी तैरनाभी नहीं सीख पाते। -- वल्लभभाई पटेल |
20-11-2013, 01:39 PM | #87 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
राष्ट्र की एकता को अगर बनाकर रखाजा सकता है तो उसका माध्यम हिंदी ही हो सकती है।
- सुब्रह्मण्यमभारती मानव हृदय में घृणा, लोभ और द्वेषवह विषैली घास हैं जो प्रेम रूपी पौधे को नष्ट कर देती है। -सत्य साईं बाबा बिखरना विनाश का पथ है तो सिमटनानिर्माण का। --कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर सज्जन पुरुष बादलों के समान देनेके लिए ही कोई वस्तु ग्रहण करते हैं। --कालिदास |
20-11-2013, 01:41 PM | #88 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
दुख को दूर करने की एक ही अमोघओषधि है- मन से दुखों की चिंता न करना।
-- वेदव्यास बिना ग्रंथ के ईश्वर मौन है, न्यायनिद्रित है, विज्ञान स्तब्ध है और सभी वस्तुएँ पूर्ण अंधकार मेंहैं। -- अज्ञात पराजय से सत्याग्रही को निराशानहीं होती बल्कि कार्यक्षमता और लगन बढ़ती है। --महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम भारतीयशिक्षा में सबसे बड़ा विघ्न है। सभ्य संसार के किसी भी जनसमुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।" -- महामना मदनमोहन मालवीय हँसमुख व्यक्ति वह फुहार है जिसकेछींटे सबके मन को ठंडा करते हैं। --अज्ञात |
20-11-2013, 01:44 PM | #89 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
मुट्ठी भर संकल्पवान लोग जिनकीअपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा को बदल सकते हैं।
--महात्मा गांधी रामायण समस्त मनुष्य जाति कोअनिर्वचनीय सुख और शांति पहुँचाने का साधन है। --मदनमोहन मालवीय वही पुत्र हैं जो पितृ-भक्त है, वहीपिता हैं जो ठीक से पालन करता हैं, वही मित्र है जिस पर विश्वासकिया जा सके और वही देश है जहाँ जीविका हो। -चाणक्य हिंदी ही हिंदुस्तान को एक सूत्रमें पिरो सकती है। हर महीने कम से कम एक हिन्दी पुस्तक ख़रीदें!मैं और आप नहीं तो क्या विदेशी लोग हिन्दी लेखकों को प्रोत्साहनदेंगे? --शास्त्री फ़िलिप यह सच है कि कवि सौंदर्य को देखताहै। जो केवल बाहरी सौंदर्य को देखता है वह कवि है, पर जो मनुष्यके मन के सौंदर्य का वर्णन करता है वह महाकवि है। --रामनरेश त्रिपाठी |
20-11-2013, 01:46 PM | #90 |
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Re: प्रसिद्ध व्यक्तियों के सुभाषित बोल
फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं। परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है।
- तुलसीदास प्रकृति, समय और धैर्य ये तीन हर दर्द की दवा हैं। - अज्ञात कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ गुण हैं। जो साहस के साथ उनका सामना करते हैं, वे विजयी होते हैं। - लोकमान्य तिलक कविता गाकर रिझाने के लिए नहीं समझ कर खो जाने के लिए है। - रामधारी सिंह दिनकर विद्वत्ता अच्छे दिनों में आभूषण, विपत्ति में सहायक और बुढ़ापे में संचित धन है। - हितोपदेश |
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