16-10-2014, 08:19 PM | #901 |
Member
Join Date: May 2014
Location: Mumbai
Posts: 225
Rep Power: 17 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
|
16-10-2014, 08:40 PM | #902 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
हाले-दिल यार को लिखूं क्योंकर हाथ दिल से जुदा नहीं होता (हकीम मोमिन खां 'मोमिन')
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
|
16-10-2014, 08:47 PM | #903 | |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
निदा फ़ाज़ली
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
|
16-10-2014, 09:24 PM | #904 | |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
तुम्हारी तहज़ीब अपने ख़ंजर से आप ही खुदकशी करेगी, जो शाख़े नाजुक पै आशियाना बनेगा, ना पाएदार होगा......... (इक़बाल)
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
|
18-10-2014, 06:26 AM | #905 | |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
गए लम्हों की इक ज़ंजीर या रब मिरे शाम ओ सहर बांधे हुए है मनीष शुक्ल
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
|
18-10-2014, 04:09 PM | #906 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
नज़र नज़र में हंसीं ख्वाब थे उभरते हुए (तुफैल चतुर्वेदी)
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
|
18-10-2014, 04:52 PM | #907 | |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
एक पल का एहसास बनकर आते हो तुम, दूसरे ही पल ख्वाब बनकर उड़ जाते हो तुम, जानते हो कि लगता है डर तन्हाई से, फिर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो तुम........
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
|
18-10-2014, 05:20 PM | #908 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
सब तदबीरें मात हुई हैं तजवीजें बेकार चप्पू हाथ से छूट चुके हैं टूट चुकी पतवार ऐसे वक़्त में अपनी टूटी नाव फंसी मंझधार बेड़ा कौन लगाये पार? बेड़ा कौन लगाये पार? (जगन्नाथ 'आज़ाद') पैकार=उथल-पुथल
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
|
18-10-2014, 05:48 PM | #909 | |
Exclusive Member
Join Date: Jul 2013
Location: Pune (Maharashtra)
Posts: 9,467
Rep Power: 117 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
रिन्दों के दम से आतिश-ए-मै के बग़ैर भी, है मैकदे में आग बराबर लगी हुई. रिंद = शराबी, आतिश-ए-मै = शराब की आग (इच्छा), मैकदा = शराबखाना, (फैज़ अहमद फैज़) __________________________
__________________
*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: .........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :......... Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
|
18-10-2014, 09:19 PM | #910 | |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: अन्ताक्षरी खेले याददास्त बढायें...........
Quote:
इस अँधेरे में तो ठोकर ही उजाला देगी रात जंगल में कोई शमअ जलाने से रही फासला चाँद बना देता है हर पत्थर को दूर की रौशनी नज़दीक तो आने से रही निदा फ़ाज़ली
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
|
Bookmarks |
Tags |
अन्ताक्षरी, कविता, गजल, गीत, शायरी, शेर, antakshari |
|
|