16-09-2012, 03:15 PM | #981 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
लंदन। वैज्ञानिकों ने अल्ट्रावायलेट प्रकाश फेंकने वाली बिजली की एक ‘बंदूक’ का विकास किया है जिससे विटिलिगो या त्वचा पर सफेद दाग होने की बीमारी का इलाज हो सकेगा। डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार नौटिंघम यूनिवर्सिटी में इस बंदूक का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है। इस परीक्षण में 21 मरीज हिस्सा ले रहे हैं। रोगी चार महीनों तक अपने घर में सक्रिय या नकली बंदूक का उपयोग करेंगे।
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16-09-2012, 03:16 PM | #982 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
चोरी होने पर ‘अदृश्य’ कपड़ा बजाएगा अलार्म
बर्लिन। शोधकर्ताओं ने चोरी रोकने वाली एक नए प्रकार की बेहद सस्ती प्रणाली विकसित की है जो एक बुने हुए कपड़े पर आधारित है। यह कपड़ा घुसपैठियों के प्रवेश पर अलार्म बजा देता है और जबरन घुसने के नियत स्थान की ओर संकेत कर देता है। इस कपड़े को पूरी इमारत की सुरक्षा के लिए ‘अदृश्य’ साधन कहा जा सकता है। यह कपड़ा देखने में आम कपड़े जैसे लगता है लेकिन इसके धागे एक माइक्रो कंट्रोलर से जुडे होते हैं जो कपड़े के फटने पर बजे अलार्म के संकेत की पहचान कर लेता है। इस कपड़े का विकास बर्लिन में फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट फॉर रिलायबिलिटी एंड माइक्रोइंटिग्रेशन आईजेडएम ने दो अन्य संस्थानों के साथ मिलकर किया है।
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16-09-2012, 03:16 PM | #983 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
सेहत के लिए अच्छा है थोड़ा तनाव : अध्ययन
लंदन। अक्सर कहा जाता है कि तनाव लेना सेहत के लिए बुरा होता है, लेकिन अध्ययनकर्ताओं का दावा है कि थोड़ा तनाव लेने से आपको संक्रमण से उबरने और जख्मों को भरने में मदद मिलती है। थोड़ा तनाव लेने से आपको सर्जरी से उबरने में भी काफी मदद मिलती है। यह अध्ययन स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया। उन्होंने कहा कि सर्जरी करवाने या किसी अन्य टीकाकरण के लिए जाने वाले व्यक्ति को तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के इंजेक्शन देना फायदेमंद हो सकता है। इससे व्यक्ति के प्रतिरोधी तंत्र को सक्रिय होने में मदद मिलती है। इस अध्ययन से पता चलता है कि किस तरह से एक व्यक्ति में मौजूद तनाव उसके प्रतिरोधी तंत्र को बेहतर कर सकता है। डेली मेल की खबर के अनुसार, शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन चूहों पर किया। उन्होंने पाया कि जब दिमाग अपने शरीर के लिए किसी तरह का खतरा महसूस करता है तो तीन विभिन्न किस्म के हार्मोनों का स्राव होता है। चूहों को इस खतरे का आभास होते ही उनके दिमाग ने फौरन इन हार्मोनों के एक निश्चित क्रम में स्राव को निर्देशित किया। इनमें से प्रत्येक हार्मोन का बीमारियों से लड़ने वाले प्रतिरोधी तंत्र को सक्रिय करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। नोरेपिनेफराइन नामक हार्मोन रक्त में कोशिकाओं को गतिमान बनाता है, वहीं एपीनेफराइन इन्हें त्वचा की ओर भेजता है ताकि वे चोट की स्थिति में सुरक्षा कर सकें। प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर फिरदौस ढाबर ने कहा कि आप अपने प्रतिरोधी तंत्र को हर समय सावधान नहीं रख सकते। लेकिन सबूत दर्शाते हैं कि खुद को थोड़े से समय के लिए तनाव में रखकर टीकाकरण या सर्जरी के दौरान प्रतिरक्षात्मक कवच सक्रिय किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह तनाव कुछ मिनटों या घंटों का ही होना चाहिए।
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16-09-2012, 03:30 PM | #984 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
विवाह पूर्व संदेह के कारण तलाक की दर अधिक : अध्ययन
लास एंजेलिस। एक नये अध्ययन के अनुसार जिन महिलाओं को विवाह पूर्व संदेह रहते हैं उनकी तलाक की आशंका भी अधिक होती है तथा उन्हें कम वैवाहिक सुख मिलता है। कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं ने विवाह पूर्व अनिश्चितता के कारण उच्च तलाक दर और कम वैवाहिक संतोष का पूर्वानुमान व्यक्त किया जा सकता है। यह बात महिलाओं में खासतौर पर पायी जाती है। अध्ययन के मुख्य लेखक जस्टिन लावनर ने कहा, ‘‘लोगों का सोचना है कि हर किसी में विवाह पूर्व संदेह होते हैं और इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि वे आम हैं लेकिन मामूली नहीं। जिन नवविवाहिता पत्नियों में शादी पूर्व संदेह होते हैं उनकी विवाह के चार साल बाद तलाक की आशंका संदेह नहीं होने वाली महिलाओं की तुलना में ढाई गुना ज्यादा होती है।’’
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16-09-2012, 03:30 PM | #985 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
भोजन के इतिहास में फ्रिज को माना गया सबसे महत्वपूर्ण खोज
लंदन। खाने और पीने के सामान को कई दिन तक इस्तेमाल के लायक बनाए रखने वाले रेफ्रिजेरेटर को इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण अभिनव खोजों की सूची में पहले स्थान पर रखा गया है। डेली मेल ने खबर दी है कि वसामुक्त दूध और टिन केन को दूसरा स्थान मिला है जबकि खाना बनाने से जुड़े बर्तन, चाकू और चम्मन जैसे उपकरण क्रमश: 14वें, 15वें और 16वें स्थान पर आए हैं। रॉयल सोसायटी के 45 शीर्ष वैज्ञानिकों के एक दल ने 20 अभिनव खोजों की सूची तैयार की और उपलब्धता, उत्पादकता, सौंदर्यबौध तथा स्वास्थ्य के आधार पर उनकी रैकिंग तय की। रॉयल सोसायटी के कोषाध्यक्ष सर पीटर विलियम की अगुवाई में रॉयल सोसायटी फेलो के एक समूह ने तय किया कि तीन शीर्ष खोजों में दो ब्रिटेन में हुई। कृत्रिम प्रशीतन सबसे पहले 1748 में ग्लासगो में दिखाया गया। एक ब्रिटिश व्यापारी ने 1810 में टिन केन का पेटेंट कराया। हालांकि दूध के वसामुक्त रूप को पहले पहल 1862 में फ्रांस में देखा गया। रॉयल सोसायटी ने कहा, ‘‘प्रशीतन ने लाखों लोगों के आहार में सुधार लाने में किसी भी अभिनव खोज से अधिक बड़ी भूमिका निभाई।’’ 20 खाद्य एवं पेय अभिनव खोजों की सूची में हल, खमीर उठाना, मछली पकड़ने के जाल, फसल चक्रीकरण, बर्तन, चाकू, कोर्क, बर्तन, माइक्रोवेव, ओवन आदि भी शामिल हैं।
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16-09-2012, 03:31 PM | #986 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
रजोनिवृत्ति के बाद मधुमेह पीड़ित महिलाओं में स्तन कैंसर की आशंका
लंदन। एक नये अध्ययन के अनुसार रजोनिवृत्ति के बाद टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में स्तन कैंसर विकसित होने का जोखिम ज्यादा रहता है। बीबीसी न्यूज की खबर के अनुसार ब्रिटिश जर्नल आफ कैंसर में प्रकाशित लेख में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने यह पता करने के लिए 40 विभिन्न अध्ययनों की समीक्षा की कि क्या स्तन कैंसर और मधुमेह में कोई सीधा संबंध है। इस अध्ययन में स्तन कैंसर से पीड़त 56 हजार से अधिक महिलाओं के मामलों पर गौर किया गया। इसमें पाया गया कि टाइप 2 मधुमेह से ग्रसित रजो निवृत्ति पश्चात महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम 27 प्रतिशत अधिक होता है। बहरहाल, रजो निवृत्ति के पश्चात महिलाओं और टाइप 1 मधुमेह के रोगियों के बीच स्तन कैंसर के जोखिम का कोई संकेत नहीं मिला है।
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18-09-2012, 03:04 AM | #987 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
कातिल अदाओं से ‘कहर’ बरपाती हैं इसराइली जासूस हसीनाएं
लंदन। अगर आप सोचते हैं कि खुफिया एजेंसियों के अंतर्राष्ट्रीय जासूस जेम्स बांड की तरह बेहद दिलेर और आकर्षक कद-काठी के होते हैं तो भूल जाइए, क्योंकि इसराइल की गुप्तचर सेवा मोसाद ने ऐसी ‘कातिल’ महिला जासूसों की एक ‘फौज’ तैयार की है जो अपनी मादक अदाओं में मर्दों को फंसाकर उनसे राज उगलवा लेती हैं। इससे पहले पूरी दुनिया को मोसाद की महिला जासूसों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ये खूबसूरत हसीनाएं मोसाद को कई शानदार सफलताएं दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं। इन बेहद प्रशिक्षित महिला जासूसों के पांच सदस्यों ने पहली बार अपनी असाधारण जीवनशैली के बारे में बताया। इन जासूसों ने बताया कि उन्हें लगता है कि जैसे वे एक ‘जीवंत फिल्म’ में काम कर रही हैं। महिला जासूस की सबसे महत्वपूर्ण तैनाती वर्ष 1986 में हुई थी जब एक एजेंट ने विश्वासघात करने वाले पूर्व परमाणु वैज्ञानिक को इसराइल वापस लाने के लिए उसे अपने हुस्न के जाल में फंसाया था। खुद को याइल बताने वाली एक वर्तमान एजेंट ने बताया कि महिलाओं को हमेशा मर्दों पर बढ़त मिलती है क्योंकि अंजान लोगों द्वारा उन पर विश्वास करने की संभावना ज्यादा होती है। महिला जासूस ने कहा कि अगर कोई मर्द किसी वर्जित क्षेत्र में घुसना चाहता है तो उसे अनुमति दिए जाने की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन अगर कोई मुस्कुराती हुई महिला जाना चाहती है तो उसको अनुमति मिलने की संभावना ज्यादा होती है। एक अन्य महिला जासूस ने कहा कि हम अपने स्त्री होने का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि कोई भी तरीका वैध होता है, लेकिन महिला एजेंटों का इस्तेमाल यौन उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाता है। हम उनसे प्यार का नाटक करते हैं, लेकिन यौन सम्बंध नहीं बनाते। मोसाद के प्रमुख तामिर पार्डो ने बताया कि उनकी आधी जासूस महिलाएं हैं।
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18-09-2012, 03:23 AM | #988 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
हृदयरोग के बचाव में योग कारगर
माउंट आबू। विदेशी हृदय रोग विशेषज्ञों ने भारत के प्राचीन योग की महत्ता को स्वीकार करते हुए हृदय रोग से बचाव के लिए राजयोग एवं योग पद्धति को मेडिकल शिक्षण प्रणाली में शामिल करने की आवश्यकता व्यक्त की है। हृदयरोग की रोकथाम एवं उपचार विषय पर चल रहे सातवें विश्व महासम्मेलन में दूसरे दिन अमेरिका के विदेशी मेडिकल शिक्षा के आयुक्त स्टीफेन एस. सीलींग ने यह बात कही। सीलींग ने कहा कि भारत का राजयोग एवं योग पद्धति पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो रही हैं जिसे मेडिकल शिक्षण प्रणाली में शामिल कर हृदयरोग से बचाव के लिए लोगों में जागृति लाई जा सकती हैं। वर्ल्ड कांग्रेस क्लीनिकल एवं प्रिवेन्टिव कार्डियोलोजी अध्यक्ष डॉ. एच के चोपड़ा ने कहा कि भारत में हृदयरोग मामलों की स्थिति दिनों दिन गंभीर होती जा रही हैं। जिसका मुख्य कारण भागदौड़ भरी जिन्दगी में बढ़ता मानसिक तनाव हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति की अवहेलना एवं उसके विपरित चलने का सीधा असर व्यक्ति के शरीर पर पड़ता है। साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन एस के पराशर ने कहा कि हृदयरोग को रोकने के मामले में महासम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।
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18-09-2012, 03:24 AM | #989 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
दर्द निवारक दवा से दिल के दौरे का खतरा
नई दिल्ली। दर्द से राहत दिलाने वाली दवाइयां आपके दिल को गहरा दर्द दे सकती हैं। ताजा वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करने वाले लोगों में से 30 प्रतिशत लोगों को पहली बार दिल के दौरे पड़ने के एक साल के भीतर दूसरी बार दिल के दौरे पड़ने अथवा या अन्य दिल की अन्य बीमारियों के कारण मौत होने का खतरा होता है। अक्सर चिकित्सक पहली बार दिल के दौरे से उबर चुके लोगों को दर्द निवारक दवाइयां सेवन करने की सलाह देते हैं लेकिन एक ताजा अध्ययन में पाया गया है कि ऐसी दवाइयों के सेवन से उनमें दिल का दूसरा दौरा पड़ने और जल्दी मृत्यु होने की संभावना बढ़ जाती है। अन्य अध्ययनों से पाया गया है कि आइबूप्रोफेन और एस्पिरिन जैसी दर्द निवारक दवाइयों का अंधाधुंध सेवन अनियमित हृदय गति का कारण बन सकता हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार इन दवाओं के सेवन से दिल की धड़कन के अनियमित होने का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। यही नहीं चिकित्सक की सलाह के बगैर इन दवाइयों के इस्तेमाल से किडनी की समस्याएं, पेट में अल्सर और रक्तस्राव होने जैसे गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ तथा मेडिकल कांउसिल आफ इंडिया (एमसीआई) के संचालन बोर्ड के सदस्य डॉ. पुरुषोत्तम लाल बताते हैं कि कई दर्दनिवारक दवाइयों के लंबे समय तक इस्तेमाल करने से न सिर्फ लीवर और किडनी के खराब होने का खतरा रहता है बल्कि इनसे दिल के दौरे पड़ने तथा हृदय सम्बंधित समस्याएं होने का खतरा भी हो सकता हैं। किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र कुमार कहते हैं कि दर्दनिवारक दवाइयां हल्के दर्द में तो राहत दे सकती है, लेकिन इनका लगातार सेवन बड़ी मुशिकलें पैदा कर सकता है। हमारे पास कई ऐसे मरीज भी आते हैं, जिनकी किडनी ठीक तरह से काम नहीं कर रही होती है। कुछ में अल्सर की समस्या होती है और किसी के पेट में ब्लीडिंग की समस्या भी रहती है। लेकिन विस्तृत जानकारी लेने पर पता चलता है कि मरीज दर्द निवारक दवाइयों के आदी है। ऐसे मरीज खासतौर पर एनएसएआईडी नॉन स्टीरयड एंटी एंलेमेटरी ड्रग ग्रुप की दवाइयां लंबे समय से ले रहे होते हैं। अगर इनमें से कोई भी समस्या हो तो दर्द निवारक लेना तत्काल बंद कर देना चाहिए। डॉ. कुमार के अनुसार हालांकि पैरासिटामोल जैसी सुरक्षित दवाइयां बहुत जरूरी होने पर बहुत सीमित समय के लिए ली जा सकती हैं, लेकिन चिकित्सक की सलाह के बगैर इनका अधिक समय के लिए इस्तेमाल करना खतरनाक साबित हो सकता है। अक्सर कई महिलाएं मासिक स्राव के दिनों में दर्द से बचने के लिए पेन किलर ले लेती हैं। हालांकि उन्हें इसके सेवन से दर्द से राहत महसूस होती है, पर इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से एसिडिटी, गैसट्राइटिस, पेट में अल्सर आदि की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए दर्द कम करने के लिए अगर पेन किलर ले रहे हों तो यह भी याद रखें कि इससे दर्द बढ़ भी सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नैर्पोंक्सेन के सेवन से अन्य एनएसएआईडी की तुलना में दिल के दौरे या स्ट्रोक का खतरा कम होता है लेकिन ऐसे कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं कि कुछ एनएसएआईडी दिल के लिए सुरक्षित हैं। बल्कि कुछ अध्ययनों में तो पाया गया है कि ये एस्पिरिन के हृदय को सुरक्षा प्रदान करने वाले प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसलिए अगर आप दिल के दौरे या स्ट्रोक की रोकथाम के लिए एस्पिरिन का सेवन करते हैं तो इसके साथ अन्य दवाइयों का सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करें। साठ साल से अधिक उम्र के लोगों मे दिल के दौरे की रोकथाम के लिए रोजाना एस्पिरीन का सेवन करने वाले लोगों में पेट से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है खासकर जिनके परिवार में अल्सर या पेट से रक्तस्राव का इतिहास रहा हो उनमें यह खतरा और भी बढ़ जाता है।
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18-09-2012, 03:24 AM | #990 |
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Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
‘प्रतिबद्ध पुरुषों’ के चलते तलाक की दर हो रही है कम
लंदन। आधुनिक पुरुष अपनी पत्नियों के प्रति ‘प्रतिबद्धता’ के महत्व को समझ रहे हैं और इसी के चलते तलाक की दर में एक तिहाई की कमी आई है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि ब्रिटेन में पिछले दस सालों के दौरान तलाक की दर में कमी आई है क्योंकि आधुनिक पुरुष अब अपने वैवाहिक जीवन को बनाए रखने के लिए अधिक प्रतिबद्धता को अपना रहे हैं। शोध के अनुसार, विवाहित पुरुष अब अपनी प्रतिबद्धताओं को लेकर अधिक गंभीर हैं और इधर उधर नैन मटक्का कम कर रहे हैं। शोध में यह भी पाया गया कि जो लोग अपने सम्बंधों के प्रति असुरक्षित और अनिश्चित होते हैं, वे अपने साथियों के प्रति अधिक आकर्षित होते हैं और इससे तलाक की आशंका प्रबल होती है। विवाह तथा परिवारों में विघटन की प्रवृति में आई कमी को समझने के लिए कराए गए अध्ययन में विश्लेषकों ने 1993 से लेकर हालिया रूझानों का अध्ययन किया। आंकड़े बताते हैं कि इंग्लैंड और वेल्स में 1993 में तीन लाख विवाह हुए लेकिन उस वर्ष 165, 000 तलाक हुए जिनकी संख्या इतने ही विवाहों की तुलना में वर्ष 2010 में आकर 120, 000 रह गई। पहले दस सालों में पत्नियों ने जिस दर से तलाक के लिए आवेदन दाखिल किए उनमें 27 फीसदी की कमी देखी गई है जिससे यह पता चलता है कि पुरुष अब अधिक तार्किक तरीके से पेश आ रहे हैं।
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