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Old 08-09-2011, 07:59 AM   #1
bhavna
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Default बचें खांसी की फांसी से

खांसी यूं तो अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, पर यह शरीर के अंदर पनप रही या पनपने की कोशिश कर रही दूसरी बीमारियों का लक्षण जरूर है। वैसे, आम इलाजों से खांसी ठीक भी हो जाती है, पर कई बार यह किसी गंभीर बीमारी की ओर भी इशारा कर सकती है, इसलिए इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है।
पढिये एक्सपर्ट की राय
नोट : किसी भी दवा सेवन डाक्टर की सलाह के बिना न करें ...
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Old 08-09-2011, 07:59 AM   #2
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

क्या होती है खांसी
खांसी फेफड़ों, सांस की नलियों और गले में इन्फेक्शन या किसी कमी की वजह से होती है। नाक या मुंह की बीमारियों से खांसी नहीं होती। खांसी फेफड़ों या श्वसन तंत्र की किसी दूसरी बीमारी का लक्षण है, यानी खांसी इशारा है इस बात का कि शरीर के अंदर कोई बीमारी है। इसे शरीर का एक तरह का सुरक्षा मिकेनिज्म या उपाय भी कह सकते हैं। खांसी करके हमारा सिस्टम शरीर को बीमारियों के जीवाणुओं और कीटाणुओं से मुक्ति दिलाने की कोशिश करता है। इसमें हमें थोड़ी तकलीफ तो जरूर होती है क्योंकि मांसपेशियों व शरीर के बाकी अंगों पर जोर पड़ता है, लेकिन असल में उस समय शरीर अंदर ही अंदर अपनी रक्षा करने की कोशिश कर रहा होता है। हालांकि कई बार खांसी दूसरों तक बीमारी के कीटाणु या जीवाणु फैलाने का कारण भी बन जाती है।


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Old 08-09-2011, 08:00 AM   #3
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

कितनी तरह की होती है
सामान्य खांसी, ठस्के वाली खांसी (जिसका दौरा पड़ता है), कुकुर खांसी, काली खांसी और दमे से होने वाली खांसी। काली खांसी ऐसी खांसी को कहते हैं, जो लगातार आए, जिसमें सांस लेने का भी मौका न मिले और काफी देर बाद सांस आता हो। खांसी का ठस्का-सा लगता है। अमूमन यह बच्चों और किशोरों को होती है।
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Old 08-09-2011, 08:00 AM   #4
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

क्यों होती है खांसी
दमे से, गले में इन्फेक्शन से, टॉन्सिल्स से, फेरॅनजाइटिस से, ब्रोंकाइटिस से, फेफड़ों के इन्फेक्शन या दूसरी बीमारियों से, न्यूमोनिया से, दिल की बीमारियों की वजह से, बच्चों में पेट के कीड़ों के फेफड़ों में पहुंचने पर और एसिडिटी आदि से खांसी होती है।
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Old 08-09-2011, 08:00 AM   #5
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हो सकती है यह दिक्कत
खांसी में बेचैनी, आंखों में खून या लाली आ जाना, सिरदर्द, कभी-कभी फेफड़ों में सूजन होना, मांसपेशियों पर जोर पड़ने से छाती में दर्द आदि हो सकता है।
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Old 08-09-2011, 08:00 AM   #6
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

क्या संकेत करती है
आपके श्वसन तंत्र या गले या फेफड़ों में कोई तकलीफ है, उसे नजरअंदाज न करें।
लगातार तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी रहे तो टीबी का संकेत हो सकती है,
जिसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
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Old 08-09-2011, 08:00 AM   #7
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

ये बातें याद रखें
कई बार एसिडिटी की वजह से भी खांसी होती है क्योंकि पेट में बना एसिड ऊपर चढ़कर सांस की नली में चला जाता है। ऐसे में एसिडिटी का इलाज जरूरी है, न कि खांसी का।
कई बार दिल का बायां हिस्सा बढ़ जाए या फेफड़ों की नसों का प्रेशर ज्यादा हो तो भी खांसी होने लगती है। इसे दिल का अस्थमा भी कहते हैं।
खांसी दमा का लक्षण भी हो सकती है। हालांकि दमा होने पर खांसी के वक्त सीटी बजना जरूरी नहीं है।
सिर्फ खांसी होना स्वाइन फ्लू का लक्षण भी हो सकता है।
तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर टीबी की जांच करवा लेनी चाहिए। ऐसे में बलगम की तीन बार जांच करानी चाहिए।
दूसरों से दूर होकर खांसें। मुंह पर नैपकिन रख लें और खांसने के बाद उसे डस्टबिन में फेंक दें।
खाना खाते वक्त खांसी आए तो ध्यान से धीरे-धीरे खाएं, वरना खाने के टुकड़े सांस की नली में जा सकते हैं।
कुछ खाना फंस जाने से खांसी आने लगे तो पीड़ित की पीठ सहला दें। गुनगुना पानी पिला दें। आराम न मिले तो डॉक्टर को दिखाएं।
लेटते वक्त कोई भी खांसी बढ़ जाती है क्योंकि लेटने पर दिल पर प्रेशर बढ़ जाता है।
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Old 08-09-2011, 08:01 AM   #8
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

क्या ये सेफ हैं
खांसी की गोलियां मसलन विक्स, हॉल्स, स्ट्रेप्सिल्स आदि सेफ हैं। इनका कोई नुकसान नहीं है। इनसे आराम भी महसूस होता है। कफ सिरप भी लिए जा सकते हैं, पर कफ सिरप से शरीर और दिमाग में जरा सुस्ती आ जाती है।
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Old 08-09-2011, 08:01 AM   #9
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

एलोपैथी

एलोपैथी के अनुसार खांसी अलग-अलग तरह की होती है - नाक की खांसी, गले की खांसी, फेफड़े या दिल की खांसी। नाक की खांसी को नैसल एलर्जी या नैसल अस्थमा भी कहते हैं। इसमें खांसी के साथ छींकें व नाक से पानी बहता है।

दवा : सिट्रिजिन-10 एमजी ( Cetrizine ) या एलेग्रा-120 एमजी ( Allegra ) की एक गोली रोज।
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Old 08-09-2011, 08:01 AM   #10
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Default Re: बचें खांसी की फांसी से

गले की खांसी
गले की खांसी सूखी व बलगम वाली, दोनों हो सकती है। एक में गले में सिर्फ खराश होगी और खांसी नहीं आएगी। दूसरे में खराश के साथ खांसी आएगी।

खराश के साथ खांसी आए तो विटामिन-सी की गोली के साथ सिटजिन-10 एमजी या एलेग्रा-120 एमजी या तीन बार विकोरिल (Wikoryl) की गोली दी जा सकती है। अगर सिर्फ खराश हो तो पेंसिलिन ग्रुप की दवाएं दी जा सकती हैं।
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