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Old 05-01-2011, 04:12 PM   #101
arvind
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Default Re: ताज महल या शिव मंदिर (100 से भी अधिक प्रमाण)

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Originally Posted by kalyan View Post
पंकज भाई, अमित जी, निशांत भाई,
कोई मुझे बताने का कस्ट करेंगे,
की ये "ओक जी" हैं कौन ???
पुरुषोत्तम नागेश ओक, (2 मार्च,1917-7 दिसंबर,2007), जिन्हें लघुनाम श्री०पी.एन.ओक ने नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय इतिहास लेखक थे।

श्री ओक का जन्म इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के सम्य उन्होंने इंडियन नेशनल आर्मी में प्रविष्टि ली, जिसके द्वारा इन्होंने जापानियों के संग अंग्रेज़ों से लड़ाई की थी। इन्होंने कला में स्नातकोत्तर (एम.ए.) एवं विधि स्नातक (एल.एल.बी.) की डिग्री मुंबई विश्वविद्यालय से ली थीं। सन 1947 से 1953 तक ये हिंदुस्तान टाइम्स एवं द स्टेट्स्मैन समाचार पत्रों के रिपोर्टर रहे। १९५३-१९५७ तक इन्होंने भारतीय केन्द्रीय रेडियो एवं जन मंत्रालय में कार्य किया। 1959 से 1967 तक इन्होंने भारत में अमरीकी दूतावास में कार्य किया।

जिसे वे "भारतीय इतिहास का हमलावरों एवं उपनिवेशकों द्वारा पक्षपाती एवं तोड़ा मरोड़ा गया वृत्तांत" मानते थे, उसे सही करने में उन्मत्त, ओक ने कई पुस्तकें और भारतीय इतिहास से संबंधित लेख लिखे हैं। इसके साथ ही इन्होंने भारतीय इतिहास पुनरावलोकन संस्थान की 14 जून,1964 को स्थापना की थी। श्री ओक के अनुसार, आधुनिक और मार्क्स्वादी इतिहासविदों ने भारतीय इतिहास के "आदर्शीकृत वृत्तांत" को कल्पित करके उसमें से सारे वैदिक सन्दर्भ और सामग्री हटा दिये हैं। श्री ओक के योगदान, हिन्दू धर्म की अन्य धर्मों पर वर्चस्व एवं अपार श्रेष्ठता सिद्ध करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

जहां ओक के सिद्धांतों का कई हिन्दू वादी गुटों ने भरपूर प्रसार एवं समर्थन किया है, वहीं, किसी भी मुख्यधारा के धार्मिक एवं स्थापत्य इतिहासविदों द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है। एड्विन ब्राइट के अनुसार, अधिकांश पाठक उन्हें केवल एक अफवाह ही मानते हैं।
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Old 05-01-2011, 04:19 PM   #102
arvind
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Default Re: ताज महल या शिव मंदिर (100 से भी अधिक प्रमाण)

उनकी पुस्तक "ताजमहल: सत्य कथा" में, ओक ने यह दावा किया है, कि ताजमहल, मूलतः एक शिव मंदिर था, या एक राजपूताना महल था, जिसे कि शाहजहाँ ने कब्ज़ा करके एक मकबरे में बदल दिया है।

श्री ओक कहते हैं, कि कैसे सभी (अधिकांश) हिन्दू मूल की कश्मीर से कन्याकुमारी पर्यन्त इमारतों को किसी ना किसी मुस्लिम शासक या उसके दरबारियों के साथ, फेर-बदल करके या बिना, जोड़ दिया गया है। उन्होंने हुमायुं का मकबरा, अकबर का मकबरा एवं एतमादुद्दौला के मकबरे, तथा अधिकांश भारतीय हिन्दू ऐतिहासिक इमारतों, यहां तक की काबा, स्टोनहेन्ज व वैटिकन शहर तक में हिन्दू मूल बताये हैं। ओक का भारत में मुस्लिम स्थापत्य को नकारना, मराठी जग-प्रसिद्ध संस्कृति का अत्यंत मुस्लिम विरोधी अंगों में से एक बताया गया है। के.एन.पाणिकर ने ओक के भारतीय राष्ट्रवाद में कार्य को भारतीय इतिहास की साम्प्रदायिक समझ बताया है। तपन रायचौधरी के अनुसार, उन्हें संघ परिवार द्वारा आदरणीय इतिहासविद बताया गया है।

श्री ओक ने दावा किया है, कि ताज से हिन्दू अलंकरण एवं चिह्न हटा दिये गये हैं, और जिन कक्षों में उन वस्तुओं एवं मूल मंदिर के शिव लिंग को छुपाया गया है, उन्हें सील कर दिया गया है। साथ ही यह भी कि मुमताज महल को उसकी कब्र में दफनाया ही नहीं गया है। इन दावों के समर्थन में, श्री ओक ने ताज की यमुना नदी की ओर के दरवाजों की काष्ठ की कार्बन डेटिंग के परिणाम दिये हैं, यूरोपियाई यात्रियों के विवरणों में ताज के हिन्दू स्थापत्य/वास्तु लक्षण भी उद्धृत हैं। उन्होंने यहां तक कहा है, कि ताज के निर्माण के आंखों देखे निर्माण विवरण, वित्तीय आंकड़े, एवं शाहजहां के निर्माण आदेश, आदि सभी केवल एक जाल मात्र हैं, जिनका उद्देश्य इसका हिन्दू उद्गम मिटाना मात्र है।

पी.एस. भट एवं ए.एल.अठाले ने "इतिहास पत्रिका ", एक भारतीय इतिहास पुनरावलोकन संस्थान के प्रकाशन में लिखा है, कि श्री ओक के लेख और सामग्री इस विषय पर, कई संबंधित प्रश्न उठाते हैं।
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Old 05-01-2011, 04:21 PM   #103
arvind
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Default Re: ताज महल या शिव मंदिर (100 से भी अधिक प्रमाण)

श्री ओक ने याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने ताज को एक हिन्दू स्मारक घोषित करने एवं कब्रों तथा सील्ड कक्षों को खोलने, व देखने कि उनमें शिव लिंग, या अन्य मंदिर अवशेष हैं, या नहीं; की अपील की। उनके अनुसार भारतीय सरकार के इस कृत्य की अनुमति ना देने का अर्थ सीधे-सीधे हिन्दू धर्म के विरुद्ध षड्यंत्र है।

सन 2000 में भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने श्री ओक की; ताज को एक हिन्दू राजा ने निर्माण कराया था; को रद्द कर दिया, और साथ ही इन्हें झिड़की भि दी, कि उनके दिमाग में ताज के लिये कोई कीड़ा है।

सन 2005 में ऐसी ही एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा भी रद्द कर दी गयी, जिसमें अमरनाथ मिश्र, एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा यह दावा किया गया था, कि ताज को हिन्दू राजा परमार देव ने 1196 में निर्माण कराया था।
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Old 05-01-2011, 04:23 PM   #104
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उनकी स्वीकृत इतिहास से उलट, श्री ओक ने दावा किया है, कि इस्लाम एवं ईसाई धर्म, दोनों ही वैदिक धर्म के तोड़-मरोड़े गये रूप हैं। इनके समर्थन में उन्होंने एक शब्दावली भी बतायी है (उदा० शब्द इस्लाम का संस्कृत मूल शब्द है ईशालयम=ईश+आलय = भगवान का घर, जो कि इस्लाम में वर्णित अर्थ से भिन्न है) और हिन्दू एवं इस्लाम या ईसाई धर्म में कई समानताएं इस दृष्टिकोण के समर्थन में बतायीं हैं।

उन्होंने दावा किया है, कि मक्का में काबा मूलतः एक शिव मंदिर था। और प्पोप का पद एक वैदिक पद था, जब तक कि, वहां कॉन्स्टैन्टाइन ने उनकी हत्या करके एक महत्वहीन ईसाई पोप को नहीं बैठा दिया।

दक्षिण अफ्रीकन यंग मैन मुस्लिम एसोसिएशन ने मुजलीसुल उलेमा द्वारा लिखित एक लेख प्रकाशित किया, जो ऒक के दावे को खण्डित करता था।
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Old 05-01-2011, 04:41 PM   #105
Kumar Anil
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Default Re: ताज महल या शिव मंदिर (100 से भी अधिक प्रमाण)

अरविन्द भाई बहुत खूब ! ओक के जीवन वृतान्त पर भी रोशनी डालकर बहस के लिए द्वार खोल दिये ।
__________________
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Old 05-01-2011, 06:25 PM   #106
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Default Re: ताज महल या शिव मंदिर (100 से भी अधिक प्रमाण)

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Originally Posted by amit_tiwari View Post
ताजमहल जिस भूमि पर है वह राजपूत राजा की थी(नाम मैं अभी भूल रहा हूँ, शायद जय सिंह था ) और उसे बाकायदा दाम चुका कर खरीदा गया |
भाई जी, नाम मैं बता दूं उनका, वो हैं लालू यादव.
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Old 05-01-2011, 06:35 PM   #107
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एक और बार मैं अपना प्रश्न पूछना चाहता हूँ की क्या वाकई में किसी भी सामने सदस्य को अपने मन की बात कहने का यहाँ कोई हक़ नहीं है या किसी नियामक की मर्जी से उनसे पूछ पूछ कर अपने विचार लिखने होंगे i यदि यही इस साईट का रिवाज है तो धन्य है ये साईट और इसके प्रबंधक, फिर यहाँ कोई क्यों अपना टाइम बर्बाद करने के लिए आएगा i
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Old 05-01-2011, 07:10 PM   #108
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एक और बार मैं अपना प्रश्न पूछना चाहता हूँ की क्या वाकई में किसी भी सामने सदस्य को अपने मन की बात कहने का यहाँ कोई हक़ नहीं है या किसी नियामक की मर्जी से उनसे पूछ पूछ कर अपने विचार लिखने होंगे i यदि यही इस साईट का रिवाज है तो धन्य है ये साईट और इसके प्रबंधक, फिर यहाँ कोई क्यों अपना टाइम बर्बाद करने के लिए आएगा i
छोटू भाई आप अपने विचार , अपना मन्तव्य बेहिचक रखिये । इसके लिए किसी नियामक से पूछने की कोई आवश्यकता नहीँ । आपको कहीँ गलतफहमी हो गयी है उसे दूर कर अपने विचारोँ से हमेँ लाभान्वित कीजिये । यह फोरम हम सभी के लिए , हमारे निर्मित सूत्रोँ पर , हमारे द्वारा विचार व्यक्त करने के लिए ही बना है । फोरम एक परिवार है और परिवार मेँ जैसे बात की जाती है , यहाँ भी की जा सकती है । आप भी उपयुक्त स्थान पर उपयुक्त विचार दीजिये । हम आपके विचारोँ के लिए उत्सुक हैँ ।
__________________
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Old 05-01-2011, 08:06 PM   #109
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आगे से इस तरह की प्रविष्टि कभी भी न करें।
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………
……
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Old 05-01-2011, 09:32 PM   #110
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एक और बार मैं अपना प्रश्न पूछना चाहता हूँ की क्या वाकई में किसी भी सामने सदस्य को अपने मन की बात कहने का यहाँ कोई हक़ नहीं है या किसी नियामक की मर्जी से उनसे पूछ पूछ कर अपने विचार लिखने होंगे i यदि यही इस साईट का रिवाज है तो धन्य है ये साईट और इसके प्रबंधक, फिर यहाँ कोई क्यों अपना टाइम बर्बाद करने के लिए आएगा i

छोटू जी एक बहुत बड़ी पोर्न वेबसाइट के admin है और यहाँ बस द्वेष भावना फ़ैलाने आये थे, इन्हें बैन किया जाता है, इनकी बातो पर ध्यान न दिया जाये. धन्यवाद.
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